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17 अक्टूबर 2025

   

एलआईसी सर्वे फॉर्म की जानकारी: नेफ्ट विवरण

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क्या आप भारतीय जीवन बीमा निगम में एक अभिकर्ता के रूप में बीमा कारोबार कर रहे हैं, यदि ऐसा है तो आप जानते ही होंगे कि आज के इस प्रतिस्पर्धी दौर में सिर्फ पॉलिसी बेचना काफी नहीं है, बल्कि अब समय है नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए बीमा कारोबार को बढ़ाने का। आज के इस दौर में, आप यह कार्य एलआईसी के सर्वे फॉर्म की मदद से बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। आपके लिए यह एक ऐसा टूल हो सकता है जो न केवल आपके मौजूदा ग्राहकों से आपके व्यवसायिक रिश्तों को मज़बूत कर सकता है, बल्कि नए ग्राहकों तक आपकी पहुंच को भी आसान बना सकता है।

एलआईसी एजेंटो के लिए यह फॉर्म एक शानदार मार्केटिंग रणनीति की तरह काम कर रहा है। आप इसकी मदद से ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और फिर उनकी मदद करके, उनके साथ अपने रिश्ते बेहतर कर सकते हैं। जो जीवन बीमा कारोबार के लिए एक अभिकर्ता की सबसे बड़ी ताकत होती है।

जीवन बीमा बाजार के इस लेख में हम एलआईसी सर्वे फॉर्म पांचवें प्रश्न- “क्या आपकी सभी पॉलिसियां NEFT से जुड़ी हैं?” को विस्तार से समझेंगे। संभव है, यह सवाल आपको काफी साधारण प्रतीत हो, लेकिन सही तरीके से पूछे जाने पर यह सवाल आपको आपके बीमा कारोबार को बढ़ाने के नए अवसर खोल सकता है। तो आइये, इस छोटे से प्रश्न के पीछे छिपे हुए बड़े फायदों को गहराई से समझते हैं।

    प्रश्न का उद्देश्य

    इस प्रश्न का मुख्य उदेश्य ग्राहक की भुगतान प्रक्रिया को सुरक्षित, पारदर्शी और आसान बनाना है। NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर) के माध्यम से, एलआईसी अपने ग्राहकों की पॉलिसियों का भुगतान सीधे उनके अपने बैंक खातों में कर देता है।

    लेकिन वास्तविकता यह भी है कि आज भी कई ग्राहकों की पॉलिसियां NEFT से लिंक नहीं हैं। यह स्थिति एलआईसी अभिकर्ताओं के लिए एक अवसर हो सकती है। जब आप अपने क्षेत्र के लोगों से यह प्रश्न पूछ रहे होते हैं, तो आप न केवल उनको इस सुविधा के बारे में बता रहे होते हैं, बल्कि आप यह भी दर्शा रहे होते हैं कि आप उनकी चिंता और परवाह करते हैं।

    यानि एक एलआईसी अभिकर्ता के लिए सर्वे में शामिल होने पर, इस प्रश्न का मुख्य उदेश्य अपने क्षेत्र के लोगों को यह एहसास दिलाना है कि आप उनकी चिंता और परवाह करते हैं।

    सर्वे फॉर्म का पांचवा प्रश्न: ग्राहक संबंधों के लिए महत्वपूर्ण

    अगर आप अपने क्षेत्र के लोगों के मन में यह विश्वास दिलाने में कामयाब हो जाते हैं कि आपका उदेश्य लोगों को अधिक से अधिक बीमा बेचना और पैसे कमाना नहीं है, बल्कि आप वास्तव में उनके लिए एक ऐसे वित्तीय सलाहकार हैं जो उनके हित के बारे में सोचता है तो आप बहुत ही आसानी से सफल हो सकते हैं।

    जब आप सर्वे के दौरान अपने क्षेत्र के लोगों से यह प्रश्न पूछते हैं- "क्या आपकी सभी पॉलिसियाँ NEFT से जुड़ी हैं?”, तब आपके ग्राहक के मन आप यह भाव पैदा करने का प्रयास करते हैं कि

    • आप उनके पैसो की सुरक्षा के बारे में सोच रहे हैं।
    • आप उन्हें एलआईसी की नई तकनीक और प्रक्रियाओं के अपडेट करने का प्रयास कर रहे हैं।
    • आप यह विश्वास दिलाने की कोशिस करते हैं कि जहा दूसरे एलआईसी अभिकर्ता, किसी भी तरह से बीमा पॉलिसी के विक्री का उदेश्य रखते हैं, वहीं पर आप उनके हित और उनके लाभ को सर्वोपरी रखतें हैं।

    इस तरह, यह प्रश्न एक छोटा सा प्रश्न, आपकी छोटी सी बातचीत को प्रभावशाली रिश्ते को विकसित करने का माध्यम बन जाता है और भविष्य में यह रिश्ता आपके लिए क्रॉस-सेलिंग और रेफरल्स-सेलिंग के दरवाजे खोल सकता है।

    एलआईसी सर्वे फॉर्म का पांचवा प्रश्न: ग्राहक को NEFT से लाभ

    मुझे यकीन है कि जब आप सर्वे फॉर्म में इस पांचवें प्रश्न को पढ़ते है, तो पहली नजर में यह आपको बहुत साधारण लग सकता है और आप यह सोच सकते हैं कि इस प्रश्न की वजह से आपको कोई लाभ होने वाला नहीं है। लेकिन जब आप इस पर गहराई से विचार करते हैं तो आपको आपके लिए नई संभावनाए दिखने लगती हैं।

    लेकिन अब आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि सर्वे के दौरान इस प्रश्न के लिए एक प्रभावशाली चर्चा कैसे की जा सकती है? तो जब आप किसी सर्वे में होते हैं तो इस प्रश्न को पूछने के साथ ही, आपको लोगों को यह समझाना होगा कि अगर उनकी एलआईसी पॉलिसी NEFT से लिंक होती है, तो उन्हें क्या लाभ मिल सकता है। आप लोगों से निम्नलिखित बिंदुओं पर बातचीत कर सकते हैं।

    • सीधा भुगतान: एलआईसी की पॉलिसियां जब NEFT से जुडी होती हैं, तो एलआईसी ऐसी पॉलिसियों का भुगतान सीधे बैंक खाते में कर देती है। पॉलिसीधारकों को चेक अथवा ड्राफ्ट का इंतज़ार नहीं करना होता है।
    • तेज एवं सुरक्षित प्रक्रिया: अगर कोई पॉलिसी NEFT से लिंक नहीं होती है, तो एलआईसी ऐसी पॉलिसियों के लिए चेक अथवा बैंक ड्राफ्ट जारी कर सकती है और पोस्ट ऑफिस के जरिये पॉलिसीधारक के पते पर भेजती है। इस प्रक्रिया में देरी और गलत पते पर डिलवरी की संभावना बनी होती है। जबकि अगर पॉलिसी NEFT से लिंक होती है, तो भुगतान निश्चित समय पर पॉलिसीधारक के बैंक खाते में हो जाता है।
    • पारदर्शिता: जब एलआईसी से पॉलिसीधारक को उसका भुगतान सीधे उसके बैंक खाते प्राप्त होता है तो पॉलिसीधारक, इस तरह के सभी लेन-देन का रिकॉर्ड अपने बैंक खाते के स्टेटमेंट में जाँच कर सकता है।
    • सुविधा: ऐसी पॉलिसियां जो NEFT से लिंक नहीं होतीं, भुगतान के समय पॉलिसीधारक अधिक परेशान होता है। वह अपना पैसा पाने के लिए अपने एजेंट से बार-बार रिक्वेस्ट करता है कि वह उसका पैसा दिला दे या बैंको के चक्कर यह पता लगाने के लिए लगाता है कि उसके चेक का पैसा उसके बैंक खाते में जमा हुआ या नहीं।
    • विश्वसनीयता: एलआईसी भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है, जब पॉलिसीधारक अपने पॉलिसी को NEFT से लिंक कर देता है तो उसे यह विश्वास होता है कि समय पर उसका पैसा उसके बैंक खाते में जमा हो जायेगा।

    इस प्रकार, जब आप सर्वे के दौरान अपने क्षेत्र के लोगों से इस प्रश्न को पूछते है और उपरोक्त लाभों को बताते हैं, तब आप अपने क्षेत्र के लोगों के मन में यह संदेश देते हैं कि आप जीवन बीमा विषय के जानकार और लोगों की मदद करने वाले अच्छे अभिकर्ता हैं।

    सर्वे फॉर्म के पांचवें प्रश्न हेतु व्यावहारिक सुझाव

    मैं अपने अनुभवों से यह कह सकता हूँ कि सर्वे के दौरान जब आप अपने क्षेत्र में अलग अलग लोगों से इस प्रश्न को पूछेंगे, तो अलग-अलग लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया मिलेगी। यहाँ पर एक महत्वपूर्ण एवं ध्यान में रखने वाली बात यह है कि इनमे से बहुत सारे ऐसे लोग भी हो सकते हैं, जो NEFT सिस्टम क्या होता है इस बारे में कुछ भी न जानते हों और वह आपको यह जाहिर न होने दें कि इस बारे में उन्हें नहीं पता है।

    एक सफल अभिकर्ता की यही पहचान होती है कि वह ऐसी सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लोगों से बातचीत करे और तय करे कि वह जो कुछ भी समझाना या बताना चाहता है, उसकी बातें लोगों को समझ में आ जाये और लोगों को यह भी एहसास न हो कि आप यह समझ रहे हैं कि उन्हें सम्बंधित विषय के बारे में पता नहीं है। यानि संभावित ग्राहकों को बिना निचा दिखाए अपनी बातों को स्पष्ट तरीके से समझा देना।

    अतः जब सर्वे के दौरान आप ग्राहक से यह प्रश्न पूछे तो आप उन्हें किसी सच्ची अथवा काल्पनिक घटनाओं के जरिये अपनी बातों को समझा सकते हैं। आप उन्हें कह सकते हैं-

    "मेरे एक मित्र सुधीर कुमार ने वर्ष 2019 में एलआईसी की एक पॉलिसी खरीदी थी। यह एक ऐसी पॉलिसी थी जिसमे उन्हें हर पांच साल में एलआईसी से भुगतान मिलने वाला था। लेकिन उन्हें NEFT सिस्टम के बारे में नहीं पता था।

