30 April 2020

Married Woman Property Act in Life Insurance

Married Woman Property Act, 1874 

जीवन बीमा पॉलिसी लेने का मूल उदेश्य होता है कि लोग इसके माध्यम से बचत करना चाहते है। साथ में परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, ऐसी भावना होती है। यह एक मूल कारण है जिस वजह लोग अपनी जीवन बीमा पॉलिसी में अपने पत्नी को नॉमिनी बनाते है। ताकि उनके न रहने पर जीवन बीमा पॉलिसी के मृत्यु दावे का भुगतान उनके पत्नी को मिल जायेगा। 

परन्तु भारतीय कानून नॉमिनी को दावेदार नहीं मानता है। भारतीय कानून के अनुसार नॉमिनी सिर्फ एक ट्रस्टी होता है। अर्थात नॉमिनी का कार्य सिर्फ इतना होता है कि बीमे से प्राप्त धनराशि को वास्तविक वारिसों तक पंहुचा सके। 

कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ घरो में बच्चे और परिवार के दूसरे सदस्य बीमाधारक की मृत्यु होने के बाद इस कानून का सहारा लेकर बीमे से प्राप्त धनराशि का बटवारा करा लेते है। ऐसा होने के बाद उस विधवा की आर्थिक स्तिथि काफी ख़राब हो जाती है। 

ऐसे में यह एक्ट आपके नॉमिनी को काफी हद तक सुरक्षित कर देता है। तो आपके लिए जरुरी हो जाता है कि आपको मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट के सन्दर्भ में पूर्ण जानकारी हो।

Married Woman Property Act

जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी दावेदार क्यों नहीं होता है-

सामान्य व्यक्ति जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी को ही वास्तविक दावेदार समझता है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता है। भारतीय उत्तराधिकार कानून के अनुसार, नॉमिनी सिर्फ एक ट्रस्टी की तरह कार्य करता है। बैंक में, पोस्ट ऑफिस योजनाओ में, जीवन बीमा योजनाओ में अथवा दूसरे किसी वित्तीय संस्थान में नियुक्त नॉमिनी के ऊपर उत्तराधिकार कानून ही लागू होता है। 

जीवन बीमा योजनाओ के लिए, वर्ष 2015 में जीवन बीमा कानून में संसोधन किया गया है। इस संसोधन के साथ ही बीमा योजनाओ के लिए एक नई कटैगरी बनाई गई। इस नई कटैगरी को बेनेफिशियल नॉमिनी का नाम दिया गया। 

इस संसोधित कानून में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जीवन बीमा पॉलिसी में पति-पत्नी, माता-पिता और बच्चे को बेनिफिशियल नॉमिनी बनाया जा सकता है। यदि बीमाधारक पॉलिसी खरीदते समय बेनिफिशियल नॉमिनी बनाता है। तो उन्हें क्लेम का दावेदार माना जायेगा। 

नॉमिनी के सन्दर्भ में कानूनी नियमो को जानने के लिए- यहाँ क्लिक कीजिये 

बेनिफिशियल नॉमिनी में बदलाव संभव है- 

एक बीमाधारक अपनी जीवन बीमा पॉलिसी में अपने माता-पिता, अपने जीवन साथी और अपने बच्चो को बेनेफिशियल नॉमिनी बना सकता है। बीमाधारक के जीवन काल में उसकी जीवन बीमा पालिसी से होने वाले किसी भी प्रकार के भुगतान पर एक मात्र उसी का अधिकार होता है। बीमा पॉलिसी से प्राप्त मृत्यु दावे के भुगतान पर बेनेफिशियल नॉमिनी दावेदार बन सकता है। 

परन्तु, बीमाधारक को यह कानूनी अधिकार प्राप्त है कि वह जब चाहे अपने जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बदल सकता है। 

Married Woman Property Act की आवश्यकता क्यों-

मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट के माध्यम से भारतीय महिलाओ को, भारत सरकार ने सुरक्षा देने का प्रयास किया है। अक्सर लोग अपना व्यवसाय और दूसरी वजह से बैंक और खुले बाजार से लोन ले लिया करते है। ऐसे में यदि उनकी मृत्यु हो जाती है अथवा दिवालिया होते है तो दोनों ही परिस्तिथियों में, लेनदार को यह कानूनी अधिकार प्राप्त होता है कि कर्जदार व्यक्ति की सभी चल-अचल सम्पत्ति से अपने पैसे की वसूली कर सकता है।

इन दोनों ही स्तिथियों में, उस मृतक अथवा दिवालिया हुए व्यक्ति की सभी चल-अचल सम्पत्ति को लेनदारों द्वारा ले लिया जाता है। ऐसी स्तिथि में, मृतक अथवा दिवालिया हुए व्यक्ति के पत्नी की कोई भी गलती न होते हुए भी उसकी अपनी प्रॉपर्टी जिसे "स्त्री धन" कहते है। वह भी उसके हाथो से निकल जाता है।

