26 March 2020

एलआईसी की नई बंदोबस्ती योजना 814

lic new endowment plan 814, lic new endowment plan
LIC'S New Endowment Plan 814 (Withdraw Plan)

LIC New Endowment Plan 814 (Withdraw Plan)


एलआईसी की नई बंदोबस्ती बीमा योजना एक बहुत ही लोकप्रिय बीमा योजना है। जो बेहतर रिटर्न के साथ साथ बेहतर मृत्यु दावे का भुगतान भी करती है। एक अभिकर्ता के रूप में आप अपने ग्राहक से इस योजना को, उसकी किसी बड़ी जिम्मेदारी को पूरा करने हेतु सलाह भी दे सकते है, जैसे- यदि आपका ग्राहक भविष्य में अपने लिए किसी घर को बनाना चाहता है, यदि वह बच्चो की शिक्षा के लिए एक मुश्त धन एकत्र करना चाहता है या फिर अपनी लाड़ली बिटिया के लिए उसकी शादी विवाह की व्यवस्था करना चाहता है।  इस प्रकार की जरुरत को पूरा करने में यह योजना सक्षम है। 
LIC New Endowment Plan 814 (Withdraw Plan), lic new endowment plan
LIC New Endowment Plan 814 (Withdraw Plan)
बहुत सारे अभिकर्ता आज की तारीख में कॉम्बिनेशन के माध्यम से भी अपने ग्राहको की जरुरत को पूरा करने के लिए इस योजना का उपयोग कर रहे है। तो बेहतर होगा कि इस पॉलिसी की पूरी जानकारी आपके पास उपलब्ध हो ताकि आप भी इसका उपयोग अपने ग्राहक के हितो के लिए कर सके। 
एलआईसी  की नई बंदोबस्ती योजना जिसका टेबल संख्या 814 है, दिनांक जनवरी 31, 2020 को बंद हो चुकी है।

पॉलिसी के लिए शर्ते क्या है-

न्यूनतम बीमाधन: रूपये 1  लाख 
अधिकतम बीमाधन: कोई सीमा नहीं है 
(लेकिन १ लाख के पालिसी के बाद 5000 रूपये के गुड़क में ही यह पालिसी की जा सकेगी)
प्रवेश के समय आयु की न्यूनतम सीमा: 8 वर्ष पूर्ण होना चाहिए 
प्रवेश के समय अधिकतम आयु सीमा: 55 वर्ष (नियरर बर्थ डे)
पूर्णावधि के समय अधिकतम आयु सीमा: 75 वर्ष (नियरर बर्थ डे)
पॉलिसी की न्यूनतम अवधि: 12 वर्ष 
पॉलिसी की अधिकतम अवधि: 35 वर्ष

पॉलिसी के पूर्णावधि तिथि पर ग्राहक को क्या मिलेगा-

यदि पालिसी धारक पॉलिसी की पूर्णावधि तिथि तक जीवित रहता है और उसने अपनी सभी प्रीमियम जमा कर दी है। तो पॉलिसी के मैच्योरिटी के समय उसे मूल बीमाधन के साथ, पॉलिसी के मैच्योरिटी तिथि तक अर्जित कुल बोनस एवं अंतिम अतिरिक्त बोनस (फाइनल एडिशनल बोनस) यदि कुछ रहेगा, तो दिया जायेगा।

पॉलिसी अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु होने की दशा में क्या होगा-

यदि पॉलिसी की पूर्णावधि तिथि से पूर्व किसी कारण से पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है और पॉलिसी धारक मृत्यु की तिथि से पहले तक की सभी प्रीमियम जमा किया रहता है या फिर उसकी पालिसी चालू अवस्था में रहती है। तो फिर ऐसी पालिसी मृत्यु दावे के योग्य होती है। 
ऐसी स्तिथि में निगम द्वारा "Sum Assured on Death" के साथ, उस समय तक पॉलिसी में अर्जित कुल बोनस एवं अंतिम अतिरिक्त बोनस (फाइनल एडिशनल बोनस) यदि कुछ रहेगा, तो पॉलिसी में जो व्यक्ति नॉमिनी होगा, उसे भुगतान किया जायेगा। 
जहाँ "Sum Assured on Death" नीचे दिए गए तीन ऑप्शन में से जो सबसे ज्यादा होगा उसे कहा जायेगा।  
  • मूल बीमाधन 
  • वार्षिक प्रीमियम का 10 गुना 
  • बीमाधारक द्वारा जमा किये गए कुल प्रीमियम का 105%
उपरोक्त प्रीमियम में G. S. T., कोई अतिरिक्त प्रीमियम भार (जैसे- ऐज प्रूफ एक्स्ट्रा, जोखिम व्यवसाय के लिए एक्स्ट्रा इत्यादि) एवं राइडर के रूप में जो पैसे ग्राहक जमा करता है, नहीं जोड़ा जायेगा।