    वर्ष 2024 में, एलआईसी ने उनके नाम से चेक जारी करके डाक के माध्यम से भुगतान कर दिया। जनवरी 2025 में इसी तरह के सर्वे के दौरान जब मैंने उनकी पॉलिसी चेक की, तो मैंने उन्हें बताया कि वर्ष 2024 में एलआईसी ने उन्हें एक लाख बीस हजार रूपये का भुगतान किया है। लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें एलआईसी से कोई पैसा नहीं मिला है। बाद में जाँच करने पर पता चला कि उन्हें चेक मिला ही नहीं था और डाक विभाग ने उस चेक को शाखा कार्यालय में वापस भेज दिया था।

    जनवरी माह के लास्ट में मैंने उनकी पॉलिसी को नेफ्ट से लिंक करवा दिया और उसके दूसरे दिन ही उनका पूरा पैसा एलआईसी ने उनके बैंक खाते में जमा कर दिया। सबसे कमाल की बात यह है कि अब जब उन्हें अगला भुगतान मिलने वाला होगा, तब उनको कुछ भी नहीं करना होगा, एलआईसी स्वतः ही उनका पैसा उनके खाते में जमा कर देगी।"

    तो जब आप उपरोक्त तरह के उदाहरण अथवा घटना के जरिये ग्राहक को समझाते हैं तो ग्राहक यह भी समझ जाता है कि NEFT सिस्टम क्या होता है और यदि वह अपनी पॉलिसी को इस सिस्टम से लिंक करता है, तो उसे क्या लाभ होगा।

    सर्वे फॉर्म का पांचवा प्रश्न: एजेंट के सफलता का दरवाजा

    अब आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि एलआईसी सर्वे फॉर्म का पांचवा प्रश्न आपके लिए जरुरी क्यों है? वास्तव में यह प्रश्न एक एलआईसी अभिकर्ता के रूप में इसलिए बेहद जरुरी हो जाता है, क्योकि आप इस प्रश्न को पूछकर निम्नलिखित चरण को पूरा करते हुए अपने बीमा कारोबार को बेहतर कर पाते हैं-

    • ग्राहक डेटा अपडेट:

      जब आप सर्वे के दौरान लोगों से इस प्रश्न को पूछते हैं, तो उनकी प्रतिक्रियाओं से आपको यह पता चलता है कि उनकी पॉलिसियां NEFT से लिंक हैं या नहीं। कई ऐसे लोग, जो असमंजस की स्थिति में होते हैं वह आपसे जानने का प्रयास करते हैं कि आप यह बता दें कि उनकी पॉलिसी में NEFT लिंक है या नहीं।

      ऐसी स्थिति में, आप ऐसी पॉलिसियों का रिकॉर्ड रख सकते हैं। उन पोलिसीधारको का रिकॉर्ड रख सकते हैं। इस रिकॉर्ड की मदद से आप लोगों की उनके जीवन बीमा पॉलिसी के लिए भविष्य में मदद कर सकते हैं।

    • प्रोएक्टिव सर्विस प्रदान करना:

      जब आपके पास पॉलिसीधारकों का और उनके जीवन बीमा पॉलिसी का डाटा उपलब्ध होता है तो आप उन्हें विभिन्न तरह की सेवाओं में शामिल कर सकते हैं, जैसे- प्रीमियम रिमाइंडर सर्विस, इनकम टैक्स सर्टिफिकेट, विभिन्न तरह के भुगतानों से पूर्व अपडेट करना इत्यादि। ऐसा करने से, आपकी after-sale service को मजबूती मिलती है।

    • कम्युनिकेशन का अवसर:

      एक बार सर्वे समाप्त होने के बाद, आपको अपने क्षेत्र के लोगों से बार-बार मिलने की जरुरत होती है ताकि भविष्य में आप उन्हें, उनके परिवार में अथवा उनसे रेफेरल प्राप्त करके अपनी बीमा बिक्री को मज़बूत कर सकें। आफ्टर सेल सर्विस प्रदान करके आपको आपके क्षेत्र के लोगों से बार-बार कम्युनिकेशन के अवसर मिलते हैं।

    • क्रॉस-सेलिंग के अवसर:

      कम्युनिकेशन के दौरान आपको कई अवसर ऐसे मिलते हैं जब आप अपने क्षेत्र के लोगों को यह भरोषा दिला पाते है कि उनके लिए एलआईसी की पॉलिसी बेहतर है और आप पॉलिसी विक्री में सफल होते हैं।

      कई बार आपको ऐसे अवसर भी मिलते हैं जब ग्राहक को उसके पॉलिसी से कोई भुगतान मिलने वाला होता है। यह वह अवसर होता है जब वास्तव में ग्राहक को बीमा योजनाओं के ताकत का एहसास होता है और वह एलआईसी के प्रति उत्साहित भी होता है। मैं अपने अनुभव से यह कह सकता हूँ कि यदि इस समय आप सही तरीके से प्रयास करते हैं तो आपके लिए बीमा विक्री काफी आसान हो जाती है।

    निष्कर्ष

    अभिकर्ताओं के लिए एलआईसी सर्वे फॉर्म का प्रत्येक प्रश्न लोगों से जुड़ने का नया अवसर प्रदान करता है। इन प्रश्नो का सही तरीके से उपयोग करके आप आपके क्षेत्र के लोगों के मन में अपनी प्रोफेशनल छवि बना सकते हैं और अपने कारोबार के लिए बेहतर अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

    अंत में, मैं आपसे यही कहूंगा कि अगर आप वास्तव में अपने बीमा कारोबार को बेहतर करना चाहते हैं, तो सर्वे फॉर्म के इस पुरे कोर्स को पूर्ण करें और यहाँ पर दी गई जानकारी का उपयोग करके देखें। मैं यह दावे से कह सकता हूँ कि ऐसा करके आप अपने कारोबार में मनचाही सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

    26 अगस्त 2025

       

    एलआईसी सर्वे फॉर्म की जानकारी: पता परिवर्तन प्रश्न

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    यदि आप भारतीय जीवन बीमा निगम में एक एजेंट के रूप में कारोबार कर रहे हैं, तो आपने यह जरूर सुना होगा कि एलआईसी सर्वे फॉर्म आपके बीमा कारोबार को बेहतर बनाने में कितनी बड़ी भूमिका निभा सकता है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसकी सहायता से आप एक ओर नए ग्राहकों से अपने व्यवसायिक रिश्ते बेहतर कर सकते हैं बल्कि खुद की प्रोफेशनल छवि का निर्माण भी कर सकते हैं।

    जीवन बीमा बाजार की इस विशेष श्रृंखला में हम एलआईसी सर्वे फॉर्म के सभी प्रश्नों के बारे में विस्तार से समझ रहे हैं। आज के इस लेख में हम इसके चौथे प्रश्न - "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट करना चाहते हैं?" के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

    एलआईसी एजेंट के रूप में आपको यह प्रश्न सामान्य लग सकता है, लेकिन यदि आप अपने ग्राहकों से इसी प्रश्न को सही तरीके से पूछते हैं, तो यह आपके लिए बीमा कारोबार बढ़ाने हेतु नए अवसर एवं मजबूत ग्राहक सम्बन्ध दोनों पैदा कर सकता है। तो आइये समझते हैं कि इस साधारण से दिखने वाले प्रश्न के पीछे इतनी बड़ी संभावनाएं कैसे छिपी हुई है।

      सर्वे फॉर्म के चौथे प्रश्न का उद्देश्य

      एलआईसी सर्वे फॉर्म का चौथा प्रश्न है, “क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट करना चाहते हैं?” यह प्रश्न देखने में सामान्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन इसका उदेश्य एजेंट और ग्राहक दोनों के लिए बहुत अधिक लाभप्रद होता है।

      वास्तव में, इस सर्वे का मुख्य उदेश्य यह है कि एक एजेंट अपने क्षेत्र के अधिकतम लोगों को उनके एलआईसी पॉलिसी से जुडी महत्वपूर्ण दे सके। जब कोई ग्राहक अपने एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट नहीं कराता है, तो भविष्य में उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे लंबित भुगतान की सूचना का समय पर न मिलना, बोनस एवं क्लेम से जुडी जानकारियों का छूट जाना इत्यादि। ऐसे में अगर कोई एजेंट सर्वे के दौरान अपने क्षेत्र के लोगों को यह प्रश्न पूछकर उनके पॉलिसी में एड्रेस अपडेट के महत्व को समझाता है, तो लोगों में यह भरोसा होगा कि एजेंट वास्तव में उनकी मदद कर रहा है।

      इसके दो प्रमुख लाभ होते हैं-

      • ग्राहक का भरोसा बढ़ता है - जब ग्राहक को जानकारी उपलब्ध कराते हैं, तो आपका ग्राहक यह महसूस करने लगता है कि एलआईसी और उसके एजेंट उसकी पॉलिसी का सही तरीके से ख्याल रख रहे हैं।
      • एजेंट के भविष्य का कारोबार बढ़ता है - ऐसा देखा गया है कि सर्वे के जरिये लोगों की मदद करने वाले एजेंटों का कारोबार तेजी से बढ़ता है। वास्तव में ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि लोग उस एजेंट का अपना हितैषी मानने लगते हैं और यह भी महसूस करते हैं कि वह एक प्रोफेशनल एजेंट है। परिणाम स्वरूप, भविष्य में खुद भी उसी एजेंट से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते है और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।

      इस प्रश्न का मुख्य उदेश्य यही है कि एजेंट अपने ग्राहक को यह भरोसा दिलाये कि अगर उसके एलआईसी पॉलिसी में उसका पता अपडेट रहता है, तो जरूरत पड़ने पर एलआईसी उसकी पॉलिसी से जुड़ा भुगतान अथवा सूचना सीधे उसके घर तक पहुंचा सकती है। वास्तव में, एलआईसी ने कई बार लंबित भुगतानों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए इसी तरीके को अपनाया है। यही भरोसा आगे चलकर ग्राहक और एजेंट के व्यवसायिक रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है और एजेंट के बीमा कारोबार में अवसरों को बढ़ावा देता है।

      ग्राहक से सर्वे फॉर्म का चौथा सवाल कैसे पूछे

      यह जानना बेहद जरूरी है कि सर्वे के दौरान आप ग्राहक से एलआईसी सर्वे फॉर्म के चौथे सवाल को कैसे पूछे और ऐसा करते समय आपको प्रश्न की व्याख्या कैसे करनी चाहिए। इसके बाद, लेकिन सर्वे से पूर्व ही आपको यह आकलन भी कर लेना चाहिए कि आपके द्वारा इस प्रश्न को पूछे जाने पर आपके ग्राहक की प्रतिक्रिया क्या होगी और हर संभावित प्रतिक्रिया के लिए आपकी रणनीति क्या होगी।

      आइये फ़िलहाल के लिए हम यह समझते हैं कि सर्वे के दौरान आपको अपने ग्राहक से यह सवाल कैसे पूछना चाहिए। तो इसके लिए मेरा सुझाव होगा कि इस प्रश्न को यथावत पढ़ना ही उचित रहता है- "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट करना चाहते हैं?"

