06 April 2020

Obstacles to LIC Agency Success

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OBSTACLES IN LIFE INSURANCE BUSINESS


किसी व्यवसाय में बाधाओं से क्या अर्थ है-

किसी भी मार्केटिंग के व्यवसाय में, व्यवसायी का पूरा ध्यान अपने प्रोडक्ट की विक्री की ओर होता है। अधिकतम विक्रेता यह सोचते है कि प्रोडक्ट का मूल्य जितना सस्ता होगा। वह प्रोडक्ट उतना ज्यादा विक्री होगा। परन्तु यदि आप किसी प्रोडक्ट विक्री के रुझानों को ध्यान से अध्ययन करेंगे, तो निश्चित रूप से आप पाएंगे कि कोई भी प्रोडक्ट सिर्फ सस्ता होने की वजह से ज्यादा बिकेगा। ऐसा सोचना गलत होगा। आप बाजार में जाकर देख सकते है कि बहुत सारे प्रोडक्ट, कीमत काफी कम होने के बावजूद बाजार में जगह नहीं बना पाते है। उदाहरण हेतु- आप स्वम कई बार बाजार से सामान लेने जाते होंगे। आपने दुकानदार से किसी प्रोडक्ट की मांग की होगी। वह दुकानदार किसी कंपनी का वही प्रोडक्ट आपको दे देता है। दुकानदार आपसे कहता है कि "श्री मान जी, इस कम्पनी के सामान काफी सस्ते है। यह आपके लिए फायदेमंद है, आप उस खरीद ले।आप क्या करते है, "क्या आप अपने दुकानदार के ऐसा कहने से या प्रोडक्ट की कीमत कम होने की वजह से उस प्रोडक्ट को खरीद लेते है?" अधिकतम ग्राहक के मन यह बात आ सकती है कि इस कंपनी के सामान को मैंने पहले कभी भी उपयोग नहीं किया है। दूसरी कम्पनी का सामान काफी महंगा है। यह कंपनी इतना सस्ता सामान क्यों दे रही है। अधिकतम ग्राहक सामान लेने से इंकार कर सकते है। 
अर्थात- यदि आप ऐसा सोचते है कि कम कीमत की वजह से कोई प्रोडक्ट बाजार में ज्यादा बिकेगा तो मुझे लगता है आपका ऐसा सोचना गलत होगा। यह एक बाधा है- यदि आप सफल विक्रेता बनना चाहते है तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी प्रोडक्ट की विक्रय, सिर्फ उसके कीमत पर आधारित नहीं होती है।  


इसके बाद आपके मन में दूसरा तथ्य यह आ सकता है कि यदि प्रोडक्ट की गुणवत्ता बेहतर हो तो उस प्रोडक्ट की विक्री बेहतर हो जाएगी। लेकिन, बाजार का अध्ययन यह बताता है कि सिर्फ गुणवत्ता बेहतर होने की वजह से कोई प्रोडक्ट बाजार में अपनी जगह बना लेगा ऐसा सोचना भी गलत है। उदाहरण हेतु- आपका दुकानदार आपसे बोलता है- "श्री मान, यह एक बहुत बेहतर कंपनी का सामान आया है और इसकी गुणवत्ता बहुत ही अच्छी है। आप इसे उपयोग करके देखिये।" लेकिन आप किसी दूसरी कंपनी के प्रोडक्ट को पसंद करते है। मेरे विचार से बहुत सारे ग्राहक अपने पसंदीदा पुराने कंपनी के प्रोडक्ट को ही लेना चाहेंगे। क्योकि हो सकता है दुकानदार की बात से ग्राहक तो संतुष्ट हो, लेकिन उसके मन में विचार आ जाये कि उसके परिवार के दूसरे सदस्य, उसके इस खरीद पर आपत्ति उठाये। 
अर्थात- यदि आप यह सोचते है कि यदि आपके प्रोडक्ट की गुणवत्ता बेहतर होगी। तब आपका प्रोडक्ट बाजार में अपनी जगह बना लेगा। तो मुझे लगता है आपका ऐसा सोचना भी गलत होगा। यह भी एक बाधा है- सफल विक्रय सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करेगा कि प्रोडक्ट बेहतरीन गुणवत्ता का हो। क्योकि यदि आपका भावी ग्राहक पहले से किसी पारम्परिक प्रोडक्ट का उपयोग कर रहा है और वह उससे संतुष्ट है। तो फिर वह आपके प्रोडक्ट को क्यों उपयोग करेगा। यदि ग्राहक ने आपके प्रोडक्ट को खरीदने के लिए विचार भी किया, तो हो सकता है कि वह अपने परिवार की प्रतिक्रिया का विचार करके अपना फैसला बदल ले। 