इसकी एक प्रमुख वजह यह भी होती है कि विवाह उपरांत जब एक विवाहिता अपने ससुराल आ जाती है। उसके बाद यदि उसके ससुराल पक्ष के द्वारा उसे छोड़ दिया जाता है। तो उस महिला की सम्पत्ति क्या होगी। यह स्तिथि वर्ष 1974 से पहले बहुत ज्यादा थी। इसलिए वर्ष 1974 में महिलाओ के आर्थिक अधिकारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट बनाया गया।

Married Woman Property Act की जानकारी देने के लिए यदि आप चाहे तो पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड कर सकते है। नीचे दिए हुए डाउनलोड लिंक पर क्लिक करके फाइल का उपयोग कर सकते है। 

फाइल डाउनलोड करने के लिए - यहाँ क्लिक कीजिये 


स्त्रीधन क्या होता है-

विवाह के समय एक लड़की के मायके और ससुराल पक्ष से दिए जाने वाले सभी उपहार, धन और जेवर इत्यादि स्त्रीधन कहलाता है। यदि कोई ऐसा उपहार जो वर और वधु दोनों के उपयोग के लिए दिया जाता है, जैसे- टेलेविज़न, फर्नीचर के सामान और दूसरी सभी चीज़े, वह सभी स्त्रीधन कही जाती है। स्त्रीधन पर लड़की अर्थात वधु का पूरा अधिकार होता है। 

Married Woman Property Act का जीवन बीमा पॉलिसी क्या लाभ है-

मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट 1974 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन बीमा पॉलिसी को MWP एक्ट के तहत रजिस्टर कराता है। तो उसकी जीवन बीमा पॉलिसी की डेथ क्लेम की रकम स्त्रीधन के रूप में मानी जाएगी। 

अर्थात किसी व्यक्ति का बैंक अथवा खुले बाजार से किसी प्रकार का कोई कर्ज बकाया है। उस कर्ज को भरने से पहले उसकी मृत्यु हो जाती है। अब यदि बैंक अथवा दूसरे लोग जिनके पास से उस व्यक्ति ने कर्ज लिया हुआ हो, न्यायालय से उसकी अपनी सम्पत्ति से पैसे वसूलने का आदेश लाते है। ऐसी स्तिथि में, उस व्यक्ति की सभी चल-अचल सम्पत्ति को कुर्क करके बकायेदारों के पैसे वापस किये जा सकते है। 

लेकिन यदि उस व्यक्ति ने अपने जीवन पर कोई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी हुई हो और वह पॉलिसी मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट के तहत रजिस्टर कराइ गई हो। तब, ऐसी पॉलिसी के भुगतान को महिला की संपत्ति माना जायेगा। महिला की इस सम्पत्ति पर कोई भी बकायेदार किसी भी प्रकार से दावा नहीं कर सकता है। 

Married Woman Property Act का लाभ किन योजनाओ पर लागू होता है-

मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट का लाभ सभी जीवन बीमा पालिसी पर उपलब्ध होता है। टर्म पॉलिसी, मनीबैक पॉलिसी, बंदोबस्ती योजनाए और यूलिप योजनाएँ शामिल है। MWP Act पॉलिसी खरीदते समय ही लिया जा सकता है। एक बार पॉलिसी शुरू हो जाने के बाद उस पॉलिसी को इस एक्ट में नहीं लाया जा सकता है। 

Married Woman Property Act के तहत पॉलिसी की शर्त-

कोई भी शादी शुदा भारतीय Married Woman Property Act के तहत जीवन बीमा पॉलिसी खरीद सकता है। यदि कोई पुरुष अपने जीवन पर पॉलिसी क्रय करता है। तो वह नॉमिनी हेतु Married Woman Property घोषित कर सकता है। ऐसी पॉलिसी में मृत्यु दावे को स्त्रीधन माना जायेगा। 

यदि कोई महिला अपने जीवन पर पॉलिसी खरीदती है तो वह भी पॉलिसी क्रय करते समय अपनी पॉलिसी को Married Woman Property के तहत रजिस्टर करा सकती है। महिला जीवन की पालिसी में वह स्वम प्रस्तावक होती है और नॉमिनी के रूप में उसके बच्चे हो सकते है। 

अगर कोई महिला जो बिधवा अथवा तलाकशुदा है। वह भी इस एक्ट के तहत जीवन बीमा पालिसी खरीद सकती है। 
MWP Act in Life Insurance

