awareness लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
awareness लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

25 अक्टूबर 2025

   

गलत इंश्योरेंस पॉलिसी से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका

Read in English »

कई बार, हम बिना पूरी जाँच-पड़ताल किए बीमा पॉलिसी खरीद लेते हैं। हम एजेंट की सलाह, बैंक शाखा की सिफ़ारिश या ऑफ़र के आधार पर "हाँ" कह देते हैं और बाद में पता चलता है कि पॉलिसी हमारे लिए सही नहीं है। फिर क्या? जब आप सोच रहे हों कि इस स्थिति से कैसे बाहर निकलें, तो आपके पास एक बहुत ही आसान सा अधिकार है—फ्री लुक पीरियड। क्या आपको पता है कि आपके पास यह अधिकार है? आइये इसको जानते हैं...

    मिस-सेलिंग क्या है और यह कैसे होती है

    इंश्योरेंस मिस-सेलिंग का मतलब है कि पॉलिसी बेचते समय आपको पूरी और सटीक जानकारी नहीं दी जाती या आपको ऐसा उत्पाद बेचा जाता है जो आपकी ज़रूरतों को पूरा नहीं करता। उदाहरण के लिए,

    • एजेंट ने पॉलिसी के महत्वपूर्ण अपवादों का खुलासा नहीं किया।
    • बैंक शाखा के माध्यम से पॉलिसी बेची गयी लेकिन उसमें फायदे कम-नुकसान अधिक थे।
    • आपको पॉलिसी केवल "इक्विटी रिटर्न" या "आकर्षक लाभ" दिखाकर बेची गई थी।

    ऐसी स्थिति में, आप एक "गलत इंश्योरेंस पॉलिसी" के जाल में फँस सकते हैं - जिससे बचने का मुख्य उपाय यह है कि पॉलिसी खरीदने के तुरंत बाद उसके दस्तावेज़ों को अच्छी तरह से पढ़ें और समझें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप ऐसी गलत विक्री में बुरी तरह फंस सकते हैं और जिससे बाद में निकलना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।

    “फ्री लुक पीरियड” की परिभाषा और अवधि

    फ्री-लुक पीरियड का अर्थ है, पॉलिसी प्राप्ति के बाद का वह समय, जिसके दौरान आप उसकी समीक्षा कर सकते हैं और तय कर सकते हैं कि यह आपके लिए सही है या नहीं।

    भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के अनुसार, जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए यह अवधि न्यूनतम 15 दिन और ई-पॉलिसी या दूरस्थ-आधारित पॉलिसियों के लिए अधिकतम 30 दिन हो सकती है।

    यह सुविधा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर भी लागू होती है, यदि पॉलिसी अवधि कम से कम तीन वर्ष है। बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 के बाद जारी पॉलिसियों के लिए नियमित तौर पर 30 दिन का फ्री लुक पीरियड लागू हुआ है।

    इस प्रकार यह अवधि आपको यह “सत्यापित करने का मौका” देती है कि पॉलिसी वास्तव में वैसी ही है जैसा आपको समझाया गया था।

    फ्री लुक पीरियड का लाभ उठाने की प्रक्रिया

    आप सोच रहे होंगे कि जरुरत पड़ने पर इस अधिकार का उपयोग कैसे किया जा सकता है? आइए इस सरल प्रक्रिया को समझते हैं:

