सवाल वही जो हर बीमाधारक पूछता है
जीवन बीमा पॉलिसी में बीमा शर्तों और तकनीकी शब्दावली के कारण कई लोगों को पॉलिसी को समझने में कठिनाई होती है। बीमा क्षेत्र से जुडी जानकारी के आभाव में सामान्य लोगों के लिए इन शर्तो को समझना मुश्किल हो जाता है, जिसके कारण उनके मन में कई तरह के सवाल पैदा होते हैं।
जीवन बीमा बाजार के इस लेख में हम बीमा उद्योग से जुड़े सभी तरह के सवालों के जवाब सरलतम प्रारूप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आपको आपके सवालों के जवाब आसानी से समझ में आ सके। मुझे यह विश्वास है कि यह जानकारी आपको बीमा पॉलिसियों के संदर्भ में सही निर्णय लेने में मददगार साबित होती और आपके सभी संदेह को दूर करेगी।
जीवन बीमा सुरक्षा एक ऐसा अनुबंध है जो बीमाकर्ता और पॉलिसीधारक के बीच होता है। इस अनुबंध में, बीमाकर्ता, पॉलिसीधारक को यह वचन देता है कि उसकी मृत्यु अथवा किसी विशेष घटना के घटित होने पर उसके नॉमिनी को एक निश्चित धनराशि का भुगतान करेगा। इसके बदले में पॉलिसीधारक को नियमित रूप से प्रीमियम देना होता है। यह वित्तीय सुरक्षा का एक साधन है जो अनपेक्षित परिस्थितियों में परिवार को आर्थिक सहयोग प्रदान करता है।
इसको आसान भाषा में आप इस प्रकार समझ सकते हैं कि जीवन बीमा सुरक्षा एक समझौता है, जिसमे आप जीवन बीमा कंपनी को थोड़ी-थोड़ी रकम प्रीमियम के रूप में जमा करते हैं। इसके बदले में बीमा कंपनी यह वादा करती है कि अगर आपकी मृत्यु हो जाती है, तो वह आपके परिवार को पहले से तय धनराशि का भुगतान करेगी। जीवन बीमा सुरक्षा की मदद से, आप अपने परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित कर सकते हैं।
बीमाकर्ता, उस कंपनी अथवा संस्था को कहते है जो बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। यह कंपनी, पॉलिसीधारक से प्रीमियम के रूप में एक निश्चित धनराशि प्राप्त करती है और यह वादा करती है कि अगर भविष्य में पॉलिसीधारक को कोई नुकसान, दुर्घटना अथवा मृत्यु का सामना करना पड़ता है, तो वह पॉलिसीधारक को अथवा उसके नॉमिनी को पहले से तय धन राशि का भुगतान करेगी। बीमाकर्ता का मुख्य कार्य, विभिन्न तरह के जोखिमों के कारण पॉलिसीधारक को होने वाले वित्तीय नुकसान बचाना होता है।
पॉलिसीधारक उस व्यक्ति को कहा जाता है जिसने बीमा पालिसी खरीदी होती है। यह वह व्यक्ति होता है जो बीमाकर्ता के साथ अनुबंध करता है और नियमित रूप से प्रीमियम के रूप में पहले से तय धनराशि का भुगतान करता है। इस प्रीमियम के बदले पॉलिसीधारक को बीमा सुरक्षा का लाभ प्राप्त होता है और किसी विशेष घटना (जैसे: मृत्यु, दुर्घटना अथवा बीमारी) के घटित होने पर बीमाकर्ता वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने जीवन बीमा पालिसी खरीदी है तो आप एक पॉलिसीधारक हैं।
बीमाधारक उस व्यक्ति को कहा जाता है जिसके नाम से पालिसी जारी की जाती है और जो बीमा पालिसी की सुरक्षा एवं अन्य लाभों को प्राप्त करने के लिए हक़दार होता है। बीमा पालिसी में उपलब्ध विभिन्न तरह के जोखिमों के विरूद्ध आर्थिक सुरक्षा का लाभ, बीमाधारक को अथवा उसके द्वारा तय किये गए नॉमिनी को प्राप्त होता है।
बीमित जीवन का संबंध उस व्यक्ति से होता है जिसके जीवन अथवा स्वास्थ्य पर होने वाले जोखिमों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए बीमा पालिसी खरीदी जाती है। अगर बीमित व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी (जैसे: मृत्यु अथवा गंभीर बीमारी) होती है, तो बीमा कंपनी उसे अथवा उसके नॉमिनी को बीमा पालिसी के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
