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जीवन बीमा कारोबार सिर्फ "पॉलिसी बेचने" का काम नहीं है, बल्कि यह लोगों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है, यह विषय है लोगों के सपनों को साकार करने हेतु आपके प्रयास का, यह विषय है लोगों की आर्थिक सुरक्षा का और एक जीवन बीमा अभिकर्ता के रूप में आपके लिए इस क्षेत्र की सबसे बड़ी पूंजी है - आपके रिश्ते, लोगों का भरोसा और आपका नेटवर्क।

अक्सर मेरी बात जब अभिकर्ताओं से होती है, तो बहुतों के एक ही समस्या होती है - "नए ग्राहक कहाँ से लाएं?" लेकिन अगर आप ध्यान से देखें तो आप पाएंगे कि आपका अगला संभावित ग्राहक, आपके किसी पुराने ग्राहक का मित्र, रिश्तेदार अथवा परिचित हो सकता है। यही कारण है कि मैं सभी अभिकर्ताओं को यह बताता हूँ कि जीवन बीमा कारोबार में सम्बन्धों का निर्माण एवं उनकी देख-रेख आपकी सबसे बड़ी रणनीति होनी चाहिए।

जीवन बीमा बाजार पर हमारा मानना है कि जीवन बीमा केवल एक उत्पाद नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा भरोसा है जिसे आप अपने ग्राहकों के साथ बाँटते है और जो आगे चलकर आपको नए अवसर प्रदान करता है और नए ग्राहकों के दरवाजे खोल देता है।

तो आइये जानते है कुछ अनोखे सूत्र और घटनाएं, जो न केवल आपके बीमा कारोबार की राह को आसान बनायेंगे बल्कि आपके करियर को भी सफलता के उच्चतम शिखर तक ले जायेंगे।

    ग्राहकों के नाम: एक एजेंट की असली पूँजी

    अगर आप एक जीवन बीमा एजेंट हैं और खुद के बीमा कारोबार में बेहतर करना चाहते हैं, तो आपको आपका पूरा ध्यान आपकी मूल पूंजी पर केंद्रित करना चाहिए। एक जीवन बीमा एजेंट के पास जितने अधिक नाम होंगें, उसके बीमा विक्री की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

    शिव कुमार नाम के एक व्यक्ति ने एलआईसी से जुड़कर जीवन बीमा का अभिकरण कारोबार शुरू किया। जब वह नए थे, तब वह कुछ मित्रो और अपने रिश्तेदारों को ही जानते थे। अभिकरण कारोबार शुरू करने के बाद कुछ महीनों में ही उन्होंने अपने सभी मित्रों, रिश्तेदारों और परिचितों से जीवन बीमा उत्पादों के बारे में बातचीत कर ली। नतीजा यह निकला की कुछ महीनो में वह सिर्फ सात बीमा ही बेच पाये।

    शिव कुमार जी ने जब अपना बीमा कारोबार शुरू किया था तो सोचा था कि वह खूब मेहनत करेंगे और इस क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करेंगे। लेकिन चंद महीनों में ही उनका हौसला टूटने लगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अब वह यह नहीं समझ पा रहे थे कि बीमा उत्पादों की विक्री के लिए वह किससे मिलें।

    इसके बाद उन्होंने हमसे बात की और इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि अब वह अपने किसी भी मित्र, रिश्तेदार एवं परिचितों को सिर्फ "संभावित ग्राहक" के रूप में नहीं देखेंगे, बल्कि व्यक्तिगत संबंध विकसित करने का प्रयास करेंगे। अब जब उनके किसी मित्र का जन्मदिन अथवा शादी की सालगिरह होती, तो वह खुद ही उनके घर बधाई देने चले जाते, उनके किसी परिचित का बच्चा पढाई में अच्छा करता तो उसकी सराहना करते। इस तरह धीरे-धीरे उन्होंने लोगों से अपने संबंध बेहतर किये और लोग भी उन्हें पसंद करने लगे।

