30 March 2020

एक नन्हीं परी का अपने पिता के नाम पत्र

एक नन्हीं परी का अपने पिता के नाम पत्र

एक नन्हीं परी का अपने पिता के नाम पत्र





मानवीय जीवन में विचारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सकारात्मक विचारों वाला व्यक्ति न केवल अपने जीवन में बल्कि दूसरों के जीवन में भी बेहतर बदलाव लाने की क्षमता रखता है। वहीं दूसरी ओर नकारात्मक विचारों वाला व्यक्ति न केवल अपने जीवन को कठिन बना लेता है बल्कि दूसरों के लिए भी परेशानी का कारण बन जाता है। प्रत्येक विचार एक बीज के समान है, जो मनुष्य के दृष्टिकोण और उसके व्यवहार का निर्माण करता है।


जीवन बीमा बाजार के इस लेख में, मैं अपने विचारों को एक छोटी सी काल्पनिक कहानी के रूप में रखने का प्रयास कर रहा हूँ। मुझे यह पूरा विश्वास है कि यह कहानी न केवल आपको पसंद आएगी। बल्कि आपके दिल को छू भी जाएगी। यह कहानी कुछ बताने की भी कोशिस करेगी। इसका मुझे पूरा भरोसा है।



पापा आप घर कब आओगे -

यह उस समय की बात है जब मोबाइल फोन नहीं होते थे। कुछ घरों में लैंडलाइन फोन लगे होते थे। इसी लैंड लाइन फोन के जरिए पड़ोसी अपनों से बात किया करते थे। उन दिनों एक सुखी परिवार था। इस परिवार में तीन सदस्य थे - पति, पत्नी और उनकी प्यारी बेटी।


अक्सर देखा गया है कि बेटियों का अपने पिता से ज्यादा लगाव होता है। इस परिवार में भी कुछ ऐसा ही था। छोटी बच्ची अपने पिता से बहुत प्यार करती थी और उसके पिता भी उससे बहुत प्यार करते थे। पिता जब भी अपने काम से थक कर घर लौटते थे तो बेटी को गोंद में उठाते ही उनकी सारी थकावट गायब हो जाता था।


पिता का काम ही कुछ ऐसा था कि काम की वजह से उन्हें अपने घर से कई-कई महीनों तक दूर रहना पड़ता था। जब तक पिता घर में मौजूद हुआ करते थे, बेटी की खुशियों का ठिकाना नहीं होता था। लेकिन जब पिता को उनके काम की वजह से जाना होता था, बेटी काफी उदास हो जाती थी। पडोसी के लैंड लाइन फ़ोन पर बातचीत होने पर बेटी खुश हो जाया करती थी।


एक दिन पापा की यह नन्ही परी घर में अकेली बैठी सोच रही थी। बहुत दिन हो गया, इस बार पापा नहीं आये। पापा ने फोन भी नहीं किया। यह छोटी सी परी आज अपने पापा से बहुत नाराज थी और वह अपने पापा से बहुत सारी शिकायत करना चाहती थी। लेकिन अपनी बातों को, अपने पापा तक पहुंचाने का उसे कोई उपाय नहीं सूझ रहा था।


तभी अचानक उसके चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान दिखाई देने लगी। क्योकि, उसे अपनी बात अपने पापा तक पहुंचाने का उपाय मिल गया था। दरअसल उसने कई बार अपनी माँ को पत्र लिखते हुए देखा था। अतः उसने भी निश्चय किया कि वह अपनी सारी बातें पत्र में लिखकर अपने पापा को बताएगी।


ऐसा सोचकर उसने अपने स्कूल बैग से अपनी कॉपी और पेन्सिल निकाल ली और अब अपने पापा को पत्र लिखना शुरू कर देती है। उस नन्ही परी ने अपने कोमल विचारो को पत्र में कैसे लिखा, आइये इसे देखते है-


पापा आप कब आओगे? हम सभी तुम्हारा इंतज़ार कर रहे है। पापा आप जब भी जाते थे। हमारे लिये खिलौने और ढेर सारी मिठाई लाते थे। पापा इसबार जब आप गये हो तो पता नहीं क्यो इतना देर कर रहे हो। इस बार तो आपने कोई फोन भी नहीं किया है।