    • जैसे ही आपको पॉलिसी बांड प्राप्त होता है, उसे तुरंत पढ़े। खासतौर से पॉलिसी के नियमों के अनुसार रिस्क कवर, एक्सक्लूज़न, प्रीमियम भुगतान शर्तें ध्यान से पढ़े।
    • यदि आपको लगता है कि पॉलिसी आपकी ज़रूरतों को पूरा नहीं करती, उदाहरण के लिए, विक्री के समय जैसा बताया गया था वैसा नहीं है, तो पॉलिसी बांड के प्राप्ति की तारीख से फ्री लुक पीरियड के भीतर ही पॉलिसी को रद्द करने के लिए सम्बंधित शाखा कार्यालय में लिखित अनुरोध करें।
    • सम्बंधित शाखा कार्यालय में मूल पॉलिसी बांड, प्रीमियम की रसीद और आपके बैंक खाते का विवरण जमा करें। ध्यान रहे: जमा करने से पूर्व सभी दस्तावेजों की छाया प्रति अपने पास सुरक्षित रखें और शाखा कार्यालय में दस्तवेजो को जमा करने का प्रमाण पत्र (रिसीविंग) जरूर प्राप्त करें।
    • जीवन बीमा कंपनी आपके अनुरोध का अवलोकन करेगी और प्रक्रिया को पूर्ण होते ही आपके बैंक खाते में, आपकी जमा राशि वापस कर देगी। नीचे अगले सेक्शन में बताया गया है कि कैसे।

    यह प्रक्रिया सरल है और आपका समय बचाती है तथा वित्तीय नुकसान को कम करती है।

    रिफंड और खर्च कटौती की व्याख्या

    आपके लिए यह जानना बेहद जरुरी है कि यदि आप फ्री लुक पीरियड के भीतर पॉलिसी को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं, तो आपको क्या भुगतान मिलेगा और क्या काटा जाएगा? आइये इसे समझते हैं-

    • अगर आपने इस अवधि के दौरान कोई दावा दायर नहीं किया है, तो आप अपना प्रीमियम वापस पा सकते हैं।
    • हालाँकि, कुछ कटौतियाँ लागू होती हैं, जैसे:
      • चिकित्सा जाँच का खर्च
      • स्टाम्प ड्यूटी या पॉलिसी जारी करने का खर्च।
      • अगर पॉलिसी का जोखिम कवरेज पहले ही शुरू हो चुका है, तो कवरेज अवधि के लिए आनुपातिक प्रीमियम वसूला लिया जा सकता है।

        उदाहरण के लिए: मान लीजिये कि मूल पॉलिसी बांड प्राप्ति के 10 दिनों के बाद, आप पॉलिसी रद्द करने के लिए आवेदन करते हैं। तो उस तात्कालिक तिथि तक, पॉलिसी से आपको रिस्क कवर का लाभ मिल रहा था, अतः उस तिथि तक जोखिम प्रीमियम कटौती किया जा सकता है।

    तरीका सरल है: जैसे ही आपको कोई कठिनाई आए, प्रक्रिया शुरू कर दें। क्योंकि, ये अधिकार फ्री लुक पीरियड समाप्त होने के बाद समाप्त हो जाता है।

    किन पॉलिसियों पर लागू है और किन पर नहीं

    इससे पहले की आप इस प्रक्रिया के लिए अपने कदम बढ़ाएं, आपको यह जानना भी बेहद जरुरी है कि "फ्री लुक पीरियड" का नियम किन पॉलिसियों के लिए लागू होता है और किन पॉलिसियों के लिए नहीं। आइये इस बारे में जानते हैं-

    • जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए यह अनिवार्य रूप से लागू होता है।
    • यह स्वास्थ्य पॉलिसियों पर तभी लागू होता है जब पॉलिसी अवधि कम से कम तीन वर्ष हो।
    • सामान्य बीमा, जैसे- वाहन, घर आदि के बीमे में आमतौर पर यह सुविधा प्रदान नहीं करते हैं। इसलिए सामान्य बीमा की पॉलिसी खरीदते समय कृपया इसकी जाँच कर लें।
    • यदि आप अपनी किसी बंद पड़ी पॉलिसी को पुनः चालू (रिवाइव) कराते हैं, तो ऐसी पॉलिसियों के लिए भी यह नियम लागू नहीं होता है।

    इसलिए, पॉलिसी खरीदते समय तुरंत जाँच लें कि आपके द्वारा खरीदी गई योजना इस अधिकार के अंतर्गत आती है या नहीं।

