09 December 2023

विकास अधिकारी, सीएलआईए और अभिकर्ताओं की समस्याएं एवं समाधान

विकास अधिकारी, सीएलआईए और अभिकर्ताओं की समस्याएं एवं समाधान

विकास अधिकारी, सीएलआईए और अभिकर्ताओं की समस्याएं एवं समाधान


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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में जीवन बीमा कारोबार करने वाले एजेंटो, सीएलआईए और विकास अधिकारीयों को उनके कारोबार में कुछ समस्याओ का सामना करना पड़ता है। Jeevan Bima Bazaar के इस लेख में आप सभी की इन समस्याओ के विषय में बताया जा रहा है। साथ ही आप इसका समाधान कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इस विषय में भी जानकारी दी जा रही है।


जीवन बीमा कारोबार का सबसे प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसका न्यू बिज़नेस होता है और न्यू बिज़नेस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों को भरना होता है। LIC में जीवन बीमा कारोबार करने वाले लोगो को क्या समस्या होती है आइये इसे विस्तार से जानते हैं-





एलआईसी प्रस्ताव पत्र में होने वाली समस्या:

चाहे आप एलआईसी में एक लम्बे समय से जीवन बीमा का अभिकरण कारोबार कर रहे हों अथवा एक नए जीवन बीमा अभिकर्ता हों। चाहे आप एलआईसी में विकास अधिकारी हो अथवा सीएलआईए, आप सभी को एलआईसी के नए प्रस्ताव पत्र से सम्बंधित कुछ समस्या होती है। मैं आपका ध्यान उन समस्याओ की ओर ले जाना चाहता हूँ, जिसका समाधान आपको हमारी वेबसाइट Jeevan Bima Bazaar पर आसानी से मिल जायेगा।


नए एलआईसी अभिकर्ताओं की समस्या:

एलआईसी में जीवन बीमा कारोबार शुरू करने वाले अभिकर्ताओं को यह पता नहीं होता है कि एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों कैसे भरा जाता है? जिसके कारण वह इन प्रस्ताव पत्रों में पूछे जाने वाले प्रश्नो का मतलब नहीं समझ पाते हैं और उनसे कई तरह की गलतियां होती रहती है।


ऐसे एलआईसी एजेंटों को तब परेशानी का सामना करना पड़ता है जब उनकी पॉलिसियों में शीघ्र मृत्यु के दावे आते हैं और जांच में उनकी गलतियां उजागर हो जाती हैं। कई बार उनके द्वारा की गई ऐसी गलतियों के कारण बीमाधारक को डेथ क्लेम प्राप्त करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


इसलिए नए एजेंटों को सबसे पहले विभिन्न प्रकार के एलआईसी प्रस्ताव फॉर्म में पूछे गए प्रश्नों को समझना चाहिए और फॉर्म को सही तरीके से भरने के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।


कई बार, एलआईसी का नया एजेंट विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों को भरने के लिए अपने विकास अधिकारी अथवा सीएलआईए पर निर्भर हो जाता है। चुकी एलआईसी के विकास अधिकारीयों और सीएलआईए के पास उनके दूसरे अभिकर्ता भी होते हैं। जिसके कारण, नए एजेंट को उनका विकास अधिकारी और सीएलआईए तात्कालिक सेवा प्रदान करने में असक्षम होता है।


इसके परिणामस्वरूप कई बार अभिकर्ता की नई प्रस्तावित पॉलिसी के पंजीकरण और पॉलिसी नंबर के आवंटन में देरी होती है, जिसका असर अभिकर्ता के व्यवसाय पर पड़ता है। कुछ सीएलआईए और विकास अधिकारी अपने अभिकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के एलआईसी के प्रस्ताव पत्रों को भरने के विषय में जानकारी भी देते हैं। लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब अभिकर्ता दोबारा ऐसे प्रपोजल फॉर्म भरते समय भ्रमित हो जाता है।


एक एजेंट जिसके विकास अधिकारी या सीएलआईए ने प्रस्ताव प्रपत्र भरने के तरीके के बारे में जानकारी प्रदान की है। यदि वह अपना भ्रम दूर करने के लिए अपने विकास अधिकारी या सीएलआईए को बार-बार फोन करता है या संपर्क करता है, तो यह न तो एजेंट को अच्छा लगता है और न ही विकास अधिकारी या सीएलआईए को।


