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22 सितंबर 2025
जीवन बीमा कारोबार सिर्फ "पॉलिसी बेचने" का काम नहीं है, बल्कि यह लोगों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है, यह विषय है लोगों के सपनों को साकार करने हेतु आपके प्रयास का, यह विषय है लोगों की आर्थिक सुरक्षा का और एक जीवन बीमा अभिकर्ता के रूप में आपके लिए इस क्षेत्र की सबसे बड़ी पूंजी है - आपके रिश्ते, लोगों का भरोसा और आपका नेटवर्क।
अक्सर मेरी बात जब अभिकर्ताओं से होती है, तो बहुतों के एक ही समस्या होती है - "नए ग्राहक कहाँ से लाएं?" लेकिन अगर आप ध्यान से देखें तो आप पाएंगे कि आपका अगला संभावित ग्राहक, आपके किसी पुराने ग्राहक का मित्र, रिश्तेदार अथवा परिचित हो सकता है। यही कारण है कि मैं सभी अभिकर्ताओं को यह बताता हूँ कि जीवन बीमा कारोबार में सम्बन्धों का निर्माण एवं उनकी देख-रेख आपकी सबसे बड़ी रणनीति होनी चाहिए।
जीवन बीमा बाजार पर हमारा मानना है कि जीवन बीमा केवल एक उत्पाद नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा भरोसा है जिसे आप अपने ग्राहकों के साथ बाँटते है और जो आगे चलकर आपको नए अवसर प्रदान करता है और नए ग्राहकों के दरवाजे खोल देता है।
तो आइये जानते है कुछ अनोखे सूत्र और घटनाएं, जो न केवल आपके बीमा कारोबार की राह को आसान बनायेंगे बल्कि आपके करियर को भी सफलता के उच्चतम शिखर तक ले जायेंगे।
ग्राहकों के नाम: एक एजेंट की असली पूँजी
अगर आप एक जीवन बीमा एजेंट हैं और खुद के बीमा कारोबार में बेहतर करना चाहते हैं, तो आपको आपका पूरा ध्यान आपकी मूल पूंजी पर केंद्रित करना चाहिए। एक जीवन बीमा एजेंट के पास जितने अधिक नाम होंगें, उसके बीमा विक्री की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
शिव कुमार नाम के एक व्यक्ति ने एलआईसी से जुड़कर जीवन बीमा का अभिकरण कारोबार शुरू किया। जब वह नए थे, तब वह कुछ मित्रो और अपने रिश्तेदारों को ही जानते थे। अभिकरण कारोबार शुरू करने के बाद कुछ महीनों में ही उन्होंने अपने सभी मित्रों, रिश्तेदारों और परिचितों से जीवन बीमा उत्पादों के बारे में बातचीत कर ली। नतीजा यह निकला की कुछ महीनो में वह सिर्फ सात बीमा ही बेच पाये।
शिव कुमार जी ने जब अपना बीमा कारोबार शुरू किया था तो सोचा था कि वह खूब मेहनत करेंगे और इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करेंगे। लेकिन चंद महीनों में ही उनका हौसला टूटने लगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अब वह यह नहीं समझ पा रहे थे कि बीमा उत्पादों की विक्री के लिए वह किससे मिलें।
इसके बाद उन्होंने हमसे बात की और इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि अब वह अपने किसी भी मित्र, रिश्तेदार एवं परिचितों को सिर्फ "संभावित ग्राहक" के रूप में नहीं देखेंगे, बल्कि व्यक्तिगत संबंध विकसित करने का प्रयास करेंगे। अब जब उनके किसी मित्र का जन्मदिन अथवा शादी की सालगिरह होती, तो वह खुद ही उनके घर बधाई देने चले जाते, उनके किसी परिचित का बच्चा पढाई में अच्छा करता तो उसकी सराहना करते। इस तरह धीरे-धीरे उन्होंने लोगों से अपने संबंध बेहतर किये और लोग भी उन्हें पसंद करने लगे।
अब जब वह अपने इन संबंधों में बताते कि उन्हें अपना टारगेट कम्पलीट करने के लिए पांच नए बीमे की जरुरत है, तो लोग अपने मित्रो एवं पड़ोसियों के बारे बता देते। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों से उनका परिचय करवाते, तो कुछ ने अपने ऑफिस के सहकर्मियों से परिचित करवाते। आज उनकी एजेंसी लगभग पांच वर्ष पूर्ण होने वाली है और आज भी वह इस सिद्धांत को अपनाते हैं।
नतीजा यह हुआ कि अब उन्हें यह नहीं सोचना पड़ता है कि उन्हें बीमा विक्री के लिए किसके पास जाना है। अभी कुछ दिन पहले ही मेरी बात उनसे हुई थी, तब वह मुझे बता रहे थे कि आज उनके डायरी में लगभग 400 ऐसे नाम हैं जिन्हे वह बीमा विक्री के लिए सम्पर्क करने वाले हैं।
सीख: जीवन बीमा कारोबार में, अभिकर्ता की डायरी में संभावित ग्राहकों का लिखा हुआ प्रत्येक नाम, आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं है। क्योकि, अगर आप प्रत्येक नाम के लिए समझदारी से काम करते हैं तो इनकी वजह से आपको अन्य कई नाम मिल सकते हैं।
रोज़ाना नई मुलाकातों का महत्व
अगर आप अपने जीवन बीमा कारोबार में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके सफलता का एक ही मंत्र है - "लगातार प्रयास", रोजाना नए लोगों से मिलना और उन्हें खुद के बारे बताना और साथ ही अपने व्यवसायिक रिश्ते विकसित करने के लिए प्रयास करना, आपको आपके शाखा कार्यालय का सबसे सफल एजेंट बना सकता है।
इसके लिए आप सीमा वर्मा जी को ही उदाहरण के तौर पर ले सकते हैं। इन्होने दो वर्ष पूर्व एजेंसी ली थी। इससे पहले वह एक गृहणी थी और अपने दो बच्चों ख्याल रखतीं थी। पति के बीमारी के चलते वह कारोबार की तलाश कर रहीं थीं। उन्होंने मेरे यूट्यूब चैनल "रितेश एलआईसी एडवाइजर" की एक वीडियो को देखकर हमसे सम्पर्क किया और मेरी ही सलाह पर उन्होंने जीवन बीमा का एजेंसी कारोबार शुरू किया।
एजेंसी का शुरुआती दौर उनके लिए काफी कठिन था। वह लोगों से बीमा उत्पादों के बारे में बातचीत करतीं, लेकिन सफल नहीं हो पा रहीं थीं। ऐसे में, हमारे सलाह के बाद उन्होंने अपने एजेंसी जीवन के लिए एक नया नियम स्वीकार किया। उन्होंने तय किया कि वह रोजाना कम से कम तीन से चार लोगों से बीमा उत्पादों के बारें में बातचीत करेंगी। उन्होंने तय किया कि चाहे वह बाजार में सब्जी खरीदने के लिए जाएं या बच्चों के पैरेंट्स मीटिंग में, वह रोजाना कम से कम तीन लोगों को बीमा उत्पादों को समझायेंगी या खुद का परिचय देंगी।