      वास्तव में इस प्रश्न में ऐसा कोई शब्द नहीं है जो जटिल हो और आपके ग्राहक को समझ न आये। तो इस प्रश्न को समझाने की जरूरत तो नहीं होती है। लेकिन हाँ, इस इस विषय-वस्तु के महत्व और गंभीरता को समझाना बेहद जरूर है। यह कार्य आप कुछ इस तरह से कर सकते हैं-

      "सर, सामान्यता एलआईसी की पालिसियां एक लम्बी अवधि के लिए खरीदी जाती है। एक ग्राहक जब पॉलिसी खरीदता है, तो प्रपोजल फॉर्म में अपना पत्राचार का पता और स्थाई पता दर्ज करवाता है और यही पता उसके पॉलिसी में दर्ज रहता है। एलआईसी अपने ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान करती है कि वह जब भी चाहे, अपने पते को और खास तौर से पत्राचार के पते को अपडेट करवा सकती है।

      लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि ग्राहक कई कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो जाता है, लेकिन अपने एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट नहीं करवाता है।

      समय-समय पर, भारत सरकार और आईआरडीए के दिशानिर्देशों के अनुसार निगम को ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए, बीमा पालिसियों में परिवर्तन कर सकती है और ऐसा होने पर ग्राहक की पालिसियों पर इसका असर हो सकता है। अब यदि एलआईसी में ऐसे परिवर्तन होते हैं, तो इसकी सूचना एलआईसी पत्राचार के द्वारा ग्राहक को करती है।

      एलआईसी कई बार ग्राहकों के पालिसियों के प्रीमियम की सूचना, सहभागिता हित लाभ की सूचना और कुछ दावे (जैसे मृत्यु दावा) पर लिए गए निर्णयों की सूचना भी पत्राचार के माध्यम से ग्राहक को पहुंचाती है।

      ऐसे में अगर आपके एलआईसी की पॉलिसी में आपके पत्राचार का पता अपडेट नहीं रहता है, तो निगम के द्वारा पत्राचार के माध्यम से भेजी जाने वाली जरूरी सूचना आपको नहीं मिल पायेगी और सम्भव तया आपको भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

      इसलिए एक जीवन बीमा सलाहकार के तौर पर आपके लिए मेरी यही सलाह होगी कि एक बार आप अपने पॉलिसी की जाँच जरूर कर लें और बताएं कि क्या आप अपनी एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट करवाना चाहते हैं।"

      मुझे लगता है कि जब आप उपरोक्त तरीके से ग्राहक को उसके पॉलिसी के लिए पते को समझाते हैं, तो वह यह महसूस कर पाता है कि उसके जीवन बीमा पालिसियों में पत्राचार के पते का अपडेटेड रहना कितना अधिक महत्वपूर्ण हैं। यह एक ऐसा तरीका है जिसके जरिये न केवल आप ग्राहक को पते के महत्व को समझाते हैं, बल्कि ग्राहक के मन में अपनी प्रोफेशनल छवि का निर्माण भी कर पाते हैं।

      ग्राहक की प्रतिक्रिया

      सर्वे के दौरान जब आप ग्राहक को उसके एलआईसी पॉलिसी के लिए पते का क्या महत्व होता है, यह समझा देते हैं तो ग्राहक पूरी समझदारी के साथ अपने जीवन बीमा पॉलिसी के दस्तावेजों की जाँच कर सकता है और फिर दो प्रकार की प्रतिक्रिया दे सकता है।

      ग्राहक कह सकता है कि-

      • वह अपने एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट करवाना चाहता है।
      • या कह सकता है कि उसके पॉलिसी में उसका पता पहले से ही अपडेटेड है, इसलिए उसे पता अपडेट करवाने की कोई जरूरत नहीं है।

      जब ग्राहक का उत्तर "हाँ" हो

      सर्वे के दौरान जब आप ग्राहक से यह सवाल पूछते हैं तो अगर ग्राहक यह कहता है कि वह अपने एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट करवाना चाहता है तो अब ग्राहक के इस कार्य को कम्पलीट करने के लिए किसी भी रणनीति को अपनाने से पहले, आपके लिए हमारे कुछ सुझाव है।

      हमें यह पूरा भरोसा है कि अब तक आप ग्राहक के स्वभाव से परिचित हो चुके होंगे और अगर आप पुराने अभिकर्ता हैं, तो आपको यह अनुमान तो हो ही गया होगा कि ग्राहक के साथ आपके बिक्री की सम्भावनाएं क्या हो सकती हैं। तो किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले आपको यह बात ध्यान में रखना चाहिए।

      दूसरी महत्वपूर्ण बात, जिसपर आपको विचार करना चाहिए कि वर्तमान समय में आपकी व्यस्तता क्या है और इन दोनों ही बातों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए। आइये अब समझते है कि एक जीवन बीमा एजेंट के तौर पर आपको क्या करना चाहिए।

      अब जैसा कि आप जानते ही हैं, जीवन बीमा पालिसियों में पता परिवर्तन कराने के लिए ग्राहक को एक एप्लीकेशन लिखना होता है और एक साक्ष्य के साथ इसको सम्बंधित शाखा कार्यालय में जमा करना होता है। ऐसे में, आपको चाहिए कि पता परिवर्तन के लिए एप्लीकेशन लिखें और उसपर ग्राहक के हस्ताक्षर करवा लें।

      अब अगर आपके पास समय है, तो आप ग्राहक से कह सकते हैं कि जल्द ही आप ग्राहक के इस कार्य को पूर्ण करवाकर, फिर से ग्राहक से सम्पर्क करेंगे और इसके बारे में सूचित करेंगे। फ़िलहाल मेरा सुझाव यही होगा कि आपको यही रास्ता अपनाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपको ग्राहक के साथ व्यवसायिक सम्बन्ध विकसित करने में मदद मिलेगी।

      लेकिन यदि आपको किसी भी तरह से बिक्री संभावनाएं नहीं दिखती, तो फिर मेरा सुझाव होगा कि आप ग्राहक को पता परिवर्तन की प्रक्रिया समझा दें। ताकि आपका सामान्य नुकसान न हो।

      जब ग्राहक का उत्तर "नहीं" हो

      सर्वे के दौरान बहुतायत लोग आपको ऐसे मिलेंगे, जिन्हें उनके जीवन बीमा पॉलिसी में पता अपडेट कराने की जरूरत नहीं होगी। ऐसा होने पर आप अगले प्रश्न पर जा सकते हैं। लेकिन यदि आप खुद की प्रोफेशनल छवि विकसित करना चाहते हैं तो आपके लिए हमारी सलाह होगी कि ऐसा न करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यही तो वह मौका है जब आपको बेहतर सिद्ध कर सकते हैं।

      आप ग्राहक से कह सकते हैं, "सर, मैं आपसे अपने दिल की एक बात कहना चाहता हूँ और आपसे एक विनम्र अनुरोध भी करना चाहता हूँ। दिल की बात यह है कि मेरे लिए एलआईसी, सिर्फ मेरा कारोबार नहीं है बल्कि मैं इसको ईश्वर का दिया हुआ वरदान मानता हूँ। ऐसा इसलिए, क्योंकि एलआईसी मुझे मौका देती है कि मैं इसकी मदद से समाज की सेवा कर सकूँ।"

      फिर अपनी बात को कुछ इस प्रकार से आगे बढ़ाएं- "सर, मैं अपने क्षेत्र के सभी लोगों के लिए यह चाहता हूँ कि किसी भी ग्राहक की पॉलिसी में कोई समस्या न हो। लेकिन मैं अकेले हर किसी तक नहीं पहुंच सकता हूँ। इसलिए आपसे यह विनम्र अनुरोध करता हूँ कि जहाँ तक संभव हो सके, यह जानकारी आप अपने साथी दोस्तों को भी जरूर दें।"

      अब बारी है नए लोगों तक अपनी पहुंच बनाने की, तो अब आप कह सकते हैं- "सर, अगर आपको लगता है कि आपके किसी दोस्त को मेरे मदद की जरूरत है, तो आप बिना किसी संकोच के उसे मेरे बारे में बता सकते हैं।"

      निष्कर्ष

      एलआईसी सर्वे फॉर्म का चौथा प्रश्न एलआईसी एजेंट के लिए एक बेहतरीन मौका है। आप इस मौके को एक सामान्य सा प्रश्न मानकर नजरअंदाज कर सकते हैं या फिर इस प्रश्न को अवसर मानकर, ग्राहक के मन में अपनी बेहतर जगह बना सकते हैं और अपनी प्रोफेशनल छवि का निर्माण कर सकते हैं।

      एक ट्रेनर एवं शुभचिंतक के तौर पर आपके लिए मेरी यही सलाह होगी कि आप अपने क्षेत्र में सर्वे करें। यह आपके क्षेत्र के लोगों को जागरूक करेगा और आपके कारोबार को बेहतर बनाने के लिए सफलता के दरवाजे खोल देगा। एलआईसी सर्वे फॉर्म के पांचवें प्रश्न को समझने के लिए नीचे दी हुई "अगला पेज" बटन पर क्लिक करें।

      20 अगस्त 2025

         