निष्कर्ष- 

विक्रय के एक कला है। सफल विक्रेता अपने प्रोडक्ट को बाजार में उतारने से पहले इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करता है। यदि आप किसी प्रोडक्ट की जानकारी देने के लिए किसी व्यक्ति को निमंत्रण देते है अथवा आप उस व्यक्ति तक पहुंचने को तैयार रहते है और आप उनसे उनका समय मांगते है। तब लोगो के द्वारा सामान्य तौर अग्रिम लिखित बाते आपको सुनने को मिलेगी। 
  • मैं अभी बहुत व्यस्त हूँ, मेरे पास समय नहीं है, अगले हफ्ते मिलना। 
  • हमारे पास वर्तमान में, आपके प्रोडक्ट के लिए बजट नहीं है। यदि मेरे पास पैसे होते तो मैं आपके प्रोडक्ट को समझता या फिर खरीद लेता। आप तीन महीने बाद मिलिए। उस समय मैं फ्री रहूँगा। आपसे आपका प्रोडक्ट जरूर खरीद लूंगा। 
  • आपके प्रोडक्ट की हमें कोई आवश्यकता नहीं है। 
  • इत्यादि 
सम्पूर्ण दुनियाँ में लोग, जिनते भी प्रकार के विज़िबल अथवा अनविजिबल प्रोडक्ट बेचते है। सभी को अपने प्रोडक्ट को बेचने में जिन बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उसे साधारण भाषा में उस प्रोडक्ट के प्रति ग्राहकों द्वारा उठाया गया ऑब्जेक्शन कहा जाता है। 

कोई भी व्यक्ति सफल विक्रेता तभी बन सकता है। जब उसे यह जानकारी हो कि उसके संभावित ग्राहक, उसके प्रोडक्ट के प्रति किस प्रकार के ऑब्जेक्शन पैदा कर सकते है। ताकि वह उन ऑब्जेक्शन के लिए खुद को और अपनी टीम को तैयार कर सके।

विजिबल और अनविजिबल प्रोडक्ट क्या होते है-

विजिबल प्रोडक्ट- 

ऐसे प्रोडक्ट जिन्हे आप देख सकते हो, छू सकते हो। ऐसे प्रोडक्ट को विज़िबल प्रोडक्ट कहा जाता है। उदाहरण हेतु- मोबाइल, टेलेविज़न, फ्रीजर, एयर कन्डिशनर, मोटर साइकल, कार, इत्यादि।
विजिबल प्रोडक्ट को बेचना काफी आसान होता है। क्योकि ग्राहक अपनी आँखों से प्रोडक्ट को देख सकता है। वह चंद पैसे खर्च करके प्रोडक्ट को तत्काल उपयोग में ले सकता है। विज़िबल प्रोडक्ट खरीदने के बाद ग्राहक
Jeevan Bima Bazar, Ritesh Lic Advisor
Jeevan Bima Bazar
अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करता है अथवा सुविधाओं की पूर्ति करता है। साथ ही साथ विज़िबल प्रोडक्ट खरीदने के बाद समाज में खुद को दुसरो से बेहतर दिखाने में गर्व का अनुभव भी करता है। 

ग्राहक बाजार जाता है। रोजाना उपयोग की वस्तुए जैसे- स्नान साबुन, कपडा साबुन, नमक, तेल, इत्यादि जैसी चीज़े खरीदता है। जो उसके दैनिक जरूरतों को पूर्ण करती है। लेकिन जब वही ग्राहक किसी चार पहिया वाहन को खरीदने जाता है। तब, उसके मन में होता है कि चार पहिया वाहन से, उसकी प्रतिष्ठा समाज में बढ़ जाएगी। यदि कोई व्यक्ति उसके घर में मेहमान बनकर आता है और उसका मकान उस क्षेत्र का सबसे बेहतर मकान होता है। उसके घर में A. C., फ्रीज और दूसरी महंगी वस्तुएँ होती है। तो समाज में उसका मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ जाएगी। 