शुरुआत में लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे लोग उन्हें पहचानने लगे और परिणाम स्वरूप उन्होंने अपने एजेंसी के प्रथम वर्ष में ही 73 पॉलिसियों की विक्री की। उनके रोजाना के प्रयास का ही परिणाम है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में उन्होंने 69 पॉलिसियां बेच दी है और लगभग 19 प्रपोजल फॉर्म भरकर रखें हुए हैं। आज वह अपने परिवार को आर्थिक रूप से संभाल भी रही हैं और अपने क्षेत्र की भरोसेमंद अभिकर्ता के रूप में पहचान पा रही हैं।
सिख: रोज की छोटी-छोटी मुलाकातें ही आपके लिए बड़ा नेटवर्क तैयार कर सकती हैं और आपकी सफलता हेतु आसान रास्ता तैयार कर सकती हैं।
सिफारिश का जादू
अगर आप जीवन बीमा कारोबार में सफल होना चाहते हैं तो आपको आपके ग्राहकों से सिफारिश प्राप्त करना चाहिए। यह एक ऐसा अचूक अस्त्र है जिसकी मदद से बीमा विक्री न केवल आसान होती है, बल्कि बड़े लक्ष्यों को भी सिमित समय में हासिल किया जा सकता है।
इसके लिए आप अरविन्द जी का उदाहरण ले सकते हैं, यह कई वर्षो से जीवन बीमा कारोबार कर रहे थे। लेकिन इन्होने अपने एजेंसी करियर में एक ऐसा समय भी देखा जो इनके लिए बहुत अधिक कठिन था। इनके पास पहले से ही लगभग 400 से अधिक ग्राहक थे। इनका कहना था कि मैं बहुत छोटे से क्षेत्र से हूँ और मैंने अपने क्षेत्र के अधिकतम लोगों को बीमा पॉलिसी बेच दी है, अब मुझे मेरे क्षेत्र में नया बीमा नहीं मिल रहा है, क्या करूँ?
हालाँकि, मैं खुद इस बात पर विश्वास नहीं करता हूँ कि किसी क्षेत्र में शत-प्रतिशत लोगों ने जीवन बीमा पॉलिसी खरीद ली है और अब वहां नया उत्पाद विक्री की संभावना ही नहीं है। लेकिन इसके बावजूद मेरे कहने से उन्होंने एक रास्ता अपनाया, उन्होंने अपने पुराने सभी ग्राहकों की सूची निकाली और सबसे पहले उन्होंने उन ग्राहकों के नाम छाटें जो उनके करीबी थे और संतुष्ट थे।
अब वह अपने संतुष्ट ग्राहकों से बातचीत करते और उनके दोस्तों, सहकर्मियों और रिश्तेदारों के बारे पूछते और कहते- कल्पना कीजिये कि यदि
- आपके मित्र के बच्चो की शिक्षा आर्थिक तंगी की वजह से बाधित हो जाये, तो आप कैसा महसूस करेंगें?
- आपके मित्र के पुरे परिवार को रोटी कपडा और मकान से जुडी समस्या का सामना करना पड़े, तो आपको कैसा लगेगा?
- आपके मित्र के बिटिया का विवाह आर्थिक समस्या की वजह से न हो सके और आपको यह पता चले तो आपको कैसा लगेगा?
स्वाभाविक है कि कोई भी व्यक्ति अपने प्रियजन के परिवार की ऐसी स्थिति से बहुत अधिक दुःखी होगा। इसके बाद अरविन्द जी अगला सवाल होता है कि यदि
- आपके मित्र की धर्मपत्नी आपसे आर्थिक मदद मांगे तो आप उनकी कितनी और कब तक मदद कर सकते हैं?
- क्या आपके द्वारा दी जाने वाली मदद आपके मित्र की धर्मपत्नी और उसके परिवार की जरूरतों के लिए पर्याप्त होगी?
मुझे यकीन है कि आप अपने किसी भी ग्राहक से इस आखरी प्रश्न को पूछेंगे तो उनका उत्तर "ना" ही होगा।
अब अरविन्द जी अपने ग्राहक से कहते हैं कि "आज आप अपने मित्र की मदद कर सकते हैं, आज आप उन्हें बता सकते हैं कि आपने एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी है और आपके मृत्यु के बाद आपके जीवन साथी को जीवन बीमा पॉलिसी की जो रकम प्राप्त होगी, इसकी वजह से उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना होगा। इसलिए आपके मित्र को भी जीवन बीमा पॉलिसी खरीद लेनी चाहिए।"
अरविन्द के इन प्रयासों से, उनके ग्राहकों ने अपने सम्बन्धो में उनका सिफारिस करना शुरू कर दिया। हालाँकि शुरूआती रिजल्ट अच्छा नहीं था। क्योकि जब ग्राहकों ने उन्हें अपने करीबी लोगों के नाम दिए तो वह खुद ही उनसे सम्पर्क करने चले जाते, जिससे अधिकतम लोग उन्हें समय नहीं देते थे। ऐसे में मेरी सलाह के बाद वह अपने ग्राहकों के साथ उनके करीबी लोगों से मिलने के लिए जाने लगे और नतीजा यह हुआ कि उन्होंने बहुत ही कम समय में एमडीआरटी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
सीख: संतुष्ट ग्राहक सिर्फ आपका ग्राहक नहीं होता, बल्कि आपके लिए "चलती फिरती विज्ञापन पब्लिसिटी" होता है। मेरा मानना है कि यदि आप अपने ग्राहकों को पूरी ईमानदारी से बीमा सेवायें देंगे, तो आपका प्रत्येक ग्राहक आपको कम से कम पांच नए ग्राहक तो दे ही सकता है।
भरोसा और सेवा: अभिकर्ता के दीर्घकालिक सफलता की कुंजी
अगर आप अपने क्षेत्र में खुद की पहचान एक सफल और प्रोफेशनल अभिकर्ता के रूप में बनाना चाहते हैं तो आपको यह समझना होगा कि जीवन बीमा कारोबार सिर्फ उत्पादों की खरीद और विक्री तक सिमित नहीं है, बल्कि यह विश्वास और भरोसे पर टिका हुआ एक अटूट बंधन है। एक जीवन बीमा अभिकर्ता के रूप में आपको आपके ग्राहकों के मन में विश्वास पैदा करना होता है और जब आप ऐसा करने में सफल होते हैं तो आपका ग्राहक खुद ब खुद आप पर भरोषा करने लगता है और जब भी ऐसा होता है, तो शुरू होती है आपके सफलता की अटूट कहानी।
इसके लिए मैं आपको राघवेंद्र जी का उदाहरण देना चाहूंगा, जो एक भारतीय प्राइवेट जीवन बीमा कंपनी के अभिकर्ता हैं। यह कोरोना के बाद का कालखंड था, जब वह आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे। उन दिनों मैंने भी अपने यूट्यूब चैनल रितेश एलआईसी एडवाइजर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमे बताया गया था कि एलआईसी क्यों बेहतर है। राघवेंद्र जी ने उस पूरी वीडियो को देखा और फिर उन्होंने मुझे सम्पर्क किया और उन्होंने एलआईसी ज्वाइन करने की इच्छा बताई।
चुकी वह पिछले कई वर्षो से अपना कारोबार कर रहे थे और वह जिस जीवन बीमा कंपनी के साथ काम कर रहे थे, वह भी एक मजबूत कंपनी थी। इसलिए मैंने उन्हें अपनी कंपनी न बदलने की सलाह दी। ऐसे सुझाव पर उन्होंने कहा, "सर, कोरोना के बाद से मैं बहुत अधिक परेशान हूँ और काफी कोशिस करने के बावजूद बीमा विक्री में मुझे बहुत मुश्किल हो रही है, ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?"