पापा आप नहीं जानते हो, मैं मम्मी से जब भी पूछतीं हूँ कि आप कब आओगे, वह बार बार कहती है कि "तुम्हारे पापा अपने काम में बीजी है। उनको जैसे ही छुट्टी मिलेगी, वह आ जायेंगे।" मम्मी मुझे खेलने के लिए बोल देती है और बहुत देर तक रोती रहती है।


पापा मैं जानती हूँ कि मम्मी भी तुमको बहुत याद करती है। तुम घर आने में देरी कर रहे हो। मम्मी भी इसीलिए रोती है। पापा पड़ोस के अंकल बहुत गंदे हो गए और अब मैं उनसे कोई बात नहीं करती हूँ। पापा आप नहीं जानते हो, अंकल कह रहे थे कि अब आप कभी भी घर नहीं आओगे। क्योकि आप बहुत दूर चले गए हो।


तो क्या पापा यह सच बात है? अब आप हमसे मिलने नहीं आओगे। पापा आप प्लीज जल्दी चले आओ। मैं आपसे कोई चीज़ नहीं मांगूगी। चॉकलेट भी नहीं मांगूगी और खिलौने भी नहीं माँगूगी। पापा मैं अब कोई बदमाशी भी नहीं करती हूँ और जब आप मेरे पास आओगे तो आपको परेशान भी नहीं करुँगी।


पापा आप नहीं जानते हो, आप जबसे गए हो, तभी से दादी की तबियत भी बहुत ज्यादा ख़राब रहती है। वह भी हमेसा रोती रहती है और तुम्हारी फोटो देखती रहती है। पापा दादी की दवाइयाँ भी ख़त्म हो गई है।


पापा, अब मम्मी भी काम करने के लिए एक ऑफिस में जाती है। मम्मी दिनभर काम करती है और रात मे खाना बनाकर हमे खिलाती है। अब हमारे साथ खेल भी नहीं पाती है।


पापा, स्कूल कि मैडम फिस जमा करने के लिये बोल रही थी। तो मम्मी ने गले का चैन बेचकर फिस जमा कर दी। पापा, एक बहुत गंदे अंकल आये थे और आपकी गाड़ी लेकर चले गये। अंकल कह रहे थे जब तुम लोगो के पास पैसे हो जाये, तो गाड़ी ले जाना। पापा, अब हमको पैदल ही स्कूल जाना पड़ता है।


पापा, आजकल रोज कुछ अंकल आते हैं और बोलते है। घर क़ी किस्त जमा कर दो। नहीं तो घर से निकाल देंगे। पापा ये होम लोन क्या होता है? पापा हम कंहा रहेंगे?


पापा, इस बार मम्मी ने मेरा जन्मदिन भी नहीं मनाया था। केक भी नहीं लाई थी और मेरे दोस्तों को भी नहीं बुलाया था। मैं जन्मदिन पर खूब रो रही थी और मुझे रोता देखकर मम्मी और दादी भी रोने लगी। एक तो केक भी नहीं लाई और रो रही थी।


पापा, ये जीवन बीमा क्या होता है? पड़ोस के अंकल कह रहे थे कि यदि ज्यादा बीमा आपने कराया होता, तो मम्मी को इतनी तकलीफ नहीं होती। पापा आप तो हमारी छोटी सी भी तकलीफ नहीं देख पाते थे। तो आप हमारे इतने दुख कैसे देख रहे हो?


पापा, आपकी बेटी आपको बहुत याद करती है। पापा आप जल्दी आ जाओ, नहीं तो हमें भी अपने साथ ले चलो। हम सभी आपके पास रहना चाहते है।



प्यारे दोस्तो यह पत्र निश्चित रूप से, आपके मन को अंदर तक झकझोर दिया होगा। लेकिन एक प्रश्न का उत्तर आपको अभी ढूढना होगा, कि यदि आपको कुछ हो जाता है तो आपके बच्चो का क्या होगा?


यदि आप अपने परिवार को प्यार करते है, तो अपने लिये अच्छा बीमा जरूर कराये। यदि आपने अपना जीवन बीमा करा लिया है, तो उसकी किस्त समय से जमा कर दिया करे।




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