यही कारण है कि विज़िबल प्रोडक्ट को बेचना काफी आसान हो जाता है। एक विज़िबल प्रोडक्ट का विक्रेता, यदि अपने संभावित ग्राहकों को उपरोक्त बातो का एहसास कराने में सफल हो जाता है। तो वह एक सफल विक्रेता बन सकता है। 

इनविजिबल प्रोडक्ट-

ऐसे प्रोडक्ट जिन्हे आप छू नहीं सकते और जो आपको दिखाई नहीं देते है। उन्हें इनविजिबल प्रोडक्ट कहा जाता है। उदाहरण हेतु- जीवन बीमा की योजनायें, फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग, इत्यादि। 

इनविजिबल प्रोडक्ट को बेचना अपेक्षाकृत कठिन होता है। क्योकि ग्राहक को यह प्रोडक्ट दिखाई नहीं देते है।इनविजिबल प्रोडक्ट को खरीदने के तुरंत बाद ग्राहक को सुख की अनुभूति नहीं होती है और ग्राहक किसी भी इनविजिबल प्रोडक्ट को खरीदने के बाद समाज में खुद को उस प्रोडक्ट के कारण सम्मानित और प्रतिष्ठित भी नहीं महसूस करता है। यही वजह है कि इनविजिबल प्रोडक्ट को बेचना थोड़ा मुश्किल कार्य हो जाता है।

जीवन बीमा व्यवसाय की सफलता में बाधाएं क्या है-

यदि आप एक सफल जीवन बीमा अभिकर्ता बनना चाहते है। तो सर्वप्रथम आपको जीवन बीमा व्यवसाय में पड़ने वाली बाधाओं की जानकारी होना बहुत जरुरी है। क्योकि, जब हमे जीवन व्यवसाय में होने वाली बाधाओं की जानकारी होगी। तब हम उसका समाधान भी ढूढ़ लेंगे। 

इस सन्दर्भ में किसी भी बात को रखने से पहले, मैं यह बताना जरुरी समझता हूँ कि जब मैं जीवन बीमा व्यवसाय में बाधाओं की बात कहता हूँ। तब मेरे कहने का अर्थ उन सभी बाधाओं से होता है। जो एक जीवन बीमा अभिकर्ता को सफल होने से रोकता है। इस आधार पर यदि जीवन बीमा व्यवसाय में बाधाओं का उल्लेख किया जाये तो निम्न प्रकार से कर सकते है। 