अब मेरी सलाह के बाद उन्होंने तय किया कि अब वह सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसी की विक्री तक सिमित नहीं रहेंगे, बल्कि लोगों के बैंकिंग और बीमा से जुडी समस्याओं को हल करने के लिए सच्चा प्रयास करेंगे।
अब वह अपने पूर्व के सभी ग्राहकों से एवं अपने परिचितों से कहने लगे- "अगर आपकी जानकारी में कोई भी ऐसा व्यक्ति है, जिसे उसकी जीवन बीमा पॉलिसी में, बैंक खाते में अथवा पोस्ट ऑफिस के खाते में समस्या हो रही हो, तो आप उसको मेरा कांटेक्ट नंबर दे दीजिये। मैं ऐसे लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए दिल से प्रयास करूँगा।"
धीरे-धीरे लोगों ने राघवेंद्र जी के इस सोच को महसूस किया और कई लोगों ने अपने परिचितों को उनसे सम्पर्क करने की सलाह दी। कोई ग्राहक जो अपने बैंक खाते में नामांकन की समस्या से परेशान होता, कोई ग्राहक जो एलआईसी की पॉलिसी में मृत्यु दावा प्रोसेस में संघर्ष कर रहा होता या कोई ग्राहक जो अपनी पोस्ट ऑफिस की किसी समस्या के समाधान के लिए राघवेंद्र से सम्पर्क करता, राघवेंद्र बहुत ही समझदारी और धैर्यता के साथ उसका सहयोग करते और ऐसे परेशान ग्राहकों की दिल से मदद करते।
मुझे अभी भी एक घटना याद है जिसका जिक्र राघवेंद्र ने मुझसे किया था। उन्होंने बताया था, "सर, एक ग्राहक ने एलआईसी की पॉलिसी खरीदी हुई थी और उसकी मृत्यु हो चुकी थी। उसकी पॉलिसी सैलरी सेविंग स्कीम के तहत खरीदी गई थी और उसके एजेंट ने भी उसका कार्य पूर्ण कर लिया था, लेकिन उसके सैलरी से कोई कटौती नहीं हुई जिसके कारण एलआईसी ने मृत्यु दावा रिजेक्ट कर दिया। ऐसे पॉलिसी के मृत्यु दावे का भुगतान जब कराया, तो ग्राहक ने मुझे दिल से जिस तरह से आभार जताया, मैं शब्दों में उसे बयां नहीं कर सकता।"
इस तरह का कार्य करते हुए, अब लोग अपने परिचितों को भी बोलते हैं कि अगर जीवन बीमा पॉलिसी खरीदनी है, तो सिर्फ राघवेंद्र जी से खरीदो। आज राघवेंद्र जी अपने क्षेत्र में बहुत बेहतर तरीके से कारोबार कर रहे हैं और अन्य एलआईसी एजेंटो के लिए भी बड़ी चुनौती बने हुए है।
सीख: याद रखिये, जब आप अपने ग्राहकों की समस्या को खुद की समस्या मान लेते हैं, तो वह आपको सिर्फ एक अभिकर्ता के रूप में नहीं देखते, बल्कि वह आपको अपने परिवार का एक हिस्सा मान लेते हैं। ऐसे ग्राहक आपके लिए किसी भी व्यक्ति से लड़ सकते हैं और आपके ब्रांड एंबेसडर तक बन जाते हैं।
निष्कर्ष
किसी भी कारोबार में सफल होना कोई जादू नहीं होता है, बल्कि कठिन परिश्रम, ईमानदारी और लगन से काम करना होता है। ठीक इसी तरह जीवन बीमा कारोबार में सफल होने के लिए कुछ सिद्धांतों पर अमल करना बेहद जरुरी होता है। आपके छोटे-छोटे कदम और निरंतर प्रयास आपको सफलता दिलाने में मदद करती है।
मैं पूरी ईमानदारी से आज यह कह सकता हूँ कि बीमा कारोबार का शुरूआती समय और कभी-कभी अनुभवी अभिकर्ताओं को भी समस्या होती है। लेकिन अगर आप पूर्ण विश्वास के साथ निरंतर प्रयास करते हैं तो आप अपनी समस्या को परास्त भी कर सकते हैं और सफल भी हो सकते हैं। सिर्फ इन सिधान्तो को अपने जीवन में अपना लीजिये-
- आपकी असली पूँजी आपके संभावित ग्राहकों के नाम एवं उनका सम्पर्क विवरण है। आपकी सूची जितनी बड़ी होगी, भविष्य में बिक्री के लिए आपकी नींव उतनी ही मज़बूत होगी।
- आपको हर स्थिति में कम से कम तीन नए लोगों से मिलना ही है और उन्हें अपने उत्पादों के बारे बताना ही है। यदि किसी दिन ऐसा कर पाना बिलकुल असंभव हो तब भी आपको ऐसे लोगों को खुद के बारे में एवं खुद के कारोबार के बारे में बताना है।
- आपको अपने मौजूदा ग्राहकों से उनके परिचितों के बारे में बातचीत करना है और उनके सहयोग से उनके परिचितों को जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करना है।
- लोगों के मन विश्वास पैदा करने के लिए हर संभव प्रयास करना है, ताकि लोगों का भरोषा आप में हो और फिर विक्रय हेतु कोशिस करना है।
जब आप इन चार स्तंभों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेते हैं, तो ग्राहकों के लिए आप सिर्फ एक “एजेंट” नहीं रहते, बल्कि एक भरोसेमंद मार्गदर्शक और सहयोगी बन जाते हैं।
याद रखिये- जीवन बीमा केवल पॉलिसी नहीं, बल्कि लोगों के सपनों और भविष्य की सुरक्षा का वादा है। जब आप इस वादे को सच्चे मन से निभाते हैं, तो ग्राहक खुद आपके लिए नए दरवाज़े खोलते हैं और आपका व्यवसाय निरंतर बढ़ता जाता है।
26 अगस्त 2025
