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यदि आप जीवन बीमा कारोबार से जुड़े हैं तो जीवन बीमा उद्योग में हो रहे वर्तमान बदलाव को देखकर, आप यह तो समझ ही गए होंगे कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कंपनी अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देकर, खुद से जोड़कर रखना चाहती है। ऐसे में, यदि आप लोकल स्तर पर अभिकर्ताओं के संघर्ष को ध्यान दें, तो हर अभिकर्ता दूसरे अभिकर्ता से संघर्ष कर रहा है ताकि वह अपना कारोबार बेहतर कर सके।

ऐसी स्थिति में, एलआईसी अभिकर्ताओं के लिए सर्वे फॉर्म, सफलता के दरवाजे खोलने वाला साबित हो रहा है। यह एक ऐसा माध्यम है जो एलआईसी अभिकर्ताओं को अवसर प्रदान करता है कि वह किसी भी व्यक्ति को बेहतर ढंग से समझ सकता है और उनके साथ एक गहरा भरोसे का रिश्ता विकसित कर सकता है।

जीवन बीमा बाजार के आज के इस लेख में हम सर्वे फॉर्म के छठवें प्रश्न, "क्या आपको एलआईसी के NACH सिस्टम की जानकारी है और आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं?", के बारे में विस्तार से जानेंगे कि आप इस एक प्रश्न की मदद से अपने कारोबार को कैसे बेहतर कर सकते हैं।

    NACH सिस्टम क्या है और यह क्यों जरुरी है

    NACH का पूरा नाम है- नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस, जिसे नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित किया जाता है। सरल शब्दों में कहें तो यह एक ऐसी सुविधा है, जिसके तहत पॉलिसीधारक अपने जीवन बीमा पॉलिसी की प्रीमियम अपने बैंक खाते में जमा करके रखता है। फिर एक निश्चित समय पर बैंक खाते से उसकी प्रीमियम स्वचालित रूप से कट जाती है और उसके जीवन बीमा पॉलिसी की प्रीमियम जमा हो जाती है।

    इसका मतलब यह है कि पॉलिसीधारक को अपने पॉलिसी की प्रीमियम जमा करने के लिए हर बार एजेंट, शाखा कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर जाने की जरुरत नहीं होती है। पॉलिसीधारक को सिर्फ एक बार अपने पॉलिसी के लिए NACH मैंडेट कराना होता है, इसके बाद एक निश्चित तिथि पर प्रीमियम स्वतः ही जमा होने लगती है।

    सबसे कमाल की बात यह है कि यह सुविधा न केवल पॉलिसीधारको के लिए उपयोगी है, बल्कि इसकी वजह से एलआईसी अभिकर्ताओं को भी लाभ होता है। क्योंकि इसकी वजह से पॉलिसी के लैप्स होने की संभावना बहुत कम हो जाती है और इस कार्य के लिए कलेक्शन फॉलो-अप का झंझट भी घट जाता है।

    सर्वे फॉर्म के छठवें प्रश्न का उदेश्य

    सर्वे के दौरान इस प्रश्न के जरिये आप अपने क्षेत्र के लोगों को डिजिटल पेमेंट सिस्टम से परिचित कराते हैं और इसके फायदे बताते हैं। सर्वे के दौरान आप भी पाएंगे कि आपके क्षेत्र के बहुत सारे लोगों को इस व्यवस्था के बारे में पता नहीं होता है और बहुत सारे ऐसे लोग भी आपसे मिलेंगे, जिन्हे यह प्रक्रिया काफी जटिल महसूस होती है।

    अब जब आप सर्वे के जरिये आपको यह प्रश्न लोगों को कुछ इस प्रकार समझाना चाहिए, ताकि सबसे पहले उन्हें इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम के बारे में सटीक जानकारी हो, दूसरा यह कि आप उनके इस भ्रम को दूर करें कि यह एक जटिल प्रक्रिया और तीसरा यह कि यदि वह इस सिस्टम से अपनी पॉलिसी को लिंक करते हैं तो उन्हें कैसे लाभ हो सकता है।

