जीवन बीमा पॉलिसी में दस्तावेजों की जांच एवं सुधार



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आज की भागदौड़ भरी दुनिया में जीवन बीमा पॉलिसी खरीदना एक बहुत ही समझदारी भरा कदम है। यह न केवल आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करता है बल्कि आपके परिवार को उनके मुश्किल समय में सहारा भी देता है। लेकिन क्या आपने कभी अपने और अपने परिवार के दस्तावेजों को ध्यान से देखा है? क्या आपके और आपके परिवार के सभी सदस्यों के दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पास बुक, ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल सर्टिफिकेट आदि सही हैं या नहीं?

अगर नहीं, तो आपको जल्द से जल्द इन सभी दस्तावेजों की जांच कर लेनी चाहिए। अगर इन दस्तावेजों में गलतियां हैं और खासकर नाम और जन्मतिथि से जुड़ी गलतियां हैं, तो यह आपको और आपके परिवार के सदस्यों को कई वित्तीय और कानूनी मामलों में परेशानी में डाल सकती हैं। मृत्यु दावे के मामलों में यह समस्या और भी जटिल हो सकती है।

तो जीवन बीमा बाज़ार के इस लेख में हम जानेंगे कि विभिन्न वित्तीय मामलों में दस्तावेजों की सटीकता क्यों महत्वपूर्ण है और इनमें क्या और कैसे सुधार किया जा सकता है?

महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जाँच

अगर आप बैंक, पोस्ट ऑफिस, म्यूच्यूअल फण्ड एवं अन्य जगह निवेश करते हैं तो आपको अपने बीमा पालिसी, बैंक पासबुक, पोस्ट ऑफिस डॉक्यूमेंट, म्यूच्यूअल फण्ड खाते को अपने जरुरी दस्तावेज जैसे स्कूल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इत्यादि से मिलान करना बेहद जरुरी है। क्योकि अगर इन दस्तावेजों एवं वित्तीय दस्तावेजों में अंतर होता है तो इसकी वजह से भविष्य में आपको और आपके परिवार के सदस्यों को परेशान होना पड़ सकता है।

आइए जानते हैं कि जब आप ऐसी जांच करने का फैसला करते हैं तो आपको मुख्य रूप से क्या जांच करनी चाहिए-

नाम और जन्मतिथि की जांच करें:

जब आप अपने सभी दस्तावेजों की जांच कर रहे हों, तो सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि आपके सभी दस्तावेजों में आपका नाम और जन्मतिथि एक जैसी हो। कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों के अलग-अलग दस्तावेजों में उनके नाम या जन्मतिथि में अंतर होता है।

उदाहरण के लिए, अगर आपके स्कूल सर्टिफिकेट में आपका नाम "सच्चिदानंद पांडे" है और आपके आधार कार्ड में आपका नाम सिर्फ़ "सच्चिदानंद" है, तो कानूनी तौर पर ये दो अलग-अलग लोगों के नाम माने जाते हैं। ऐसा होने पर आपको या आपके परिवार के सदस्यों को जीवन बीमा, बैंक, डाकघर और अन्य वित्तीय संस्थानों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

जाँच कैसे करें:

  • सबसे पहले आपको अपने और अपने परिवार के सभी सदस्यों के सभी दस्तावेज (जैसे: स्कूल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, निर्वाचन कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज) एक जगह पर एकत्रित कर लेने चाहिए।
  • अब सभी दस्तावेजों में नाम और जन्म तिथि की जांच करें। मेरे कहने का मतलब यह है कि अगर आप अपने दस्तावेज चेक कर रहे हैं तो आपके सभी दस्तावेजों में आपका नाम और जन्म तिथि एक जैसी होनी चाहिए और अगर आप अपने परिवार के किसी सदस्य के दस्तावेज चेक कर रहे हैं तो उसके दस्तावेजों में उस सदस्य का नाम और जन्म तिथि एक जैसी होनी चाहिए।
  • चूंकि स्कूल सर्टिफिकेट किसी व्यक्ति का प्राथमिक दस्तावेज होता है, इसलिए मेरा सुझाव यही होगा कि इसे ही मूल दस्तावेज मानकर अन्य दस्तावेजों की जांच करें और अगर अन्य दस्तावेजों में कोई अनियमितता है तो उसे जल्द से जल्द ठीक करवा लें।

नॉमिनी का विवरण देखें:

जीवन बीमा योजनाओं और अन्य वित्तीय दस्तावेजों में नॉमिनी की अहम भूमिका होती है। इसलिए, ऐसे सभी दस्तावेजों में नॉमिनी का नाम और उम्र उसके स्कूल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेजों के अनुसार ही होनी चाहिए। कई मामलों में, जब किसी बीमा पॉलिसी में मृत्यु दावा होता है, तो नॉमिनी के दस्तावेजों में विसंगति मृत्यु दावा प्रक्रिया में बड़ी समस्या पैदा करती है।