यदि आप भारतीय जीवन बीमा निगम में एक एजेंट के रूप में कारोबार कर रहे हैं, तो आपने यह जरूर सुना होगा कि एलआईसी सर्वे फॉर्म आपके बीमा कारोबार को बेहतर बनाने में कितनी बड़ी भूमिका निभा सकता है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसकी सहायता से आप एक ओर नए ग्राहकों से अपने व्यवसायिक रिश्ते बेहतर कर सकते हैं बल्कि खुद की प्रोफेशनल छवि का निर्माण भी कर सकते हैं।
जीवन बीमा बाजार की इस विशेष श्रृंखला में हम एलआईसी सर्वे फॉर्म के सभी प्रश्नों के बारे में विस्तार से समझ रहे हैं। आज के इस लेख में हम इसके चौथे प्रश्न - "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट करना चाहते हैं?" के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
एलआईसी एजेंट के रूप में आपको यह प्रश्न सामान्य लग सकता है, लेकिन यदि आप अपने ग्राहकों से इसी प्रश्न को सही तरीके से पूछते हैं, तो यह आपके लिए बीमा कारोबार बढ़ाने हेतु नए अवसर एवं मजबूत ग्राहक सम्बन्ध दोनों पैदा कर सकता है। तो आइये समझते हैं कि इस साधारण से दिखने वाले प्रश्न के पीछे इतनी बड़ी संभावनाएं कैसे छिपी हुई है।
सर्वे फॉर्म के चौथे प्रश्न का उद्देश्य
एलआईसी सर्वे फॉर्म का चौथा प्रश्न है, “क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट करना चाहते हैं?” यह प्रश्न देखने में सामान्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन इसका उदेश्य एजेंट और ग्राहक दोनों के लिए बहुत अधिक लाभप्रद होता है।
वास्तव में, इस सर्वे का मुख्य उदेश्य यह है कि एक एजेंट अपने क्षेत्र के अधिकतम लोगों को उनके एलआईसी पॉलिसी से जुडी महत्वपूर्ण दे सके। जब कोई ग्राहक अपने एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट नहीं कराता है, तो भविष्य में उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे लंबित भुगतान की सूचना का समय पर न मिलना, बोनस एवं क्लेम से जुडी जानकारियों का छूट जाना इत्यादि। ऐसे में अगर कोई एजेंट सर्वे के दौरान अपने क्षेत्र के लोगों को यह प्रश्न पूछकर उनके पॉलिसी में एड्रेस अपडेट के महत्व को समझाता है, तो लोगों में यह भरोसा होगा कि एजेंट वास्तव में उनकी मदद कर रहा है।
इसके दो प्रमुख लाभ होते हैं-
- ग्राहक का भरोसा बढ़ता है - जब ग्राहक को जानकारी उपलब्ध कराते हैं, तो आपका ग्राहक यह महसूस करने लगता है कि एलआईसी और उसके एजेंट उसकी पॉलिसी का सही तरीके से ख्याल रख रहे हैं।
- एजेंट के भविष्य का कारोबार बढ़ता है - ऐसा देखा गया है कि सर्वे के जरिये लोगों की मदद करने वाले एजेंटों का कारोबार तेजी से बढ़ता है। वास्तव में ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि लोग उस एजेंट का अपना हितैषी मानने लगते हैं और यह भी महसूस करते हैं कि वह एक प्रोफेशनल एजेंट है। परिणाम स्वरूप, भविष्य में खुद भी उसी एजेंट से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते है और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।
इस प्रश्न का मुख्य उदेश्य यही है कि एजेंट अपने ग्राहक को यह भरोसा दिलाये कि अगर उसके एलआईसी पॉलिसी में उसका पता अपडेट रहता है, तो जरूरत पड़ने पर एलआईसी उसकी पॉलिसी से जुड़ा भुगतान अथवा सूचना सीधे उसके घर तक पहुंचा सकती है। वास्तव में, एलआईसी ने कई बार लंबित भुगतानों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए इसी तरीके को अपनाया है। यही भरोसा आगे चलकर ग्राहक और एजेंट के व्यवसायिक रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है और एजेंट के बीमा कारोबार में अवसरों को बढ़ावा देता है।
ग्राहक से सर्वे फॉर्म का चौथा सवाल कैसे पूछे
यह जानना बेहद जरूरी है कि सर्वे के दौरान आप ग्राहक से एलआईसी सर्वे फॉर्म के चौथे सवाल को कैसे पूछे और ऐसा करते समय आपको प्रश्न की व्याख्या कैसे करनी चाहिए। इसके बाद, लेकिन सर्वे से पूर्व ही आपको यह आकलन भी कर लेना चाहिए कि आपके द्वारा इस प्रश्न को पूछे जाने पर आपके ग्राहक की प्रतिक्रिया क्या होगी और हर संभावित प्रतिक्रिया के लिए आपकी रणनीति क्या होगी।
आइये फ़िलहाल के लिए हम यह समझते हैं कि सर्वे के दौरान आपको अपने ग्राहक से यह सवाल कैसे पूछना चाहिए। तो इसके लिए मेरा सुझाव होगा कि इस प्रश्न को यथावत पढ़ना ही उचित रहता है- "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में अपना पता अपडेट करना चाहते हैं?"
