20 दिसंबर 2023
LIC एजेंट के ग्राहकों की मास्टर डाटा फाइल
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के लिए कार्य करने वाले अभिकर्ताओं के लिए यहाँ एक महत्वपूर्ण फाइल दी जा रही है। जिसकी मदद से एलआईसी अभिकर्ता अपने ग्राहकों की महत्वपूर्ण जानकारी अपने पास सुरक्षित रख सकते हैं।
तो यदि आप एलआईसी अभिकर्ता हैं और इस फाइल के विषय में विस्तार से जानना चाहते हैं या इस फाइल को डाउनलोड करके उपयोग में लेना चाहते हैं, तो Jeevan Bima Bazaar के इस लेख को ध्यान से पड़े और दिए गए सुझावों का अनुसरण करें।
एलआईसी की मास्टर डाटा फाइल क्या है:
एलआईसी एजेंट की मास्टर डाटा फाइल, एलआईसी एजेंट की जीवन बीमा रिकॉर्ड फाइल का ही वृहद रूप है। कहने का अर्थ यह है की जिस प्रकार "एलआईसी एजेंट की जीवन बीमा रिकॉर्ड फाइल" में ग्राहक का डाटा सुरक्षित रखा जाता है, उसी तरह "एलआईसी की मास्टर डाटा फाइल" में भी ग्राहक का डाटा सुरक्षित रखा जाता है।
अंतर सिर्फ इतना है कि रिकॉर्ड फाइल में सिर्फ ग्राहक और उसके फॅमिली मेंबर के विषय में जानकारी रखी जाती है, जबकि मास्टर डाटा फाइल में ग्राहक और उसके फैमिली की जानकारी के साथ-साथ उसके जरुरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक डिटेल इत्यादि का भी रिकॉर्ड बनाया जाता है।
एलआईसी की मास्टर डाटा फाइल का लाभ:
एलआईसी की मास्टर डाटा फाइल में ग्राहक की जानकारी सुरक्षित रखने से एलआईसी अभिकर्ता को उसके ग्राहक और उसके पूर्व की पॉलिसियों के विषय में पता होता है। जिसके कारण पालिसी सर्विसिंग, नई पॉलिसी बेचने इत्यादि में सुविधा प्राप्त होती है।
एलआईसी की मास्टर डाटा फाइल डाउनलोड करें:
अगर आप एलआईसी के मास्टर डाटा फाइल को डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें। ऐसा करते ही एलआईसी की मास्टर डाटा फाइल की पीडीऍफ़ फाइल आपके डिवाइस में डाउनलोड हो जाएगी। बाद में आप इसे प्रिंटआउट करवा सकते है और इसका उपयोग कर सकते हैं।
मास्टर डाटा फाइल का रिकॉर्ड ऑनलाइन सुरक्षित करें:
अगर आप अपने ग्राहकों की जानकारी फिजकली दस्तावेजों के रूप में सुरक्षित करते हैं तो आप यह पाएंगे कि धीरे-धीरे आपके पास आपके ग्राहकों के मास्टर डाटा की बहुत सारी फाइल इकठ्ठा हो जाएगी। ऐसा होने पर इन सभी फाइलों को मेंटेन करना और जरूरत पड़ने पर किसी फाइल विशेष को खोजना बहुत कठिन कार्य हो जायेगा।
इसलिए हमारी सलाह होगी कि ग्राहक के मास्टर डाटा फाइल को ऑनलाइन सुरक्षित करें और ग्राहक के ऑनलाइन फाइल का लिंक उसके कांटेक्ट नंबर से जोड़ दे। ऐसा करने से आपको जब भी ग्राहक के मास्टर डाटा की जरुरत होगी, आप उसके कांटेक्ट नंबर पर जाकर, ग्राहक का मास्टर डाटा देख सकते हैं।
ग्राहक का मास्टर डाटा आप ऑनलाइन कैसे सेव कर सकते है, इस विषय में हमने अपने पिछले लेख में विस्तार से बताया है। तो यदि पिछला लेख पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए बटन पर क्लिक करें।
एलआईसी मास्टर डाटा के बारे में विस्तार से जाने:
अगर आप एलआईसी अभिकर्ता है तो आपको एलआईसी के मास्टर डाटा फाइल के विषय में अधिक विस्तार से जानना चाहिए। आपकी सुविधा के लिए हम आपको एलआईसी के मास्टर डाटा फाइल के विषय में जानकारी देने वाली वीडियो प्रस्तुत कर रहे है। यूट्यूब पर इस वीडियो को देखें और दी गई जानकारी का लाभ प्राप्त करें।
18 दिसंबर 2023
LIC Form 300 डमी पीडीएफ डाउनलोड करें
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के अभिकर्ताओं को एलआईसी के फॉर्म संख्या 300 को बार-बार भरना पड़ता है। अतः अधिकतम एलआईसी अभिकर्ता यह भली-भांति जानते है कि एलआईसी के फॉर्म संख्या 300 को कैसे भरा जाता है? लेकिन समस्या नए अभिकर्ताओं के लिए होती है, क्योकि वह यह नहीं जानते है कि एलआईसी फॉर्म 300 को भरते समय किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए?
Jeevan Bima Bazaar के इस लेख में एलआईसी के नए अभिकर्ताओं के लिए फॉर्म संख्या 300 का सैंपल फाइल दिया जा रहा है। ताकि अगर एलआईसी फॉर्म नंबर 300 भरते समय कोई कन्फ्यूजन हो तो आप इस सैंपल फाइल को देखकर अपना कन्फ्यूजन दूर कर सकें।
इसके साथ ही, यहाँ पर कुछ ऐसे सवालो के उत्तर भी दिए जा रहे हैं जो अक्सर लोगों के द्वारा पूछे जाते हैं। तो आइये इस लेख के महत्वपूर्ण विषयों को ध्यान से समझते हैं।
एलआईसी फॉर्म 300 सैंपल फाइल:
अगर आप नए एलआईसी एजेंट हैं तो हो सकता है कि आपके मन यह सवाल उठ रहा हो कि एलआईसी के फॉर्म 300 की सैंपल फाइल का क्या मतलब होता है? तो आइये सबसे पहले हम आपको इसका अर्थ बता देते हैं।
एलआईसी फॉर्म 300 की सैंपल फाइल अथवा एलआईसी फॉर्म 300 की डमी फाइल का अर्थ है- एलआईसी का एक ऐसा फॉर्म जो वैकल्पिक व्यक्ति के नाम पर भरा गया हो और जिसकी मदद से एलआईसी के फॉर्म संख्या 300 को आसानी से भरा जा सके।
इस सैंपल फाइल फाइल में सभी जानकारी वास्तविक प्रपोजल फॉर्म की तरह ही भरी हुई होती हैं। लेकिन ऐसी सैंपल फाइल में एजेंट, ब्रांच, प्रस्तावक, बीमित व्यक्ति और उनसे जुडी हुई सभी सूचनाएं काल्पनिक होती है।
एलआईसी फॉर्म 300 सैंपल फाइल का लाभ:
एलआईसी फॉर्म संख्या 300 के सैंपल फाइल का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इसे एक बार देखने से ही यह पता चल जाता है कि एलआईसी के फॉर्म संख्या 300 में पूछे गए सवालो का जवाब किस प्रकार लिखना चाहिए?
