16 February 2023

LIC की SB भुगतान वाली पालिसी होंगी तत्काल रिवाइव

LIC की SB भुगतान वाली पालिसी होंगी तत्काल रिवाइव

LIC की SB भुगतान वाली पालिसी होंगी तत्काल रिवाइव





जीवन बीमा बाजार का यह लेख, उन अभिकर्ताओं के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होगा, जो भारतीय जीवन बीमा निगम के लिए कार्य करते है। एक बीमा अभिकर्ता वास्तव में तभी सफल हो सकता है, जब उसके एजेंसी में नए ग्राहक जुड़ते रहे और पुराने ग्राहक अपने जीवन बीमा पॉलिसी की प्रीमियम समय पर जमा करते रहे।


एक बार सोचकर देखिये, यदि आप हर महीने नई बीमा पॉलिसी बेचते रहे और पुरानी बीमा पॉलिसी लैप्स होती रहे, तो आपकी एजेंसी पर इसका क्या असर होगा? एलआईसी के किसी भी अभिकर्ता के साथ यदि ऐसा होता है, तो वह कभी भी सफल नहीं हो पायेगा।


अगर आप भी लैप्स पॉलिसियों से परेशान है, तो मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूँ कि यदि आप यहाँ पर बताये गए तरीको को अपनाते है, तो आपकी यह परेशानी काफी हद तक दूर हो सकती है।






लैप्स पॉलिसी को रिवाइव कराने के लिए करें प्रयास-

कुछ समय के लिए मान लीजिये कि आप एक पॉलिसीधारक है। आपने पांच साल या छः साल पहले एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी थी। जिसकी एक साल या दो साल की प्रीमियम भी आपने जमा कर दी है। इसके बाद किसी कारण से आपने उस पॉलिसी की प्रीमियम नहीं जमा की है।


मान लीजिये कि यह फरवरी का महीना चल रहा है और आपको यह पता चलता है कि अगर आपकी पॉलिसी चालू अवस्था में होती तो आपको 20,000 रूपये का सहभागिता हितलाभ मिल जाता तो एक पॉलिसीधारक के रूप में आपके मन में क्या विचार पैदा होता?


यकीनन आपका पहला प्रश्न यही होगा कि अगर आप अपने इस जीवन बीमा पॉलिसी की प्रीमियम तत्काल जमा कर दें, तो क्या आपको एलआईसी से 20,000 रूपये प्राप्त हो जायेगे? मुझे यकीन है कि ग्राहक के रूप में आप यह जानने की कोशिस भी करेंगे कि अगर आपको आपकी यह पॉलिसी फिर से चालू करनी हो तो आपको कितना पैसा जमा करना होगा?


क्या जीवन बीमा पॉलिसी रिवाइव होगी-

मान लीजिये कि मैं आपका जीवन बीमा सलाहकार हूँ या आपका जीवन बीमा अभिकर्ता हूँ और मैं आपसे कहता हूँ, "सर, आपने यह जीवन बीमा पॉलिसी पांच साल पहले खरीदी थी और आपने अपने इस पॉलिसी की दो साल की प्रीमियम जमा कर दी है। आपने यह पॉलिसी 20 साल के टर्म के लिए ले रखी है।"


इसके आगे मैं कहता हूँ, "सर, अगर आप अपने इस पॉलिसी में तत्काल 27,755 रूपये जमा कर देते है। तो आपको इसका लाभ यह होगा कि एलआईसी से आपको तत्काल 20,000 रूपये प्राप्त हो जायेंगे और आपकी पॉलिसी अपना पांच साल का टर्म पूर्ण कर लेगी। इसके बाद आपको अपनी इस पॉलिसी में सिर्फ 15 साल ही प्रीमियम जमा करना होगा और आपकी यह पॉलिसी मैच्योर हो जाएगी।"


अपनी बातों को जारी रखते हुए कहता हूँ, "सर, आज आपकी यह पॉलिसी बंद चल रही है। जिसके कारण पॉलिसी रिस्क कवर का लाभ नहीं दे रही है। यदि आप अपने इस पालिसी की प्रीमियम जमा कर देते है, तो आपको आपकी इस पॉलिसी से रिस्क कवर का लाभ मिलने लगेगा। अगर आप अपने पालिसी की प्रीमियम हमेसा के लिए बंद कर देते है तो इसका सबसे बड़ा नुकसान यह हो जायेगा कि आपने अपनी इस पॉलिसी में जितना भी पैसा जमा किया हुआ है, वह सब डूब जायेगा। क्योकि, आपकी पॉलिसी में सिर्फ दो साल की प्रीमियम जमा है।"


अंत में मैं कहता हूँ, "सर, आपने पांच साल पहले जब यह पॉलिसी खरीदी थी। उस समय आपकी उम्र पांच साल कम थी। कम उम्र होने की वजह से आपकी प्रीमियम कम थी। यदि आप आज एक नई पॉलिसी खरीदने का निर्णय लेते है, तब आज आपकी उम्र ज्यादा होने के कारण आपको प्रीमियम ज्यादा जमा करना होगा। यानि आप ज्यादा प्रीमियम जमा करेंगे, लेकिन इसके बावजूद मैच्योरिटी पर कम लाभ प्राप्त होगा।"


इतना सब कुछ जान लेने के बाद, यदि आप एक पॉलिसीधारक होते तो आपका निर्णय क्या होता? मैं शतप्रतिशत गारंटी के साथ यह कह सकता हूँ कि आप अपनी पॉलिसी को फिर से चालू करना चाहेंगे। लेकिन यहाँ पर समस्या तब हो सकती है, जब ग्राहक के पास प्रीमियम जमा करने के लिए पर्याप्त पैसे न हो। अब अपनी बातों को मैं दो संभावित स्थितियों के आधार पर वर्णन करना चाहता हूँ।