वास्तव में इस प्रश्न में ऐसा कोई शब्द नहीं है जो जटिल हो और आपके ग्राहक को समझ न आये। तो इस प्रश्न को समझाने की जरूरत तो नहीं होती है। लेकिन हाँ, इस इस विषय-वस्तु के महत्व और गंभीरता को समझाना बेहद जरूर है। यह कार्य आप कुछ इस तरह से कर सकते हैं-
"सर, सामान्यता एलआईसी की पालिसियां एक लम्बी अवधि के लिए खरीदी जाती है। एक ग्राहक जब पॉलिसी खरीदता है, तो प्रपोजल फॉर्म में अपना पत्राचार का पता और स्थाई पता दर्ज करवाता है और यही पता उसके पॉलिसी में दर्ज रहता है। एलआईसी अपने ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान करती है कि वह जब भी चाहे, अपने पते को और खास तौर से पत्राचार के पते को अपडेट करवा सकती है।
लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि ग्राहक कई कारणों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो जाता है, लेकिन अपने एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट नहीं करवाता है।
समय-समय पर, भारत सरकार और आईआरडीए के दिशानिर्देशों के अनुसार निगम को ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए, बीमा पालिसियों में परिवर्तन कर सकती है और ऐसा होने पर ग्राहक की पालिसियों पर इसका असर हो सकता है। अब यदि एलआईसी में ऐसे परिवर्तन होते हैं, तो इसकी सूचना एलआईसी पत्राचार के द्वारा ग्राहक को करती है।
एलआईसी कई बार ग्राहकों के पालिसियों के प्रीमियम की सूचना, सहभागिता हित लाभ की सूचना और कुछ दावे (जैसे मृत्यु दावा) पर लिए गए निर्णयों की सूचना भी पत्राचार के माध्यम से ग्राहक को पहुंचाती है।
ऐसे में अगर आपके एलआईसी की पॉलिसी में आपके पत्राचार का पता अपडेट नहीं रहता है, तो निगम के द्वारा पत्राचार के माध्यम से भेजी जाने वाली जरूरी सूचना आपको नहीं मिल पायेगी और सम्भव तया आपको भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए एक जीवन बीमा सलाहकार के तौर पर आपके लिए मेरी यही सलाह होगी कि एक बार आप अपने पॉलिसी की जाँच जरूर कर लें और बताएं कि क्या आप अपनी एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट करवाना चाहते हैं।"
मुझे लगता है कि जब आप उपरोक्त तरीके से ग्राहक को उसके पॉलिसी के लिए पते को समझाते हैं, तो वह यह महसूस कर पाता है कि उसके जीवन बीमा पालिसियों में पत्राचार के पते का अपडेटेड रहना कितना अधिक महत्वपूर्ण हैं। यह एक ऐसा तरीका है जिसके जरिये न केवल आप ग्राहक को पते के महत्व को समझाते हैं, बल्कि ग्राहक के मन में अपनी प्रोफेशनल छवि का निर्माण भी कर पाते हैं।
ग्राहक की प्रतिक्रिया
सर्वे के दौरान जब आप ग्राहक को उसके एलआईसी पॉलिसी के लिए पते का क्या महत्व होता है, यह समझा देते हैं तो ग्राहक पूरी समझदारी के साथ अपने जीवन बीमा पॉलिसी के दस्तावेजों की जाँच कर सकता है और फिर दो प्रकार की प्रतिक्रिया दे सकता है।
ग्राहक कह सकता है कि-
- वह अपने एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट करवाना चाहता है।
- या कह सकता है कि उसके पॉलिसी में उसका पता पहले से ही अपडेटेड है, इसलिए उसे पता अपडेट करवाने की कोई जरूरत नहीं है।
जब ग्राहक का उत्तर "हाँ" हो
सर्वे के दौरान जब आप ग्राहक से यह सवाल पूछते हैं तो अगर ग्राहक यह कहता है कि वह अपने एलआईसी की पॉलिसी में अपना पता अपडेट करवाना चाहता है तो अब ग्राहक के इस कार्य को कम्पलीट करने के लिए किसी भी रणनीति को अपनाने से पहले, आपके लिए हमारे कुछ सुझाव है।
हमें यह पूरा भरोसा है कि अब तक आप ग्राहक के स्वभाव से परिचित हो चुके होंगे और अगर आप पुराने अभिकर्ता हैं, तो आपको यह अनुमान तो हो ही गया होगा कि ग्राहक के साथ आपके बिक्री की सम्भावनाएं क्या हो सकती हैं। तो किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले आपको यह बात ध्यान में रखना चाहिए।
दूसरी महत्वपूर्ण बात, जिसपर आपको विचार करना चाहिए कि वर्तमान समय में आपकी व्यस्तता क्या है और इन दोनों ही बातों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए। आइये अब समझते है कि एक जीवन बीमा एजेंट के तौर पर आपको क्या करना चाहिए।
अब जैसा कि आप जानते ही हैं, जीवन बीमा पालिसियों में पता परिवर्तन कराने के लिए ग्राहक को एक एप्लीकेशन लिखना होता है और एक साक्ष्य के साथ इसको सम्बंधित शाखा कार्यालय में जमा करना होता है। ऐसे में, आपको चाहिए कि पता परिवर्तन के लिए एप्लीकेशन लिखें और उसपर ग्राहक के हस्ताक्षर करवा लें।
अब अगर आपके पास समय है, तो आप ग्राहक से कह सकते हैं कि जल्द ही आप ग्राहक के इस कार्य को पूर्ण करवाकर, फिर से ग्राहक से सम्पर्क करेंगे और इसके बारे में सूचित करेंगे। फ़िलहाल मेरा सुझाव यही होगा कि आपको यही रास्ता अपनाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपको ग्राहक के साथ व्यवसायिक सम्बन्ध विकसित करने में मदद मिलेगी।
लेकिन यदि आपको किसी भी तरह से बिक्री संभावनाएं नहीं दिखती, तो फिर मेरा सुझाव होगा कि आप ग्राहक को पता परिवर्तन की प्रक्रिया समझा दें। ताकि आपका सामान्य नुकसान न हो।
जब ग्राहक का उत्तर "नहीं" हो
सर्वे के दौरान बहुतायत लोग आपको ऐसे मिलेंगे, जिन्हें उनके जीवन बीमा पॉलिसी में पता अपडेट कराने की जरूरत नहीं होगी। ऐसा होने पर आप अगले प्रश्न पर जा सकते हैं। लेकिन यदि आप खुद की प्रोफेशनल छवि विकसित करना चाहते हैं तो आपके लिए हमारी सलाह होगी कि ऐसा न करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यही तो वह मौका है जब आपको बेहतर सिद्ध कर सकते हैं।