    IRDAI की भूमिका और उपभोक्ता अधिकार

    भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने यह सुविधा पूरी तरह से लागू कर दी है ताकि बीमा उपभोक्ताओं को "गलत इंश्योरेंस पॉलिसी" की बिक्री से बचाया जा सके।

    IRDAI (पॉलिसीधारक पोर्टल) के अनुसार, बीमाकर्ता की ज़िम्मेदारी है कि वह पॉलिसी बांड प्राप्त होने पर, पॉलिसीधारक को सूचित करे कि उनके पास एक फ्री लुक पीरियड उपलब्ध है।

    यहाँ पर आईआरडीए ने उपभोक्ताओं को यह अधिकार दिया है यदि उन्हें बीमा कंपनी, उसके एजेंट अथवा अन्य के द्वारा पॉलिसी की सही जानकारी नहीं दी गई हो, तो वह पॉलिसी बांड प्राप्त होने के बाद से फ्री लुक पीरियड के भीतर पॉलिसी को निरस्त करवा सकते हैं। आईआरडीए का यह प्रयास “इंश्योरेंस कंज्यूमर राइट्स” को मजबूत बनाता है।

    आईआरडीए द्वारा बनाया गया यह नियम बाध्य करता है कि बीमा एजेंट और कंपनियां उपभोक्ताओं के साथ पारदर्शी व्यवहार करें।

    सजग ग्राहक के लिए सीख

    क्या करें-

    • पॉलिसी बांड प्राप्त होते ही उसे तुरंत पढ़ें। मुख्य रूप से यह देखें कि पॉलिसी बांड में कवरेज, बहिष्करण, प्रीमियम की शर्तें क्या है?
    • अगर आपको कुछ समझ न आए, तो एजेंट अथवा बीमा कंपनी से तुरंत पूछताछ करें।
    • पॉलिसी बांड प्राप्त होने की तारीख नोट कर लें, क्योकि तभी से फ्री लुक पीरियड शुरू होती है।
    • अगर आपको पॉलिसी की ज़रूरत नहीं है, तो फ्री-लुक अवधि के दौरान लिखित अनुरोध जमा करें।
    • रिफ़ंड प्रक्रिया और कटौतियों के बारे में पहले से पता कर लें।

    क्या न करें-

    • "अतिरिक्त लाभ" या "बहुत कम प्रीमियम" के लालच में आकर, बिना पढ़े पॉलिसी न खरीदें।
    • पॉलिसी बांड प्राप्त करने के तुरंत बाद, इसे तुरंत पढ़ने पर विचार करें - हो सकता है कि बाद में आपके पास फ्री लुक अवधि का लाभ उठाने का समय न बचे।
    • एजेंट द्वारा दी गई जानकारी पर पूरी तरह भरोसा करके तुरंत हस्ताक्षर न करें - स्वयं जाँच लें।
    • फ्री लुक पीरियड के बाद वापसी की उम्मीद न करें।
    • यदि पॉलिसी आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं है, तो वर्षों तक प्रीमियम का भुगतान करने की जहमत न उठाएँ - शुरुआत में ही सही कदम उठाएँ।

    निष्कर्ष

    अगर आप जागरूक हैं, तो कोई भी आपको गलत पॉलिसी नहीं बेच सकता। फ्री-लुक पीरियड एक सरल और शक्तिशाली अधिकार है जिसे आपको हर बीमा पॉलिसी के साथ याद रखना चाहिए। सही पॉलिसी चुनना आपकी ज़िम्मेदारी है और यह अधिकार आपको "गलत इंश्योरेंस पॉलिसी" से मुक्त कर सकता है, बिना किसी बड़े नुकसान के।

    आज ही पॉलिसी दस्तावेज़ खोलें, उसे पढ़ें, समझें और अगर कुछ सही न लगे, तो अपने विकल्प का इस्तेमाल करें। एक समझदार ग्राहक वह होता है जो पहले सोचता है, फिर खरीदता है।

