02 April 2020

Train Story | एक अकेली लड़की और रात्रि में ट्रेन का सफर

Train Story, Hindi Story
Train Story in Hindi


एक अकेली लड़की और रात्रि में ट्रेन का सफर 


राघवेंद्र जी एक बीमा कंपनी में क्लर्क के पद पर नियुक्त थे। दो बच्चे और पत्नी के साथ सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे है। बड़ी बिटिया सीमा और बेटा उमेश पढाई लिखाई में अच्छे थे। इस कारण राघवेंद्र जी अपने जीवन को धन्य मानते थे। 

सीमा स्नातक की परीक्षा पूर्ण कर चुकी थी और प्रोफेसनल परीक्षाओ की तैयारी के लिए कोचिंग करना चाहती थी। लेकिन सीमा एक साधारण कस्बे में रहती थी और वहाँ पर अच्छे कोचिंग सेंटर नहीं थे। जिस कारण उसने अपने पिता से अपने आगे की पढाई और कोचिंग इत्यादि बड़े शहर में जाकर पूरा करने की ईच्छा बताई। 

युवा लड़की, अकेली बड़े शहर में कैसे संघर्ष करेगी। रोज टेलीविज़न के समाचार और मासूम सी बच्ची का प्यार एक पिता को असमंजस में डाल दिया था। पिता को फैसला लेने में काफी सोचना पड़ रहा था। खुद का जॉब छोड़ नहीं सकते। पत्नी का स्वास्थ्य इस प्रकार का नहीं था कि उसे बिटिया के पास छोड़ सके और बेटे की शिक्षा को कैसे दूसरी जगह बदले। 

पत्नी ने साफ मना कर दिया कि अकेली बड़े शहर में जाकर पढाई करने की कोई जरुरत नहीं है। पिता की चुप्पी और माँ का इंकार सीमा को बर्दास्त नहीं हुआ। उसे महसूस हो रहा था कि बेटी होने के कारण उसे आगे पढाई करने से रोका जा रहा है लेकिन बेटी किसी अनहोनी का शिकार न हो जाये, यह चिंता माता पिता को फैसला लेने से रोक रही थी। 

खैर अंत में पिता ने बच्ची को इजाजत दे दी और खुद बड़े शहर में जाकर उसकी शिक्षा, खानपान और रहने इत्यादि का प्रबंध कर दिए और इसके बाद दोनों बाप बेटी घर लौट आये ताकि जरुरत के सामान लेकर बच्ची को उसकी शिक्षा हेतु व्यवस्थित किया जा सके। 

लेकिन लौटने के साथ ही सीमा के माँ की तबियत ख़राब हो गई और पिता के ऑफिस में जरुरी कार्य होने के कारण छूटी नहीं मिल पाई। जिस कारण अंत में सीमा को अकेले ही शहर जाने का निश्चय करना पड़ा। रिजर्वेशन पहले से हो चूका था और जिस ट्रेन से सीमा को यात्रा करनी थी, उसका समय सायं के 8 बजे था। 

बड़ी ही उम्मीद और सपने लिए सीमा, अपने छोटे भाई के साथ ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पर पहुंच गई और
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अपनी सीट पर जाकर बैठ गई। जिस बोगी में सीमा बैठी थी लगभग वह बोगी पूरी खाली थी। मात्र दो से चार लोग ही बैठे हुए थे। कुछ देर में भाई भी घर के लिए लौट गया। 

यात्रा लगभग 10 घंटे की थी। तो टाइम पास करने के लिए वह एक किताब निकाल कर पढ़ने लगी। ट्रेन रुकती तो कुछ लोग उतर जाते। तो कुछ लोग चढ़ जाते। इसी प्रकार लगभग 1 घंटे बीत गए और सीमा किताबो में खोई हुई यात्रा किये जा रही थी। 

तभी उसे कुछ हसी मजाक करते हुए लोगो की आवाज सुनाई दी और वह एकदम सी चौक गई। किताबो से उसका ध्यान हट गया और एक अनजाना सा डर, उसे महसूस होने लगा। कुछ देर बाद उसने अपने डर को दूर करने के लिए अपनी बोगी का निरिक्षण करने का निश्चय किया। 

सीमा अपने सीट से उठी और ट्रेन के टायलेट तक जाकर बोगी का निरिक्षण करते हुए फिर लौटकर अपने सीट पर आकर बैठ गई। रात्रि के लगभग 11 बज रहे थे और उस बोगी में लगभग सभी स्कूली बच्चे थे। जो आपस में कुछ गंदे जोक करते और विचित्र सी हसी के ठहाके लगाते। 