    क्योकि जब आप उपरोक्त में सफल होते हैं तो आपके क्षेत्र के लोगों के मन में यह विश्वास पैदा होता है कि एक प्रोफेशनल, जानकार एवं उनकी परवाह करने वाले अभिकर्ता है और यही विश्वास आपके लिए सफलता के दरवाजे खोल देता है।

    सर्वे फॉर्म का छठां प्रश्न: ग्राहक को NACH से लाभ

    सर्वे फॉर्म में शामिल अन्य प्रश्नो की तरह यह प्रश्न भी आपको बहुत ही सामान्य लग सकता है। पहली नजर में आप भी यह सोच सकते हैं कि भला इस प्रश्न से बीमा कारोबार कैसे बेहतर हो सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस प्रश्न के जरिये आप वास्तव में अपने बीमा कारोबार को बेहतर कर सकते हैं।

    हाँ यह जरूर है कि सर्वे शुरू करने से पहले आपको इस प्रश्न की ताकत समझनी होगी। आपको यह समझना होगा कि आप अपने क्षेत्र के लोगों से इस प्रश्न को पूछकर उन्हें कैसे प्रभावित कर सकते हैं। आप इस प्रश्न के संदर्भ में निम्नलिखित बातों को समझा सकते हैं।

    • नुकसान से बचत:

      जीवन बीमा पॉलिसी में पॉलिसीधारक को एक निश्चित समय पर प्रीमियम जमा करना बेहद जरुरी होता है। क्योंकि यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो प्रीमियम जमा करने के साथ ही उसको लेट फीस जमा करना पड़ता है। जिसके कारण उसे शुद्ध नुकसान होता है। क्योकि लेट फीस के ऊपर उसे कोई लाभ नहीं मिलता है।

      अब जब वह अपनी पॉलिसी को NACH सिस्टम से लिंक कर देता है, तो उसकी प्रीमियम समय पर अपने आप जमा हो जाती है। परिणाम स्वरुप उसे लेट फीस का नुकसान नहीं उठाना होता है।

    • समय की बचत:

      सामान्यतया पॉलिसीधारक अपनी प्रीमियम जमा करने के लिए एलआईसी के शाखा कार्यालय अथवा प्रीमियम पॉइंट पर जाता है, या फिर वह अपनी प्रीमियम एलआईसी एजेंट को देता है। इस प्रक्रिया में उसका समय नुकसान होता है। जबकि इस विधि से प्रीमियम जमा करने में उसे न ही कहीं जाने की जरुरत होती है और न ही किसी को प्रीमियम देना होता है। उसके बैंक खाते से स्वतः ही प्रीमियम जमा हो जाती है।

    • रिस्क कवर का लाभ:

      जीवन बीमा पॉलिसियों में रिस्क कवर का लाभ तभी मिलता है जब उस पॉलिसी के सभी प्रीमियम का भुगतान समय पर होता रहता है। कई बार, पॉलिसीधारक प्रीमियम की ड्यू डेट भूल जाता है, तो कई बार वह प्रीमियम का पैसा एजेंट को देता है लेकिन एजेंट समय पर प्रीमियम जमा नहीं करता। ऐसी स्थिति में मृत्यु दावा निरस्त होने का खतरा बना रहता है। जबकि इस सिस्टम के तहत प्रीमियम स्वतः ही जमा होती रहती है इसलिए बीमे का मूल लाभ (मृत्यु दावा) हमेसा सुरक्षित रहता है।

    • सुरक्षित एवं पारदर्शी प्रक्रिया:

      NACH सिस्टम एक सुरक्षित एवं पारदर्शी प्रक्रिया होती है। पॉलिसीधारक को एक ओर एलआईसी से प्रीमियम जमा होने की सुचना उसके ईमेल आईडी पर मेल के जरिये और मोबाइल पर मैसेज के जरिये प्राप्त होती है, तो वही पर दूसरी ओर बैंक से प्रीमियम का पैसा कटने की सुचना एसएमएस के जरिये मिलती है।