एलआईसी एजेंट इस फॉर्म की मदद से, वास्तविक ग्राहक के लिए फॉर्म संख्या 300 को भर सकता है। सैंपल फाइल में, वैकल्पिक प्रस्तावक और बीमित व्यक्ति का विवरण होता है। एजेंट अपने प्रपोजल फॉर्म में, अपने वास्तविक प्रस्तावक और बीमित व्यक्ति का विवरण भर सकता है।
ठीक इसी प्रकार, सैंपल फाइल में वैकल्पिक शाखा कार्य और एजेंट का विवरण रहता है। अतः एलआईसी एजेंट अपने फॉर्म संख्या 300 में, अपनी शाखा कार्यालय और अपनी एजेंसी का विवरण आसानी से भर सकता है। कहने का अर्थ यह है अगर एजेंट के पास एलआईसी के फॉर्म संख्या 300 की सैंपल फाइल है, तो वह आसानी से अपना फॉर्म संख्या 300 भर सकता है।
LIC फॉर्म 300 सैंपल फाइल डाउनलोड करें:
एलआईसी एजेंटों की सुविधा के लिए फॉर्म नंबर 300 का सैंपल पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने का विकल्प यहां दिया जा रहा है। आप नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके एलआईसी फॉर्म 300 की सैंपल फाइल आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
एलआईसी फॉर्म 300 की फीस:
यह सवाल प्रायः ग्राहकों के द्वारा पूछा जाता है कि एलआईसी फॉर्म संख्या 300 की फीस कितनी होती है? तो आपकी जानकारी के लिए हम बताना चाहते हैं कि एलआईसी फॉर्म संख्या 300 बिलकुल मुफ्त होता हैं। लेकिन एलआईसी यह फॉर्म किसी अनधिकृत व्यक्ति को नहीं देती है।
एलआईसी का ऐसा अभिकर्ता, जिसे आईआरडीए द्वारा लाइसेंस प्राप्त होता है। ऐसा एजेंट एवं उसका विकास अधिकारी या सीएलआईए ही इस तरह के फॉर्म को एलआईसी के शाखा कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए उन्हें कोई फीस का भुगतान नहीं करना होता है।
16 दिसंबर 2023
LIC के प्रपोजल फॉर्म
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की किसी पॉलिसी को खरीदने के लिए कई तरह के फॉर्म भरे जाते है। पॉलिसी को खरीदने के लिए सही फॉर्म का चयन करना बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता हैं। क्योकि इस आधार पर एलआईसी नई जीवन बीमा पॉलिसी विक्री करने का निर्णय लेती है।
तो Jeevan Bima Bazaar के इस लेख में बताया जा रहा है कि भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी खरीदने के लिए कब और कौन सा फॉर्म (प्रपोजल फॉर्म) भरा जाता है? यह जानकारी एलआईसी के अभिकर्ताओं के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
लेकिन अगर आप एक ग्राहक हैं और एलआईसी की पॉलिसी खरीदने के लिए विचार कर रहे हैं। तो यह लेख आपके लिए भी लाभप्रद साबित होगा।
एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म के प्रकार
एलआईसी की नई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रपोजल फॉर्म की जरुरत होती है। जिसकी सहायता से ग्राहक खुद के बारे में एलआईसी को जानकारी देता है और एलआईसी ग्राहक से प्राप्त जानकारी के आधार पर जीवन बीमा पॉलिसी की सहायता से जीवन बीमा सुरक्षा का लाभ देती है।
हालाँकि नई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए एलआईसी में कई तरह के मुख्य और सहायक प्रपोजल फॉर्म होते है। प्रस्तावित पालिसी के नियमो के अनुसार ग्राहक प्रपोजल फॉर्म भरता है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में मुख्य रूप से तीन तरह के प्रपोजल फॉर्म होते हैं। जिसे एलआईसी का फॉर्म संख्या 300, एलआईसी का फॉर्म संख्या 340 और एलआईसी का फॉर्म संख्या 360 कहा जाता है। लेकिन इसके अलावा भी कुछ खास पॉलिसियों के लिए खास फॉर्म होते हैं। उदाहरण के लिए, यूनिट लिंक्ड योजनाओं, स्वास्थ्य बीमा योजनाओं और पेंशन योजनाओं के लिए अलग-अलग फॉर्म भरे जाते हैं।
उपरोक्त सभी फॉर्म एलआईसी से नई पॉलिसी खरीदते समय उपयोग किए जाते हैं और नई पॉलिसी खरीदने के लिए एलआईसी के मुख्य फॉर्म माने जाते हैं। लेकिन कोई भी एलआईसी की पॉलिसी सिर्फ इन फॉर्मो के आधार पर जारी नहीं की जाती है। पालिसी और ग्राहक की जरूरतों के अनुसार कुछ आवश्यक सपोर्ट फॉर्म का भी उपयोग किया जाता है।
सपोर्ट फॉर्म के रूप में मुख्य रूप से ACR (अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट) का उपयोग होता है। कुछ पॉलिसियों में विकास अधिकारी का MHR (मोरल हेजार्ड रिपोर्ट) और MR (मेडिकल रिपोर्ट) का भी उपयोग होता है। इसके आलावा ग्राहक की जरुरत के मुताबिक KD-55 (जिसका उपयोग सैलरी सेविंग स्कीम के तहत प्रीमियम जमा करने हेतु) का उपयोग भी होता है।
कहने का अर्थ यह है कि प्रस्तावित पालिसी और ग्राहक की जरूरतों के अनुसार प्रपोजल फॉर्म और सहयोगी फॉर्म भरे जाते हैं।
LIC प्रपोजल फॉर्म 300 का उपयोग कब किया जाता है:
अगर ग्राहक की उम्र 18 वर्ष अथवा उससे अधिक है और वह अपने एलआईसी पॉलिसी की प्रीमियम खुद की कमाई से भरना चाहता है। तो ऐसे व्यक्ति को जीवन बीमा पॉलिसी बेचने के लिए एलआईसी के फॉर्म संख्या 300 का उपयोग किया जाता है।
लेकिन अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि अगर किसी व्यक्ति की उम्र 18 साल से ज्यादा है तो क्या उसके लिए केवल एलआईसी फॉर्म नंबर 300 ही इस्तेमाल किया जाएगा?
तो इसका उत्तर है नहीं। अगर आप एलआईसी अभिकर्ता हैं तो सबसे पहले आपको जाँच करना चाहिए कि ग्राहक एलआईसी की कौन सी पॉलिसी खरीदना चाहता है? फिर उस पॉलिसी के नियम और शर्तो की जाँच करनी चाहिए। अगर पालिसी के नियमो के अनुसार एलआईसी का फॉर्म संख्या 300 एक उपयुक्त प्रपोजल फॉर्म है, तभी एलआईसी की नई पालिसी के लिए फॉर्म संख्या 300 का उपयोग किया जाना चाहिए।
एलआईसी फॉर्म 300 कैसे भरें:
एलआईसी का फॉर्म संख्या 300 (LIC प्रपोजल फॉर्म 300) एक ऐसा प्रस्ताव पत्र है, जिसका उपयोग अधिकांश एलआईसी पॉलिसियों को खरीदने के लिए किया जाता है। अगर आप जानना चाहते है कि एलआईसी के फॉर्म संख्या 300 को कैसे भरा जाता है, तो इसकी विस्तृत जानकारी पाने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें -
LIC प्रपोजल फॉर्म 340 का उपयोग कब किया जाता है:
जब जीवन बीमा की पालिसी किसी ऐसे व्यक्ति को देना होता है, जिसकी उम्र 18 वर्ष अथवा उससे अधिक हो, लेकिन वह व्यक्ति कमाई नहीं करता हो, तब ऐसे व्यक्ति को जीवन बीमा पॉलिसी बेचने के लिए एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म 340 (LIC फॉर्म संख्या 340) का उपयोग किया जाता है।
इस प्रपोजल फॉर्म में दो अहम किरदार होते है। पहला वह होता है जो प्रस्तावित पालिसी की प्रीमियम जमा करने हेतु फॉर्म को भरता है। इस व्यक्ति को एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म 340 में प्रस्तावक के रूप में संदर्भित किया जाता है। दूसरा वह होता है जिसे जीवन बीमा पालिसी का लाभ प्राप्त होता है। इस दूसरे व्यक्ति को एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म 340 में बीमित व्यक्ति के रूप में संदर्भित किया गया है।
फॉर्म संख्या 340 को कौन भरेगा:
उम्मीद करता हूँ कि आप यह समझ गए होंगे कि एलआईसी के फॉर्म संख्या 340 को कौन भर सकता है। लेकिन इसकी अधिक स्पष्टता के लिए कुछ उदाहरण प्रस्तुत किया जा रहा है। अगर आप किसी ऐसे बच्चे को जीवन बीमा पॉलिसी बेचना चाहते है जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है और वह शिक्षा ग्रहण कर रहा है। तो ऐसे किसी बच्चे का बीमा करने हेतु एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म 340 का उपयोग किया जाता है।