सीमा अपनी नज़र उठाती, तो बोगी में बैठे उसके आस पास के लोगो को अपने को घुरते हुए पाकर वह सहम जाती। कभी किताब के पन्नो को पलटती, तो कभी अपने बैग से कुछ निकालने का प्रयास करती। कभी अपनी मोबाइल को निकालती फिर कुछ सोचकर रख देती। 

अब सीमा का एक एक मिनट कई घंटो के बराबर हो चूका था। अनजाना सा डर उसको असहज करता जा रहा था। तभी एक अनजान लड़का जिसकी उम्र लगभग 25 वर्ष होगी, एक दम से उसके बगल में आकर बैठ गया। उसके ऐसा करने के साथ ही सीमा चौककर अपनी जगह खड़ी हो गई। 

सीमा के इस बर्ताव को देखकर वह लड़का सीमा के सामने वाली सीट पर बैठ गया और बोला- तुम्हारा क्या नाम है और तुम कहाँ जा रही हो। सीमा ने कोई उत्तर नहीं दिया। 

लड़का समझ चूका था, कि उसके सामने बैठी हुई लड़की बुरी तरह से डरी हुई है और अपने आप को असहज महसूस कर रही है। लड़के ने कहा- क्या तुम भी लखनऊ (काल्पनिक) जा रही हो। 

सीमा ने मुँह से तो कोई उत्तर नहीं दिया लेकिन अपने सर को हिलाकर हां में जवाब जरूर दे दिया। 

वह लड़का खुश हो गया और बड़े ही ख़ुशी के साथ कहा- अरे वाह, लखनऊ में तो मेरा ननिहाल है। मेरे मामा मामी, मेरे नाना नानी सभी वही रहते है। तुम तो मेरे ननिहाल की निकली और तब तो मेरे साथ तुम्हारा बड़ा करीबी रिस्ता निकल आया। 

लड़के के ऐसा कहते ही सीमा के माथे पर कई रेखाएं उभर आई और उसने घूरते हुए अंदाज में लड़के को देखा। 
फिर लडके ने कहा- अरे यार, जब तुम मेरे ननिहाल वालो के शहर की हो। तब तो उस रिश्ते से तुम मेरी ममेरी बहन हुई न, और उम्र में तुम मुझसे छोटी हो तो मेरी छोटी बहन हुई। तो मुझे अपनी छोटी बहन का नाम तो पता होना चाहिए न। 

(सीमा ने उस लड़के को अपना नाम बता दिया )

फिर लड़के ने धीरे धीरे सीमा से बात करना शुरू कर दिया।  सीमा तुम जानती हो मेरे नाना जी बहुत बड़े वकील हुआ करते थे। मेरे मामा आज बड़े पुलिस अधिकारी है। इसी प्रकार इधर उधर की बात दोनों में होने लगी और धीरे धीरे सीमा का डर समाप्त हो गया और कुछ ही समय में सीमा एकदम सहज हो गई।
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कभी सीमा अपने परिवार के विषय में बात करती, तो कभी वह लड़का अपने परिवार के विषय में और कब सुबह होने लगी, दोनों को पता ही नहीं चला। सीमा भी भूल चुकी थी कि वह अकेली लड़की है। जो ट्रेन की उस बोगी में सफर कर रही है। उसके दिमाग से गंदे और भद्दे मजाक करने वाले लड़को का डर कब समाप्त हो गया उसे पता ही नहीं चला। 

अब लखनऊ की दुरी कुछ समय की ही थी। तब सीमा ने निश्चय किया की ट्रेन में मिले उसके भाई के ननिहाल का पता मांग ले। ताकि फिर इस भाई से मुलाकात हो सके। ऐसा सोचकर जब उसने अपने उस मुंहबोले भाई से उसके ननिहाल का पता माँगा तब उस लड़के ने कहा- सीमा लखनऊ में मेरा कोई ननिहाल नहीं है और मेरे मामा कोई पुलिस अधिकारी भी नहीं है। मैंने जो तुमसे बोला था सब झूठ था।

मैंने जब तुम्हे देखा, तब मैं समझ चूका था कि तुम अकेली यात्रा कर रही हो और इस कारण भयभीत हो। सीमा हर लड़का बुरा नहीं होता। तुम्हे डर न लगे इसलिए मैंने झूठा ननिहाल बना लिया था। 