उदाहरण: अगर आप अपने नाम से कोई जीवन बीमा पालिसी खरीदते है, तो आप उस जीवन बीमा पालिसी के लिए बीमित जीवन कहलायेंगे। इसका अर्थ यह है कि अगर आपकी मृत्यु अथवा अन्य निर्दिष्ट घटना होती है तो बीमा कंपनी आपको अथवा आपके नॉमिनी को बीमा राशि का भुगतान करेगी।
साधारण तौर पर लोग पॉलिसीधारक, बीमाधारक और बीमित जीवन को एक ही मानते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है। हालाँकि इन तीनो का ही सम्बन्ध बीमा पालिसी से ही होता है, लेकिन इसके बावजूद इन तीनो को भूमिकाये अलग-अलग हो सकती हैं। आइये इनके बिच के अंतर को समझते हैं:
पॉलिसीधारक:
- पॉलिसीधारक वह व्यक्ति होता है जो बीमाकर्ता से बीमा पालिसी खरीदता है और उससे बीमा अनुबंध करता है।
- पॉलिसीधारक ही वह व्यक्ति होता है जो बीमा पालिसी की शर्तो के अनुसार प्रीमियम का भुगतान करता है।
- अगर आप खुद के लिए बीमा पालिसी खरीदते हैं तो आप उस पालिसी के बीमाधारक भी होते हैं और पॉलिसीधारक भी। लेकिन अगर आप किसी अन्य व्यक्ति के लिए बीमा पालिसी खरीदते हैं तो आप उस पालिसी के लिए सिर्फ पॉलिसीधारक कहलाते हैं।
बीमाधारक:
- बीमाधारक वह व्यक्ति होता है जिसको बीमा पालिसी में बीमा सुरक्षा प्राप्त होती है।
- अगर बीमाधारक के साथ कोई दुर्घटना, बीमारी अथवा मृत्यु जैसी घटना घटित होती है, तो बीमा कंपनी पालिसी के नियमो के अनुसार बीमाराशि का भुगतान करती है।
- एक बीमा पालिसी में पॉलिसीधारक और बीमाधारक एक ही व्यक्ति हो सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह अलग-अलग व्यक्ति भी हो सकते हैं।
बीमित जीवन:
- बीमित जीवन का संबंध मूल रूप से जीवन बीमा पॉलिसी से होता है। ऐसा व्यक्ति जिसके नाम से जीवन बीमा बीमा पालिसी खरीदी जाती है, उसे बीमित जीवन कहा जाता है।
- जीवन बीमा पॉलिसियों के मामलों में बीमित जीवन और बीमाधारक एक ही व्यक्ति को कहा जाता है।
बीमा पालिसी एक कानूनी दस्तावेज होता है, जिसमे बीमाकर्ता (बीमा कंपनी) और पॉलिसीधारक के बिच का अनुबंध लिखा होता है। इस कानूनी दस्तावेज में, उन शर्तो और नियमो का विस्तृत विवरण होता है, जिसके आधार पर बीमाकर्ता पॉलिसीधारक को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
बीमा पालिसी में यह तय होता है कि
- पॉलिसीधारक को बीमा सुरक्षा का लाभ पाने के लिए कितनी प्रीमियम चुकानी होगी।
- बीमाकर्ता किन परिस्थितियों में पॉलिसीधारक अथवा उसके नॉमिनी को कितनी धनराशि का भुगतान करेगा।
- किस तरह की बीमा सुरक्षा का लाभ उपलब्ध होगा। जैसे: जीवन बीमा, स्वास्थ बीमा, वाहन बीमा, इत्यादि
जीवन बीमा पॉलिसियों में प्रीमियम का संबंध उस धनराशि से होता है जो पॉलिसीधारक नियमित रूप जीवन बीमा कंपनी को भुगतान करता है, ताकि जीवन बीमा कंपनी इस प्रीमियम के बदले पॉलिसीधारक को जीवन बीमा की सुरक्षा प्रदान कर सके। किसी बीमा पालिसी में प्रीमियम भुगतान की कई विधि हो सकती है। जैसे: मासिक, त्रैमासिक, छमाही, वार्षिक अथवा एकल
प्रीमियम जमा करने का मूल उदेश्य यह होता है कि पॉलिसीधारक की जीवन बीमा पॉलिसी सक्रीय अवस्था में रहे और अगर पॉलिसीधारक को किसी दुर्घटना, मृत्यु अथवा अन्य किसी घटना का सामना करना पड़ता है, तो बीमा कंपनी उसे अथवा उसके नॉमिनी को बीमा राशि का भुगतान करे।
उदाहरण: मान लीजिये कि आपने किसी जीवन बीमा कंपनी से एक 10 लाख रूपये के कीमत की जीवन बीमा पालिसी 20 वर्ष के लिए खरीद की है। मान लीजिये कि इस पालिसी के लिए बीमा कम्पनी आपसे ₹8315 मासिक प्रीमियम की डिमांड करती है। तो अब आपको अगले 20 वर्षो तक प्रतिमाह ₹8315 का भुगतान जीवन बीमा कंपनी को करना होगा। इस जीवन बीमा पालिसी के लिए आपकी प्रतिमाह प्रीमियम ₹8315 होगा।
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