ठीक इसी प्रकार अगर आप किसी गृहणी को जीवन बीमा पॉलिसी बेचना चाहते हैं। तो उसके लिए भी आपको एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म 340 का ही उपयोग करना चाहिए।
एलआईसी फॉर्म 340 कैसे भरें:
एलआईसी का फॉर्म संख्या 340 (LIC प्रपोजल फॉर्म 340) एक ऐसा प्रपोजल फॉर्म है, जिसका उपयोग एलआईसी पॉलिसियों को खरीदने के लिए कम किया जाता है। अगर आप जानना चाहते है कि एलआईसी के फॉर्म संख्या 340 को कैसे भरा जाता है, तो इसकी विस्तृत जानकारी पाने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें -
LIC प्रपोजल फॉर्म 360 का उपयोग कब किया जाता है:
जब एलआईसी की पॉलिसी 18 वर्ष की आयु से कम उम्र के जीवन को बेचीं जाती है। तब एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म 360 का उपयोग किया जाता है। एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म 360 (फॉर्म संख्या 360) में भी दो अहम किरदार होते है। जिनमे से एक को प्रस्तावक तो दूसरे को बीमित जीवन कहा जाता है।
एलआईसी फॉर्म 360 कैसे भरें:
एलआईसी का फॉर्म संख्या 360 (LIC प्रपोजल फॉर्म 360) एक ऐसा प्रपोजल फॉर्म है, जिसका उपयोग एलआईसी पॉलिसियों को खरीदने के लिए किया जाता है। अगर आप जानना चाहते है कि एलआईसी के फॉर्म संख्या 360 को कैसे भरा जाता है, तो इसकी विस्तृत जानकारी पाने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें -
एलआईसी प्रपोजल फॉर्म की फीस:
यह सवाल अधिकतम ग्राहकों के द्वारा पूछा जाता है कि एलआईसी प्रपोजल फॉर्म की फीस कितनी होती है? तो आपकी जानकारी के लिए हम बताना चाहते हैं कि एलआईसी का प्रपोजल फॉर्म बिलकुल मुफ्त होता हैं। लेकिन एलआईसी अपना प्रपोजल फॉर्म किसी अनधिकृत व्यक्ति को नहीं देती है।
एलआईसी का ऐसा अभिकर्ता, जिसे आईआरडीए द्वारा लाइसेंस प्राप्त होता है। ऐसा एजेंट एवं उसका विकास अधिकारी या सीएलआईए ही इस तरह के फॉर्म को एलआईसी के शाखा कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए उन्हें कोई फीस का भुगतान नहीं करना होता है।
14 दिसंबर 2023
LIC प्रपोजल फॉर्म भरते समय ध्यान रखने योग्य बातें
Jeevan Bima Bazaar के इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का प्रपोजल फॉर्म भरते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। तो अगर आप एलआईसी पॉलिसी खरीदने की सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
अगर आप एलआईसी के नए अभिकर्ता हैं तो यह लेख आपके लिए भी लाभप्रद सिद्ध होगा। तो आइए जानते हैं कि एलआईसी प्रपोजल फॉर्म भरते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
प्रपोजल फॉर्म भरते समय ध्यान रखने योग्य बातें-
एलआईसी का प्रपोजल फॉर्म बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। क्योकि इसी प्रपोजल फॉर्म में दी हुई जानकारी के आधार पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) यह निर्णय लेती है कि प्रस्तावित व्यक्ति को जीवन बीमा पालिसी बेचनी है या नहीं। एलआईसी इस प्रोपोजल फॉर्म में दी गई जानकारी के आधार पर प्रस्तावित जीवन की प्रीमियम को भी निर्धारित करती है।
अतः एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को बहुत अधिक सावधानी से भरा जाना चाहिए। क्योकि यदि फॉर्म में कोई भी जानकारी गलत, अधूरी या छिपी होती है। तो या तो पालिसी जारी नहीं होती है या मृत्यु दावे के भुगतान प्राप्त करने में समस्या होती है।
तो आइये जानते है कि एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को भरते समय किन बातों का प्रमुख रूप से ध्यान रखना चाहिए-
- सबसे पहले आप जिस जीवन बीमा पॉलिसी को खरीदना चाहते है, उस जीवन बीमा पॉलिसी के नियमो और शर्तो को जांचे और यह पता करें कि आपके लिए सबसे उपयुक्त प्रपोजल फॉर्म कौन सा है?
- प्रपोजल फॉर्म को भरने से पहले अपने सभी दस्तावेज जैसे- आय, निवास, फोटो पहचान पत्र, बैंक पासबुक और जन्म प्रमाण पत्र की जाँच जरूर कर लें। जिसमे खुद के एवं नॉमिनी के नाम, पिता के नाम इत्यादि की जाँच करे। अगर आपके मूल दस्तावेजों में कोई त्रुटि हो तो पहले इसमें सुधार करे फिर एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को भरें।
अगर सभी दस्तावेज सही हैं तो सुनिश्चित करें कि प्रपोजल फॉर्म में पूछे गए सवालों का जवाब लिखते समय आप आपके दस्तावेजों का पालन करेंगे। - अब अपने प्रपोजल फॉर्म को ध्यान से पढ़े और प्रश्नो को ध्यान से समझे। अगर आपको भ्रम हो तो अपने एलआईसी एजेंट का सहयोग प्राप्त करें। प्रश्नो का सही और स्पष्ट उत्तर ही लिखे।
- एलआईसी के सभी प्रपोजल फॉर्म में पुरानी पॉलिसी की जानकारी मांगी जाती है, तो आपके जीवन पर जितनी भी जीवन बीमा पॉलिसी चल रही हो सभी पॉलिसियों की विस्तृत जानकारी प्रपोजल फॉर्म में भरें।
अगर आपने किसी अन्य जीवन बीमा कंपनी से पॉलिसी खरीदी है तो उसकी जानकारी भी प्रपोजल फॉर्म में जरूर शामिल करें। - एलआईसी के सभी प्रपोजल फॉर्म को भरते समय आपके स्वभाव और आदतों के विषय में जानकारी मांगी जाती है। इन प्रश्नो के उत्तर सावधानी से भरें क्योकि इसकी वजह से या तो आपको पालिसी नहीं प्राप्त होगी या मृत्यु दावे में समस्या हो सकती है।
अतः हमारा सुझाव होगा कि किसी प्रोफेशनल एलआईसी एजेंट का सहयोग जरूर प्राप्त करें। - एलआईसी के हर प्रपोजल फॉर्म में ग्राहक का पारिवारिक इतिहास पूछा जाता है। यदि आपने पहले से ही कोई एलआईसी पॉलिसी खरीदी है तो उस पॉलिसी को खरीदते समय फॉर्म में दिए गए पारिवारिक इतिहास के आधार पर नए प्रस्ताव फॉर्म में पारिवारिक इतिहास भरें।
- एलआईसी प्रपोजल फॉर्म में अपनी ऊंचाई और पहचान चिह्न सही से भरें।
- प्रपोजल फॉर्म को भरते समय ओवर-राइटिंग न करें। सभी प्रश्नो के उत्तर लिखते समय स्पष्टता का ध्यान रखे। ताकि आपके उत्तर आसानी से पढ़े और समझे जा सके।
- प्रपोजल फॉर्म में हस्ताक्षर सावधानी से करें। हस्ताक्षर करने से पहले दी गई टिप्पड़ियो को जरूर पढ़ें।
- आवश्यक जगहों पर अपनी हाल की फोटो को ही लगाए।
- फॉर्म को भरते समय प्रोफेशनल एलआईसी एजेंट से सलाह जरूर लें। ऐसा करने से फॉर्म में त्रुटि की सम्भावना नहीं रहेगी।
कैसे खोजें प्रोफेशनल एलआईसी एजेंट:
अगर आप एक ग्राहक हैं और आप एलआईसी की कोई पॉलिसी खरीदना चाहते हैं तो यह आपके लिए बहुत जरुरी है कि आप अपने क्षेत्र के प्रोफेशनल एलआईसी एजेंट से सम्पर्क करें। क्योकि एक प्रोफेशनल एलआईसी एजेंट आपकी जरूरतों के अनुरूप जीवन बीमा पालिसी बताएगा और एलआईसी के प्रोपॉजल फॉर्म को भरने में आपकी मदद कर पायेगा।
अतः आपकी सुविधा के लिए नीचे एक लिंक दिया जा रहा है। इस लिंक पर क्लिक करके अपने क्षेत्र के एलआईसी एजेंट से सम्पर्क कर सकते हैं और पालिसी को समझकर और उसकी जाँच करके, एक नई जीवन बीमा पालिसी खरीद सकते हैं।
12 दिसंबर 2023
LIC के प्रपोजल फॉर्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