मूल प्रश्न क्या है-

दोस्तों जब आपके घर की बेटियाँ, बहने या कोई महिला यात्रा करती है। तो आप दूसरे पुरषो से क्या उम्मीद करते है। आप क्या चाहते है, इसी प्रकार आपकी बहन बेटी जब यात्रा करे। तब उन्हें भी कोई इसीप्रकार का भाई मिल कर उसके डर दो दूर कर दे या कमेंट करने वालो की तरह के लोगो के साथ यात्रा करना पड़े। 

क्या आपने किसी अनजान महिला के लिए भाई, पिता के रूप में सहयोग करने की कोसिस की है या औरो की तरह आपने भी कमेंट के जरिये, किसी महिला को असहज कर दिया है। सोचना आपको है, क्योकि हम सभी की सोच ही एक बेहतर समाज का निर्माण करेगी। 

क्या यह वही भारत वर्ष है, जहाँ एक स्त्री को बचाने के लिए गिद्ध जैसा जीव भी दुराचारी रावण से लड़ जाता है। आइये फिर से ऐसे भारत वर्ष का निर्माण करने में अपना योगदान करते है। 

बेहतर भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है कि बुराइयों का पूरी ताकत के साथ आलोचना करे और यदि कोई अच्छा कार्य करता है, तो उसे उचित सम्मान दे। क्योकि सम्मान वह संजीवनी है, जो व्यक्ति को बहुत बड़ा बल प्रदान करती है। यदि किसी की गलती पर आप उसे किसी भी प्रकार से सम्मानित करते है तो आप उसे ताकत देते है और बढ़ावा देते है कि वह भविष्य में और बड़ी गलती करे। 

ठीक इसी प्रकार से किसी की छोटी सी अच्छाई पर उसे किसी भी प्रकार से सम्मानित करते है। तब भी आप उसे उत्साहित करते है बेहतर और बेहतर कार्य करने के लिए। आने वाली पीढ़ियों को क्या देना है, यह हमारे हाथ में है और इसके लिए कम से कम हमें प्रयास तो करना ही चाहिए। 

और यदि आपको लगता है कि यह पोस्ट समाज को बेहतर करने में उपयोगी है तो इसे अपने दोस्तों और अपनों के साथ जरूर शेयर करे और अपने विचार कमेंट के जरिये जरूर बताये।

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मानव समाज के जीवन में विचारो (Thoughts) का महत्वपूर्ण योगदान होता है। सकारात्मक विचारो (Positive Thoughts) वाला मनुष्य न केवल अपने जीवन में बल्कि दुसरो के जीवन में बेहतर परिवर्तन की क्षमता रखता है। वही पर नकारात्मक विचारो (Negative Thoughts) वाला मनुष्य न केवल अपने जीवन को कठिन बनाता है बल्कि दुसरो के लिए भी समस्या की वजह बन जाता है। हर विचार ऐसे बीज की तरह होता है, जो मनुष्य के नजरिये और व्यवहार रूपी पेड़ का निर्माण करता है।
कहानियो (Stories) का मानव जीवन पर अद्भुत असर होता है। शायद यही वजह है कि भारतीय समाज में बचपन से ही उनके बुजुर्गो के द्वारा कहानियाँ सुनाई जाती रही है। हम आपके लिए अपने वेबसाइट पर बेहतरीन हिंदी कहानियों (Hindi Story) का संग्रह प्रस्तुत करने जा रहे है।
हमे यह पूर्ण विश्वास है कि यह कहानियाँ (Heart Touching Hindi Stories) न केवल आपको पसंद आएंगी, बल्कि आपके मन को भी छू जायेंगी। साथ ही कठिन परिस्थियों में सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित भी करेंगी।

Thoughts have an important contribution to the life of human society. A person with positive thoughts has the ability to change not only in his life but also in the life of others. On the same, a person with negative thoughts not only makes his life difficult but also becomes a cause of the problem for others. Every thought is like a seed, which forms a tree of human attitudes and behavior.
Stories have a wonderful impact on human life. Perhaps, therefore, stories have been told by their elders in Indian society since childhood. We are going to present a collection of some of the best Hindi stories for you on our website.
We are confident that you will not only like these stories (Heart Touching Hindi Stories), but these stories will also touch your mind. They will also motivate you to make the right decisions in difficult situations.

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