LIC New Endowment Plan 814 (Withdraw Plan), lic new endowment plan
LIC New Endowment Plan 814 (Withdraw Plan)
लाभ सहित योजना का अर्थ-

एलआईसी की यह योजना, नई बंदोबस्ती योजना (New Endowment Plan- Table No. 814) एक लाभ सहित योजना है, जिसका अर्थ होता है कि यह योजना बोनस प्राप्त करने की अधिकारी होगी अर्थात भारतीय जीवन बीमा निगम अपने अनुभव के आधार पर प्रति वर्ष इस योजना हेतु अपने मुनाफे को प्रदर्शित करेगी। अर्थात  यदि बीमा की भाषा में कहा जाये तो निगम इस योजना के लिए प्रति वर्ष बोनस को प्रदर्शित करेगी। यह बोनस प्रति वर्ष पालिसी में जुड़ता रहेगा। जो कि, पॉलिसी की पूर्णावधि तिथि को या फिर उससे पूर्व बीमाधारक की मृत्यु की दशा में, निगम द्वारा ग्राहक को, या फिर यदि उसकी मृत्यु हो गई है, तो उसके नॉमिनी को भुगतान कर दिया जायेगा। 
पॉलिसी के नियम और शर्तो को मानते हुए यदि बीमाधारक अपनी पॉलिसी की प्रीमियम जमा करता है तो यह पॉलिसी फाइनल एडीसनल बोनस प्राप्त कर सकती है। जिसका भुगतान या तो पालिसी की पूर्णावधि पर या फिर मृत्यु की दशा में नॉमिनी को हो सकता है। 

प्रीमियम जमा करने की विधि-

नई बंदोबस्ती योजना अर्थात New Endowment Plan- Table No. 814 में बीमा धारक अपनी प्रीमियम वार्षिक, अर्धवार्षिक अथवा तिमाही विधि से जमा करने के विकल्प का चयन कर सकता है इसके आलावा मासिक विधि से भी प्रीमियम जमा करने का विकल्प यह योजना प्रदान करती है लेकिन इसके लिए  ECS / NACH / SSS के माध्यम से प्रीमियम जमा किया जा सकता है। 
यदि बीमाधारक वार्षिक, अर्धवार्षिक अथवा तिमाही विधि चयन करता है। तो अभिकर्ता के रूप में आपको अपने बीमाधारक को यह जानकारी दे देनी चाहिए कि प्रीमियम जमा करने की आखरी तारीख के बाद निगम सिर्फ 30 दिनों का समय देती है। जबकि मासिक विधि से प्रीमियम जमा होने वाली योजनाओ में यह समय 15 दिनों का होता है। इस समय को हिंदी भाषा में रियायती अवधि और अंग्रेजी में ग्रेस पीरियड कहा जाता है।

प्रीमियम जमा करने की विधि का चयन करने से प्रीमियम में छूट-

एक अभिकर्ता के रूप में आपके ऊपर यह पूरी जिम्मेदारी होती है, कि अपने बीमाधारक का हर प्रकार से लाभ का पूरा ध्यान दे। यदि बीमाधारक वार्षिक विधि से या फिर छमाही विधि से प्रीमियम जमा करने के विकल्प का चयन करता है। तो उसे प्रीमियम में कुछ छूट मिलता है। आइये देखते है यह छूट क्या है -

प्रीमियम जमा करने विधि के कारण बीमाधारक को मिलने वाला लाभ-

  • वार्षिक विधि से प्रीमियम जमा करने के विकल्प का चयन करने पर - तालिका प्रीमियम का 2%
  • अर्धवार्षिक विधि से प्रीमियम जमा करने के विकल्प का चयन करने पर - तालिका प्रीमियम का 1%

बड़ी पॉलिसी खरीदने के कारण बीमाधारक को मिलने वाला लाभ-

यदि आपका बीमाधारक छोटी छोटी कई पॉलिसी के बजाये बड़ी पालिसी लेता है। तो आपके बीमाधारक को इसका लाभ भी होता है। तो आइये अब समझते है कि यह लाभ कैसे और कितना होता है-

बड़ी पॉलिसी के कारण प्रीमियम में मिलने वाला लाभ-

  • यदि पॉलिसी 1 लाख से 1 लाख 95 हज़ार के बीच की होती है - तो किसी प्रकार की कोई छूट नहीं होती है 
  • यदि पॉलिसी 2 लाख से 4 लाख 95 हज़ार के बीच की होती है - तो प्रति हज़ार बीमाधन के लिए 2 रूपये
  • यदि पॉलिसी ५ लाख या उससे ऊपर की होती है - तो प्रति हज़ार बीमाधन के लिए 3 रूपये 