Jeevan Bima Bazaar के इस लेख में, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के प्रपोजल फॉर्म के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रहे। यह जानकारी एलआईसी के अभिकर्ताओं और ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण है।
इस लेख में हम जानेंगे कि एलआईसी में प्रपोजल फॉर्म क्या होता है, एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को अन्य किन-किन नामो से जाना जाता है, एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को कैसे भरते है और एलआईसी प्रपोजल फॉर्म में कौन-कौन से दस्तावेज लगाने होते हैं? तो अगर आप इस जानकारी को पाना चाहते है तो इस लेख को ध्यान से पढ़े।
एलआईसी का प्रपोजल फॉर्म किसे कहते है-
एलआईसी के विभिन्न प्रकार के जीवन बीमा उत्पादों को खरीदने के लिए ग्राहक जिस फॉर्म को भरता है, उस फॉर्म को ही प्रपोजल फॉर्म कहा जाता है। एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म में विभिन्न तरह के प्रश्न दिए हुए होते है। जिसका उत्तर देना, ग्राहक के लिए अनिवार्य होता है। क्योकि ग्राहक के द्वारा दिए गए उत्तरो के आधार पर ही निगम यह निर्णय लेती है कि ग्राहक को जीवन बीमा पालिसी विक्रय जाए या नहीं।
एलआईसी प्रपोजल फॉर्म के अन्य नाम-
एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को अन्य कई उपनामो से भी जाना जाता है। जैसे- एलआईसी प्रस्ताव पत्र, एलआईसी पॉलिसी के लिए आवेदन पत्र, एलआईसी पॉलिसी पंजीकरण फॉर्म आदि।
इसी तरह एलआईसी के अलग अलग फॉर्मो को भी अलग अलग नाम से पुकारा जाता है। जैसे एलआईसी में फॉर्म नंबर 300 का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। तो इसे एलआईसी फॉर्म नम्बर 300, एलआईसी प्रपोजल फॉर्म 300, एलआईसी प्रस्ताव पत्र 300, इत्यादि जैसे उपनामो से भी जाना जाता है।
एलआईसी प्रपोजल फॉर्म कैसे भरें-
एलआईसी में कई तरह के प्रपोजल फॉर्म होते हैं, जिन्हे प्रस्तावित पॉलिसी के नियमों और शर्तो के अनुसार चयन किया जाता है। एलआईसी के प्रत्येक प्रपोजल फॉर्म में एक दूसरे से भिन्नता होती है। यही कारण है कि एलआईसी के अलग अलग प्रपोजल फॉर्म को भरने की जानकारी हमने अपने अलग अलग लेखों में शामिल की है।
तो यदि आप जानना चाहते है कि एलआईसी के प्रपोजल फॉर्मो को कैसे भरा जाता है तो नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें फिर जिस फॉर्म को भरने के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, उसके लेख को विस्तार से पढ़ें।
एलआईसी प्रपोजल फॉर्म के लिए जरुरी दस्तावेज:
चुकी एलआईसी के किसी भी प्रपोजल फॉर्म को तब भरना होता है, जब आप एलआईसी से कोई नई जीवन बीमा पालिसी खरीदते हैं। इसलिए, एलआईसी का प्रपोजल फॉर्म, एलआईसी के लिए और ग्राहक के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।
प्रस्तावित पॉलिसी जारी होने से लेकर अंतिम भुगतान तक, एलआईसी कोई भी निर्णय प्रपोजल फॉर्म में दी गई जानकारी के आधार पर ही लेती हैं। इसलिए एलआईसी से कोई भी नई पॉलिसी खरीदते समय ग्राहक को चाहिए कि वह प्रपोजल फॉर्म को सावधानी पूर्वक भरे।
किसी भी प्रपोजल फॉर्म को भरने के बाद, ग्राहक को इसके साथ कुछ जरुरी दस्तावेज संलग्न करने होते हैं। तो ग्राहक को चाहिए कि सबसे पहले वह प्रस्तावित पॉलिसी के नियमो और शर्तो को ध्यान से पढ़े और इसकी जाँच अवश्य करे कि प्रस्तावित पॉलिसी के नियमो और शर्तो के अधीन उसे कौन-कौन से दस्तावेज देने अनिवार्य है?
एलआईसी की पालिसी को खरीदते समय दो प्रमुख किरदार होते है, पहले व्यक्ति को प्रस्तावक और दूसरे व्यक्ति को बीमित व्यक्ति कहा जाता है। अधिकतम एलआईसी की पॉलिसियों के लिए प्रपोजल फॉर्म भरते समय प्रस्तावक और बीमित व्यक्ति को कौन कौन से दस्तावेज देने होते होते है, इसकी जानकारी यहाँ दी जा रही है।
आय प्रमाण पत्र: अगर आप एक बड़ी जीवन बीमा पॉलिसी खरीदना चाहते हैं, तो आपको अपनी आय का सत्यापन करना अनिवार्य होता है। आप प्रमाण पत्र के लिए वेतन पर्ची, बैंक विवरण, आईटीआर की कॉपी दी जा सकती है।
आयु प्रमाण पत्र: जीवन बीमा पॉलिसियों में उम्र का अहम योगदान होता है। क्योकि पॉलिसी की प्रीमियम ग्राहक के उम्र पर ही निर्भर करती है। इसलिए एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म के साथ आयु प्रमाण पत्र के लिए स्कूल सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इत्यादि दिया जा सकता है।
फोटो पहचान पत्र: जीवन बीमा पॉलिसियों में ग्राहक की पहचान के लिए फोटो पहचान पत्र देना अनिवार्य होता है। फोटो पहचान पत्र के लिए ग्राहक पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इत्यादि जमा कर सकता है।
निवास प्रमाण पत्र: एलआईसी की पालिसी खरीदते समय ग्राहक को अपने स्थाई एवं अस्थाई निवास को प्रमाणित करना होता है। हालाँकि यदि ग्राहक के पास उसके स्थाई एवं अस्थाई निवास के दोनों प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, तो किसी भी एक निवास का प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होता है। ग्राहक निवास प्रमाण पत्र के रूप में अपना आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, इत्यादि जमा कर सकता हैं।
09 दिसंबर 2023
विकास अधिकारी, सीएलआईए और अभिकर्ताओं की समस्याएं एवं समाधान
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में जीवन बीमा कारोबार करने वाले एजेंटो, सीएलआईए और विकास अधिकारीयों को उनके कारोबार में कुछ समस्याओ का सामना करना पड़ता है। Jeevan Bima Bazaar के इस लेख में आप सभी की इन समस्याओ के विषय में बताया जा रहा है। साथ ही आप इसका समाधान कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इस विषय में भी जानकारी दी जा रही है।
जीवन बीमा कारोबार का सबसे प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसका न्यू बिज़नेस होता है और न्यू बिज़नेस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों को भरना होता है। LIC में जीवन बीमा कारोबार करने वाले लोगो को क्या समस्या होती है आइये इसे विस्तार से जानते हैं-
एलआईसी प्रस्ताव पत्र में होने वाली समस्या:
चाहे आप एलआईसी में एक लम्बे समय से जीवन बीमा का अभिकरण कारोबार कर रहे हों अथवा एक नए जीवन बीमा अभिकर्ता हों। चाहे आप एलआईसी में विकास अधिकारी हो अथवा सीएलआईए, आप सभी को एलआईसी के नए प्रस्ताव पत्र से सम्बंधित कुछ समस्या होती है। मैं आपका ध्यान उन समस्याओ की ओर ले जाना चाहता हूँ, जिसका समाधान आपको हमारी वेबसाइट Jeevan Bima Bazaar पर आसानी से मिल जायेगा।
नए एलआईसी अभिकर्ताओं की समस्या:
एलआईसी में जीवन बीमा कारोबार शुरू करने वाले अभिकर्ताओं को यह पता नहीं होता है कि एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों कैसे भरा जाता है? जिसके कारण वह इन प्रस्ताव पत्रों में पूछे जाने वाले प्रश्नो का मतलब नहीं समझ पाते हैं और उनसे कई तरह की गलतियां होती रहती है।
ऐसे एलआईसी एजेंटों को तब परेशानी का सामना करना पड़ता है जब उनकी पॉलिसियों में शीघ्र मृत्यु के दावे आते हैं और जांच में उनकी गलतियां उजागर हो जाती हैं। कई बार उनके द्वारा की गई ऐसी गलतियों के कारण बीमाधारक को डेथ क्लेम प्राप्त करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इसलिए नए एजेंटों को सबसे पहले विभिन्न प्रकार के एलआईसी प्रस्ताव फॉर्म में पूछे गए प्रश्नों को समझना चाहिए और फॉर्म को सही तरीके से भरने के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