      एलआईसी सर्वे फॉर्म की जानकारी: डेथ क्लेम प्रश्न

      Read in English »

      साथियों, जैसा की आप जानते हैं हम एलआईसी के सर्वे फॉर्म के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और आज हम "जीवन बीमा बाजार" के इस लेख के माध्यम से सर्वे फॉर्म के तीसरे प्रश्न "क्या आपको किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके नॉमिनी को उनकी एलआईसी पॉलिसी का भुगतान नहीं मिला है?" के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

      यदि आप एलआईसी एजेंट हैं और सर्वे के माध्यम से आप खुद को अपने क्षेत्र में न केवल प्रोफेशनल सलाहकार के रूप में स्थापित करना चाहते है बल्कि खुद के जीवन बीमा कारोबार को भी बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न को पूछने की शैली, इस प्रश्न की व्याख्या को पहले समझना होगा। इसके बाद, ग्राहक के संभावित सभी प्रतिक्रियाओं का सर्वे पूर्व आकलन करना होगा और यह तय करना होगा कि ग्राहक के प्रत्येक संभावित प्रतिक्रिया पर आपको किस तरह की रणनीति अपनाना है।

      हालाँकि उपरोक्त प्रश्न साधारण दृष्टि में, बहुत ही सामान्य नजर आता है। लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं, क्योंकि सिर्फ इस एक प्रश्न की मदद से आप ग्राहक को यह एहसास दिला सकते हैं कि आप उसके हितैसी हैं और आप उसकी मदद करना चाहते है। सर्वे प्रक्रिया में अगर आप ऐसा करने में सफल होते हैं, तो विश्वास करें आप अपने व्यावसायिक भविष्य को बेहतर बनाने की सही दिशा में कार्य कर रहे हैं।

        सर्वे फॉर्म के तीसरे सवाल का उदेश्य

        एलआईसी सर्वे फॉर्म का तीसरा सवाल है, "क्या आपको किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके नॉमिनी को उनकी एलआईसी पॉलिसी का भुगतान नहीं मिला है?"

        जब आप ग्राहक से यह सवाल पूछते हैं, तो वास्तव में आप यह जानना चाहते हैं कि क्या ग्राहक के जानकारी में कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसने एलआईसी से कोई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी है और पॉलिसी अवधि के दौरान उसकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन एलआईसी से उसके नॉमिनी को अभी तक मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है।

        याद रखें: आप सर्वे में हैं, और आपका उदेश्य ग्राहक को यह विश्वास दिलाना है कि एलआईसी उसके लिए सबसे बेहतर जीवन बीमा कंपनी है। एक अभिकर्ता के तौर पर, आपने भी कुछ लोगों को ऐसा कहते सुना होगा, "जीवन बीमा पॉलिसी खरीदना आसान है, लेकिन बीमा का पैसा लेना काफी मुश्किल"

        सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न को पूछकर, आप ग्राहक के इस विचारधारा को बदल सकते हैं और यह विश्वास दिला सकते हैं कि एलआईसी से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदना जितना आसान है, उतना ही आसान एलआईसी से विभिन्न प्रकार के दावों का भुगतान प्राप्त करना भी है। वास्तव में, सर्वे फॉर्म में इस प्रश्न को शामिल करने का यही उदेश्य है।

        सर्वे फॉर्म का तीसरा सवाल कैसे पूछें

        एक ट्रेनर के तौर पर, मैं अपने सभी अभिकर्ताओं को यही समझाता हूँ कि जब भी आप अपने कार्यक्षेत्र में होते हैं और आप अपने ग्राहकों से बातचीत कर रहे होते हैं तो आपको एलआईसी के कठिन शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। क्योंकि, ऐसे शब्दों से आप सहज हो सकते हैं, आपका ग्राहक नहीं।

        उदाहरण के लिए: डेट ऑफ़ कमिसमेंट, सर्वाइवल बेनिफिट, एसाइनमेंट, राइडर एवं अन्य बहुत सारे ऐसे शब्द हैं जिनको आप भलीं-भांति समझते हैं। लेकिन संभव है कि आप जिस ग्राहक से बातचीत कर रहे हों, उसे ऐसे शब्दों का मतलब न पता हो।

        याद रखिये, अगर आपकी बातचीत में आपके शब्द आपके ग्राहक को समझ नहीं आते, तो हो सकता है आपका ग्राहक आपको यह न बताये कि उसे किस बात का मतलब समझ नहीं आ रहा है और यदि ऐसा होता है, तो आपकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है। अब चाहे वह सर्वे के दौरान आपके द्वारा किया जाने वाला प्रयास हो अथवा किसी नई जीवन बीमा पॉलिसी की विक्रय प्रक्रिया के लिए किया जाने वाला प्रेजेंटेशन।

        अतः जब आप सर्वे के दौरान एलआईसी सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न को ग्राहक के सामने प्रस्तुत करते हैं, तो सबसे पहले आपको यह सवाल यथावत रखना चाहिए। इसके बाद थोड़ा रुककर ग्राहक को सरल शब्दों में समझाना चाहिए-

        "क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते है जिसने एलआईसी से कोई पॉलिसी खरीदी हो और उसकी मृत्यु हो जाने के बाद, उसके परिवार को एलआईसी से पॉलिसी का पैसा न मिला हो।"

        इस सवाल पर ग्राहक की प्रतिक्रिया

        अब जब आप ग्राहक से सवाल पूछ चुके होते हैं, तो आपको शांत हो जाना चाहिए। अगर ग्राहक कुछ सोच रहा हो तो उसको विचार करने दीजिये। लेकिन इंतज़ार कीजिये, ताकि वह जवाब दे सके। अगर ग्राहक दो से तीन मिनट तक नहीं बोलता है तब एक बार पुनः अपने सवाल को दोहरा दीजिये, लेकिन ग्राहक को जवाब देने दीजिये।

        एक बार फिर से, लेकिन जोर देकर कहूंगा कि ग्राहक से प्रश्न पूछने के बाद आपको तब तक शांत हो जाना चाहिए जब तक कि ग्राहक जवाब नहीं दे देता। ग्राहक पांच से सात मिनट का समय ले सकता है। याद रखिए, सवाल पूछने के बाद आपकी शांति ही आपकी सफलता की कुंजी है।

        ग्राहक तुरंत अथवा कुछ इंतज़ार के बाद आपको जवाब दे सकता है। अलग-अलग ग्राहकों से आपको दो प्रकार के जवाब ही मिल सकते हैं।

        • पहला- वह किसी व्यक्ति को जानता हो जिसको एलआईसी से मृत्यु दावे का भुगतान न मिला हो।
        • दूसरा- वह किसी भी ऐसे व्यक्ति को न जानता हो।

        अब इन दोनों ही संभावनाओं के लिए आपको पूर्व में ही तैयार होना होगा और दोनों ही प्रतिक्रियाओं पर आपको इस प्रकार कार्य करना होगा, ताकि आप ग्राहक को प्रभावित कर सकें और यह एहसास दिला सकें कि वह एक प्रोफेशनल जीवन बीमा अभिकर्ता से बातचीत कर रहा है।

        सर्वे फॉर्म के तीसरे सवाल के लिए एजेंट की रणनीति

        सर्वे के दौरान चाहे आप जो कोई भी सवाल पूछे, हर सवाल के संभावित सभी जवाब के लिए आपके पास सटीक रणनीति होना बेहद जरुरी है। यहाँ सर्वे फॉर्म का तीसरा सवाल दावों से सम्बन्ध रखता है। अतः इसके लिए आपके पास सटीक और प्रभावशाली रणनीति होना बेहद आवश्यक है।

        जब आप ग्राहक से पूछते हैं कि क्या वह किसी ऐसे व्यक्ति को जानता जिसको सम्बंधित जीवन बीमा पॉलिसी से मृत्यु दावा प्राप्त हुआ है, तो ग्राहक के प्रतिक्रिया से आप असहज हो सकते हैं। लेकिन यहाँ पर ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि यदि पूर्व के दो सवालों को आपने ग्राहक से सही तरीके से डिसकस किया होगा, तो आपको इस सवाल में कठिनाई नहीं होगी।

        चलिए, अब इस प्रश्न के दोनों संभावित प्रतिक्रिया पर एजेंट के तौर पर आपके द्वारा अपनाने योग्य रणनीति को समझते है।

        जब ग्राहक का जवाब हाँ हो

        एक नए एजेंट के लिए यह कठिन हो सकता है, जब सर्वे के इस प्रश्न के उत्तर में ग्राहक कहता है कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को जानता है, जिसके मृत्यु के बाद उसके परिवार को मृत्यु दावे का भुगतान नहीं मिला है।

        मैं मेरे अनुभव से कहना चाहता हूँ कि कई बार ऐसा होता है कि आपका सवाल मृत्यु दावे के संदर्भ में होता है, लेकिन ग्राहक किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कह रहा होता है, जिसको सहभागिता हितलाभ, बीमा पॉलिसी लोन अथवा सरेंडर का भुगतान नहीं मिला होता है।

        मैं अपने अनुभवों से यह भी कह सकता हूँ कि जब आप यह सवाल ग्राहकों से पूछते हैं तो कुछ ग्राहक ऐसे भी होंगे, जो यह दावा तो करेंगे कि वह ऐसे कई लोगों को जानते हैं जिन्हे एलआईसी से मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन उनका यह दावा सिर्फ सुनी-सुनाई बातों पर आधारित होगा। उनके पास इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं होगा।

        उपरोक्त कोई भी सम्भावना क्यों न हो, आपको ग्राहक की प्रतिक्रिया को गंभीरता से सुनना चाहिए। आइये एक संभावित दृश्य के साथ इस रणनीति को समझते है-

        मान लीजिये कि कोई ग्राहक आपसे कहता है कि हाँ, वह किसी ऐसे व्यक्ति को जानता है जिसके पिता की मृत्यु एक साल पहले हुई थी लेकिन आज तक उसको एलआईसी से पैसे नहीं मिले हैं। अब आपको क्या करना चाहिए