अतः भारतीय जीवन बीमा निगम के नए अभिकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रपोजल फॉर्म को कैसे भरा जाता है, इसकी विस्तृत जानकारी यहां पर दी जा रही है। ताकि आपको जब भी कभी आवश्यकता हो, आप इसका फायदा ले सके।





अनुभवी एलआईसी अभिकर्ताओं की समस्या:

एलआईसी में अभिकरण व्यवसाय करने करने वाला पुराना और अनुभवी अभिकर्ता यह जानता है कि एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रपोज़ल फॉर्म को कैसे भरा जाता है। लेकिन, अनुभवी अभिकर्ता के पास दूसरे बहुत सारे कार्य भी होते हैं। नए व्यवसाय को बनाए रखने के साथ-साथ पुराने ग्राहकों को संतुष्ट रखने की जिम्मेदारी ऐसे एजेंटों पर होती है।


जिसके कारण बहुत सारे एलआईसी अभिकर्ता स्टाफ नियुक्त करते हैं। एलआईसी के बारे में नए स्टाफ को प्रशिक्षित करना, ताकि वह स्टाफ उस एलआईसी अभिकर्ता के काम में सहायता कर सके, अभिकर्ता के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। अगर यह मान भी लिया जाए कि अभिकर्ता अपने स्टाफ को एलआईसी की कार्यप्रणाली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है, तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह स्टाफ लंबे समय तक अभिकर्ता को सहयोग करता रहेगा।


ऐसे में नए स्टाफ को बार-बार ट्रेनिंग देकर तैयार करना, अभिकर्ता के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं होता हैं। तो अगर आप एक अनुभवी एलआईसी के अभिकर्ता हैं और अपने सहयोग हेतु स्टाफ नियुक्त करते है और उनसे एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रपोजल फॉर्म हेतु सहयोग प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपके लिए भी हमारी वेबसाइट Jeevan Bima Bazaar के यह लेख लाभप्रद साबित होंगे।


क्योकि आप इसकी मदद से अपने नए स्टाफ को एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रपोजल फॉर्म को भरने जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए आप उन्हें एलआईसी की प्रपोजल फॉर्म की जानकारी प्रदान करने वाले लेखो और पोस्टो का लिंक शेयर कर सकते है। ऐसा करने से आपके स्टाफ को एलआईसी के प्रपोजल फॉर्म को भरने की जानकारी भी प्राप्त हो जाएगी और आपका समय भी बचेगा।


LIC के विकास अधिकारी एवं सीएलआईए की समस्या:

एलआईसी के विकास अधिकारी एवं सीएलआईए को अभिकर्ता नियुक्त करने का अधिकार होता है। विकास अधिकारी और सीएलआईए के व्यवसाय की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इनके द्वारा नियुक्त के गए अभिकर्ता अपना नव व्यवसाय किस प्रकार कर रहे हैं?


चुकी प्रत्येक विकास अधिकारीयों और प्रत्येक सीएलआईए के पास कई अभिकर्ता होते है और प्रत्येक अभिकर्ता प्रत्येक महीने में कई जीवन बीमा पॉलिसी बेचते हैं। इसलिए किसी भी एक व्यक्ति के लिए यह संभव ही नहीं है कि वह एक साथ कई अभिकर्ताओ के प्रस्ताव पत्रो को भर सके।


ऐसे में विकास अधिकारीयों और सीएलआई को चाहिए कि वह अपने एजेंटो को यह बतायें कि एलआईसी के विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पत्रों को कैसे भरा जाता है? लेकिन अगर आप अपने एजेंटो को इसकी जानकारी देते भी हैं, तब भी आपके एजेंटो को भविष्य में एलआईसी के प्रस्ताव पत्र को भरने में समस्या नहीं होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है।


अतः एलआईसी विकास अधिकारी और सीएलआईए को चाहिए कि वह अपने सभी अभिकर्ताओं को प्रस्ताव पत्र को भरने के विषय जानकारी देने के लिए हमारे वेबसाइट के विषय जानकारी जरूर दे। ऐसा करने से आपके एजेंट को एलआईसी का फॉर्म कैसे भरा जाता है इसकी जानकारी भी हो जाएगी और अगर उसे भविष्य में कोई समस्या होती भी है, तो वह खुद ही अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर लेगा।










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