कई बार, एलआईसी का नया एजेंट विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों को भरने के लिए अपने विकास अधिकारी अथवा सीएलआईए पर निर्भर हो जाता है। चुकी एलआईसी के विकास अधिकारीयों और सीएलआईए के पास उनके दूसरे अभिकर्ता भी होते हैं। जिसके कारण, नए एजेंट को उनका विकास अधिकारी और सीएलआईए तात्कालिक सेवा प्रदान करने में असक्षम होता है।
इसके परिणामस्वरूप कई बार अभिकर्ता की नई प्रस्तावित पॉलिसी के पंजीकरण और पॉलिसी नंबर के आवंटन में देरी होती है, जिसका असर अभिकर्ता के व्यवसाय पर पड़ता है। कुछ सीएलआईए और विकास अधिकारी अपने अभिकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के एलआईसी के प्रस्ताव पत्रों को भरने के विषय में जानकारी भी देते हैं। लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब अभिकर्ता दोबारा ऐसे प्रपोजल फॉर्म भरते समय भ्रमित हो जाता है।
एक एजेंट जिसके विकास अधिकारी या सीएलआईए ने प्रस्ताव प्रपत्र भरने के तरीके के बारे में जानकारी प्रदान की है। यदि वह अपना भ्रम दूर करने के लिए अपने विकास अधिकारी या सीएलआईए को बार-बार फोन करता है या संपर्क करता है, तो यह न तो एजेंट को अच्छा लगता है और न ही विकास अधिकारी या सीएलआईए को।
अतः भारतीय जीवन बीमा निगम के नए अभिकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रपोजल फॉर्म को कैसे भरा जाता है, इसकी विस्तृत जानकारी यहां पर दी जा रही है। ताकि आपको जब भी कभी आवश्यकता हो, आप इसका फायदा ले सके।
अनुभवी एलआईसी अभिकर्ताओं की समस्या:
एलआईसी में अभिकरण व्यवसाय करने करने वाला पुराना और अनुभवी अभिकर्ता यह जानता है कि एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रपोज़ल फॉर्म को कैसे भरा जाता है। लेकिन, अनुभवी अभिकर्ता के पास दूसरे बहुत सारे कार्य भी होते हैं। नए व्यवसाय को बनाए रखने के साथ-साथ पुराने ग्राहकों को संतुष्ट रखने की जिम्मेदारी ऐसे एजेंटों पर होती है।
जिसके कारण बहुत सारे एलआईसी अभिकर्ता स्टाफ नियुक्त करते हैं। एलआईसी के बारे में नए स्टाफ को प्रशिक्षित करना, ताकि वह स्टाफ उस एलआईसी अभिकर्ता के काम में सहायता कर सके, अभिकर्ता के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। अगर यह मान भी लिया जाए कि अभिकर्ता अपने स्टाफ को एलआईसी की कार्यप्रणाली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है, तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह स्टाफ लंबे समय तक अभिकर्ता को सहयोग करता रहेगा।
ऐसे में नए स्टाफ को बार-बार ट्रेनिंग देकर तैयार करना, अभिकर्ता के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं होता हैं। तो अगर आप एक अनुभवी एलआईसी के अभिकर्ता हैं और अपने सहयोग हेतु स्टाफ नियुक्त करते है और उनसे एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रपोजल फॉर्म हेतु सहयोग प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपके लिए भी हमारी वेबसाइट Jeevan Bima Bazaar के यह लेख लाभप्रद साबित होंगे।
क्योकि आप इसकी मदद से अपने नए स्टाफ को एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रपोजल फॉर्म को भरने जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए आप उन्हें एलआईसी की प्रपोजल फॉर्म की जानकारी प्रदान करने वाले लेखो और पोस्टो का लिंक शेयर कर सकते है। ऐसा करने से आपके स्टाफ को एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को भरने की जानकारी भी प्राप्त हो जाएगी और आपका समय भी बचेगा।
LIC के विकास अधिकारी एवं सीएलआईए की समस्या:
एलआईसी के विकास अधिकारी एवं सीएलआईए को अभिकर्ता नियुक्त करने का अधिकार होता है। विकास अधिकारी और सीएलआईए के व्यवसाय की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इनके द्वारा नियुक्त के गए अभिकर्ता अपना नव व्यवसाय किस प्रकार कर रहे हैं?
चुकी प्रत्येक विकास अधिकारीयों और प्रत्येक सीएलआईए के पास कई अभिकर्ता होते है और प्रत्येक अभिकर्ता प्रत्येक महीने में कई जीवन बीमा पॉलिसी बेचते हैं। इसलिए किसी भी एक व्यक्ति के लिए यह संभव ही नहीं है कि वह एक साथ कई अभिकर्ताओ के प्रस्ताव पत्रो को भर सके।
ऐसे में विकास अधिकारीयों और सीएलआई को चाहिए कि वह अपने एजेंटो को यह बतायें कि एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों को कैसे भरा जाता है? लेकिन अगर आप अपने एजेंटो को इसकी जानकारी देते भी हैं, तब भी आपके एजेंटो को भविष्य में एलआईसी के प्रस्ताव पत्र को भरने में समस्या नहीं होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है।
अतः एलआईसी विकास अधिकारी और सीएलआईए को चाहिए कि वह अपने सभी अभिकर्ताओं को प्रस्ताव पत्र को भरने के विषय जानकारी देने के लिए हमारे वेबसाइट के विषय जानकारी जरूर दे। ऐसा करने से आपके एजेंट को एलआईसी का फॉर्म कैसे भरा जाता है इसकी जानकारी भी हो जाएगी और अगर उसे भविष्य में कोई समस्या होती भी है, तो वह खुद ही अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर लेगा।
06 दिसंबर 2023
एलआईसी एजेंट की जीवन बीमा रिकॉर्ड फाइल
जीवन बीमा व्यवसाय में ग्राहकों का रिकॉर्ड रखना और उसे मैनेज करना एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य होता है। एक जीवन बीमा एजेंट अपने बीमा कारोबार को तभी सफल बना सकता है, जब वह अपने ग्राहकों को बेहतर पॉलिसी सेवाएं प्रदान करता है। बेहतर पॉलिसी सेवाएं प्रदान करने के लिए, यह बेहद जरुरी है कि एजेंट अपने ग्राहक का व्यक्तिगत डाटा तैयार करे और उसे प्रोफेशनल तरीके से मैनेज करता रहे।
Jeevan Bima Bazaar के इस लेख में, एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल के विषय में जानकारी दिया जा रहा है। आप यहाँ से इस फॉर्म को डाउनलोड कर सकते हैं और प्रिंटआउट करवाकर इसका उपयोग भी कर सकते हैं।
इस लेख में न केवल एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल के विषय में बताया गया है बल्कि यह भी बताया जा रहा है कि आप ग्राहकों के डाटा को कैसे मैनेज करेंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर आप इसका सही इस्तेमाल कर सकें।
एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल की जरुरत:
एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल की जरुरत हर एक एलआईसी एजेंट को होती है, इसके कई महत्वपूर्ण कारण होते है-
बीमाधारकों की जागरूकता हेतु:
अगर आप एलआईसी ऑफ़ इंडिया में जीवन बीमा एजेंट के रूप में कारोबार करते हैं। तो आपको आपके द्वारा बेचीं गई पॉलिसियों को प्रीमियम ड्यू की सुचना, सहभागिता हितलाभ की सुचना, मैच्योरिटी की सुचना, लैप्स पॉलिसी को रिवाइव करने की सुचना, इत्यादि देना होता हैं।
विचार कीजिये, एक ऐसा एलआईसी एजेंट है जिसके पास उसके ग्राहकों के पॉलिसी के विषय में कोई सुचना मौजूद ही नहीं है, तो क्या वह एजेंट अपने ग्राहकों को उनके पॉलिसी के संदर्भ में कोई सुचना प्रस्तुत कर पायेगा?