        उपरोक्त प्रतिक्रिया के बाद आपको निम्नलिखित कार्य करने चाहिए-

        • सबसे पहले ग्राहक की पूरी बात गंभीरता से सुने और सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न के आगे बने हुए बॉक्स में सही का निशान लगा दें।
        • अब अपनी कोई एक डायरी निकाले और ऐसा करते हुए आप ग्राहक से कहें, "सर, मैं पिछले एक महीने (जितने भी समय से आप सर्वे कर रहे हों।) से मैं इस क्षेत्र में सर्वे कर रहा हूँ। इस सर्वे के दौरान मैंने बहुत सारे लोगों से मुलाकात की है। लेकिन मुझे ख़ुशी है कि आप मुझे ऐसे पहले व्यक्ति मिले हैं, जो यह बता रहे हैं कि किसी व्यक्ति को एलआईसी से मृत्यु दावे का भुगतान नहीं मिला है।"
        • अब अपनी डायरी खोल लें और नोट करते हुए ग्राहक से पूछें, "सर जिस व्यक्ति को आपकी जानकारी के अनुसार मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है उसका नाम और पता बताएं, यदि आपके पास उनका कॉन्टेक्ट नंबर हो तो वह भी बताएं।"

          नोट- अगर ग्राहक नाम, पता और मोबाइल नंबर बताता है तो उसको अपने डायरी में नोट करें। सबसे पहले पूरा सर्वे पूर्ण करें और जब सर्वे पूर्ण हो जाये तो ग्राहक के सामने ही उसके द्वारा दिए गए नंबर पर कॉल करके वास्तविक समस्या को समझने का प्रयास करें और यथासंभव सहयोग करें।

        • सर्वे फॉर्म के अगले सवाल पर जाने से पहले ग्राहक से जरूर कहें,
          "सर, वास्तव में एलआईसी में मृत्यु दावा पंजीकृत करने के बाद अधिकतम तीन से छः महीनो के अंदर मृत्यु दावे का भुगतान हो जाता है। कुछ मामलों में ग्राहक अपने पॉलिसी की प्रीमियम जमा नहीं किया होता है या उसने मृत्यु दावा प्रक्रिया पूर्ण नहीं की होती है। जिसके कारण पॉलिसी से मृत्यु दावा मिलने में विलम्ब होता है।"
          मैं यह वायदा करता हूँ कि मैं खुद इस परिवार से मिलूंगा और वास्तविक समस्या को समझने के बाद इनकी मदद करूँगा। मुझे यह पूरा भरोषा है कि अगर किसी समस्या के कारण दावा रुका होगा, तो उन्हें जल्द ही भुगतान मिल जायेगा।

        अगर ग्राहक सुनी-सुनाई बातों को आधार बनाकर बोलता है-
        ऐसी स्थिति में भी आपको सहज रहना चाहिए और ऐसे ग्राहकों को "जब ग्राहक का जवाब ना हो" में जो रणनीति दी गई है उसको अपनाना चाहिए।

        जब ग्राहक का जवाब ना हो

        मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ कि जब आप सर्वे के दौरान लोगों से इस प्रश्न को पूछते हैं, तो अधिकतम लोग आपसे यही कहेंगे कि उनकी जानकारी में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसे एलआईसी के पास कोई भी पैसा बकाया है।

        और जब भी आपको ऐसा जवाब मिलता है, तो यह आपके पास सुनहरा मौका है जब आप अपनी कंपनी अर्थात भारतीय जीवन बीमा निगम को अपने ग्राहक के लिए बेहतर बना सकते हैं। यहाँ पर आपको यह भी याद रखना चाहिए कि जब आप अपनी कंपनी को बेहतर बनाते हैं तो खुद के बारे में बिना कुछ कहे ही आप ग्राहक को यह समझाने में सफल होते हैं कि आप अपनी कंपनी के लिए और अपने ग्राहकों के लिए समर्पित प्रोफेशनल सलाहकार हैं।

        यहाँ पर आपके पास दो विकल्प हैं, जिसके जरिये आप अपने ग्राहक को प्रभावित कर सकते हैं। पहला तरीका यह हो सकता है कि आप ग्राहक को सामान्य वास्तविक स्थिति का परिचय देते हुए प्रभावित करें और दूसरा तरीका यह हो सकता है कि आप एलआईसी के वार्षिक डाटा के आधार पर ग्राहक को प्रभावित करें। चलिए अब इन दोनों ही तरीकों को समझते हैं।

        कुछ देर के लिए मैं आपको ही अपना ग्राहक मान लेता हूँ और अपनी बात रखता हूँ-

        • पहला तरीका:

          "सर, भारतीय जीवन बीमा निगम, भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि वर्तमान समय तक, बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने एलआईसी से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी और उनकी पॉलिसी पूर्ण हो गई और उनको उनके जीवन बीमा पॉलिसी का अंतिम भुगतान भी मिल गया, लेकिन उन्हें निगम के शाखा कार्यालय के दरवाजे को नहीं पड़ा।

          ऐसा इसलिए, क्योकि जब पॉलिसी खरीदनी थी तो एलआईसी के अभिकर्ता (एजेंट), ग्राहकों से मिलकर पॉलिसी खरीदने में मदद की और जब भुगतान लेना था, तो उसी अभिकर्ता ने भुगतान प्राप्त करने में ग्राहक की मदद कर दी।

          वही पर, यदि आपको बैंको, पोस्ट ऑफिस एवं अन्य वित्तीय संस्थनो में खाता खोलना हो, पैसा जमा करना हो, कोई सर्विस एक्टिव अथवा डिएक्टिव कराना हो, भुगतान प्राप्त करना हो। हर कार्य के लिए आपको बैंको, पोस्ट ऑफिस अथवा संस्थनो के दरवाजे तक जाना होता है।

          हाँ, आज की तारीख में आप यह जरूर कह सकते हैं कि इंटरनेट के इस दौर में बहुत सारी बैंकिंग सुविधा मोबाइल पर उपलब्ध है, लेकिन इसके बावजूद KYC और अन्य समस्याओं के लिए आपको बैंको तक जाना ही होगा। यहाँ पर उन लोगों के लिए सोचकर देखिये जो कम पढ़े-लिखे हैं या अनपढ़ हैं। जबकि हमारा एजेंट सभी तरह के ग्राहकों को सभी तरह की सुविधायें उनके घर तक पंहुचा देता है।

          हाँ यहाँ पर एक बात आप और कह सकते हैं कि प्राइवेट कंपनियों के एजेंट भी तो इस तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं। तो सर, मैं यह कहना चाहता हूँ कि प्राइवेट कंपनियों में आपके पैसों के सुरक्षा के लिए आपके क्या विचार हैं। जबकि भारतीय जीवन बीमा निगम भारत सरकार का उपक्रम है और यहाँ पर आपके पैसों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार की गारंटी है।"

        • दूसरा तरीका:

          उपरोक्त पहले तरीके के बारे में आप हर किसी से बातचीत कर सकते हैं लेकिन दूसरा तरीका डाटा के आधार पर डिस्कस किया जा सकता हैं। इसके लिए आपके आईआरडीए की रिपोर्ट को अथवा एलआईसी द्वारा जारी किये गए आंकड़े के साथ ग्राहक से बातचीत करना चाहिए।

          आप ग्राहक को प्रमाण के साथ बता सकते हैं कि एलआईसी में पिछले वित्तीय वर्ष में कितने मृत्यु दावे रजिस्टर किये गए थे और एलआईसी ने कितने दावों का निपटारा कर दिया है। आपकी सुविधा के लिए एलआईसी द्वारा जारी किया गया 2023-24 का वार्षिक रिपोर्ट साझा किया जा रहा है। आप इसको डाउनलोड करके ग्राहक को दिखा सकते हैं। यह रिपोर्ट एलआईसी की ऑफिसियल वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

          यहाँ पर आपके लिए मेरा एक सुझाव और भी होगा कि एक बार आप हमारे पिछले पोस्ट जिसका टाइटल - "एलआईसी प्रोफाइल से ग्राहकों को प्रभावित करें" है, को विस्तार से जरूर पढ़ें।

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        निष्कर्ष

        एलआईसी सर्वे फॉर्म में तीसरा प्रश्न भले ही सरल लगे, लेकिन यह एलआईसी एजेंट के लिए ग्राहकों का विश्वास जीतने और एलआईसी की दावा निपटान प्रक्रिया को उजागर करने का एक प्रभावशाली तरीका है। ग्राहक चाहे हाँ या ना में उत्तर दे, यह आपको ऐसा मौका प्रदान करता है जब आप सही रणनीति बनाकर ग्राहक को प्रभावित कर सकते हैं।

        अंततः, यह प्रश्न केवल दावों के बारे में नहीं है, बल्कि यह इस बारे में है कि एलआईसी विश्वास, सेवा और सुरक्षा का प्रतीक है और जब आप, एक एलआईसी एजेंट के रूप में, इसे आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ पूछते हैं, तो आप अपने ग्राहकों की वित्तीय भलाई के लिए समर्पित एक सच्चे पेशेवर जीवन बीमा सलाहकार साबित होते हैं।

        17 अगस्त 2025

           

        एलआईसी सर्वे फॉर्म की जानकारी: नॉमिनी प्रश्न

        Read in English »

        एक सफल एलआईसी एजेंट बनने के लिए सिर्फ़ पॉलिसी बेचना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि ग्राहकों को सही समय पर सही जानकारी और मार्गदर्शन देना भी उतना ही ज़रूरी है। सर्वे फॉर्म इस काम के लिए एक बेहद कारगर ज़रिया हैं। यह न सिर्फ़ आपको नए लोगों से जुड़ने का मौका देता है, बल्कि आपको अपने क्षेत्र में एक पेशेवर और विश्वसनीय बीमा सलाहकार के रूप में भी स्थापित करता है।

        जीवन बीमा बाजार के इस लेख में, हम सर्वेक्षण फ़ॉर्म के दूसरे प्रश्न - "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में नॉमिनी बदलना चाहते हैं?" पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इस प्रश्न को पूछकर आप ग्राहक की मदद कैसे कर सकते हैं और अपने व्यवसाय को कैसे मज़बूत बना सकते हैं।

          सर्वे फॉर्म में नॉमिनी का अर्थ और महत्व

          जब आप किसी नए ग्राहक से सर्वे के दौरान पूछते हैं, "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में नॉमिनी परिवर्तित करना चाहते हैं" तो मैं अपने अनुभव से यह कह सकता हूँ कि आपके कई नए ग्राहकों को वास्तव में नॉमिनी शब्द का अर्थ पता नहीं होता है और आपके कई ऐसे भी ग्राहक होंगे, जो इसका अर्थ तो समझते होंगे लेकिन इसके वास्तविक महत्वपूर्ण भूमिका से पूरी तरह अनजान होंगे।

          ऐसे में एक जीवन बीमा एजेंट के रूप में यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने नए ग्राहक को नॉमिनी का अर्थ स्पष्ट रूप में समझाएं और ऐसा करने के लिए हमारी सलाह होगी कि आपको साधारण उदाहरण का उपयोग करना चाहिए। आप सामान्य रूप से ग्राहक को कह सकते हैं- "सर, एलआईसी की पॉलिसी में नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त होता है।"

          विचार कीजिये: जीवन बीमा के शब्दों से आप भलीभांति परिचित होते हैं। मुझे यह यकीन है कि वर्तमान समय में आपके कई ग्राहक पॉलिसीधारक, नॉमिनी, नेफ्ट, बेनेफिशियरी, राइडर, सम एश्योर्ड, सरेंडर इत्यादि जैसे शब्दों को नहीं समझते होंगे। ऐसे में जब आप अपने नए ग्राहक को यह बताते हैं कि "एलआईसी की पॉलिसी में नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त होता है।" तो क्या वह वास्तव में आपके द्वारा दी गई सुचना को समझ पाया?