    सर्वे में जब आप अपने क्षेत्र के लोगों को यह जानकारी देते हैं, तो वह भले ही इस सिस्टम से अपनी पॉलिसियों को लिंक करें या न करें, वह यह जरूर महसूस करते हैं कि आपकी कोशिस उनके हित में है। आप बिना किसी स्वार्थ के उनका सहयोग कर रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप वह आपको अन्य दूसरे अभिकर्ताओं से अलग और बेहतर मानने लगते हैं।

    एजेंट के लिए इस प्रश्न के फायदे

    वैसे तो सर्वे फॉर्म का उपयोग, एक अभिकर्ता द्वारा अनजान लोगों से व्यवसायिक संबंध विकसित करने के लिए किया जाता है। लेकिन सर्वे फॉर्म का यह प्रश्न, जिसमे NACH के बारे में जानकरी देने के लिए बताया गया है, आपके अपने ग्राहकों के लिए भी बहुत अधिक उपयोगी है। यही कारण है कि आपके लिए हमारा सुझाव होगा कि NACH सिस्टम की जानकारी आपको अपने ग्राहकों को भी जरूर देनी चाहिए।

    यदि आप ऐसा करते हैं तो यह आपके ग्राहकों के लिए तो लाभप्रद होती ही है, लेकिन इसकी वजह से आपको भी लाभ होता है। आइये इसे विस्तार से समझते हैं।

    • पॉलिसी लैप्स नहीं होती:

      एलआईसी के बहुत सारे अभिकर्ताओं की सबसे बड़ी समस्या होती है कि उनकी अधिकतम पॉलिसियां लैप्स हो जाती हैं, जिसके कारण वह क्लब मेंबर नहीं बन पाते हैं। चुकी NACH सिस्टम में पॉलिसीधारक की प्रीमियम स्वतः ही उसके बैंक खाते से कट कर जमा हो जाती है, इसलिए पॉलिसी लैप्सेसन की समस्या समाप्त हो जाती है।

    • सर्विसिंग का बोझ कम होता है:

      पॉलिसीधारक जब अपने पॉलिसी की प्रीमियम मैनुअली जमा करता है, तब एक अभिकर्ता की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उसे प्रीमियम ड्यू से पहले अपने पॉलिसीधारक को याद दिलाना होता है कि वह अपने पॉलिसी की प्रीमियम समय से जमा करे। जबकि, NACH सिस्टम से जुड़ने के बाद आपको यह कार्य लगभग न के बराबर करना होता है।

    • प्रोफेशनल छवि का विकास:

      जब आप अपने पॉलिसीधारकों को या किसी भी व्यक्ति को इस सिस्टम के बारे में बताते हैं, तो भले ही वह अपनी जीवन बीमा पॉलिसी को NACH सिस्टम के लिए लिंक करे या न करे, वह यह तो जरूर सोचेगा कि आप बिना किसी स्वार्थ के उसके हित की बात कर रहे हैं और आपका यह प्रयास आपके प्रोफेशनल छवि का निर्माण करता है।

    • क्रॉस-सेलिंग के अवसर:

      आपका यह प्रयास ग्राहक से आपके संबंधो को मजबूत करता है और आप उनके हित को प्राथमिकता देते हैं, उनके मन में यह भरोषा पैदा करता है। आपके यह मजबूत संबंध और विश्वास, बाद में आपको बीमा विक्री के अवसर प्रदान करता है। आप अपने ग्राहकों का, उनके परिवार के सदस्यों का अथवा उनसे रिफरल लेकर उनके संबंधो में बीमा विक्री के अवसर प्राप्त करते हैं।

    सच तो यह है कि NACH सिस्टम की जानकारी देकर, आप अपनी एक ऐसी छवि का निर्माण करने का प्रयास करते है जिसे आधुनिक तकनिकी ज्ञान है और आप लोगों की और उनके लाभों की परवाह करते हैं।

    सर्वे फॉर्म के छठे प्रश्न हेतु व्यावहारिक सुझाव

    जब सर्वे के दौरान इस प्रश्न की बारी आती है, "क्या आपको एलआईसी के NACH सिस्टम की जानकारी है और आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं?", तो यह सिर्फ एक सवाल भर नहीं है, बल्कि एक एलआईसी अभिकर्ता के लिए लोगों का विश्वास जीतने का एक सुनहरा मौका है।