नॉमिनी के दस्तावेजों की जाँच कैसे करें:

  • अपनी जीवन बीमा पॉलिसी के मूल पॉलिसी बॉन्ड को ध्यान से देखें। हर जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी का नाम लिखा होता है।
  • इसे अन्य नॉमिनी दस्तावेजों (स्कूल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, चुनाव कार्ड और अन्य) से जाँच लें।
  • अगर इसमें कोई त्रुटि है, तो आपको तुरंत जीवन बीमा कंपनी से संपर्क करके उसे ठीक करवाना चाहिए।

पारिवारिक दस्तावेजों का निरीक्षण

मुझे यकीन है कि अगर आपने ऊपर बताए गए चरणों का पालन किया है, तो आपने अपने परिवार के सभी सदस्यों के दस्तावेजों में उनके नाम और जन्मतिथि में गलतियाँ देखी होंगी। मैं फिर से कहूँगा कि अगर किसी भी परिवार के सदस्य के दस्तावेजों में ऐसी कोई गलती है, तो आपको उसे जल्द से जल्द ठीक करवा लेना चाहिए। अब मैं कुछ अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करता हूँ।

अगर आप किसी पुरुष के दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेजों का निरीक्षण करेंगे, तो आप पाएंगे की उनके नाम के साथ उनके पिता का नाम दिया होता है। ठीक इसी प्रकार यदि आप किसी महिला के दस्तावजों की जाँच करते हैं तो आप पाएंगे कि उनके दस्तावेजों में उनके नाम के साथ या तो उनके पति का नाम लिखा होता है या उनके पिता का नाम।

अब मान लीजिए कि आप परिवार के किसी पुरुष सदस्य के दस्तावेजों की जाँच कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको उस पुरुष सदस्य के पिता के स्कूल सर्टिफिकेट का निरीक्षण करना होगा कि पिता का नाम क्या लिखा हुआ है। पिता के स्कूल सर्टिफिकेट में पिता का जो भी नाम लिखा है, पुरुष सदस्य के सभी दस्तावेजों में भी पिता का वही नाम लिखा होना चाहिए।

उदाहरण के लिए, परिवार के किसी सदस्य का नाम उसके स्कूल सर्टिफिकेट में पवन कुमार पांडेय है। पवन कुमार पांडेय के पिता का नाम उसके पिता के स्कूल सर्टिफिकेट में सच्चिदानंद पांडेय लिखा है। ऐसी स्थिति में पवन कुमार पांडेय के सभी दस्तावेजों में उसके पिता का नाम सच्चिदानंद पांडेय लिखा होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो आपको इसे तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए।

इसी तरह महिलाओं के दस्तावेजों में उनके पिता का नाम या पति का नाम लिखा होता है। बेहतर होगा कि इसकी जांच भी पिता या पति के स्कूल सर्टिफिकेट में दर्ज नाम से कर लें।

कुटुंब रजिस्टर की नकल

कई कानूनी मामलों में परिवार के किसी भी सदस्य को अगर यह प्रमाणित करने की आवश्यकता हो, कि वह परिवार के मुखिया का माता, पिता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, भाई अथवा बहन है या परिवार के सदस्यों के आपसी संबंधो को प्रमाणित करना हो, तो कुटुंब रजिस्टर की नक़ल एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होता है। क्योकि यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमे परिवार के सभी सदस्यों का नाम, परिवार के मुखिया से उनका संबंध, परिवार के सभी सदस्यों की जन्मतिथि (अगर किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है तो उसकी मृत्यु की तिथि) जैसे महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज होती है।

जीवन बीमा पॉलिसियों के मृत्यु दावे में अगर नॉमिनी या दावेदार को अपने दावे का कारण साबित करने की जरूरत होती है, तो उस समय यह दस्तावेज महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा परिवार के मुखिया की मृत्यु के बाद अगर मुखिया ने अपने जीवनकाल में अपनी संपत्ति अपने उत्तराधिकारियों में नहीं बांटी है, तो भी यह दस्तावेज महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

अतः आपके लिए हमारा सुझाव होगा कि आप अपने परिवार के सभी सदस्यों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, कुटुंब रजिस्टर की नक़ल जरूर प्राप्त कर लें।

कुटुंब रजिस्टर की नकल कैसे प्राप्त करें

कुटुंब रजिस्टर की नकल प्राप्त करना एक बहुत ही आसान कार्य है। अगर आप ग्रामीण क्षेत्र के निवासी है तो आप यह दस्तावेज अपने ग्राम पंचायत से प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन, अगर आप शहरी क्षेत्र के निवासी है तो यह दस्तावेज नगर पंचायत से प्राप्त किया जा सकता है।