          अतः हमारा सुझाव होगा कि सर्वप्रथम आपको अपने ग्राहक को सरल उदाहरण की मदद से नॉमिनी का अर्थ समझाना होगा। आइये जानते हैं कैसे-

          उदाहरण: सर, मान लीजिये कि मोहन नाम के एक व्यक्ति ने एलआईसी से एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी और उन्होंने पॉलिसी खरीदते समय अपने पिता को नॉमिनी बना दिया। अब यदि पॉलिसी अवधि में मोहन जी का निधन हो जाता है तो पॉलिसी में मृत्यु दावा उनके पिता जी को प्राप्त होगा।

          सिर्फ उत्तर लेकर आगे न बढ़ें

          याद रखिये, अगर आप सिर्फ सवाल पूछकर ग्राहक से हाँ या ना में जवाब लेकर अगले प्रश्न पर बढ़ जाते हैं, तो आप अपनी प्रोफेशनल पहचान बनाने का मौका खो देते हैं। आपको अपने ग्राहक को यह एहसास दिलाना होगा कि सही नॉमिनी का होना उसके पॉलिसी के लिए बेहद जरुरी है।

          अगर उसके पॉलिसी में पुराना अथवा गलत नॉमिनी दर्ज है, तो भविष्य में उसके परिवार को गंभीर दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, ग्राहक को जागरूक करने के लिए एक छोटी सी कहानी का सहारा लेना बेहद कारगर सिद्ध होता है।

          कहानी से नॉमिनी का महत्व समझाएं

          "सर, पिछले साल मेरे मित्र मुकेश चंद्रवंशी जी के पिता जी की मृत्यु हो गई थी, उन्होंने एलआईसी की एक पॉलिसी ले रखी थी। पिता की मृत्यु के बाद, मुकेश ने एलआईसी के शाखा कार्यालय में मृत्यु दावा प्राप्त करने के लिए सभी जरुरी दस्तावेज जमा कर दिए और एलआईसी ने मृत्यु दावा स्वीकार भी कर लिया। मुकेश जी करीब 8 लाख रूपये का चेक डाक से प्राप्त हुआ, लेकिन यह चेक उनकी माता जी के नाम पर था।

          अब समस्या यह थी कि उनकी माता जी का निधन पांच साल पहले ही हो चूका था। अब यह चेक मुकेश जी के लिए बेकार था। मुकेश जी दुबारा एलआईसी के शाखा कार्यालय गए, लेकिन शाखा प्रबंधक द्वारा बताया गया कि यह चेक उनके नाम पर तभी बन पायेगा जब वह कोर्ट से यह शाबित कर देंगे कि वह इस पॉलिसी के वास्तविक और योग्य दावेदार हैं।

          आज मुकेश जी कोट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं।

          ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ कि जब पॉलिसी खरीदी गई थी उस समय पॉलिसी में माता जी को नॉमिनी बनाया गया था, लेकिन जब माता जी का निधन हो गया तो पॉलिसी में नॉमिनी को अपडेट नहीं कराया गया। जिसके परिणाम स्वरूप आज मेरे मित्र को कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

          आज भी बहुत सारे लोग ऐसी ही छोटी छोटी गलती करते हैं और बाद में जब समस्या पैदा होती है तो कहते हैं कि ‘बीमा लेना आसान है, लेकिन पैसा निकालना मुश्किल।'"

          ग्राहक से पूछने का सही तरीका

          जब आप उपरोक्त कहानी ग्राहक को सुनाते हैं, तो ग्राहक को समझ आता है कि वह जिस चीज़ को नज़रअंदाज कर रहा था वास्तव में वह कितना अधिक महत्वपूर्ण है। यह एक कहानी जहाँ एक ओर ग्राहक को नॉमिनी की उपयोगिता को समझाती है, वहीं पर दूसरी ओर ग्राहक के मन में आपकी प्रोफेशनल छवि को भी विकसित करती है। मैं यह दावे से कह सकता हूँ कि अब आपका ग्राहक आपके सभी प्रश्नो को गंभीरता से सुनेगा, क्योंकि अब वह यह समझ चूका होगा कि आप उसके हित की बात कर रहे हैं।

          अब जब आप ग्राहक को यह कहानी सुना चुके होते हैं तो आप ग्राहक से पूछ सकते हैं- "सर, क्या आपके एलआईसी की पॉलिसी में सही नॉमिनी दर्ज है या इस सम्बन्ध में आप कोई बदलाव करने के लिए विचार कर रहे हैं?"


          ग्राहक का जवाब

          अब जब आप ग्राहक से उपरोक्त सवाल पूछते हैं तो अलग-अलग ग्राहकों के अलग-अलग उत्तर हो सकते हैं। कोई ग्राहक आपसे यह कह सकता है कि उसको नहीं पता है कि उसके पॉलिसी में नॉमिनी कौन है। ऐसे में आप ग्राहक से उसका पॉलिसी बांड मांग सकते हैं और पॉलिसी में नॉमिनी समझाने में उसकी मदद कर सकते हैं।

          अब हो सकता है कि ग्राहक आपसे कहे कि वह अपने पॉलिसी में नॉमिनी बदलना चाहता है या वह यह भी कह सकता है कि उसको उसके जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बदलने की जरुरत नहीं है। अब आपके लिए यह समझना बेहद जरुरी हो जाता है कि इन दोनों ही संभावनाओं पर आपको क्या करना चाहिए।

          अगर नॉमिनी बदलना हो

          जैसा कि आप यह अच्छी तरह जानते हैं कि पॉलिसी में नॉमिनी बदलने के लिए ग्राहक को उसका मूल पॉलिसी बांड एलआईसी के शाखा कार्यालय में जमा करना होता है और सर्वे के लिए आपको हमेसा नए और अनजान लोगों से ही मिलना होता है। ऐसे में, आपके लिए हमारा यही सुझाव होगा कि आप ग्राहक से उसके नॉमिनी को बदलवाने के लिए तत्काल मदद करने के लिए वायदा न करे।

          क्योकि यदि आप तत्काल ग्राहक को मदद करने का वायदा करते हैं तो इसके लिए आपको ग्राहक से उसका मूल पॉलिसी बांड प्राप्त करना होगा। अतः आपको अपने ग्राहक को नॉमिनी बदलने का फॉर्म देना चाहिए और बताना चाहिए कि उसे उसके जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बदलने के लिए प्रोसेस को किस तरह से पूरा करना होगा।

          अंत में, जब आप ग्राहक को सभी प्रोसेस को समझा चुके होते हैं तो आपको कहना चाहिए कि यदि आपका ग्राहक चाहे तो वह आपके साथ एलआईसी के शाखा कार्यालय चलकर यह कार्य पूर्ण कर सकता है।

          अगर नॉमिनी नहीं बदलना हो

          अगर आपका ग्राहक कहता है कि उसे उसके जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बदलने की जरुरत नहीं है, तो अब आपके पास यह एक सुनहरा अवसर है जब आप ग्राहक को प्रभावित कर सकते हैं और उसके मन में खुद के लिए जगह बना सकते हैं।

          आप ग्राहक से कह सकते हैं, "सर, मैं सर्वे के माध्यम से लोगो को उनके जीवन बीमा पॉलिसी के प्रति जागरूक करने का भरसक प्रयास कर रहा हूँ, मैं सिर्फ इतना चाहता हूँ कि मेरे क्षेत्र का कोई भी ग्राहक, चाहे वह किसी अन्य एलआईसी एजेंट से भी बीमा पॉलिसी क्यों न ख़रीदा हो, उसको उसके जीवन बीमा पॉलिसी में कोई समस्या न हो।"

          "लेकिन, सर मैं अकेला सभी तक नहीं पहुंच सकता हूँ, इसलिए आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि आप इस जानकारी को अपने सभी परिचितों को जरूर दें और यदि आपके किसी भी परिचित को इस समस्या के समाधान में मेरी जरुरत हो, तो आप उनको मुझसे सम्पर्क करने के लिए निःसंकोच बता सकते हैं।"

          याद रखिये, आपके ऐसे शब्द आपके ग्राहक को प्रभावित करेंगे और आप अपनी प्रोफेशनल छवि बनाने में बहुत जल्दी कामयाब होंगे। इसका परिणाम यह होगा कि भविष्य में वह नया व्यक्ति और उसके परिचित आपके ग्राहक हो जायेंगे।

          वीडियो में जाने सर्वे फॉर्म के सवाल संख्या 2 को

          जीवन बीमा बाजार के इस लेख में हमने प्रयास किया है कि आपको एलआईसी सर्वे फॉर्म के प्रश्न संख्या 2 को विस्तार से समझा सकें। लेकिन यदि अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो इस जानकारी को अधिक विस्तार से प्राप्त करने के लिए नीचे साझा की गई वीडियो को देख सकते हैं। यदि इस प्रश्न के संदर्भ में अब भी आपके मन में कोई सवाल है तो नीचे साझा की गई वीडियो के कमेंट बॉक्स में अपने सवाल को लिखें।

