13 January 2022

एलआईसी में डेथ क्लेम कैसे करें | Death Claim LIC

 एलआईसी में डेथ क्लेम कैसे करें

एलआईसी में डेथ क्लेम कैसे करें

आधुनिक भारतीय समाज में भी बहुत सारे ऐसे परिवार हैं। जिसमें कमाने वाला परिवार का कोई एक सदस्य ही होता है। परिवार के उस सदस्य के ऊपर, दूसरे सभी सदस्यों की जिम्मेदारियां होती हैं। ऐसे में यदि कमाई करने वाले उस सदस्य की मृत्यु हो जाती है। तब उस परिवार के सामने बहुत बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है। 

परिवार को इस प्रकार के आर्थिक संकट से बचाने के लिए, कमाने वाला व्यक्ति अपने जीवन पर जीवन बीमा पॉलिसी खरीद लेता है। कमाने वाला व्यक्ति अपने जीवन पर जितनी रकम की जीवन बीमा पॉलिसी खरीदता है। यदि कमाई करने वाले उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तब जीवन बीमा कंपनी उसके परिवार को बीमे की रकम का भुगतान कर देती है। मृत्यु के उपरांत पैदा होने वाले आर्थिक संकट को बचाने के लिए, जीवन बीमा पॉलिसियों के मृत्यु दावे का भुगतान काफी सहायक सिद्ध होता है। 


मृत्यु दावा प्रक्रिया के बारे में परिवार के सदस्यों को शिक्षित करें-

मैं यह जानता हूँ मृत्यु की कल्पना करना भी बहुत ज्यादा कठिन होता है। ऐसे में मृत्यु के संदर्भ में बातें करना एवं उसके परिणामों के प्रति जागरूक करना काफी कठिन और मन को दुखी करने वाला कार्य है। लेकिन फिर भी यदि आप एक पॉलिसी धारक हैं, तब आपको अपने परिवार के सदस्यों को जीवन बीमा पॉलिसी के मृत्यु दावे के संदर्भ में होने वाली प्रक्रिया की जानकारी देना बहुत अधिक आवश्यक है। 

यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मृत्यु के उपरांत, जब मृत्यु दावे की जरूरत होती है। उस समय परिवार का मुखिया अपने परिवार के साथ नहीं होता है और जिस परिवार को मृत्यु दावे की प्रक्रिया का पता नहीं है, अक्सर ऐसी परिवारों को जीवन बीमा कंपनियों से मृत्यु दावा प्राप्त करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

कभी-कभी पॉलिसी के दावेदार के द्वारा कुछ ऐसी छोटी-छोटी गलतियां भी हो जाती हैं। जिसकी वजह से मृत्यु दावे के भुगतान में या तो देरी होती है, कुछ कम परिस्थितियों में मृत्यु दावे का क्लेम रुक भी जाता है। अतः एक बार फिर मैं आपसे कहूंगा कि यदि आप एक पॉलिसी धारक हैं। तब मृत्यु दावे के संदर्भ में सभी जानकारी अपने परिवार के दूसरे सदस्य को जरूर दें। 

एलआईसी में मृत्यु दावा हेतु सुचना प्रस्तुत करने के लिए एप्लीकेशन डाउनलोड कीजिये -


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ग्राहकों को मृत्यु दावा प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करें-

यदि आप किसी जीवन बीमा कंपनी में बीमा अभिकर्ता है, तब आपको मृत्यु दावे की सटीक और सही जानकारी होनी ही चाहिए। ताकि आप अपने पॉलिसीधारकों को मृत्यु दावे का भुगतान आसानी से दिलवा सके। 

एक जिम्मेदार जीवन बीमा अभिकर्ता होने के नाते, आपके ऊपर यह भी दायित्व है कि आप अपने ग्राहकों को मृत्यु दावे के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। ताकि भविष्य में उन्हें मृत्यु दावा प्राप्त करने में किसी तरह की कोई समस्या ना हो। क्योकि जब आप के ग्राहकों को यह पता होता है कि किन परिस्थितियों में मृत्यु दावे में विलंब हो सकता है। तब आपका ग्राहक अपने जीवन काल में ही बहुत सारे ऐसे सुधार कर सकता है। जिससे मृत्यु दावे के समय उसके परिवार को परेशान न होना पड़े। 