    05 सितंबर 2021

       

    भारत की सर्वश्रेष्ठ जीवन बीमा कंपनी

    भारत की सर्वश्रेष्ठ जीवन बीमा कंपनी
    Read in English »

    भारत में जीवन बीमा कंपनियों के लिए एक बड़ा खुला बाजार है। यही वजह है कि दुनिया की तमाम कंपनियां भारत में कारोबार करने की कोशिश कर रही हैं। आज भारत में 26 जीवन बीमा कंपनियां काम कर रही हैं।

    अगर आप कोई नई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए विचार कर रहे है, तो आपके लिए कौन सी जीवन बीमा कंपनी सबसे बेहतर होगी और क्यों? जीवन बीमा बाजार के इस लेख में, विस्तार से बताया जा रहा है।

    अगर आप किसी जीवन बीमा कंपनी के साथ जुड़कर बतौर एक अभिकर्ता के रूप में जीवन बीमा कारोबार शुरू करना चाहते है। तो आपके लिए कौन सी जीवन बीमा कंपनी सबसे बेहतर होगी और क्यों? यह जानकारी भी इस लेख में प्रस्तुत किया जा रहा है।

      आईआरडीए क्या है

      यदि आप भारत में जीवन बीमा कंपनियों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो इसके लिए सबसे पहले इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी IRDA के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। तो आइए समझते हैं क्या है यह IRDA?

      भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना भारत में वित्तीय संस्थानों जैसे बैंक, डाकघर, जीवन बीमा, आदि की देखरेख के लिए की गई थी। लेकिन बाद में आने वाली समस्याओं को देखते हुए और भारतीय रिजर्व बैंक के बोझ को कम करने के लिए, भारत सरकार 1999 में IRDA की स्थापना की। IRDA की स्थापना संसद के एक अधिनियम, IRDA एक्ट 1999 द्वारा की गई है।

      IRDA को इरडा के नाम से भी जाना जाता है। जबकि IRDA का पूरा नाम बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण है।

      IRDA का कार्य क्या है

      भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना बैंकिंग क्षेत्र के संचालन और सुरक्षा के लिए किया गया था। ठीक इसी तरह से, बीमा व्यवसाय को सुचारू रूप से संचालित करने और उसकी रक्षा करने के लिए IRDA की स्थापना की गई है।

      लेकिन आईआरडीए का काम सिर्फ इतना ही नहीं है। भारतीय समाज को बीमा व्यवसाय में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने का कार्य भी आईआरडीए द्वारा किया जाता है। कोई भी बीमा कंपनी, यदि भारत में बीमा व्यवसाय करना चाहती है, तो उस बीमा कंपनी को आईआरडीए से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। आईआरडीए द्वारा प्रमाणित हो जाने के बाद ही कोई जीवन बीमा कंपनी भारत में अपना कारोबार कर सकती है।

      यदि कोई बीमा कंपनी IRDA द्वारा प्रमाणित है और अपना व्यवसाय कर रही है। अगर ऐसी कंपनी ग्राहकों के लिए कोई नया उत्पाद लॉन्च करना चाहती है, तो वह अपने दम पर कोई नया उत्पाद लॉन्च नहीं कर सकती है।

      कंपनी को अपने उत्पाद के बारे में सारी जानकारी IRDA को बतानी होती है। अगर IRDA को लगता है कि उत्पाद ग्राहकों के हित में है। तभी वह उत्पाद भारतीय बाजार में उतारा जाता है।

      यदि आईआरडीए के महत्व को संक्षेप में समझाया जाए तो यह कहा जा सकता है कि आईआरडीए का मूल कार्य भारतीय नागरिकों को जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए बीमा व्यवसाय को बढ़ाने का प्रयास करना है। दूसरी ओर, किसी भी भारतीय नागरिक को बीमा संबंधी व्यवसाय में होने वाले नुकसान से बचाना भी IRDA का मूल कार्य है।