पॉलिसी को पुनः चालू (रिवाइवल) करने का नियम-

यह भी एक बहुत ही महत्व पूर्ण जानकारी होती है। जो आपको पालिसी करने के साथ ही अपने ग्राहक को जरूर देना चाहिए। क्योकि, जब आपके ग्राहक को इसकी जानकारी होती है। तो वह अपने पॉलिसी के प्रति जागरूक रहता है और अपनी प्रीमियम समय से जमा करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। 
यदि बीमाधारक अपने पॉलिसी की प्रीमियम रियायती अवधि अर्थात ग्रेस पीरियड के अंदर जमा नहीं कर पाता है तो उसकी पॉलिसी लैप्स हो जाती है और पालिसी के लैप्स होने की दशा में बीमाधारक का रिस्क कवर बंद हो जाता है अर्थात यदि बीमाधारक की पालिसी लैप्स हो चुकी है और उस दौरान उस बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है। तो पॉलिसी से मृत्यु दावे का भुगतान नहीं होता है। 
लैप्स पॉलिसी को चालू किया जा सकता है और इस प्रक्रिया को पॉलिसी को रिवाइव करना कहा जाता है। एक लैप्स पालिसी अधिकतम, जिस देय तिथि से प्रीमियम जमा नहीं हुई है, से 2 वर्ष के अंदर ही रिवाइव कराया जा सकता है। 
लैप्स पॉलिसी को पुनः चालू करने के लिए ग्राहक को अपनी सभी प्रीमियम, लेट फीस और जो GST हो, जमा करना होता है। इसके अतिरिक्त निगम बंद पालिसी को पुनः शुरू करने से पहले बीमाधारक का मेडिकल सर्टिफिकेट भी ले सकता है और इसका खर्च भी बीमाधारक को स्वम ही वहन करना पड़ता है।

पॉलिसी को तोड़ने अर्थात सरेंडर करने का नियम-

पॉलिसी को तोडना हमेशा बीमाधारक के लिए बड़े नुकसान का सौदा होता है। इसलिए अभिकर्ता के रूप में आपका हमेसा यही प्रयास होना चाहिए कि आप बीमाधारक को उसकी पालिसी को चालू रखने के लिए हमेसा प्रेरित करे। 
इस योजना के अंतर्गत यदि पॉलिसी के 3 साल की सभी प्रीमियम जमा कर दी गई है। तो बीमाधारक उस पॉलिसी को तोड़ सकता है। पॉलिसी को तोड़ने पर पॉलिसी के सरेंडर वैल्यू का ही भुगतान बीमाधारक को मिलता है।

पॉलिसी से लोन की सुविधा-

पॉलिसी के 3 साल चल जाने के बाद बीमाधारक अपनी पॉलिसी से लोन के लिए अप्लाई कर सकता है।

अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए विडियो को ध्यान से देखिये-


इस वीडियो में एलआईसी की न्यू एंडोमेंट प्लान 814 की बेसिक इनफार्मेशन दिया गया है। इस वीडियो में दी गई सम्पूर्ण जानकारी साधारण और समझने योग्य हिंदी भाषा में है। 👇👇👇



इस वीडियो में एलआईसी की न्यू एंडोमेंट प्लान 814 के संदर्भ में बताया गया है कि जब पॉलिसी पूरी होती है, भारतीय जीवन बीमा निगम मैच्योरिटी का भुगतान कैसे करेगा। इस वीडियो में मैच्योरिटी कैलकुलेशन विधि को उदाहरण के साथ समझाया गया है। इस वीडियो में दी गई सम्पूर्ण जानकारी साधारण और समझने योग्य हिंदी भाषा में है। 👇👇👇


इस वीडियो में एलआईसी की न्यू एंडोमेंट प्लान 814 के संदर्भ में बताया गया है कि जब पॉलिसी की मैच्योरिटी से पहले यदि बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो भारतीय जीवन बीमा निगम नॉमिनी को डेथ क्लेम का भुगतान कैसे करेगा। इस वीडियो में डेथ क्लेमके कैलकुलेशन को उदाहरण के साथ समझाया गया है। इस वीडियो में दी गई सम्पूर्ण जानकारी साधारण और समझने योग्य हिंदी भाषा में है। 👇👇👇


कुछ आवश्यक पीडीऍफ़ फाइल-



Share on Whatsapp

मेरे सोशल मीडिया लिंक-

G-mail ID- riteshlicadvisor01@gmail.com
Facebook ID- https://www.facebook.com/riteshlicadvisor
Twitter ID- https://twitter.com/LIC_Trainer
Telegram Group For Life Insurance Agents- https://t.me/joinchat/NXsg6hW9NmwZjqYjXA98Wg

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.