    अब जब वह अपने इन संबंधों में बताते कि उन्हें अपना टारगेट कम्पलीट करने के लिए पांच नए बीमे की जरुरत है, तो लोग अपने मित्रो एवं पड़ोसियों के बारे बता देते। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों से उनका परिचय करवाते, तो कुछ ने अपने ऑफिस के सहकर्मियों से परिचित करवाते। आज उनकी एजेंसी लगभग पांच वर्ष पूर्ण होने वाली है और आज भी वह इस सिद्धांत को अपनाते हैं।

    नतीजा यह हुआ कि अब उन्हें यह नहीं सोचना पड़ता है कि उन्हें बीमा विक्री के लिए किसके पास जाना है। अभी कुछ दिन पहले ही मेरी बात उनसे हुई थी, तब वह मुझे बता रहे थे कि आज उनके डायरी में लगभग 400 ऐसे नाम हैं जिन्हे वह बीमा विक्री के लिए सम्पर्क करने वाले हैं।

    सीख: जीवन बीमा कारोबार में, अभिकर्ता की डायरी में संभावित ग्राहकों का लिखा हुआ प्रत्येक नाम, आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं है। क्योकि, अगर आप प्रत्येक नाम के लिए समझदारी से काम करते हैं तो इनकी वजह से आपको अन्य कई नाम मिल सकते हैं।

    रोज़ाना नई मुलाकातों का महत्व

    अगर आप अपने जीवन बीमा कारोबार में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके सफलता का एक ही मंत्र है - "लगातार प्रयास", रोजाना नए लोगों से मिलना और उन्हें खुद के बारे बताना और साथ ही अपने व्यवसायिक रिश्ते विकसित करने के लिए प्रयास करना, आपको आपके शाखा कार्यालय का सबसे सफल एजेंट बना सकता है।

    इसके लिए आप सीमा वर्मा जी को ही उदाहरण के तौर पर ले सकते हैं। इन्होने दो वर्ष पूर्व एजेंसी ली थी। इससे पहले वह एक गृहणी थी और अपने दो बच्चों ख्याल रखतीं थी। पति के बीमारी के चलते वह कारोबार की तलाश कर रहीं थीं। उन्होंने मेरे यूट्यूब चैनल "रितेश एलआईसी एडवाइजर" की एक वीडियो को देखकर हमसे सम्पर्क किया और मेरी ही सलाह पर उन्होंने जीवन बीमा का एजेंसी कारोबार शुरू किया।

    एजेंसी का शुरुआती दौर उनके लिए काफी कठिन था। वह लोगों से बीमा उत्पादों के बारे में बातचीत करतीं, लेकिन सफल नहीं हो पा रहीं थीं। ऐसे में, हमारे सलाह के बाद उन्होंने अपने एजेंसी जीवन के लिए एक नया नियम स्वीकार किया। उन्होंने तय किया कि वह रोजाना कम से कम तीन से चार लोगों से बीमा उत्पादों के बारें में बातचीत करेंगी। उन्होंने तय किया कि चाहे वह बाजार में सब्जी खरीदने के लिए जाएं या बच्चों के पैरेंट्स मीटिंग में, वह रोजाना कम से कम तीन लोगों को बीमा उत्पादों को समझायेंगी या खुद का परिचय देंगी।

    शुरुआत में लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे लोग उन्हें पहचानने लगे और परिणाम स्वरूप उन्होंने अपने एजेंसी के प्रथम वर्ष में ही 73 पॉलिसियों की विक्री की। उनके रोजाना के प्रयास का ही परिणाम है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में उन्होंने 69 पॉलिसियां बेच दी है और लगभग 19 प्रपोजल फॉर्म भरकर रखें हुए हैं। आज वह अपने परिवार को आर्थिक रूप से संभाल भी रही हैं और अपने क्षेत्र की भरोसेमंद अभिकर्ता के रूप में पहचान पा रही हैं।