बीमा पालिसी के मत्वपूर्ण सर्विसिंग अवसर हेतु:
मान लीजिये, आपका ग्राहक अपनी लैप्स पड़ी जीवन बीमा पॉलिसी को फिर से रिवाइव करवाना चाहता है। एलआईसी पॉलिसी को रिवाइव कराते समय अधिकतम अवसरों पर एलआईसी के फॉर्म संख्या 680 को भरा जाता है। इस फॉर्म में बीमाधारक की उचाई और भार की जानकारी देनी होती है।
अगर बीमाधारक एक महिला है तो पॉलिसी को रिवाइव कराते समय, उसकी लास्ट डिलेवरी डेट देना होता है। अगर एजेंट के पास ग्राहक का डाटा नहीं होता है तो वह एलआईसी के फॉर्म संख्या 680 को सही सही नहीं भर पायेगा। ठीक इसी तरह, पॉलिसी सर्विसिंग के दौरान कई बार ग्राहक के डाटा की आवश्यकता पड़ सकती है।
नई बीमा पॉलिसी बेचते समय:
मान लीजिये कि आपका अपना ग्राहक, खुद के लिए अथवा खुद के परिवार के किसी सदस्य के लिए एक नई एलआईसी पॉलिसी खरीदने का निर्णय ले लेता है। अब अगर एलआईसी एजेंट के रूप में आपके पास अपने उस ग्राहक का डाटा पहले से मौजूद नहीं है तो आप उसके इस नए प्रस्ताव पत्र को कैसे भरेंगे?
मान लीजिये कि आपने 3 साल पहले उस ग्राहक को बीमा पॉलिसी बेचा था, तो क्या आज आपको यह याद होगा कि 3 साल पहले एलआईसी पॉलिसी बेचते समय पॉलिसी फॉर्म की फैमिली हिस्ट्री में क्या-क्या जानकारी दी गई थी? अब अगर आपके पास ग्राहक का डाटा उपलब्ध नहीं है, तो नई बीमा पॉलिसी के फॉर्म में गलती होने की संभावनाएं 99% बनी रहेगी।
नया बीमा खोजते समय:
अगर आपके पास आपके ग्राहकों का डाटा उपलब्ध होता है, तो आपको यह पता होता है कि आपके ग्राहक को उसके पॉलिसी से सहभागिता हितलाभ का भुगतान कब होगा, या ग्राहक को उसके जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी कब मिलेगी?
जीवन बीमा पॉलिसी के ऐसे महत्वपूर्ण अवसरों पर, अगर एलआईसी एजेंट कोशिस करता है तो वह नई जीवन बीमा पॉलिसी विक्रय में सफलता प्राप्त कर सकता है।
नोट: इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि एलआईसी एजेंट अपने ग्राहकों का डाटा सुरक्षित रखे और जरुरत पड़ने पर उसका उपयोग करे। ताकि उसके ग्राहक और उसे लाभ मिलता रहे।
एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल क्या है:
"एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल" एक पीडीऍफ़ फॉर्म है। जिसे आप हमारी इस वेबसाइट Jeevan Bima Bazaar से डाउनलोड कर सकते हैं और इस पीडीऍफ़ फाइल को प्रिंटआउट करवाकर खुद के उपयोग में ले सकते हैं।
इस फॉर्म में ग्राहक की व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसायिक जानकारी, बीमा पॉलिसी की जानकारी, ग्राहक के परिवार का विवरण, नॉमिनी का विवरण, उसके प्रीवियस पॉलिसियों की जानकारी प्राप्त करने का विकल्प मौजूद होता है। अगर ग्राहक एक महिला है तो आप इस फॉर्म में उसके पति का विवरण, उसके बच्चो का विवरण शामिल कर सकते हैं।
यही नहीं, "एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल" में ग्राहक किन्ही दो लोगो के विषय में भी जानकारी देता है। यह दो लोग ऐसे होते हैं, जिनपर ग्राहक भरोषा करता है और ग्राहक चाहता है कि अगर उसकी मृत्यु हो जाती है तो पॉलिसी से सम्बंधित गोपनीय कार्यो में, उसके द्वारा दिए गए इन दो लोगों का सहयोग लिया जाये।
एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल का उपयोग:
एलआईसी एजेंट को चाहिए कि वह जब भी कोई जीवन बीमा पॉलिसी विक्री करने के लिए जाता है तो प्रपोजल फॉर्म भरते समय ही वह "एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल" के फॉर्म को भी ग्राहक से भरवा लें।
एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल का मैनेजमेंट:
सामान्यतः प्रत्येक एलआईसी एजेंट अपने तरीके अपने ग्राहकों का डाटा सुरक्षित रखता है। लेकिन इसके बावजूद जरुरत पड़ने पर वह इनका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। अतः मैं ग्राहक के डाटा को सुरक्षित करने का आसान तरीका बताने जा रहा हूँ।
"एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल" को मैनेज करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फॉलो कीजिये।
- इसके लिए आपको गूगल की गूगल कांटेक्ट सर्विस का सहयोग लेना चाहिए। गूगल कांटेक्ट में ग्राहक की कांटेक्ट डिटेल को सेव करें।
- जब आप किसी ग्राहक के लिए "एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल" का फॉर्म भर लेते हैं तो उसके बाद इस भरे हुए फॉर्म की फोटो खींचकर अपने मोबाइल में सेव कर लें।
- इसके बाद गूगल डॉक्स में ग्राहक की इस फाइल को इन्सर्ट करें और पीडीऍफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड करें।
- इसके बाद इस पीडीऍफ़ फाइल को गूगल ड्राइव में सेव करें और गूगल ड्राइव से इस पीडीऍफ़ फाइल का लिंक कॉपी करें।
- अब गूगल की कांटेक्ट सर्विस को फिर से ओपन करे और ग्राहक के कांटेक्ट डिटेल को एडिट करें। ग्राहक के कांटेक्ट के नोट्स सेक्शन में गूगल ड्राइव से कॉपी किये हुए पीडीऍफ़ फाइल के लिंक को इन्सर्ट करें और ग्राहक के कांटेक्ट को सेव कर दें।
इस प्रकार ग्राहक के कांटेक्ट नम्बर के साथ उसकी सभी जानकारी हमेसा आपके पास मौजूद होगी और आप उसका उपयोग कर पाएंगे। अगर आप इस प्रक्रिया को विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस लेख के आखरी हिस्से को ध्यान से देखे। यहाँ यूट्यूब की एक वीडियो शेयर की गई है। यूट्यूब की इस वीडियो को यूट्यूब पर ध्यान से देखें।
एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल डाउनलोड करें:
"एलआईसी एजेंट की रिकॉर्ड फाइल" की पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड करने के लिए नीचे गई बटन पर क्लिक करें। यह फाइल 7-ज़िप फॉर्मेट में मौजूद है। इस फाइल का उपयोग करने के लिए आपको सबसे पहले इसे अनज़िप करना होगा। इस फाइल को अनज़िप करने के लिए किसी भी कंप्रेस सॉफ्टवेर अथवा एप्लीकेशन का उपयोग कर सकते हैं।
21 अगस्त 2021
LIC Agent Confidential Report in Hindi
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अगर आप भारतीय जीवन बीमा निगम के एजेंट हैं और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपके लिए यह जरुरी है कि आपको निगम के सभी विभागों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हो, चाहे वह नए व्यवसाय का काम हो या पॉलिसी सर्विसिंग का।