          निष्कर्ष

          मेरे प्यारे अभिकर्ता साथियों, मैं एक बार फिर से कहूंगा, "एलआईसी का सर्वे फॉर्म सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से आप अपने क्षेत्र के लोगों की मदद कर सकते हैं, खुद को अपने क्षेत्र में एक प्रोफेशनल अभिकर्ता के रूप में स्थापित करते हुए अपने बीमा कारोबार को बहुत अधिक बेहतर बना सकते हैं।"

          अब एलआईसी के सर्वे फॉर्म के अगले प्रश्न को और उसके प्रभावों को समझने के लिए निचे दिए हुए "अगला पेज" बटन पर क्लिक करें।

          08 अक्टूबर 2024

             

          एलआईसी एजेंटों के लिए सर्वे रणनीतियाँ और सुझाव

          Read in English »

          एलआईसी का सर्वे फॉर्म, जिस तरह ग्राहकों के लिए उपयोगी है, ठीक उसी तरह एलआईसी एजेंटो के लिए भी काफी फायेदमंद टूल साबित होता है। अगर आप एक एलआईसी एजेंट हैं और एलआईसी के सर्वे फॉर्म का उपयोग करते हैं तो यह फॉर्म आपको शक्ति प्रदान करता है कि आप खुद को अपने क्षेत्र में एक प्रोफेशनल अभिकर्ता के रूप में स्थापित कर सकें। दूसरी ओर, जब आप सर्वे फॉर्म के साथ आगे बढ़ते हैं तो आपके ग्राहक समझते हैं कि आप उनकी समस्याओं और जरूरतों को गहराई से समझने का प्रयास करते हैं।

          इससे आप यह अनुमान लगा सकतें है कि यह फॉर्म आपके लिए कितना महत्वपूर्ण टूल साबित हो सकता है। लेकिन जिस तरह किसी शहर के किसी व्यस्त सड़क पर एक अनट्रेंड नौसिखिया ड्राइवर दुर्घटना-ग्रस्त हो सकता हैं, ठीक इसी तरह अगर आप एलआईसी के सर्वे से कोई सर्वे बीना किसी ट्रेनिंग के शुरू करते हैं तो यकीन कीजिये दुर्घटना होने की पूरी संभावना है। लेकिन आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है, क्योकि अब आप ट्रेनिंग प्रक्रिया में हैं।

          तो जीवन बीमा बाजार के आज के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में हम सर्वे फॉर्म के दूसरे सेक्शन में दिए हुए प्रश्नो में से पहले प्रश्न को, इसके प्रभावों को और परिणामो को विस्तार से जानेगे। एक ट्रेनर के तौर पर हमारा सुझाव होगा कि यह पर दिए हुए महत्वपूर्ण बिन्दुओ के नोट्स जरूर तैयार कर लें।

            एलआईसी का सर्वे फॉर्म और आप

            एक एलआईसी एजेंट के रूप में जब आप सर्वे फॉर्म लेकर आपके कार्यक्षेत्र में जाते हैं तब मुझे लगता है कि जैसे कोई शेर शिकार करने के लिए जंगल में जा रहा हो। अब सवाल यह है कि शिकार क्या है? तो जनाब, एलआईसी सर्वे फॉर्म के यह जो महत्वपूर्ण प्रश्न हैं यही तो वह शिकार हैं। मैं तो यही कहूंगा कि अगर आपने इन शिकारों को काफी कमजोर समझने की गलती की, तो मुझे डर है कि आप खुद भी शिकार हो सकते हैं।

            कहने का अर्थ यह है कि इन सवालों को अगर आप हल्के-फुल्के अंदाज़ में पूछकर चलते बनाना चाहते हैं, तो मैं आपसे कहूंगा कि ऐसी गलती करने की सोचियेगा भी नहीं। क्योकि यह सभी सवाल आपके लिए एक सुनहरा मौका है। आप इन सवालों की मदद से खुद को बेस्ट एजेंट के तौर पर साबित कर सकते हैं।

            सर्वे फॉर्म का पहला सवाल

            एलआईसी के सर्वे फॉर्म में पहला सवाल है, "क्या आपको ऐसे किसी फंड की उम्मीद है जो एलआईसी से मिलने वाले थे, लेकिन आपको अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं?" अगर आप एक सामान्य दृष्टिकोण से इस प्रश्न को देखते हैं तो आपको इस प्रश्न में कुछ भी विशेष नहीं दिखेगा। लेकिन अगर आप इसी प्रश्न को बारीकी से ध्यान देंगे तो आप पाएंगे कि यह पहला प्रश्न ही ग्राहक का ध्यान आपके सर्वे पर केंद्रित करने की शक्ति प्रदान करता है। आइये जानते हैं कैसे

            एलआईसी सर्वे फॉर्म के प्रथम प्रश्न का महत्व

            जब आप ग्राहक से यह प्रश्न पूछ रहे होते हैं, तो वास्तव में आप यह जानने का प्रयास कर रहे होतें हैं कि क्या ग्राहक को उसकी एलआईसी पॉलिसी से किसी भी तरह को कोई भुगतान मिलने वाला था, जो उसे अभी तक प्राप्त न हुआ हो। जैसे: पालिसी का सहभागिता हितलाभ, लोन, मैच्योरिटी, डेथ-क्लेम

            एक एलआईसी एजेंट पर, यह प्रश्न आपको तीन तरह के मौके प्रदान करता है।

            पहला मौका: जब आप ग्राहक से यह प्रश्न पूछते हैं तो आप ग्राहक को सोचने पर विवश करते हैं कि क्या वास्तव में उसे एलआईसी से कोई पैसे मिलने वाले थे? अगर आपके ग्राहक के मन में यह विचार उत्पन्न होता है, तो आप सोच लीजिये कि आप सही दिशा में हैं। क्योकि जब आपके ग्राहक के मन में यह विचार होता है तो आपके ग्राहक का ध्यान सिर्फ और सिर्फ आपकी ओर केंद्रित हो जाता है। यही वजह है कि इस प्रश्न को सर्वे फॉर्म में सबसे पहले रखा जाता है, ताकि आप ग्राहक के ध्यान को अपनी ओर खिंच सकें।

            दूसरा मौका: जब आप ग्राहक से इस प्रश्न को पूछते हैं तो आप ग्राहक को यह एहसास कराने की कोशिस करते हैं कि एलआईसी वास्तव में उनके लिए कितनी ईमानदार और संजीदा है।

            तीसरा मौका: जब आप ग्राहक से इस प्रश्न को पूछते हैं तो आपके ग्राहक का जवाब आपको यह बताता है कि वह ग्राहक किस हद तक एलआईसी के साथ संतुष्ट है। इस प्रश्न के साथ, आप ग्राहक को एलआईसी के विशेषताओं और अद्वितीय फायदों से परिचित करा सकते हैं।

            ग्राहक का प्रतिक्रिया

            जब आप अलग-अलग ग्राहकों से उपरोक्त प्रश्न पूछते हैं तो उनके उत्तर अलग-अलग हो सकते हैं और प्रत्येक उत्तर के अलग अलग कारण हो सकते हैं। अब अगर आप सर्वे फॉर्म के आधार पर सफल होना चाहते हैं तो आपको ग्राहकों के प्रत्येक संभावित उत्तर एवं उनके कारणों को समझना होगा, ताकि आप सटीक प्रतिक्रिया दे सकें।

            ग्राहक की पहली प्रतिक्रिया:

            जब आप ग्राहक से पूछते हैं कि "क्या आपको एलआईसी से कोई पैसे मिलने वाले थे, जो अभी तक आपको नहीं मिले हैं?", तो आपका ग्राहक आपको कह सकता है कि "नहीं, उसको एलआईसी से कोई पैसा मिलने वाला नहीं है।"

            ग्राहक की यह प्रतिक्रिया आपको ख़ुशी दे सकती है। लेकिन इससे पहले कि आप ज्यादा खुश हों, मेरी सलाह होगी कि थोड़ा रुक कर विचार करें कि ग्राहक के इस उत्तर का वास्तविक कारण क्या हो सकता है और क्या ग्राहक के इस उत्तर में आपके लिए कुछ बेहतर संभावनाएं छिपी हो सकती है? तो आइये इस उत्तर के पीछे के संभावित कारणों को जानते हैं

            पहला कारण: उपरोक्त उत्तर के पीछे का पहला कारण यह हो सकता है कि ग्राहक ने एलआईसी की पालिसी खरीदी ही नहीं है। अब चुकी ग्राहक के पास एलआईसी की पालिसी है ही नहीं, तो उसका बकाया होने का सवाल ही नहीं उठता है।

            दूसरा कारण: उपरोक्त उत्तर के पीछे का दूसरा कारण यह हो सकता है कि ग्राहक ने एलआईसी की जो पालिसी खरीदी है, उसमे सहभागिता हितलाभ का प्रावधान ही नहीं है और ग्राहक ने एलआईसी में लोन के लिए कभी आवेदन ही नहीं किया है। जिसके कारण एलआईसी के पास उसका कोई बकाया नहीं बनता है।

            तीसरा कारण: उपरोक्त उत्तर के पीछे का तीसरा कारण यह हो सकता है कि उसने एलआईसी से जो कोई भी पालिसी खरीदी है, यदि उसमे सहभागिता हितलाभ का प्रावधान है या उसने एलआईसी में लोन के लिए आवेदन किया था तो उसे उसकी रकम एलआईसी से प्राप्त हो गई हो।

            मेरी सलाह:

            अगर सर्वे के दौरान इस प्रश्न के उत्तर में ग्राहक आपको बताता है कि उसका कोई भी पैसा एलआईसी के पास बकाया नहीं है, तो आपको इसे के बेहतर मौका मानना चाहिए। अगर ग्राहक ने पॉलिसी नहीं खरीदी है तो आप उसको प्रभावित कर सकते हैं और भविष्य में बीमा विक्री की संभावनाओं को खोल सकते हैं और अगर ग्राहक के पास पहले से कोई जीवन बीमा पालिसी है। तब भी यह आपके सफलता हेतु संभावना बन सकता है।