आप ग्राहक से कह सकते हैं, "सर, मैं आपसे अपने दिल की एक बात कहना चाहता हूँ और आपसे एक विनम्र अनुरोध भी करना चाहता हूँ। दिल की बात यह है कि मेरे लिए एलआईसी, सिर्फ मेरा कारोबार नहीं है बल्कि मैं इसको ईश्वर का दिया हुआ वरदान मानता हूँ। ऐसा इसलिए, क्योंकि एलआईसी मुझे मौका देती है कि मैं इसकी मदद से समाज की सेवा कर सकूँ।"
फिर अपनी बात को कुछ इस प्रकार से आगे बढ़ाएं- "सर, मैं अपने क्षेत्र के सभी लोगों के लिए यह चाहता हूँ कि किसी भी ग्राहक की पॉलिसी में कोई समस्या न हो। लेकिन मैं अकेले हर किसी तक नहीं पहुंच सकता हूँ। इसलिए आपसे यह विनम्र अनुरोध करता हूँ कि जहाँ तक संभव हो सके, यह जानकारी आप अपने साथी दोस्तों को भी जरूर दें।"
अब बारी है नए लोगों तक अपनी पहुंच बनाने की, तो अब आप कह सकते हैं- "सर, अगर आपको लगता है कि आपके किसी दोस्त को मेरे मदद की जरूरत है, तो आप बिना किसी संकोच के उसे मेरे बारे में बता सकते हैं।"
निष्कर्ष
एलआईसी सर्वे फॉर्म का चौथा प्रश्न एलआईसी एजेंट के लिए एक बेहतरीन मौका है। आप इस मौके को एक सामान्य सा प्रश्न मानकर नजरअंदाज कर सकते हैं या फिर इस प्रश्न को अवसर मानकर, ग्राहक के मन में अपनी बेहतर जगह बना सकते हैं और अपनी प्रोफेशनल छवि का निर्माण कर सकते हैं।
एक ट्रेनर एवं शुभचिंतक के तौर पर आपके लिए मेरी यही सलाह होगी कि आप अपने क्षेत्र में सर्वे करें। यह आपके क्षेत्र के लोगों को जागरूक करेगा और आपके कारोबार को बेहतर बनाने के लिए सफलता के दरवाजे खोल देगा। एलआईसी सर्वे फॉर्म के पांचवें प्रश्न को समझने के लिए नीचे दी हुई "अगला पेज" बटन पर क्लिक करें।
20 अगस्त 2025
साथियों, जैसा की आप जानते हैं हम एलआईसी के सर्वे फॉर्म के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और आज हम "जीवन बीमा बाजार" के इस लेख के माध्यम से सर्वे फॉर्म के तीसरे प्रश्न "क्या आपको किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके नॉमिनी को उनकी एलआईसी पॉलिसी का भुगतान नहीं मिला है?" के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
यदि आप एलआईसी एजेंट हैं और सर्वे के माध्यम से आप खुद को अपने क्षेत्र में न केवल प्रोफेशनल सलाहकार के रूप में स्थापित करना चाहते है बल्कि खुद के जीवन बीमा कारोबार को भी बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न को पूछने की शैली, इस प्रश्न की व्याख्या को पहले समझना होगा। इसके बाद, ग्राहक के संभावित सभी प्रतिक्रियाओं का सर्वे पूर्व आकलन करना होगा और यह तय करना होगा कि ग्राहक के प्रत्येक संभावित प्रतिक्रिया पर आपको किस तरह की रणनीति अपनाना है।
हालाँकि उपरोक्त प्रश्न साधारण दृष्टि में, बहुत ही सामान्य नजर आता है। लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं, क्योंकि सिर्फ इस एक प्रश्न की मदद से आप ग्राहक को यह एहसास दिला सकते हैं कि आप उसके हितैसी हैं और आप उसकी मदद करना चाहते है। सर्वे प्रक्रिया में अगर आप ऐसा करने में सफल होते हैं, तो विश्वास करें आप अपने व्यावसायिक भविष्य को बेहतर बनाने की सही दिशा में कार्य कर रहे हैं।
सर्वे फॉर्म के तीसरे सवाल का उदेश्य
एलआईसी सर्वे फॉर्म का तीसरा सवाल है, "क्या आपको किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके नॉमिनी को उनकी एलआईसी पॉलिसी का भुगतान नहीं मिला है?"
जब आप ग्राहक से यह सवाल पूछते हैं, तो वास्तव में आप यह जानना चाहते हैं कि क्या ग्राहक के जानकारी में कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसने एलआईसी से कोई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी है और पॉलिसी अवधि के दौरान उसकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन एलआईसी से उसके नॉमिनी को अभी तक मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है।
याद रखें: आप सर्वे में हैं, और आपका उदेश्य ग्राहक को यह विश्वास दिलाना है कि एलआईसी उसके लिए सबसे बेहतर जीवन बीमा कंपनी है। एक अभिकर्ता के तौर पर, आपने भी कुछ लोगों को ऐसा कहते सुना होगा, "जीवन बीमा पॉलिसी खरीदना आसान है, लेकिन बीमा का पैसा लेना काफी मुश्किल"
सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न को पूछकर, आप ग्राहक के इस विचारधारा को बदल सकते हैं और यह विश्वास दिला सकते हैं कि एलआईसी से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदना जितना आसान है, उतना ही आसान एलआईसी से विभिन्न प्रकार के दावों का भुगतान प्राप्त करना भी है। वास्तव में, सर्वे फॉर्म में इस प्रश्न को शामिल करने का यही उदेश्य है।
सर्वे फॉर्म का तीसरा सवाल कैसे पूछें
एक ट्रेनर के तौर पर, मैं अपने सभी अभिकर्ताओं को यही समझाता हूँ कि जब भी आप अपने कार्यक्षेत्र में होते हैं और आप अपने ग्राहकों से बातचीत कर रहे होते हैं तो आपको एलआईसी के कठिन शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। क्योंकि, ऐसे शब्दों से आप सहज हो सकते हैं, आपका ग्राहक नहीं।
उदाहरण के लिए: डेट ऑफ़ कमिसमेंट, सर्वाइवल बेनिफिट, एसाइनमेंट, राइडर एवं अन्य बहुत सारे ऐसे शब्द हैं जिनको आप भलीं-भांति समझते हैं। लेकिन संभव है कि आप जिस ग्राहक से बातचीत कर रहे हों, उसे ऐसे शब्दों का मतलब न पता हो।
याद रखिये, अगर आपकी बातचीत में आपके शब्द आपके ग्राहक को समझ नहीं आते, तो हो सकता है आपका ग्राहक आपको यह न बताये कि उसे किस बात का मतलब समझ नहीं आ रहा है और यदि ऐसा होता है, तो आपकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है। अब चाहे वह सर्वे के दौरान आपके द्वारा किया जाने वाला प्रयास हो अथवा किसी नई जीवन बीमा पॉलिसी की विक्रय प्रक्रिया के लिए किया जाने वाला प्रेजेंटेशन।