जैसे में कई बार ऐसा पाया गया है कि पॉलिसीधारक के अलग-अलग दस्तावेजों में उनका नाम, नॉमिनी का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि इत्यादि में परिवर्तन होता है। यह एक ऐसा विषय है जिसकी वजह से बीमा कंपनियां, इस प्रकार के दस्तावेजों को स्वीकार्य नहीं करती हैं। ऐसे में दावेदार को क्लेम का भुगतान कराने के लिए, स्वयं के एवं मृतक पॉलिसीधारक के दस्तावेजों में सुधार करने की जरूरत पड़ जाती है। जिस कारण मृत्यु दावे का भुगतान होने में देरी होती है। अतः मैं आपसे एक बार फिर यही कहूंगा कि आपको चाहिए कि आप अपने ग्राहकों को मृत्यु दावे के प्रक्रिया के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी अवश्य प्रदान करें। 


मृत्यु दावे की यह जानकारी आपको होनी चाहिए-

  • एलआईसी की पॉलिसी में मृत्यु दावे का प्रोसेस क्या होता है - क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी की पॉलिसी में डेथ क्लेम के कौन क्लेम कर सकते है - क्लिक कीजिये 
  • बच्चो की पॉलिसी और लोन कराई गई पॉलिसी में मृत्यु दावे में होती है समस्या - क्लिक कीजिये 
  • मृत्यु दावे में कौन कौन से दस्तावेज लगते है और किन कारणों से मृत्यु दावा विलम्ब होता है अथवा रिजेक्ट होता है - क्लिक कीजिये 
  • यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु सोसाइट की वजह से हुई है, यदि नॉमिनी और पॉलिसीधारक दोनों की मृत्यु हो चुकी है अथवा पॉलिसीधारक गुम है तो एलआईसी पॉलिसी में क्लेम करने का क्या नियम होता है- क्लिक कीजिये  
  • जीवन बीमा पॉलिसी के लिए कैसे पहचानेंगे कि डेथ क्लेम एक्सीडेंटल है अथवा नार्मल- क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी में मृत्यु दावा प्रक्रिया शुरू करने से पहले जरूर जान लें यह बाते- क्लिक कीजिये


एलआईसी मृत्यु दावा के फॉर्म को भरने की जानकारी-

  • पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाने पर सबसे पहले एलआईसी को कैसे सूचित करते है- क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी के मृत्यु दावा फॉर्म संख्या 3783 को कैसे भरते है- क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी के मृत्यु दावा फॉर्म संख्या 3785 को कैसे भरते है- क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी के मृत्यु दावा फॉर्म संख्या 3816 को कैसे भरते है- क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी के मृत्यु दावा फॉर्म संख्या 3784 को कैसे भरते है- क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी के मृत्यु दावा फॉर्म संख्या 3788 को कैसे भरते है- क्लिक कीजिये 
  • एलआईसी के मृत्यु दावा फॉर्म संख्या 3801 को कैसे भरते है- क्लिक कीजिये 


जीवन बीमा कंपनी को मृत्यु दावे के लिए सूचित करें -

वर्तमान में भारत में कुल 24 जीवन बीमा कंपनियां कार्य कर रही हैं। इसमें सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है - भारतीय जीवन बीमा निगम। अतः मैं एलआईसी ऑफ इंडिया के पॉलिसी के मृत्यु दावे के संदर्भ में जानकारी प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। 

यहां पर मैं आपसे यह कहना चाहता हूँ कि मृत्यु दावे की प्रक्रिया लगभग सभी जीवन बीमा कंपनियों में एक ही जैसे होती है। अतः मृत्यु दावे के सूचना के संदर्भ में सभी प्रोसेस को आगे दी गई जानकारी के अनुसार ही अनुसरण करें। यदि आप किसी दूसरी जीवन बीमा कंपनी के पॉलिसी धारक हैं। तब आपको चाहिए कि जहां पर भारतीय जीवन बीमा निगम दिया जा रहा है। उस स्थान पर आप अपनी जीवन बीमा कंपनी का नाम दर्ज करें। 

भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी में मृत्यु दावा आने पर निगम को किस प्रकार से सूचित किया जाता है, इसकी संपूर्ण जानकारी देने के लिए वीडियो बनाया गया है। आप इस पूरी वीडियो को ध्यान से देखें और जरूरी बातों का नोट तैयार कर लें। ताकि मृत्यु दावे के प्रोसेस के समय आपको समस्या ना हो। 



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