20 June 2018

पॉलिसीधारक ऐसी गलती बिल्कुल न करें

पॉलिसीधारक ऐसी गलती बिल्कुल न करें

पॉलिसीधारक ऐसी गलती बिल्कुल न करें





पुरे भारत में एलआईसी के ग्राहकों की संख्या बहुत अधिक है। यदि आप एक पॉलिसी धारक हैं या आप भविष्य में जीवन बीमा पॉलिसी लेने के बारे में सोच रहे हैं। तो जीवन बीमा बाजार के लेख में दी गई जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी।


आज जीवन बीमा पॉलिसी के नाम पर कई तरह की ठगी की जा रही है। आईआरडीए और भारतीय जीवन बीमा निगम समय-समय पर पेपर मीडिया, समाचार चैनलों, संदेशों और ईमेल के माध्यम से बीमाधारक को चेतावनी देते रहते हैं ताकि पॉलिसीधारक इस प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकें।


जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते समय अथवा जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद पॉलिसीधारक को निम्नलिखित सावधानियां हमेसा बरतनी चाहिए-



  • अगर आप अपने पॉलिसी का प्रीमियम खुद जमा करने के बजाय किसी और के जरिए जमा कराना चाहते हैं। तब आपको चाहिए कि आप अपने पॉलिसी की प्रीमियम चेक के माध्यम से ही जमा करें। ऐसा चेक जारी करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि वह चेक भारतीय जीवन बीमा निगम के पक्ष में ही होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति या संस्था ऐसा चेक किसी अन्य व्यक्ति अथवा संस्था के पक्ष में जारी करने की सलाह देता है, तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए और ऐसे व्यक्ति या संस्था की शिकायत निगम या प्रशासन से अवश्य करना चाहिए।

  • आपको समय-समय पर अपनी एलआईसी पॉलिसी का स्टेटस चेक करते रहना चाहिए और इसके लिए एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट www.licindia.in आपके बहुत काम आएगी।

  • जीवन बीमा पॉलिसी के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से पहले, आपको सम्पूर्ण दस्तावेज ध्यान से जरूर पढ़ना चाहिए। अगर दस्तावेज में लिखे शब्द आपको समझने में असुविधा हो रही हो, तब आपको किसी शिक्षित व्यक्ति का सहयोग लेना चाहिए। ऐसी सतर्कता आपको कई तरह के फ्रॉड से बचाए रखती है।

  • आज भारतीय जीवन बीमा निगम का ग्राहक अपने पॉलिसी की प्रीमियम ऑनलाइन जमा कर सकता है। यदि ग्राहक को ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने में असमर्थ है। तो ऐसा ग्राहक एलआईसी की NACH और ECS सुविधा का लाभ ले सकता है। इस सुविधा के तहत ग्राहक के पॉलिसी की प्रीमियम निर्धारित तिथि पर उसके बैंक खाते से स्वत: ही जमा हो जाता है। इस लाभ को प्राप्त करने हेतु ग्राहक को चाहिए कि वह अपने एलआईसी अभिकर्ता (एजेंट) से अथवा निगम के शाखा कार्यालय से सम्पर्क करे।

  • पॉलिसीधारक को चाहिए कि वह अपने जीवन बीमा पॉलिसी के ओरिजनल दस्तावेज किसी भी व्यक्ति को न दे। यदि आप ऐसा करते है तो इसके लिए आप स्वम जिम्मेदार होते है। भारतीय जीवन बीमा निगम किसी भी व्यक्ति को आपसे ओरिजनल दस्तावेज प्राप्त करने हेतु अनुमति नहीं देता है। यदि किसी कार्य के लिए पॉलिसीधारक को अपने ओरिजनल दस्तावेज निगम में जमा करना जरुरी हो, तब पॉलिसीधारक को चाहिए कि वह अपना ओरिजनल दस्तावेज निगम के संबंधित विभाग में ही जमा करे और प्रमाण स्वरुप रिसीविंग जरूर प्राप्त कर ले। इस कार्य हेतु निगम के सभी कार्यालय में विभाग बने हुए है जिसे डिस्पैच डिपार्टमेंट अथवा आवक जावक विभाग कहा जाता है।

  • भारतीय जीवन बीमा निगम फोन या ईमेल के जरिए अपने ग्राहकों को पॉलिसी की मैच्योरिटी, पॉलिसी सरेंडर, पॉलिसी लोन आदि की जानकारी नहीं देता है। यदि आपको ऐसा कोई फोन कॉल आता है, तो उस कॉल पर भरोसा न करें और इसकी सत्यता की पुष्टि करने के लिए निगम के निकटतम शाखा कार्यालय से संपर्क करें। इस तरह के फोन कॉल या ईमेल पर भरोसा कर आप ठगी का शिकार हो सकते हैं।

  • निगम के नाम पर ऑफर का प्रलोभन देने वाले फ़ोन कॉल से सावधान रहे। यदि कोई व्यक्ति फ़ोन कॉल पर निगम का अधिकारी बनकर आपको किसी पॉलिसी के संदर्भ में किसी प्रकार का प्रलोभन देता है अथवा आपकी पॉलिसी के प्रति आपको डराता है। तो आपको ऐसे फ़ोन काल पर भरोषा नहीं करना चाहिए। निगम के शाखा कार्यालय में जाकर दी गई जानकारी की पुष्टि कर लेने के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए।

  • यदि कोई व्यक्ति स्वयं को किसी निगम का एजेंट बताता है तो सबसे पहले आप उस व्यक्ति से यह जानकारी अवश्य लें कि वह वास्तव में निगम का एजेंट है या नहीं। इसके लिए आप उस व्यक्ति से उसका लाइसेंस मांग सकते हैं और उसका एजेंसी कोड पूछ सकते हैं। यदि वह व्यक्ति अपना लाइसेंस दिखाता है, तभी आपको उस व्यक्ति पर भरोसा करना चाहिए। लेकिन किसी भी तरह का लेन-देन चेक से ही करना चाहिए। ऐसा चेक केवल भारतीय जीवन बीमा निगम के पक्ष में ही जारी किया जाना चाहिए।

  • भारतीय जीवन बीमा निगम अपनी एंटी फ्रॉड पालिसी के तहत सभी बीमाधारक एवं निगम से जुड़े लोगो से यह अपील करता है कि यदि उन्हें किसी तरह की धोखाधड़ी की जानकारी मिलती है तो वे निगम को इसकी जानकारी जरूर दें।


इसके लिए आप निगम के किसी भी शाखा कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है या फिर co_fraud@licindia.com पर ईमेल देकर भी शिकायत कर सकते है।


इसके आलावा नीचे दिए हुए पते पर आप पत्राचार भी कर सकते है-

Life Insurance Corporation of India
Personal Department, Central Office
5th Floor West Wing, Yogakshema
Mumbai, Pin- 400 021


आपकी थोड़ी सी सावधानी आपको और दुसरो को फ्रॉड से बचा सकती है।




कुछ अन्य उपयोगी लिंक्स -















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