            यहाँ पर हमारी सलाह होगी कि उपरोक्त किसी भी कारण से ग्राहक बता रहा हो कि उसका एलआईसी के पास कोई बकाया नहीं है, आपको वर्तमान में कारण की तलाश नहीं करना चाहिए। बल्कि आपकी प्रतिक्रिया इस प्रकार ही होनी चाहिए, ताकि ग्राहक को लगे कि एलआईसी से बेहतर अन्य कोई दूसरी संस्था नहीं है।

            अगर आपकी जगह मैं होता और ग्राहक का उपरोक्त उत्तर होता, तो मैं ग्राहक से कहता, "सर, भारतीय जीवन बीमा निगम एक ऐसी जीवन बीमा कंपनी है, जो अपने ग्राहक को पालिसी खरीदने से लेकर पालिसी के अंतिम भुगतान तक की सभी सुविधाये उसके घर पर प्रदान करती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जहां अन्य संस्थानों में खाता खोलने के लिए, खाते में पैसा जमा करने के लिए या पैसा निकालने के लिए एवं अन्य छोटे से छोटे कार्यों के लिए ग्राहक को संस्था तक जाना पड़ता है। वहीं पर एलआईसी के बहुत सारे ऐसे ग्राहक हैं, जिन्होंने एलआईसी से लम्बी अवधि की पालिसी खरीदी और उन्हें उनके जीवन बीमा पालिसी का अंतिम भुगतान भी मिल गया, लेकिन उन्होंने पूरी पालिसी अवधि में एलआईसी के किसी भी कार्यालय तक नहीं जाना पड़ा।"

            जब आप अपने ग्राहकों से यह बोलते हैं, तो आप उन्हें यह एहसास दिलाने का प्रयास करते हैं कि निगम अन्य वित्तीय संस्थानों की तुलना में ग्राहक के लिए कितना समर्पित है। आज जब ग्राहक को बैंको में खाता खोलने, पैसा निकालने और केवाईसी के लिए बार-बार बैंक के चककर लगाने पड़ते हैं, तो वही पर एलआईसी की सेवाएं कितनी सुविधाजनक है।

            ग्राहक की दूसरी प्रतिक्रिया

            जब आप आपके कार्यक्षेत्र में सर्वे के लिए घूम रहे होते हैं, तो यह जरुरी नहीं है कि आपकी मुलाकात हमेसा अनुकूल व्यक्ति से ही हो। अगर आप अपने जीवन बीमा कारोबार में सफल होना चाहते हैं, तो आपको खास तौर से इस बात पर अधिक फोकस करना चाहिए कि अगर आपकी मुलाकात किसी प्रतिकूल व्यक्ति से होती है, तो आप उसका सामना कैसे करेंगे और प्रतिकूल व्यक्ति के प्रभावों से खुद को कैसे बचायेंगे?

            तो इसका संक्षिप्त उत्तर यह है कि आपको प्रतिकूल ग्राहक के प्रतिक्रिया को ध्यान से सुनना चाहिए और कारणों का आकलन करना चाहिए और माहौल को सँभालने का प्रयास करना चाहिए। यहाँ पर आपको यह भी स्वीकार करना होगा कि एक प्रतिकूल ग्राहक के विचार हमेसा गलत हो, यह नहीं हो सकता। ठीक इसी तरह एक प्रतिकूल ग्राहक के विचार हमेसा सही हों यह भी नहीं हो सकता।

            अब जब आप कुछ लोगों से उपरोक्त प्रश्न पूछते हों, तो हो सकता है कि उनमे से कुछ लोगों का जवाब हो कि उन्हें एलआईसी से कुछ पैसे मिलने वाले थे, लेकिन एलआईसी ने उनके पैसों का भुगतान नहीं किया है। संभव है कि ऐसे ग्राहकों की नाराजगी का सामना भी आपको करना पड़े।

            एक ट्रेनर के तौर पर हमारी सलाह होगी कि आपको ग्राहकों की ऐसी किसी भी प्रतिक्रिया से आपको प्रभावित नहीं होना चाहिए और विचलित भी नहीं होना चाहिए। बल्कि माहौल को संभालने के लिए और ग्राहक को प्रभावित करने के लिए कोशिस करनी चाहिए और ऐसा करने के लिए आपको यह जानना जरुरी होगा कि ग्राहक के नाराजगी का वास्तविक कारण क्या हो सकता है?

            लोगों के द्वारा ऐसा कहना कि उनके पैसे एलआईसी के पास बकाया हैं, इसके दो कारण हो सकते हैं

            पहला कारण: ग्राहक को सिर्फ लग रहा हो कि उसकी पालिसी में सहभागिता हितलाभ का भुगतान होने वाला है। जबकि उसने एक एंडोमेंट टाइप पालिसी खरीदी हो।

            दूसरा कारण: वास्तव में ग्राहक का पैसा एलआईसी के पास बकाया हो और भुगतान न होने का कोई ठोस कारण हो।

            हमारी सलाह:

            एक सामान्य अभिकर्ता विचलित हो सकता है, लेकिन अगर आप मेरी माने तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका हो सकता है। आप ग्राहक के इस शिकायत की स्थिति जानने के लिए ग्राहक से उसका पालिसी नंबर मांग सकते हैं और अपने पास नोट कर सकते हैं। अब अगली बार जब आपको आपके शाखा कार्यालय जाना हो, तो ग्राहक के पालिसी का स्टेटस चेक करना चाहिए और भुगतान न होने के वास्तविक कारणों का पता लगाना चाहिए।

            ग्राहक के पालिसी की डिटेल अपने डेटाबेस में सेव कर लेना चाहिए और ग्राहक को उसका भुगतान दिलाने में मदद करनी चाहिए। अगर ग्राहक को ग़लतफ़हमी होती है तो उसको उसके पालिसी की जानकारी देनी चाहिए और संतुष्ट करने का प्रयास करना चाहिए।

            अभिकर्ता की तात्कालिक प्रतिक्रिया

            अगर मैं आपकी जगह होता और कोई ग्राहक मुझसे कहता कि एलआईसी में उसका कोई पैसा बकाया है तो मैं कहता, "सर, विश्वास कीजिये! मैं आश्चर्य चकित हूँ। मैंने बहुत सारे लोगों से सम्पर्क किया है और यह प्रश्न हर किसी से पूछा हूँ, लेकिन अधिकतम लोगों का कहना होता है कि एलआईसी ने मेरे पैसों का भुगतान मेरे बैंक खाते में जमा करा दिया है या कुछ लोग कहते हैं कि मेरे पालिसी में पालिसी अवधि के भीतर भुगतान होने का कोई प्रावधान नहीं है।"

            इसके आगे मैं कहता हूँ कि "सर, अगर आप उचित समझे तो मैं आपके पालिसी की जाँच करना चाहूंगा। ताकि मैं यह पता लगा सकूँ कि किन कारणों से निगम ने आपको आपका पैसा भुगतान नहीं किया है?"

            अब ग्राहक अपना पालिसी बांड अथवा पालिसी के प्रीमियम की रसीद दिखाता है। तो सर्वप्रथम पालिसी संख्या को चेक करके मैं यह सोचता हूँ कि क्या वास्तव में ग्राहक ने एक मनी बैक पालिसी खरीदी है या नहीं और अगर ग्राहक बोलता है कि उसने अपनी पालिसी से लोन के लिए अप्लाई किया है, तो क्या उसके पालिसी में लोन की सुविधा है या नहीं।

            अगर ग्राहक के पालिसी में ऐसा प्रावधान नहीं होता है तो ग्राहक के पालिसी बांड के नियमावली सेक्शन को दिखाकर मैं उसे संतुष्ट करने का प्रयास करता हूँ कि ग्राहक भ्रम में है और वह बेवजह एलआईसी के शाखा कार्यालय पर दोषारोपण कर रहा है।

            लेकिन अगर मुझे ग्राहक की शिकायत वास्तविक लगती है, तो उसका पालिसी नम्बर नोट करता हूँ और पैसो के भुगतान में उसकी सहायता करने का भरोषा दिलाता हूँ।

            ग्राहक से रिश्ते बेहतर करने का प्रयास

            किसी भी ग्राहक से उसका पालिसी नम्बर प्राप्त हो जाने के बाद, आपको उस पालिसी की सभी जानकारी व्यापक रूप से अपने पास नोट कर लेनी चाहिए। ताकि आप ग्राहक को प्रीमियम ड्यू इंटिमेशन और अन्य तरह के इंटिमेशन सेवाओं से जोड़ सकें।

            अगर आप ग्राहक को उसके भुगतान दिलाने का प्रयास कर रहे हों, तो आपको उसे यह जरूर एहसास कराना चाहिए कि आप बिना किसी लाभ के उसके लिए कार्य कर रहे हैं। जिसमे आपको बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। आपको ग्राहक से कहना चाहिए कि वह अपने किसी मित्र की पालिसी दिलाने में आपकी मदद करें।

            इसके साथ ही, जब भी आप उस ग्राहक से मिलें तो उसको यह एहसास दिलाने का प्रयास जरूर करने कि उसके द्वारा खरीदी गई पालिसी जरुरत से अधिक कम है। अतः उसको अपनी जरूरतों के मुताबिक पालिसी खरीदनी चाहिए।

            वीडियो में विस्तार से जाने

            इस लेख में दी गई जानकारी और अधिक विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई वीडियो को अंत तक ध्यान से देखिये। अगर इस संदर्भ में आपके कोई सवाल हों तो वीडियो के कमेंट बॉक्स में अपने सवाल लिखें।

            निष्कर्ष

            मेरे अजीज दोस्त, सर्वे फॉर्म आपके लिए सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, यह एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से आप अपने जीवन बीमा कारोबार को बेहतर बना सकते हैं। एलआईसी का सर्वे फॉर्म, एलआईसी एजेंटो के लिए सफलता प्राप्त करने का दरवाजा है। अतः आप इसके सभी सवालों को गंभीरता से समझें और खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करें।

            अब एलआईसी के सर्वे फॉर्म के अगले प्रश्न को और उसके प्रभावों को समझने के लिए निचे दिए हुए "अगला पेज" बटन पर क्लिक करें।