      बीमा कारोबार में पारदर्शिता

      भारतीय नागरिकों को बीमा व्यवसाय में होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिए पूर्ण पारदर्शिता लाने का मुख्य कार्य IRDA द्वारा किया जाता है। बीमा व्यवसाय को मूल रूप से तीन भागों में बांटा गया है। जीवन बीमा व्यवसाय, साधारण बीमा व्यवसाय और स्वास्थ्य बीमा व्यवसाय।

      इन तीनों व्यवसायों में पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए आईआरडीए द्वारा संभावित प्रयास किए जाते हैं। प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत के बाद भारत में सभी बीमा कंपनियां कैसे चल रही हैं, किस बीमा कंपनी का नया व्यवसाय कैसा है, नवीनीकरण व्यवसाय कैसा है, बीमा कंपनियां विभिन्न प्रकार के दावों का भुगतान कैसे कर रही हैं आदि, सभी जानकारी आईआरडीए द्वारा इनकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जारी की जाती है। ताकि कोई भी भारतीय नागरिक पूरी जानकारी प्राप्त कर अपने लिए बेहतरीन बीमा कंपनी और बीमा पॉलिसी चयन कर सके।

      इसीलिए, जीवन बीमा बाज़ार पर इस लेख के लिए, हमने IRDA द्वारा प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट को आधार बनाया है। जिसे IRDA ने 23 दिसंबर 2024 को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट किया है।

      बेहतरीन जीवन बीमा कंपनी चयन

      यदि आप अपने लिए एक नई बीमा पॉलिसी खरीदना चाहते हैं या जीवन बीमा कंपनी के एजेंट के रूप में काम करना चाहते हैं। तो आपके लिए हमारी यही राय होगी कि आपको कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करना चाहिए।

      आपको सबसे पहले यह देखना चाहिए वह जीवन बीमा कंपनी कितनी मजबूत है और इसका आकलन उस कंपनी के ऐसेट वैल्यू और लाइफ फंड वैल्यू के आधार पर किया जा सकता है। क्योंकि यदि कोई कंपनी वित्तीय तौर पर मजबूत नहीं है, तो ऐसी परिस्थिति में उस कंपनी के दिवालिया होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है।

      जब आप अपने लिए एक बेहतरीन जीवन बीमा कंपनी का चुनाव कर रहे हो। फिर आपको सभी बीमा कंपनियों के नए व्यवसाय के बारे में सावधानीपूर्वक शोध करना चाहिए। क्योंकि जो कंपनी वर्तमान में अच्छा व्यवसाय कर रही है, उस कंपनी के भविष्य में भी मजबूत बने रहने की संभावना ज्यादा बनी रहती है।

      जब आप अपने लिए सर्वश्रेष्ठ जीवन बीमा कंपनी का चयन कर रहे हों। तब आपको उस कंपनी के दावों के भुगतान को ध्यान से देखना चाहिए। ऐसा करने से आपको पता चल जाता है कि वह जीवन बीमा कंपनी अपने ग्राहकों को मृत्यु दावा, मैच्योरिटी दावा, सरेंडर दावा और दूसरे सभी प्रकार के दावों का भुगतान किस प्रकार से करती है।

      भारतीय जीवन बीमा कंपनियों की लिस्ट

      आज दिनांक 25 अक्टूबर 2025 को हमने IRDA की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट किया। यहाँ पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, आज भारत में कुल 26 जीवन बीमा कंपनियां, जीवन बीमा कारोबार कर रही हैं। जिसमें सरकारी क्षेत्र में केवल एक जीवन बीमा कंपनी है, जिसका नाम "भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)" है। अन्य 25 कंपनियां निजी क्षेत्र की हैं। आइए अब हम सभी भारतीय जीवन बीमा कंपनियों के नाम जानते हैं।