एमडब्लूपी एक्ट के तहत पॉलिसी की प्रक्रिया क्या है-

  •  मैरिड वुमन प्रॉपर्टी एक्ट के तहत जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए ग्राहक को एमडब्लूपी एडेंडम फॉर्म भरना जरुरी होता है। यदि आप इस फॉर्म को डाउनलोड करना चाहते हो तो लिंक नीचे दिया जा रहा है। 
  • एमडब्लूपी एडेंडम फॉर्म भरते समय गवाह की मौजूदगी अनिवार्य होती है। उस गवाह के सामने इस फॉर्म को भरा जाना चाहिए। फॉर्म कम्पलीट हो जाने के बाद प्रस्तावित बीमाधारक एवं गवाह का हस्ताक्षर होना अनिवार्य होता है। 
  • एमडब्लूपी एक्ट के तहत इच्छुक व्यक्ति को नई पॉलिसी खरीदते समय ही एमडब्लूपी एडेंडम फॉर्म भरना जरुरी होता है।
  • एमडब्लूपी एडेंडम फॉर्म को भरते समय प्रस्तावक को ध्यान रखना चाहिए कि एक बार पॉलिसी नंबर जारी हो जाने के बाद लाभार्थी के विवरण में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। 
एमडब्लूपी एडेंडम फॉर्म को डाउनलोड करने के लिए - यहाँ क्लिक कीजिये 

क्या एमडब्लूपी एक्ट हेतु ट्रस्टी बनाना अनिवार्य है-

एमडब्लूपी एडेंडम फॉर्म भरते समय ट्रस्टी नियुक्त करने का ऑप्शन दिया गया होता है। यदि कोई बीमाधारक इस फॉर्म में ट्रस्टी नियुक्त करता है तो मृत्यु दावे का भुगतान ट्रस्टी को किया जायेगा। ट्रस्टी का कार्य, मृत्यु दावे की धनराशि को लाभार्थी को देना होता है। 

यदि लाभार्थी नाबालिक है तो ट्रस्टी मृत्यु दावे की धनराशि का उपयोग नाबालिक लाभार्थी के हित में कर सकता है। परन्तु, मृत्यु दावे की धनराशि को स्वतः के हितो में खर्च करने का अधिकार किसी भी रूप में ट्रस्टी का नहीं होगा। 

भारतीय ट्रस्टी कानून के तहत यदि जीवन बीमा पॉलिसी में लाभार्थी के रूप में पत्नी अथवा बच्चे होते है। तो उनके लिए किसी ट्रस्टी नियुक्त करने की अनिवार्यता नहीं होती है। 

एमडब्लूपी एक्ट के तहत रजिस्टर पॉलिसी के अन्य भुगतान के नियम-

यदि कोई बीमाधारक अपनी जीवन बीमा पॉलिसी को एमडब्लूपी एक्ट (Married Woman Property) के तहत रजिस्टर करता है। तो, ऐसी पॉलिसी के सरेंडर करने का अधिकार, लोन प्राप्त करने का अधिकार एवं मैच्योरिटी प्राप्त करने का अधिकार बीमित जीवन का होता है। 


Married Woman Property के विषय में हमारी राय-

इस एक्ट का जीवन बीमा योजनाओ के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह होता है कि यदि पुरुष जीवन पर बीमा पॉलिसी की जाती है और उसके ऊपर किसी प्रकार के लेनदारों का दाइत्व है। तो ऐसे मृतक पुरुष की मृत्यु दावे की रकम उसकी अपनी सम्पत्ति नहीं मानी जाती है। इसे स्त्रीधन के रूप में माना जाता है। अतः इस मृत्यु दावे पर कोई भी लेनदार दावा नहीं कर सकता है। 

परन्तु यदि इस एक्ट के तहत महिला जीवन पर पालिसी रजिस्टर होती है और देनदारी का दाईत्व पुरुष जीवन पर है। तो ऐसी पॉलिसी के किसी भी प्रकार के भुगतान जैसे- पॉलिसी सरेंडर, मैच्योरिटी इत्यादि के ऊपर भी कोई लेनदार अपना दावा नहीं कर सकता है। 

इस एक्ट के तहत रजिस्टर पॉलिसी, जो कि महिला जीवन पर है। मृत्यु दावे पर भी कोई क्लेम नहीं कर सकता बशर्ते की उस पॉलिसी में पुरुष जीवन मृत्यु प्राप्त करने का अधिकारी न हो। 


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Disclaimer- 
यह लेख एलआईसी एजेंटों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। ताकि वह अपने ग्राहकों को उचित जानकारी दे सके। चूंकि, यह लेख कानूनी धाराओं और जीवन बीमा योजनाओ के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसलिए, यह हमारा कर्तव्य है कि हम आपको बताएं कि इस लेख में दी गई जानकारी ऑनलाइन अध्ययन पर आधारित है। इसलिए, कोई भी व्यक्ति जो इस लेख का अध्ययन कर रहा है, इस संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले, विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें।

6 comments:

  1. Sir, mwp act addendum form download me mwp act ka ही लिंक दे रखा है प्लीज give लिंक of form download

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    1. Dear
      thankyou very much, link update kar diya gaya hai. ab aap aasani se form download kar sakte hai. you can check now. yadi aapko problem samjh aati hai to apne telegram app pr rajister number comment kar sakte hai. once again thankyou very much

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  2. Thanks for giving us very informative massage. Sir, kya mwp act ke liye extra premium dena padta hai?

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    1. Your most welcome my friend, No extra premium

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  3. Love u sir, guaranter kis kis ko le sakte hai

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  4. could you please give pdf of mwp act in english!!?

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