  1. जानकारी का आभाव- मुझे लगता है आज मनुष्य सुविधाओं का इतना अधिक आदि बनता जा रहा है कि आवश्यक चीज़ो के प्रति भी उदासीन होता जा रहा है। पहले कैलकुलेटर नहीं हुआ करते थे। उस समय लोग इतने ज्यादा एक्सपर्ट हुआ करते थे कि कई बार सही सही गणना भी मुँह जबानी कर लिया करते थे। परन्तु आज छोटी छोटी गणना करने के लिए भी कैलकुलेटर की जरुरत पड़ जाती है। बहुत सारे जीवन बीमा अभिकर्ता ऐसे भी है, जिन्हे अपने सभी प्रोडक्ट की जानकारी भी नहीं है। हर तरीके से मोबाइल के एप्लीकेशन पर निर्भर ऐसे अभिकर्ताओ को योजनाओ के मैच्योरिटी, सरेंडर, लोन, इत्यादि जैसे कैलकुलेशन करने नहीं आते। ऐसे अभिकर्ता के अंदर आत्मविश्वास की कमी होती है। ऐसा अभिकर्ता जिसमे आत्मविश्वास की कमी हो। बड़ी सफलता कभी नहीं प्राप्त कर सकता। यदि आप सफल अभिकर्ता बनना चाहते है। तब आपको अपने प्रोडक्ट की पूरी जानकारी होना अति आवश्यक है। सभी तरह के कैलकुलेशन मैनुअली करना हो तब भी आप आसानी से कर सके। यह क्षमता आपके पास होनी ही चाहिए। इसके बाद आप किसी मोबाइल एप्लीकेशन अथवा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का उपयोग करते है। तब यह आपके सफलता में चार गुणा वृद्धि कर सकता है। 
  2. मोटिवेशन के प्रति उत्साह का न होना- एक अभिकर्ता अपना पूरा दिन इस कोशिश में निकाल देता है कि उसे कुछ बीमे मिल जाये। परन्तु जब वह सफल नहीं हो पाता है तो उसे लगने लगता है कि जीवन बीमा का अभिकरण व्यवसाय व्यर्थ है। जबकि यह सभी जानते है कि जब आप 10 लोगो से बीमे के लिए सम्पर्क करते है। तब आपको एक नया बीमा मिल जाता है। फिर भी एक अभिकर्ता निरास हो जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह होता है कि 10 कोशिसो में 9 कोशिसो का व्यर्थ चला जाना। जब एक व्यक्ति को प्रतिदिन अधिकतम असफलता का सामना करना पड़ता है। तब वह व्यक्ति अपने मन को निरास होने से नहीं रोक पाता है। इसका एक मात्र समाधान है कि आप स्वम को प्रतिदिन मोटीवेट करते रहे। मैं फिर से जोर देकर कहना चाहता हूँ। कि आप कितने भी बड़े अभिकर्ता हो या फिर छोटे। यदि आप स्वम को मोटीवेट नहीं करते है। तब आपको अपने व्यवसाय में उतार चढाव का सामना हमेसा करना पड़ेगा। 
  3. प्रोस्पेक्टिंग के लिए संघर्ष न करना- हर कम्पनी की सफलता उस कंपनी में बनने वाले प्रोडक्ट के कच्चे मॉल पर निर्भर करती है। मार्केटिंग करना और दूसरी सभी बाते, प्रोडक्ट बन जाने के बाद तय होती है। जिस कंपनी में जितना ज्यादा कच्चा माल होगा। वह कंपनी उतना अधिक प्रोडक्ट बना पायेगी। ठीक इसी प्रकार से आपके पास भावी ग्राहकों की संख्या जितनी ज्यादा होगी। आप उतने अधिक सफल होते जायेगे। तो यदि आप सफल बनना चाहते है तब आपको उन तरीको को सीखना चाहिए। जिनके जरिये आप अपने संभावित ग्राहकों की संख्या निरंतर बढ़ाते रहे। 
  4. टाइम मैनेजमेंट की कमी- एक जीवन बीमा अभिकर्ता के विकास में सबसे बड़ी बाधा टाइम मैनेजमेंट का न होना भी होता है। एक जीवन बीमा अभिकर्ता को अपने व्यवसाय के लिए मूल रूप से 3 चरण के कार्य करने होते है। वह होते है 1- नव व्यवसाय का कार्य, 2- सर्विसिंग का कार्य, 3- ऑफिस का कार्य।  जिस प्रकार कोई प्रोडक्शन फैक्ट्री कार्य करती है। ठीक उसी प्रकार एक अभिकर्ता की पूरी एजेंसी होती है। कोई भी प्रोडक्शन फैक्ट्री को सफल बनाने के लिए एक पूरा मैनेजमेंट सिस्टम कार्य करता है। किसी प्रोडक्ट को तैयार करने से लेकर उसकी विक्री तक के लिए अलग अलग एक पूरा डिपार्टमेंट होता है। तब कही जाकर वह कंपनी सफल हो पाती है। लेकिन अधिकतम अभिकर्ता अपने एजेंसी में चपरासी से लेकर चेयरमैन तक का सभी कार्य खुद ही करना चाहता है और वह भी मनमाने तरीके से। जब मर्जी हुई ऑफिस चले गए। जब मर्जी हुई नए बीमे के लिए कार्य करना शुरू कर दिए। किसी ने बुला दिया तो प्रीमियम कलेक्शन के लिए चले गए। यदि कोई अभिकर्ता इस प्रकार से कार्य करता है तो वह बड़ी सफलता कभी नहीं हासिल कर सकता। 
