एलआईसी में मृत्यु दावा हेतु आवेदन पत्र



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आधुनिक भारतीय समाज में भी बहुत सारे ऐसे परिवार हैं। जिसमें कमाने वाला परिवार का कोई एक सदस्य ही होता है। परिवार के उस सदस्य के ऊपर, दूसरे सभी सदस्यों की जिम्मेदारियां होती हैं। ऐसे में यदि कमाई करने वाले उस सदस्य की मृत्यु हो जाती है। तब उस परिवार के सामने बहुत बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है।

परिवार को इस प्रकार के आर्थिक संकट से बचाने के लिए, कमाने वाला व्यक्ति अपने जीवन पर जीवन बीमा पॉलिसी खरीद लेता है। कमाने वाला व्यक्ति अपने जीवन पर जितनी रकम की जीवन बीमा पॉलिसी खरीदता है। यदि कमाई करने वाले उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तब जीवन बीमा कंपनी उसके परिवार को बीमे की रकम का भुगतान कर देती है। मृत्यु के उपरांत पैदा होने वाले आर्थिक संकट को बचाने के लिए, जीवन बीमा पॉलिसियों के मृत्यु दावे का भुगतान काफी सहायक सिद्ध होता है।

बीमाधारक जरूर करें यह काम

मैं यह जानता हूँ मृत्यु की कल्पना करना भी बहुत ज्यादा कठिन होता है। ऐसे में मृत्यु के संदर्भ में बातें करना एवं उसके परिणामों के प्रति जागरूक करना काफी कठिन और मन को दुखी करने वाला कार्य है। लेकिन फिर भी यदि आप एक पॉलिसी धारक हैं, तब आपको अपने परिवार के सदस्यों को जीवन बीमा पॉलिसी के मृत्यु दावे के संदर्भ में जानकारी देना बहुत अधिक आवश्यक है।

यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मृत्यु के उपरांत, जब मृत्यु दावे की जरूरत होती है। उस समय परिवार का मुखिया अपने परिवार के साथ नहीं होता है और जिस परिवार को मृत्यु दावे की प्रक्रिया का पता नहीं है, अक्सर ऐसे परिवारों को जीवन बीमा कंपनियों से मृत्यु दावा प्राप्त करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कभी-कभी पॉलिसी के दावेदार के द्वारा कुछ ऐसी छोटी-छोटी गलतियां भी हो जाती हैं। जिसकी वजह से मृत्यु दावे के भुगतान में या तो देरी होती है, कुछ परिस्थितियों में मृत्यु दावे का क्लेम रुक भी जाता है। अतः एक बार फिर मैं आपसे कहूंगा कि यदि आप एक पॉलिसी धारक हैं, तब मृत्यु दावे के संदर्भ में सभी जानकारी अपने परिवार के दूसरे सदस्य को जरूर दें।

जीवन बीमा पॉलिसी में मृत्यु दावा का क्या आशय है

जीवन बीमा पॉलिसियों में मृत्यु दावा (डेथ क्लेम) का अर्थ उस राशि से होता है जो बीमाधारक की मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी को बीमा कंपनी से प्राप्त होता है। पालिसी अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु होने पर, पॉलिसी में घोषित नॉमिनी को पॉलिसी की शर्तो के अनुसार यह राशि प्राप्त करने का अधिकार होता है, बशर्ते की बीमाधारक के मृत्यु के समय पॉलिसी पूरी तरह से इन्फोर्स स्थिति में होनी चाहिए। इस राशि को प्राप्त करने की प्रक्रिया को ही जीवन बीमा के क्षेत्र में मृत्यु दावा (डेथ क्लेम) कहते हैं।

डेथ क्लेम की प्रक्रिया:

बीमाधारक की मृत्यु होने के तत्काल बाद, पॉलिसी में घोषित नॉमिनी को चाहिए कि वह जीवन बीमा कंपनी को लिखित रूप में इस घटना के बारे में सूचित करे। बीमाधारक के मृत्यु की लिखित सुचना के तुरंत बाद, बीमा कंपनी पॉलिसी के मृत्यु दावे के संबंध में जरुरी दस्तावेज और अन्य गाइड लाइन जारी करती है। आइये इसके बारे में समझते हैं:

मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना

बीमाधारक की मृत्यु के तुरंत बाद, नामांकित व्यक्ति को बीमाधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करना चाहिए। इसके बाद, उसे बीमाधारक की मृत्यु के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए एक आवेदन लिखना चाहिए। अब इस आवेदन और मृत्यु प्रमाण पत्र को शाखा कार्यालय में जमा करना चाहिए।

मृत्यु सूचना आवेदन

यदि आप भारतीय जीवन बीमा निगम के एजेंट हैं या आप नामांकित व्यक्ति हैं और आपको बीमाधारक की मृत्यु के बारे में एलआईसी को सूचित करने के लिए एप्लीकेशन की आवश्यकता है, तो आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।

एलआईसी में मृत्यु दावे की जानकारी के लिए आवेदन 4.1 MB

मृत्यु दावा फॉर्म भरना

जब आप बीमाधारक की मृत्यु की जानकारी अपनी जीवन बीमा कंपनी को देते हैं, तो बीमा कंपनी आपको मृत्यु दावे से संबंधित कुछ फॉर्म देती है। आपके जीवन बीमा कंपनी के द्वारा दिए हुए इस तरह के सभी फॉर्म को मृत्यु दावा फॉर्म कहते हैं। नामांकित व्यक्ति के लिए यह फॉर्म भरकर बीमा कंपनी को जमा करना अनिवार्य होता है।

एलआईसी के लिए मृत्यु दावा फॉर्म कैसे भरें

यदि आप भारतीय जीवन बीमा निगम के विभिन्न प्रकार के मृत्यु दावा फॉर्म भरने के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह जानकारी हमारी वेबसाइट के विभिन्न लेखों के माध्यम से प्रस्तुत की जा रही है। आप इस पेज के नीचे दिए गए नेक्स्ट पेज बटन पर क्लिक करके ऐसी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अन्य दस्तावेजों का प्रस्तुतीकरण

जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए मृत्यु दावा प्रक्रिया में कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है जैसे फोटो पहचान पत्र, निवास का प्रमाण, परिवार रजिस्टर की फोटोकॉपी, अस्पताल की रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि।

बीमा कंपनी द्वारा सत्यापन

एक बार जब नॉमिनी द्वारा सभी मृत्यु दावा फॉर्म और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए जाते हैं, तो जीवन बीमा कंपनी इन दस्तावेजों का सत्यापन करती है और सुनिश्चित करती है कि मृत्यु दावे से संबंधित सभी शर्तें पूरी हो गई हैं और धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं है।

मृत्यु दावा निपटान

जाँच के बाद, बीमा कंपनी मृत्यु दावे का भुगतान कर देती है। इस धनराशि में बीमा पॉलिसी के बीमाधन के साथ बोनस और अन्य लाभ भी शामिल हो सकते हैं, जो खरीदी गई पॉलिसी के प्रकार और शर्तो पर निर्भर करते हैं।

मृत्यु दावे में प्राप्त राशि

जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते समय बीमा कंपनी और पॉलिसीधारक के बीच यह तय होता है कि पॉलिसीधारक की मृत्यु पर बीमा कंपनी उसके नॉमिनी को कितनी राशि देगी और अन्य शर्तें क्या होंगी? पॉलिसी जारी करते समय यह भी तय होता है कि खरीदी गई पॉलिसी के तहत बताए गए लाभ पाने के लिए पॉलिसीधारक को कितना प्रीमियम देना होगा।

आमतौर पर पॉलिसीधारक की मृत्यु पर उसके नॉमिनी को मिलने वाली राशि को बीमित राशि कहते हैं। पॉलिसी के नियमों के अनुसार, कई बार बीमा कंपनी बीमित राशि के साथ बोनस और अंतिम अतिरिक्त बोनस भी दे सकती है।

वीडियो में विस्तार से जाने

इस लेख में दी गई जानकारी और अधिक विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई वीडियो को अंत तक ध्यान से देखिये। अगर इस संदर्भ में आपके कोई सवाल हों तो वीडियो के कमेंट बॉक्स में अपने सवाल लिखें।

वीडियो जल्द ही उपलब्ध होगी