    सिख: रोज की छोटी-छोटी मुलाकातें ही आपके लिए बड़ा नेटवर्क तैयार कर सकती हैं और आपकी सफलता हेतु आसान रास्ता तैयार कर सकती हैं।

    सिफारिश का जादू

    अगर आप जीवन बीमा कारोबार में सफल होना चाहते हैं तो आपको आपके ग्राहकों से सिफारिश प्राप्त करना चाहिए। यह एक ऐसा अचूक अस्त्र है जिसकी मदद से बीमा विक्री न केवल आसान होती है, बल्कि बड़े लक्ष्यों को भी सिमित समय में हासिल किया जा सकता है।

    इसके लिए आप अरविन्द जी का उदाहरण ले सकते हैं, यह कई वर्षो से जीवन बीमा कारोबार कर रहे थे। लेकिन इन्होने अपने एजेंसी करियर में एक ऐसा समय भी देखा जो इनके लिए बहुत अधिक कठिन था। इनके पास पहले से ही लगभग 400 से अधिक ग्राहक थे। इनका कहना था कि मैं बहुत छोटे से क्षेत्र से हूँ और मैंने अपने क्षेत्र के अधिकतम लोगों को बीमा पॉलिसी बेच दी है, अब मुझे मेरे क्षेत्र में नया बीमा नहीं मिल रहा है, क्या करूँ?

    हालाँकि, मैं खुद इस बात पर विश्वास नहीं करता हूँ कि किसी क्षेत्र में शत-प्रतिशत लोगों ने जीवन बीमा पॉलिसी खरीद ली है और अब वहां नया उत्पाद विक्री की संभावना ही नहीं है। लेकिन इसके बावजूद मेरे कहने से उन्होंने एक रास्ता अपनाया, उन्होंने अपने पुराने सभी ग्राहकों की सूची निकाली और सबसे पहले उन्होंने उन ग्राहकों के नाम छाटें जो उनके करीबी थे और संतुष्ट थे।

    अब वह अपने संतुष्ट ग्राहकों से बातचीत करते और उनके दोस्तों, सहकर्मियों और रिश्तेदारों के बारे पूछते और कहते- कल्पना कीजिये कि यदि

    • आपके मित्र के बच्चो की शिक्षा आर्थिक तंगी की वजह से बाधित हो जाये, तो आप कैसा महसूस करेंगें?
    • आपके मित्र के पुरे परिवार को रोटी कपडा और मकान से जुडी समस्या का सामना करना पड़े, तो आपको कैसा लगेगा?
    • आपके मित्र के बिटिया का विवाह आर्थिक समस्या की वजह से न हो सके और आपको यह पता चले तो आपको कैसा लगेगा?

    स्वाभाविक है कि कोई भी व्यक्ति अपने प्रियजन के परिवार की ऐसी स्थिति से बहुत अधिक दुःखी होगा। इसके बाद अरविन्द जी अगला सवाल होता है कि यदि

    • आपके मित्र की धर्मपत्नी आपसे आर्थिक मदद मांगे तो आप उनकी कितनी और कब तक मदद कर सकते हैं?
    • क्या आपके द्वारा दी जाने वाली मदद आपके मित्र की धर्मपत्नी और उसके परिवार की जरूरतों के लिए पर्याप्त होगी?