किसी भी जीवन बीमा पॉलिसी की बिक्री के लिए या बिक्री के बाद की सेवाओं के लिए, विभिन्न प्रकार के फॉर्म भरने होते हैं। क्या होगा यदि कोई एलआईसी अभिकर्ता यह नहीं जानता है कि प्रत्येक प्रकार के फॉर्म को कैसे भरना है? ऐसे अभिकर्ता को अपने छोटे से काम को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। यह उस एलआईसी एजेंट की सफलता में एक बड़ी बाधा है।
हम नहीं चाहते कि हमारे साथ जुड़ा कोई भी अभिकर्ता किसी भी कारण से एलआईसी के एजेंसी कारोबार में पिछड़ जाए। यही कारण है कि हम "जीवन बीमा बाजार" के विभिन्न लेखों के माध्यम से और अपने यूट्यूब चैनल "रितेश एलआईसी एडवाइजर" के वीडियो के माध्यम से एलआईसी के सभी प्रकार के फॉर्म भरने के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
आज के लेख में, हम सीखेंगे कि अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट कैसे भरा जाता है? इससे पहले की हम इस फॉर्म को भरने जानकारी प्राप्त करें, हम आपको बता दें कि एलआईसी अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट का फॉर्म नंबर 380/3251 है और एलआईसी के इस फॉर्म का इस्तेमाल नए बिजनेस के प्रस्ताव पत्र को भरते समय किया जाता है।
एजेंट गोपनीय रिपोर्ट की जानकारी जरूरी क्यों-
एलआईसी के नए एजेंटों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें यह नहीं पता होता है कि एलआईसी का नया पॉलिसी फॉर्म भरते समय एलआईसी की एजेंट गोपनीय रिपोर्ट कैसे भरा जाता है? इस समस्या के समाधान के लिए उन्हें बार-बार अपने विकास अधिकारी या सीएलआईए के पास जाना पड़ता है। आपके विकास अधिकारी या सीएलआईए की की भी उनकी अपनी समस्या है, क्योकि उनके पास आपके जैसे अन्य एजेंट होते हैं। जिसकी वजह से वह चाहकर भी आपको समय नहीं दे पाता है।
अब अगर आपके विकास अधिकारी या सीएलआईए ने आपको अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट भरने का तरीका समझाया भी दिया। फिर भी आपको भविष्य में फॉर्म भरने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अपने प्रारंभिक एजेंसी करियर में, हो सकता है कि आप अपने विकास अधिकारी या सीएलआईए के पास एक ही काम के लिए बार-बार जाना पसंद न करें।
यही कारण है कि यह जानकारी एलआईसी के नए एजेंटों के लिए बहुत उपयोगी है। यहां दी गई जानकारी हमेशा आपके लिए उपलब्ध रहेगी। ताकि जब भी आपको जरूरत महसूस हो, आप इसका फायदा उठा सकें।
अनुभवी एलआईसी अभिकर्ताओं के लिए उपयोगी-
अगर आप भारतीय जीवन बीमा निगम में लंबे समय से काम कर रहे हैं। तो निश्चित रूप से आपको पता होगा कि भारतीय जीवन बीमा निगम के विभिन्न प्रकार के फॉर्मो को कैसे भरा जाता है।
यदि आप एक बड़े और अनुभवी एजेंट हैं, तो आपके पास हर तरह का काम होता है, आपका काम नए बीमे से भी संबंधित हो सकता है और पुराने बीमे से भी, यानी एक अनुभवी एजेंट के पास हमेसा समय की कमी है। अपना समय बचाने के लिए, कई अनुभवी एलआईसी एजेंट अपने लिए सहयोगियों को नियुक्त करते हैं। ऐसे एजेंटों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होती है कि वे अपने सहयोगियों को फॉर्म भरने की ट्रेनिंग कैसे दें।
यदि आप अपने लिए ऐसे सहयोगी नियुक्त करते हैं या आप एक विकास अधिकारी या सीएलआईए हैं। तो मुझे लगता है कि यह पोस्ट आपके सहकर्मियों या नए एजेंटों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी और आप इस लेख के लिंक को साझा करके अपना बड़ा समय बचा पाएंगे।
अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट कैसे भरें-
बीमा पॉलिसी बेचते समय एलआईसी किसी व्यक्ति को नहीं जानती है। वह फॉर्म जो ग्राहकों द्वारा नया बीमा बेचते समय भरा जाता है। एलआईसी उस पर भरोसा करती है और उसके आधार पर बीमा कवर प्रदान करने का निर्णय लेती है।
एलआईसी किसी भी ग्राहक को अपने एजेंट के जरिए जानती है। इसलिए, जीवन बीमा पॉलिसी की बिक्री में आप अभिकर्ता के रूप में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। एलआईसी अपने अभिकर्ता से उस व्यक्ति के बारे में गोपनीय जानकारी प्राप्त करना चाहती है जिसके जीवन बीमा की पेशकश की गई है ताकि निगम यह तय कर सके कि उस व्यक्ति को पॉलिसी बेचना उचित होगा या नहीं।
इसलिए एजेंट गोपनीय रिपोर्ट भरने से पहले आपके लिए यह समझना जरूरी है कि एलआईसी इस फॉर्म के सवालों के जरिए आपसे क्या जानना चाहती है और क्यों? ताकि आप इस फॉर्म में पूछे गए सवालों के जवाब में ग्राहक के बारे में सटीक जानकारी दे सकें। यदि आपके गलत उत्तर के परिणामस्वरूप झूठा दावा होता है, तो आपकी एजेंसी रद्द की जा सकती है। विशेष परिस्थितियों में निगम आपसे वसूली भी कर सकता है।
इसलिए इस फॉर्म को कैसे भरें इसकी विस्तृत जानकारी हम एक वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं। यह पूरा वीडियो ध्यान से देखने के बाद ही अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट भरें। हम आपको यह भी सलाह देंगे कि फॉर्म भरने के बाद आप अपने विकास अधिकारी या सीएलआईए से फॉर्म की जांच अवश्य करवा लें।
अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट डाउनलोड कीजिए -
हम आपकी जरूरतों को समझते हैं। इसलिए हम आपके लिए पीडीएफ फाइल में एलआईसी के अभिकर्ता गोपनीय रिपोर्ट (फॉर्म नंबर 380/3251) का फॉर्म प्रस्तुत कर रहे हैं। आप इस फॉर्म को डाउनलोड करके अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सुरक्षित रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- एलआईसी ACR ब्लैंक फॉर्म डाउनलोड करने के लिए - यहां क्लिक करें
- डमी डेटा के साथ एलआईसी ACR हिंदी में डाउनलोड करने के लिए - यहां क्लिक करें
- अंग्रेजी में डमी डेटा के साथ एलआईसी ACR डाउनलोड करने के लिए - यहां क्लिक करें
- बच्चो के बीमे के लिए डमी डेटा के साथ एलआईसी ACR हिंदी में डाउनलोड करने के लिए - यहां क्लिक करें
- बच्चो के बीमे के लिए डमी डेटा के साथ एलआईसी ACR अंग्रेजी में डाउनलोड करने के लिए - यहां क्लिक करें
एलआईसी फॉर्म 360 कैसे भरें
यदि आप भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ता या विकास अधिकारी हैं। तो आज की पोस्ट आपके काम आने वाली है। "जीवन बीमा बाजार" की इस पोस्ट में एलआईसी के फॉर्म संख्या 360 के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही एलआईसी के फॉर्म संख्या 360 का प्रिंटेबल फॉर्म भी उपलब्ध कराया जा रहा है। एलआईसी फॉर्म संख्या 360 की प्रिंट करवा लेने के बाद नए बीमा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