  5. प्रीमियम में छूट देने की समस्या- अधिकतम जीवन बीमा अभिकर्ता पहले से यह मान चुके होते है कि जब तक वह छूट नहीं देंगे। जीवन बीमा पॉलिसी की क्लोजिंग कर पाना उनके लिए संभव नहीं है। एक जीवन बीमा अभिकर्ता की ऐसी सोच उसके सफलता में बहुत बड़ी बाधा पैदा करती है। अधिकतम अभिकर्ता अपनी ऐसी सोच की वजह से सफलता से खुद को कोसो दूर कर लेते है। यही नहीं, खुद को बड़े कर्ज में भी डाल लेते है। यह जीवन बीमा  व्यवसाय के लिए, एक ऐसा रोग है कि जिस अभिकर्ता को लग जाता है। अपनी पूरी एजेंसी में खुद को कभी भी स्वतंत्र नहीं महसूस कर पाता है। कर्ज से दबा हुआ अभिकर्ता सफलता तो दूर की बात है। एक दिन मज़बूर होकर एजेंसी भी छोड़ देता है और फील्ड के कर्जे उसे उसकी पूरी जिंदगी परेशान करते है। 
  6. प्लान प्रेजेंटेशन की सही जानकारी का आभाव- यदि आप जीवन बीमा व्यवसाय में वास्तव में सफल होना चाहते है तो आपको प्लान प्रेजेंटेशन के सही तरीके को जानना बहुत जरुरी है। मेरा अपना व्यक्तिगत मत है कि यदि आप किसी प्लान को ग्राहक के जरुरत के अनुरूप प्रेजेंट करने की कला जानते है। तब आपकी सफलता भी बहुत बड़ी होती जाती है। मैं अपने बहुत सारे अभिकर्ताओं को इसके लिए प्रेरित किया हूँ। जिसने भी इसका पालन किया है उन्हें अपने व्यवसाय में बड़ा बदलाव महसूस किया है। 
  7. ऑफिस में सही तालमेल की कमी- यदि आप अपने व्यवसाय को सफल बनाना चाहते है तो आपको इस ओर भी कार्य करने की आवश्यकता है। आप बहुत सारे ऐसे अभिकर्ता को जानते होंगे। जो घर रहते हुए भी अपने कार्यालय में फ़ोन करके अपना कार्य करा लेते है। ठीक इसी प्रकार आप ऐसे अभिकर्ताओं को जानते होंगे जो ऑफिस पहुंचकर भी अपना कार्य नहीं करा पाते है। या बहुत मुश्किल से करा पाते है। यदि आप वास्तव में सफलता प्राप्त करना चाहते है तो आपको ऑफिस से सही तालमेल बनाना ही होगा। ताकि आपके कार्य सरलता से होते चले जाये। 
  8. पारिवारिक दबाव- एक जीवन बीमा अभिकर्ता हमेसा यह सोचता है कि वह तभी सफल हो सकता है जब उसके फील्ड के लोग और उसके ऑफिस के लोग खुश रहेंगे। ऐसा करते समय वह अपने परिवार की सबसे ज्यादा अनदेखी करता है। हो सकता है, ऐसे अभिकर्ता के सबंध उसके फील्ड और उसके ऑफिस में बहुत अच्छे हो। लेकिन पारिवारिक दबाव उसके मन पर हमेसा हॉबी रहता है। एक ऐसा अभिकर्ता जो मानसिक रूप से परेशान हो कभी भी सफल नहीं हो सकता है। 
  9. उपरोक्त के अतिरिक्त बहुत सारे छोटे बड़े कारण है जो अभिकर्ता की सफलता में बाधा में बड़े कारण बन जाते है। 
उपरोक्त सभी विषयो को आने वाली पोस्ट में हम विस्तृत रूप से समझेंगे। हमारा मानना है कि जब हमे अपनी समस्या का सही आकलन हो जाता है। तब हम उसके सही समाधान भी खोज ही लेते है। तो प्यारे साथियो मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि हम अपने आने वाली पोस्ट में हर विषय पर समस्याओ और उसके समाधान पर विस्तृत रूप से जानकारी लेंगे। 


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2 comments:

  1. Thanku sir mai apki hr videos dekhta hoo

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    1. Your most welcome my friend, hamari site par aap fierst vykti hai jinka comment mujhe mila hai. thankyou so much alok ji.

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