पहली संभावित स्थिति-

मान लीजिये, जनवरी माह में पॉलिसी से 20,000 रूपये का भुगतान मिलने वाला था। चुकी पॉलिसी लैप्स थी इसलिए ग्राहक को यह भुगतान नहीं मिल पाया है। अब यह फरवरी का महीना चल रहा है। अगर ग्राहक अपने पास से 27,755 रूपये फरवरी माह में जमा कर देता है। तो उसकी पॉलिसी चालू हो जाएगी और उसे 20,000 रूपये का भुगतान भी प्राप्त हो जायेगा।


लेकिन समस्या यह है कि ग्राहक के पास 27,755 रूपये नहीं है। जिस वजह से वह अपने पॉलिसी की प्रीमियम जमा करने में असमर्थ है। तो आप अपने ग्राहक को उसकी पॉलिसी को चालू करने के लिए जानकारी इस प्रकार से दे सकते है।


अब यहाँ पर होता यह है कि यदि ग्राहक अपने पास से 27,755 रूपये जमा कर देता है, तो प्रीमियम जमा होने के साथ ही निगम को 20,000 रूपये भुगतान देना होगा। इस पॉलिसी को चालू करने के लिए आप यह कर सकते है कि ग्राहक से उसके पॉलिसी में 7,755 रूपये जमा करवा दें और ग्राहक से एक ऐसा एप्लीकेशन जमा कराये, जिसमे वह अपने सहभागिता हितलाभ की राशि को अपने इसी पॉलिसी में जमा करने के लिए सहमत हो।


अब आप अपने ग्राहक के पॉलिसी को रिवाइव करवा सकते है।


दूसरी संभावित स्थिति-

मान लीजिये, जनवरी माह में पॉलिसी से 20,000 रूपये का भुगतान मिलने वाला था। चुकी पॉलिसी लैप्स थी इसलिए ग्राहक को यह भुगतान नहीं मिल पाया है। अब यह फरवरी का महीना चल रहा है। अगर ग्राहक अपने पास से 17,755 रूपये फरवरी माह में जमा कर देता है। तो उसकी पॉलिसी चालू हो जाएगी और उसे 20,000 रूपये का भुगतान भी प्राप्त हो जायेगा।


लेकिन समस्या यह है कि ग्राहक के पास 17,755 रूपये नहीं है। जिस वजह से वह अपने पॉलिसी की प्रीमियम जमा करने में असमर्थ है। तो आप अपने ग्राहक को उसकी पॉलिसी को चालू करने के लिए जानकारी इस प्रकार से दे सकते है।


अब यहाँ पर होता यह है कि यदि ग्राहक अपने पास से 17,755 रूपये जमा कर देता है, तो प्रीमियम जमा होने के साथ ही निगम को 20,000 रूपये भुगतान देना होगा।


इस पॉलिसी को चालू करने के लिए आप पॉलिसीधारक से आवेदन प्राप्त कर सकते हैं। जिसमे वह अपने सहभागिता हितलाभ की राशि से 17,755 रूपये अपने पॉलिसी में जमा करके, पॉलिसी को रिवाइव करने के लिए सहमत हो।


इस एप्लीकेशन के साथ पालिसी के रिवाइवल प्रोसेस को पूर्ण करें। आपकी पालिसी पुनः चालू हो जाएगी। इस तरह से पॉलिसी चालू होने पर, एलआईसी पॉलिसी के सहभागिता हितलाभ की राशि (20,000 रूपये) से 17,755 रूपये काटकर पॉलिसी में जमा कर देगी और शेष 2,245 रूपये का भुगतान ग्राहक के बैंक खाते में कर देगी।


अपने पॉलिसीधारकों को जागरूक करें-

बीमा व्यवसाय में एक सामान्य नियम है, नियम यह है कि जब तक आपके ग्राहक को लाभ मिलता रहेगा, आप भी फायदे में रहेंगे। यदि आपके ग्राहक को नुकसान होगा, तो आप भी नुकसान से नहीं बच पाएंगे।


आपका ग्राहक जब-जब अपने पॉलिसी की प्रीमियम जमा करता है, आपको तब-तब कमीशन प्राप्त होता रहता है। यदि ग्राहक प्रीमियम जमा नहीं करता, तो आपको कमीशन प्राप्त नहीं होता है। यदि ग्राहक की पॉलिसी लैप्स हो जाती है, तो इसका बहुत बुरा असर आपके क्लब मेम्बरशिप पर होता है।


अतः आपको कोशिस करनी चाहिए कि आपकी एक भी पॉलिसी लैप्स न हो। लेकिन यदि आपकी कोई पॉलिसी लैप्स हो भी गई है, तो उसके लिए आपको कुछ इस प्रकार से जरूर प्रयास करना चाहिए, कि जितना जल्द हो सके आप अपने पॉलिसी को रिवाइव करवा लें।


लैप्स पॉलिसी को रिवाइव करने के लिए आपको आपके ग्राहकों को लगातार जागरूक करना होगा। इसके लिए आप अपने ग्राहकों को कॉल कर सकते है, सोशल मीडिया पर प्रेरित करने वाले इमेज शेयर कर सकते है। ईमेल सेंड कर सकते है।


आपके इस कार्य को आसान बनाने के लिए यहाँ नीचे दो लिंक साझा किये जा रहे है। इसको फॉलो करते हुए आप विभिन्न प्रकार के इमेज, ईमेल टेम्पलेट और मैसेज प्राप्त कर सकते है। आप इसको डाउनलोड कर सकते है और इसका उपयोग करके अपनी लैप्स पॉलिसियों को फिर से चालू करें।