कुटुंब रजिस्टर के लिए सावधानियां

कुटुंब रजिस्टर की नकल के लिए आपको यह ध्यान जरूर रखना चाहिए कि आपका एवं आपके परिवार के सभी सदस्यों का नाम और जन्मतिथि उनके स्कूल सर्टिफिकेट के अनुसार ही हो।

वित्तीय खातों में नॉमिनी की जांच

हमारी सलाह आपको यही होगी कि अगर आप अपने परिवार के सदस्यों को भविष्य में होने वाली सभी तरह की अनावश्यक परेशानियों से बचाना चाहते हैं, तो आपको अपने सभी वित्तीय खातों में नॉमिनी की नियुक्ति के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए। क्योंकि अगर ऐसे खातों में कोई नॉमिनी नहीं है या नॉमिनी का विवरण गलत है, तो इसकी वजह से आपके परिवार के सदस्यों को आपके बाद भुगतान प्राप्त करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

मैं एक घटना का जिक्र करना चाहता हूं, जीवन बीमा व्यवसाय के दौरान मेरे एक पॉलिसीधारक को LIC पॉलिसी से पैसे वापस मिलने वाले थे। जिसके लिए उसे बैंक में बचत खाता खोलना था। मैंने उसका बचत खाता खोलने के लिए खुद ही फॉर्म भरा था और फॉर्म भरते समय नॉमिनी का विवरण सावधानी से दिया था। लेकिन इसके बावजूद बैंक ने उस बचत खाते में कोई नॉमिनी नियुक्त नहीं किया।

दुर्भाग्य से मेरे इस पॉलिसीधारक की मृत्यु हो गई। जिसके बाद हमें पता चला कि उसके बैंक खाते में कोई नॉमिनी नहीं था। हालांकि, कानूनी लड़ाई के बाद नॉमिनी को उसके पति के बैंक खाते में जमा पैसे मिल गए। हां, मैं यह जरूर कह सकता हूं कि इस काम के लिए मुझे अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा।

वित्तीय खाते में नॉमिनी के लिए क्या करें:

मुझे लगता है कि आप में से ज़्यादातर लोग यह सोचकर संतुष्ट हो जाएँगे कि बैंक में खाता खुलवाते समय या दूसरे वित्तीय मामलों में आपने नॉमिनी की जानकारी ज़रूर दी होगी। लेकिन इसके लिए हमारी सलाह यही होगी कि अगली बार जब भी आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस जाना हो तो अपने खाते में नॉमिनी की जानकारी ज़रूर लें।

मेडिकल दस्तावेजों में सावधानी

अक्सर हम सभी को छोटी-बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अस्पताल जाना पड़ता है। ऐसे में हमें डॉक्टर के पर्चे पर अपना नाम और उम्र लिखवाना पड़ता है और मेडिकल जांच करवानी पड़ती है। अक्सर देखा गया है कि डॉक्टर के पर्चे और मेडिकल जांच के दस्तावेजों में लोगों का पूरा नाम और उम्र उनके दस्तावेजों के अनुसार सही नहीं होती।

जीवन बीमा पॉलिसियों में मृत्यु दावे के मामले में जीवन बीमा कंपनियाँ मृतक पॉलिसीधारक के अंतिम उपचार का रिकॉर्ड माँगती हैं। जब मृतक पॉलिसीधारक का नाम उसके मेडिकल दस्तावेजों में सही नहीं होता तो इस वजह से भी बीमा पॉलिसी के भुगतान में दिक्कत आती है। इसलिए हमारा आपके लिए सुझाव यही होगा कि अगली बार जब भी आपको स्वास्थ्य उपचार के लिए जाना पड़े तो आप अपने दस्तावेजों के अनुसार ही अपना नाम और उम्र लिखवाएँ।

निष्कर्ष

यह बहुत ज़रूरी है कि आपके और आपके परिवार के सभी वित्तीय दस्तावेजों में नाम और जन्मतिथि उनके सभी प्रमाणपत्रों के अनुसार एक जैसी होनी चाहिए। अगर ऐसे दस्तावेजों में कोई त्रुटि है तो उसे ठीक करवाने में देरी न करें। ये छोटे-छोटे कदम आपके परिवार को भविष्य में विभिन्न वित्तीय एवं अन्य मामलों में बड़ी समस्याओं से बचने में मदद करेंगे।

वीडियो में विस्तार से जाने

इस लेख में दी गई जानकारी और अधिक विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई वीडियो को अंत तक ध्यान से देखिये। अगर इस संदर्भ में आपके कोई सवाल हों तो वीडियो के कमेंट बॉक्स में अपने सवाल लिखें।

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