      • अवीवा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी इंडिया लिमिटेड
      • आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • आदित्य बिड़ला सनलाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • एको लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड
      • एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड
      • एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • एजस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • एडेलवाइस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • क्रेडिट एक्सेस लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड
      • गो डिजिट लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड
      • टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • फ्यूचर जनराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • बंधन लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड
      • बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • भारतीय जीवन बीमा निगम
      • रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
      • स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड

      सर्वश्रेष्ठ बीमा कंपनी कैसे खोजें

      यदि आप भारत में सर्वश्रेष्ठ जीवन बीमा कंपनी के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपको IRDA की आधिकारिक वेबसाइट की मदद लेनी चाहिए। IRDA प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में सभी बीमा कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। इस आधार पर आप जान पाएंगे कि आपके लिए सबसे अच्छी जीवन बीमा कंपनी कौन सी होगी?

      दिसंबर 23, 2024 को IRDA ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट पेश की है। यह रिपोर्ट पीडीएफ फाइल के रूप में उपलब्ध है। आपकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए जीवन बीमा बाजार उस पीडीएफ फाइल को आपके साथ साझा कर रहा है। आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

      प्रतीक्षा करें...
      डाउनलोड करें

      एलआईसी सबसे विश्वसनीय और सुरक्षित विकल्प क्यों है

      यदि आपने ऊपर दिए गए लिंक से पीडीएफ डाउनलोड कर ली है, तो उसे देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि आपके लिए कौन-सी जीवन बीमा कंपनी सबसे बेहतर होगी। फिर भी, अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कहना चाहूंगा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC of India) आज भी जीवन बीमा लेने या एजेंट के रूप में करियर शुरू करने के लिए सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित विकल्प है।

      इसके कई मजबूत कारण हैं

      • सबसे पहले, एलआईसी एक सरकारी संस्था है जो वर्ष 1956 से भारत में कार्यरत है। यानी इसे जीवन बीमा क्षेत्र का सबसे व्यापक अनुभव प्राप्त है।
      • दूसरा, एलआईसी की एसेट वैल्यू 38 लाख करोड़ रुपये से अधिक और लाइफ फंड 34 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह आंकड़े इसे अन्य सभी कंपनियों की तुलना में अत्यंत मजबूत बनाते हैं। कमजोर बीमा कंपनियों के मुकाबले एलआईसी में दिवालिया होने का जोखिम नगण्य है।
      • तीसरा कारण है कि एलआईसी हर साल नए व्यवसाय और क्लेम सेटलमेंट दोनों में अग्रणी रहती है। यह कंपनी न केवल सबसे अधिक बीमा दावे चुकाती है, बल्कि सबसे ज्यादा राशि भी देती है।
      • और सबसे महत्वपूर्ण बात — एलआईसी की हर योजना भारतीय समाज की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। इसलिए चाहे आप नई पॉलिसी लेना चाहें या बीमा एजेंट के रूप में अपना भविष्य बनाना, भारतीय जीवन बीमा निगम आपके लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प साबित हो सकता है।

      वीडियो देखें: भारत की सर्वश्रेष्ठ जीवन बीमा कंपनी कैसे चुनें

      यदि आप यह सोच रहे हैं कि कौन सी जीवन बीमा कंपनी आपके लिए सही है, तो यह वीडियो अवश्य देखें। इसमें बताया गया है कि सही जानकारी और सही दृष्टिकोण से कैसे लिया गया निर्णय भविष्य को सुरक्षित बना सकता है।

      निष्कर्ष

      अंत में यही कहा जा सकता है कि भारत में कई जीवन बीमा कंपनियाँ कार्यरत हैं, लेकिन सही कंपनी का चयन तभी संभव है जब आप उसकी वित्तीय स्थिरता, ग्राहक सेवा, दावा निपटान अनुपात और विश्वसनीयता को ध्यान में रखें। सूझबूझ से किया गया चयन न केवल सुरक्षा देता है बल्कि भविष्य को भी मजबूत बनाता है।