    मुझे यकीन है कि आप अपने किसी भी ग्राहक से इस आखरी प्रश्न को पूछेंगे तो उनका उत्तर "ना" ही होगा।

    अब अरविन्द जी अपने ग्राहक से कहते हैं कि "आज आप अपने मित्र की मदद कर सकते हैं, आज आप उन्हें बता सकते हैं कि आपने एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी है और आपके मृत्यु के बाद आपके जीवन साथी को जीवन बीमा पॉलिसी की जो रकम प्राप्त होगी, इसकी वजह से उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना होगा। इसलिए आपके मित्र को भी जीवन बीमा पॉलिसी खरीद लेनी चाहिए।"

    अरविन्द के इन प्रयासों से, उनके ग्राहकों ने अपने सम्बन्धो में उनका सिफारिस करना शुरू कर दिया। हालाँकि शुरूआती रिजल्ट अच्छा नहीं था। क्योकि जब ग्राहकों ने उन्हें अपने करीबी लोगों के नाम दिए तो वह खुद ही उनसे सम्पर्क करने चले जाते, जिससे अधिकतम लोग उन्हें समय नहीं देते थे। ऐसे में मेरी सलाह के बाद वह अपने ग्राहकों के साथ उनके करीबी लोगों से मिलने के लिए जाने लगे और नतीजा यह हुआ कि उन्होंने बहुत ही कम समय में एमडीआरटी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया।

    सीख: संतुष्ट ग्राहक सिर्फ आपका ग्राहक नहीं होता, बल्कि आपके लिए "चलती फिरती विज्ञापन पब्लिसिटी" होता है। मेरा मानना है कि यदि आप अपने ग्राहकों को पूरी ईमानदारी से बीमा सेवायें देंगे, तो आपका प्रत्येक ग्राहक आपको कम से कम पांच नए ग्राहक तो दे ही सकता है।

    भरोसा और सेवा: अभिकर्ता के दीर्घकालिक सफलता की कुंजी

    अगर आप अपने क्षेत्र में खुद की पहचान एक सफल और प्रोफेशनल अभिकर्ता के रूप में बनाना चाहते हैं तो आपको यह समझना होगा कि जीवन बीमा कारोबार सिर्फ उत्पादों की खरीद और विक्री तक सिमित नहीं है, बल्कि यह विश्वास और भरोसे पर टिका हुआ एक अटूट बंधन है। एक जीवन बीमा अभिकर्ता के रूप में आपको आपके ग्राहकों के मन में विश्वास पैदा करना होता है और जब आप ऐसा करने में सफल होते हैं तो आपका ग्राहक खुद ब खुद आप पर भरोषा करने लगता है और जब भी ऐसा होता है, तो शुरू होती है आपके सफलता की अटूट कहानी।

    इसके लिए मैं आपको राघवेंद्र जी का उदाहरण देना चाहूंगा, जो एक भारतीय प्राइवेट जीवन बीमा कंपनी के अभिकर्ता हैं। यह कोरोना के बाद का कालखंड था, जब वह आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे। उन दिनों मैंने भी अपने यूट्यूब चैनल रितेश एलआईसी एडवाइजर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमे बताया गया था कि एलआईसी क्यों बेहतर है। राघवेंद्र जी ने उस पूरी वीडियो को देखा और फिर उन्होंने मुझे सम्पर्क किया और उन्होंने एलआईसी ज्वाइन करने की इच्छा बताई।

    चुकी वह पिछले कई वर्षो से अपना कारोबार कर रहे थे और वह जिस जीवन बीमा कंपनी के साथ काम कर रहे थे, वह भी एक मजबूत कंपनी थी। इसलिए मैंने उन्हें अपनी कंपनी न बदलने की सलाह दी। ऐसे सुझाव पर उन्होंने कहा, "सर, कोरोना के बाद से मैं बहुत अधिक परेशान हूँ और काफी कोशिस करने के बावजूद बीमा विक्री में मुझे बहुत मुश्किल हो रही है, ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?"