    यह तकनिकी से जुड़ा हुआ सवाल है और सामन्यतया लोग तकनिकी सवालों पर झिझक महसूस करते हैं। इसलिए यहाँ पर आपकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, इस प्रश्न के लिए आपका मुख्य कार्य होता है कि आप लोगों को बहुत ही आसान और उनके समझने योग्य भाषा में, इस विषय को समझाएं।

    कैसे पूछे यह सवाल

    सर्वे के दौरान इस प्रश्न को एक खानापूर्ति न बनायें, बल्कि प्रश्न को पूछते समय आपके शब्दों में अपनापन और मददगार अंदाज प्रभावी होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर आप इस सवाल को कुछ इस तरह से पूछ सकते हैं -

    "सर/मैडम, आजकल एलआईसी ने अपने पॉलिसीधारकों के लिए एक बहुत ही लाभप्रद व्यवस्था शुरू की है, जिसे NACH सिस्टम कहा जाता है। इसमें आपका प्रीमियम अपने आप एक निश्चित समय पर आपके बैंक खाते से कट जाता है और आपके पॉलिसी की प्रीमियम जमा हो जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि आपकी पॉलिसी कभी लैप्स नहीं होती और आपको आपके पॉलिसी के सभी लाभ मिलते रहते हैं। तो क्या आप इस जानकारी को प्राप्त करना चाहेंगे?"

    जब आप इस सवाल को कुछ इस तरह से रखते हैं तो लोग महसूस करते हैं कि आप उन्हें उनके फायदे के बारे में कुछ जानकारी देना चाहते हैं, न कि किसी पॉलिसी को खरीदने के लिए विवश करना चाहते हैं।

    NACH को सरल भाषा में समझाएं

    जब आप लोगों से उपरोक्त प्रश्न पूछते हैं और वह इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आपके लिए हमारा सुझाव होगा कि लोगों को समझाने के लिए तकनिकी शब्दों का प्रयोग न करें, बल्कि आप कुछ इस तरह समझा सकते हैं

    "सर/मैडम, NACH का मतलब है कि आपको अपने एलआईसी पॉलिसी की प्रीमियम जमा करने के लिए बार-बार एलआईसी के शाखा कार्यालय, आपके एजेंट अथवा ऑनलाइन पोर्टल पर जाने की जरुरत नहीं होती है। बल्कि एक बार आपको फॉर्म भरना होता है, इसके बाद समय पर प्रीमियम अपने आप बैंक खाते से कट जाएगी।

    यह सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित होता है, क्योकि यह सिस्टम NPCI के द्वारा ही चलाया जाता है। यह वही संस्था है जो UPI एवं आधार भुगतान को संभालती है।"

    इसके बाद आप लोगों को इसके दो लाभों को बता सकते हैं। पहला यह कि अगर पॉलिसी NACH सिस्टम से लिंक होती है तो पॉलिसीधारक को प्रीमियम ड्यू याद रखने की जरुरत नहीं होगी, समय पर प्रीमियम अपने आप जमा हो जाएगी। दूसरी यह कि पैसों की लेन-देन सीधे बैंक खाते और एलआईसी के बीच होती है, तो किसी बिचौलिए की जरुरत नहीं पड़ती।

    निष्कर्ष:

    एलआईसी अभिकर्ता के रूप में आपकी सफलता का वास्तविक आधार यह नहीं है कि आप कितना बेहतरीन ज्ञान रखते हैं, बल्कि यह है कि आप अपनी बातों को सरलतम तरीके से लोगों को कैसे समझा पाते है।

    सर्वे फॉर्म का यह प्रश्न न सिर्फ सर्वे के लिए उपयोगी है बल्कि इस एक प्रश्न से आप अपने पुराने पॉलिसीधारकों को भी अपडेट कर सकते हैं। यह आपके पॉलिसीधारकों के लिए भी उपयोगी है और आपके लिए भी।

    याद रखिये, वर्तमान में अगर आप जीवन बीमा क्षेत्र का विश्लेषण करें तो आप यह पाएंगे कि जो अभिकर्ता अपने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान देता है, वही भविष्य में सफल अभिकर्ता बनता है।