अतः जब आप सर्वे के दौरान एलआईसी सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न को ग्राहक के सामने प्रस्तुत करते हैं, तो सबसे पहले आपको यह सवाल यथावत रखना चाहिए। इसके बाद थोड़ा रुककर ग्राहक को सरल शब्दों में समझाना चाहिए-
"क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते है जिसने एलआईसी से कोई पॉलिसी खरीदी हो और उसकी मृत्यु हो जाने के बाद, उसके परिवार को एलआईसी से पॉलिसी का पैसा न मिला हो।"
इस सवाल पर ग्राहक की प्रतिक्रिया
अब जब आप ग्राहक से सवाल पूछ चुके होते हैं, तो आपको शांत हो जाना चाहिए। अगर ग्राहक कुछ सोच रहा हो तो उसको विचार करने दीजिये। लेकिन इंतज़ार कीजिये, ताकि वह जवाब दे सके। अगर ग्राहक दो से तीन मिनट तक नहीं बोलता है तब एक बार पुनः अपने सवाल को दोहरा दीजिये, लेकिन ग्राहक को जवाब देने दीजिये।
एक बार फिर से, लेकिन जोर देकर कहूंगा कि ग्राहक से प्रश्न पूछने के बाद आपको तब तक शांत हो जाना चाहिए जब तक कि ग्राहक जवाब नहीं दे देता। ग्राहक पांच से सात मिनट का समय ले सकता है। याद रखिए, सवाल पूछने के बाद आपकी शांति ही आपकी सफलता की कुंजी है।
ग्राहक तुरंत अथवा कुछ इंतज़ार के बाद आपको जवाब दे सकता है। अलग-अलग ग्राहकों से आपको दो प्रकार के जवाब ही मिल सकते हैं।
- पहला- वह किसी व्यक्ति को जानता हो जिसको एलआईसी से मृत्यु दावे का भुगतान न मिला हो।
- दूसरा- वह किसी भी ऐसे व्यक्ति को न जानता हो।
अब इन दोनों ही संभावनाओं के लिए आपको पूर्व में ही तैयार होना होगा और दोनों ही प्रतिक्रियाओं पर आपको इस प्रकार कार्य करना होगा, ताकि आप ग्राहक को प्रभावित कर सकें और यह एहसास दिला सकें कि वह एक प्रोफेशनल जीवन बीमा अभिकर्ता से बातचीत कर रहा है।
सर्वे फॉर्म के तीसरे सवाल के लिए एजेंट की रणनीति
सर्वे के दौरान चाहे आप जो कोई भी सवाल पूछे, हर सवाल के संभावित सभी जवाब के लिए आपके पास सटीक रणनीति होना बेहद जरुरी है। यहाँ सर्वे फॉर्म का तीसरा सवाल दावों से सम्बन्ध रखता है। अतः इसके लिए आपके पास सटीक और प्रभावशाली रणनीति होना बेहद आवश्यक है।
जब आप ग्राहक से पूछते हैं कि क्या वह किसी ऐसे व्यक्ति को जानता जिसको सम्बंधित जीवन बीमा पॉलिसी से मृत्यु दावा प्राप्त हुआ है, तो ग्राहक के प्रतिक्रिया से आप असहज हो सकते हैं। लेकिन यहाँ पर ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि यदि पूर्व के दो सवालों को आपने ग्राहक से सही तरीके से डिसकस किया होगा, तो आपको इस सवाल में कठिनाई नहीं होगी।
चलिए, अब इस प्रश्न के दोनों संभावित प्रतिक्रिया पर एजेंट के तौर पर आपके द्वारा अपनाने योग्य रणनीति को समझते है।
जब ग्राहक का जवाब हाँ हो
एक नए एजेंट के लिए यह कठिन हो सकता है, जब सर्वे के इस प्रश्न के उत्तर में ग्राहक कहता है कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को जानता है, जिसके मृत्यु के बाद उसके परिवार को मृत्यु दावे का भुगतान नहीं मिला है।
मैं मेरे अनुभव से कहना चाहता हूँ कि कई बार ऐसा होता है कि आपका सवाल मृत्यु दावे के संदर्भ में होता है, लेकिन ग्राहक किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कह रहा होता है, जिसको सहभागिता हितलाभ, बीमा पॉलिसी लोन अथवा सरेंडर का भुगतान नहीं मिला होता है।
मैं अपने अनुभवों से यह भी कह सकता हूँ कि जब आप यह सवाल ग्राहकों से पूछते हैं तो कुछ ग्राहक ऐसे भी होंगे, जो यह दावा तो करेंगे कि वह ऐसे कई लोगों को जानते हैं जिन्हे एलआईसी से मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन उनका यह दावा सिर्फ सुनी-सुनाई बातों पर आधारित होगा। उनके पास इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं होगा।
उपरोक्त कोई भी सम्भावना क्यों न हो, आपको ग्राहक की प्रतिक्रिया को गंभीरता से सुनना चाहिए। आइये एक संभावित दृश्य के साथ इस रणनीति को समझते है-
मान लीजिये कि कोई ग्राहक आपसे कहता है कि हाँ, वह किसी ऐसे व्यक्ति को जानता है जिसके पिता की मृत्यु एक साल पहले हुई थी लेकिन आज तक उसको एलआईसी से पैसे नहीं मिले हैं। अब आपको क्या करना चाहिए
उपरोक्त प्रतिक्रिया के बाद आपको निम्नलिखित कार्य करने चाहिए-
- सबसे पहले ग्राहक की पूरी बात गंभीरता से सुने और सर्वे फॉर्म के इस प्रश्न के आगे बने हुए बॉक्स में सही का निशान लगा दें।
- अब अपनी कोई एक डायरी निकाले और ऐसा करते हुए आप ग्राहक से कहें, "सर, मैं पिछले एक महीने (जितने भी समय से आप सर्वे कर रहे हों।) से मैं इस क्षेत्र में सर्वे कर रहा हूँ। इस सर्वे के दौरान मैंने बहुत सारे लोगों से मुलाकात की है। लेकिन मुझे ख़ुशी है कि आप मुझे ऐसे पहले व्यक्ति मिले हैं, जो यह बता रहे हैं कि किसी व्यक्ति को एलआईसी से मृत्यु दावे का भुगतान नहीं मिला है।"
- अब अपनी डायरी खोल लें और नोट करते हुए ग्राहक से पूछें, "सर जिस व्यक्ति को आपकी जानकारी के अनुसार मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है उसका नाम और पता बताएं, यदि आपके पास उनका कॉन्टेक्ट नंबर हो तो वह भी बताएं।"
नोट- अगर ग्राहक नाम, पता और मोबाइल नंबर बताता है तो उसको अपने डायरी में नोट करें। सबसे पहले पूरा सर्वे पूर्ण करें और जब सर्वे पूर्ण हो जाये तो ग्राहक के सामने ही उसके द्वारा दिए गए नंबर पर कॉल करके वास्तविक समस्या को समझने का प्रयास करें और यथासंभव सहयोग करें।
- सर्वे फॉर्म के अगले सवाल पर जाने से पहले ग्राहक से जरूर कहें,