आप (यदि आप एक अभिकर्ता हैं) या आपके अभिकर्ता (यदि आप एक विकास अधिकारी हैं) भविष्य में फॉर्म नंबर 360 भरते समय भ्रमित न हों। इसके लिए एलआईसी के फॉर्म नंबर 360 की डमी डाटा पीडीएफ फाइल भी दी जा रही है।
एलआईसी फॉर्म संख्या 360 डाउनलोड करें -
कई बार देखा गया है कि एलआईसी अभिकर्ता को एलआईसी फॉर्म संख्या 360 की तत्काल जरूरत है। अब अगर वह एलआईसी अभिकर्ता अपने शाखा कार्यालय से दूर है और फॉर्म संख्या 360 उसके पास उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बीमा पॉलिसी बेचने में दिक्कत हो सकती है।
तो "जीवन बीमा बाजार" आपको एलआईसी फॉर्म संख्या 360 की पीडीएफ फाइल को डाउनलोड करने का लिंक दे रहा है। आप इस फॉर्म को प्रिंट कर सकते हैं और नई पॉलिसी बेचने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- एलआईसी फॉर्म संख्या 360 डाउनलोड करने के लिए - यहां क्लिक करें
- एलआईसी फॉर्म संख्या 360 अंग्रेजी में डाउनलोड करने के लिए - यहां क्लिक करें
एलआईसी फॉर्म संख्या 360 की आवश्यकता -
जब आप किसी ऐसे जीवन पर बीमा पॉलिसी बेचने जा रहे हैं जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है। तब ऐसे जीवन पर प्रस्ताव करने के लिए एलआईसी का फॉर्म नंबर 360 भरा जाता है।
18 वर्ष से कम आयु के जीवन की अपनी आय नहीं होती है और भारत सरकार के नियमों के अनुसार, ऐसे जीवन को वयस्क नहीं माना जाता है। यानी 18 साल से कम उम्र का व्यक्ति सही फैसला नहीं ले सकता। अतः उसकी बीमा पालिसी का प्रपत्र प्रस्तावक द्वारा भरा जाएगा।
जीवन बीमा की भाषा में प्रस्तावक वह व्यक्ति होता है जो बीमा पालिसी बेचते समय आवश्यक प्रश्नों के उत्तर देने तथा बीमित व्यक्ति के स्वरोजगार के समय तक प्रस्तावित जीवन की बीमा पालिसी के लिए प्रीमियम जमा करने की जिम्मेदारी लेता है।
एलआईसी फॉर्म संख्या 360 कैसे भरें -
एलआईसी फॉर्म नंबर 360 अधिकतम बच्चे के माता-पिता द्वारा भरा जाता है। एलआईसी, बीमा पॉलिसी जारी करने का निर्णय फॉर्म संख्या 360 में दी गई जानकारी के आधार पर ही लेती है। इसलिए, प्रस्तावक के रूप में यह आपकी बड़ी जिम्मेदारी है कि फॉर्म संख्या 360 में पूछे गए सभी प्रश्नों के सही-सही उत्तर दें।
यदि आप जाने-अनजाने इस फॉर्म में गलत जानकारी देते है और भविष्य में पॉलिसी में कोई दावा उत्पन्न होता है। तो गलत जानकारी के कारण आपका दावा निगम द्वारा रद्द किया जा सकता है और आपके द्वारा जमा किया गया प्रीमियम भी विशेष परिस्थितियों में जब्त किया जा सकता है।
इसलिए इस फॉर्म को भरने से पहले आप यह जान लें कि फॉर्म नंबर 360 के सवालों के जरिए निगम आपसे क्या जानना चाहता है और क्यों? जीवन बीमा पॉलिसी के लिए यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके महत्व को समझते हुए फॉर्म संख्या 360 को 4 वीडियो के माध्यम से भरने की जानकारी विस्तार से दी जा रही है।
एलआईसी फॉर्म संख्या 360 के 1 और 2 पृष्ठ को भरें -
नीचे प्रस्तुत की जा रही इस पहली वीडियो में एलआईसी फॉर्म नंबर 360 के पेज नंबर 1 और पेज नंबर 2 की जानकारी दी गई है। इस वीडियो को ध्यान से देखें-
LIC Form No 360 के पृष्ठ 3, 4 और 5 की जानकारी -
एलआईसी फॉर्म नंबर 360 के पेज नंबर 3, 4 और 5 पर दिए गए सवालों का मतलब और बेहतर जवाब क्या हो सकता है? इसकी जानकारी दूसरे वीडियो में दी जा रही है, इसे ध्यान से देखें-
LIC Form No 360 के पृष्ठ 6, 7 और 8 की जानकारी -
एलआईसी फॉर्म नंबर 360 के पेज नंबर 6, 7 और 8 पर दिए गए सवालों का मतलब और बेहतर जवाब क्या हो सकता है? इसकी जानकारी दूसरे वीडियो में दी जा रही है, इसे ध्यान से देखें-
LIC Form No 360 के पृष्ठ 9, 10, 11 और 12 की जानकारी -
एलआईसी फॉर्म नंबर 360 के पेज नंबर 9, 10, 11 और 12 पर दिए गए सवालों का मतलब और बेहतर जवाब क्या हो सकता है? इसकी जानकारी दूसरे वीडियो में दी जा रही है, इसे ध्यान से देखें-
फॉर्म संख्या 360 भरने के लिए संक्षिप्त जानकारी-
उपरोक्त वीडियो में फॉर्म संख्या 360 भरने की विस्तृत जानकारी दी गई है। जिससे प्रत्येक वीडियो में आपका काफी समय लगेगा। अगर आप ग्राहक हैं और अपने बच्चों के लिए एलआईसी पॉलिसी खरीदना चाहते हैं। तो उपरोक्त सभी वीडियो देखने के बाद आपको नए बीमा के लिए फॉर्म भरना चाहिए।
अगर आप एक नए अभिकर्ता हैं तो उपरोक्त सभी वीडियो आपके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। जब आप पहली बार अपने ग्राहक को यह एलआईसी फॉर्म भरने की सलाह देंगे। इससे पहले आप इन सभी वीडियो को पूरा देखें और उसके बाद ही अपने ग्राहकों को फॉर्म भरने के लिए सही सुझाव दें।
हम जानते हैं कि एलआईसी अभिकर्ताओं को अलग-अलग लोगों का बीमा करते समय बार-बार उपरोक्त वीडियो में दी गई जानकारी की आवश्यकता होगी। लेकिन हर बार उन्हें फॉर्म के कुछ हिस्सों या कुछ सवालों को ही समझने की जरूरत होगी।
इसलिए आपकी इसी जरूरत को समझते हुए और आपके समय के महत्व को समझते हुए एलआईसी फॉर्म नंबर 360 की पूरी और संक्षिप्त जानकारी एक अलग वीडियो में पेश कर रहा हूं। ताकि हर बार आपका समय व्यर्थ न जाए। संक्षिप्त वीडियो नीचे दिया गया है-
LIC Form No 360 की डमी फाइल डाउनलोड करें -
एलआईसी अभिकर्ताओं को फील्ड में काम करना होता है। हम एलआईसी अभिकर्ताओं के काम और काम के दौरान आने वाली समस्याओं को अच्छी तरह समझते हैं। हम जानते हैं कि आपको कभी भी और कहीं भी फॉर्म संख्या 360 भरना पड़ सकता है।
यदि आप किसी ऐसी जगह पर हैं, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी नहीं है और आपको एलआईसी फॉर्म नंबर 360 को लेकर कोई भ्रम है। तो आपको वीडियो के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। एलआईसी अभिकर्ताओं की समस्या को हल करने के लिए हमने डमी डेटा के साथ एलआईसी फॉर्म नंबर 360 तैयार किया है। जिसकी पीडीएफ फाइल आपके साथ शेयर की जा रही है।
आप इस पीडीएफ फाइल को अपने डिवाइस में सेव कर लें। ताकि अगर आप ऐसे क्षेत्र में हैं जहां इंटरनेट काम नहीं कर रहा है। उस समय भी आप इस डमी फाइल की मदद से अपना काम कर सकते हैं। एलआईसी फॉर्म नंबर 360 की डमी डेटा फाइल डाउनलोड करने के लिए नीचे क्लिक हियर ऑप्शन पर क्लिक करें-
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