"सर, वास्तव में एलआईसी में मृत्यु दावा पंजीकृत करने के बाद अधिकतम तीन से छः महीनो के अंदर मृत्यु दावे का भुगतान हो जाता है। कुछ मामलों में ग्राहक अपने पॉलिसी की प्रीमियम जमा नहीं किया होता है या उसने मृत्यु दावा प्रक्रिया पूर्ण नहीं की होती है। जिसके कारण पॉलिसी से मृत्यु दावा मिलने में विलम्ब होता है।"
मैं यह वायदा करता हूँ कि मैं खुद इस परिवार से मिलूंगा और वास्तविक समस्या को समझने के बाद इनकी मदद करूँगा। मुझे यह पूरा भरोषा है कि अगर किसी समस्या के कारण दावा रुका होगा, तो उन्हें जल्द ही भुगतान मिल जायेगा।
अगर ग्राहक सुनी-सुनाई बातों को आधार बनाकर बोलता है-
ऐसी स्थिति में भी आपको सहज रहना चाहिए और ऐसे ग्राहकों को "जब ग्राहक का जवाब ना हो" में जो रणनीति दी गई है उसको अपनाना चाहिए।
जब ग्राहक का जवाब ना हो
मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ कि जब आप सर्वे के दौरान लोगों से इस प्रश्न को पूछते हैं, तो अधिकतम लोग आपसे यही कहेंगे कि उनकी जानकारी में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसे एलआईसी के पास कोई भी पैसा बकाया है।
और जब भी आपको ऐसा जवाब मिलता है, तो यह आपके पास सुनहरा मौका है जब आप अपनी कंपनी अर्थात भारतीय जीवन बीमा निगम को अपने ग्राहक के लिए बेहतर बना सकते हैं। यहाँ पर आपको यह भी याद रखना चाहिए कि जब आप अपनी कंपनी को बेहतर बनाते हैं तो खुद के बारे में बिना कुछ कहे ही आप ग्राहक को यह समझाने में सफल होते हैं कि आप अपनी कंपनी के लिए और अपने ग्राहकों के लिए समर्पित प्रोफेशनल सलाहकार हैं।
यहाँ पर आपके पास दो विकल्प हैं, जिसके जरिये आप अपने ग्राहक को प्रभावित कर सकते हैं। पहला तरीका यह हो सकता है कि आप ग्राहक को सामान्य वास्तविक स्थिति का परिचय देते हुए प्रभावित करें और दूसरा तरीका यह हो सकता है कि आप एलआईसी के वार्षिक डाटा के आधार पर ग्राहक को प्रभावित करें। चलिए अब इन दोनों ही तरीकों को समझते हैं।
कुछ देर के लिए मैं आपको ही अपना ग्राहक मान लेता हूँ और अपनी बात रखता हूँ-
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पहला तरीका:
"सर, भारतीय जीवन बीमा निगम, भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि वर्तमान समय तक, बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने एलआईसी से जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी और उनकी पॉलिसी पूर्ण हो गई और उनको उनके जीवन बीमा पॉलिसी का अंतिम भुगतान भी मिल गया, लेकिन उन्हें निगम के शाखा कार्यालय के दरवाजे को नहीं पड़ा।
ऐसा इसलिए, क्योकि जब पॉलिसी खरीदनी थी तो एलआईसी के अभिकर्ता (एजेंट), ग्राहकों से मिलकर पॉलिसी खरीदने में मदद की और जब भुगतान लेना था, तो उसी अभिकर्ता ने भुगतान प्राप्त करने में ग्राहक की मदद कर दी।
वही पर, यदि आपको बैंको, पोस्ट ऑफिस एवं अन्य वित्तीय संस्थनो में खाता खोलना हो, पैसा जमा करना हो, कोई सर्विस एक्टिव अथवा डिएक्टिव कराना हो, भुगतान प्राप्त करना हो। हर कार्य के लिए आपको बैंको, पोस्ट ऑफिस अथवा संस्थनो के दरवाजे तक जाना होता है।
हाँ, आज की तारीख में आप यह जरूर कह सकते हैं कि इंटरनेट के इस दौर में बहुत सारी बैंकिंग सुविधा मोबाइल पर उपलब्ध है, लेकिन इसके बावजूद KYC और अन्य समस्याओं के लिए आपको बैंको तक जाना ही होगा। यहाँ पर उन लोगों के लिए सोचकर देखिये जो कम पढ़े-लिखे हैं या अनपढ़ हैं। जबकि हमारा एजेंट सभी तरह के ग्राहकों को सभी तरह की सुविधायें उनके घर तक पंहुचा देता है।
हाँ यहाँ पर एक बात आप और कह सकते हैं कि प्राइवेट कंपनियों के एजेंट भी तो इस तरह की सेवाएं प्रदान करते हैं। तो सर, मैं यह कहना चाहता हूँ कि प्राइवेट कंपनियों में आपके पैसों के सुरक्षा के लिए आपके क्या विचार हैं। जबकि भारतीय जीवन बीमा निगम भारत सरकार का उपक्रम है और यहाँ पर आपके पैसों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार की गारंटी है।"
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दूसरा तरीका:
उपरोक्त पहले तरीके के बारे में आप हर किसी से बातचीत कर सकते हैं लेकिन दूसरा तरीका डाटा के आधार पर डिस्कस किया जा सकता हैं। इसके लिए आपके आईआरडीए की रिपोर्ट को अथवा एलआईसी द्वारा जारी किये गए आंकड़े के साथ ग्राहक से बातचीत करना चाहिए।
आप ग्राहक को प्रमाण के साथ बता सकते हैं कि एलआईसी में पिछले वित्तीय वर्ष में कितने मृत्यु दावे रजिस्टर किये गए थे और एलआईसी ने कितने दावों का निपटारा कर दिया है। आपकी सुविधा के लिए एलआईसी द्वारा जारी किया गया 2023-24 का वार्षिक रिपोर्ट साझा किया जा रहा है। आप इसको डाउनलोड करके ग्राहक को दिखा सकते हैं। यह रिपोर्ट एलआईसी की ऑफिसियल वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
यहाँ पर आपके लिए मेरा एक सुझाव और भी होगा कि एक बार आप हमारे पिछले पोस्ट जिसका टाइटल - "एलआईसी प्रोफाइल से ग्राहकों को प्रभावित करें" है, को विस्तार से जरूर पढ़ें।
निष्कर्ष
एलआईसी सर्वे फॉर्म में तीसरा प्रश्न भले ही सरल लगे, लेकिन यह एलआईसी एजेंट के लिए ग्राहकों का विश्वास जीतने और एलआईसी की दावा निपटान प्रक्रिया को उजागर करने का एक प्रभावशाली तरीका है। ग्राहक चाहे हाँ या ना में उत्तर दे, यह आपको ऐसा मौका प्रदान करता है जब आप सही रणनीति बनाकर ग्राहक को प्रभावित कर सकते हैं।
अंततः, यह प्रश्न केवल दावों के बारे में नहीं है, बल्कि यह इस बारे में है कि एलआईसी विश्वास, सेवा और सुरक्षा का प्रतीक है और जब आप, एक एलआईसी एजेंट के रूप में, इसे आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ पूछते हैं, तो आप अपने ग्राहकों की वित्तीय भलाई के लिए समर्पित एक सच्चे पेशेवर जीवन बीमा सलाहकार साबित होते हैं।