    अब मेरी सलाह के बाद उन्होंने तय किया कि अब वह सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसी की विक्री तक सिमित नहीं रहेंगे, बल्कि लोगों के बैंकिंग और बीमा से जुडी समस्याओं को हल करने के लिए सच्चा प्रयास करेंगे।

    अब वह अपने पूर्व के सभी ग्राहकों से एवं अपने परिचितों से कहने लगे- "अगर आपकी जानकारी में कोई भी ऐसा व्यक्ति है, जिसे उसकी जीवन बीमा पॉलिसी में, बैंक खाते में अथवा पोस्ट ऑफिस के खाते में समस्या हो रही हो, तो आप उसको मेरा कांटेक्ट नंबर दे दीजिये। मैं ऐसे लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए दिल से प्रयास करूँगा।"

    धीरे-धीरे लोगों ने राघवेंद्र जी के इस सोच को महसूस किया और कई लोगों ने अपने परिचितों को उनसे सम्पर्क करने की सलाह दी। कोई ग्राहक जो अपने बैंक खाते में नामांकन की समस्या से परेशान होता, कोई ग्राहक जो एलआईसी की पॉलिसी में मृत्यु दावा प्रोसेस में संघर्ष कर रहा होता या कोई ग्राहक जो अपनी पोस्ट ऑफिस की किसी समस्या के समाधान के लिए राघवेंद्र से सम्पर्क करता, राघवेंद्र बहुत ही समझदारी और धैर्यता के साथ उसका सहयोग करते और ऐसे परेशान ग्राहकों की दिल से मदद करते।

    मुझे अभी भी एक घटना याद है जिसका जिक्र राघवेंद्र ने मुझसे किया था। उन्होंने बताया था, "सर, एक ग्राहक ने एलआईसी की पॉलिसी खरीदी हुई थी और उसकी मृत्यु हो चुकी थी। उसकी पॉलिसी सैलरी सेविंग स्कीम के तहत खरीदी गई थी और उसके एजेंट ने भी उसका कार्य पूर्ण कर लिया था, लेकिन उसके सैलरी से कोई कटौती नहीं हुई जिसके कारण एलआईसी ने मृत्यु दावा रिजेक्ट कर दिया। ऐसे पॉलिसी के मृत्यु दावे का भुगतान जब कराया, तो ग्राहक ने मुझे दिल से जिस तरह से आभार जताया, मैं शब्दों में उसे बयां नहीं कर सकता।"

    इस तरह का कार्य करते हुए, अब लोग अपने परिचितों को भी बोलते हैं कि अगर जीवन बीमा पॉलिसी खरीदनी है, तो सिर्फ राघवेंद्र जी से खरीदो। आज राघवेंद्र जी अपने क्षेत्र में बहुत बेहतर तरीके से कारोबार कर रहे हैं और अन्य एलआईसी एजेंटो के लिए भी बड़ी चुनौती बने हुए है।

    सीख: याद रखिये, जब आप अपने ग्राहकों की समस्या को खुद की समस्या मान लेते हैं, तो वह आपको सिर्फ एक अभिकर्ता के रूप में नहीं देखते, बल्कि वह आपको अपने परिवार का एक हिस्सा मान लेते हैं। ऐसे ग्राहक आपके लिए किसी भी व्यक्ति से लड़ सकते हैं और आपके ब्रांड एंबेसडर तक बन जाते हैं।

    निष्कर्ष

    किसी भी कारोबार में सफल होना कोई जादू नहीं होता है, बल्कि कठिन परिश्रम, ईमानदारी और लगन से काम करना होता है। ठीक इसी तरह जीवन बीमा कारोबार में सफल होने के लिए कुछ सिद्धांतों पर अमल करना बेहद जरुरी होता है। आपके छोटे-छोटे कदम और निरंतर प्रयास आपको सफलता दिलाने में मदद करती है।

    मैं पूरी ईमानदारी से आज यह कह सकता हूँ कि बीमा कारोबार का शुरूआती समय और कभी-कभी अनुभवी अभिकर्ताओं को भी समस्या होती है। लेकिन अगर आप पूर्ण विश्वास के साथ निरंतर प्रयास करते हैं तो आप अपनी समस्या को परास्त भी कर सकते हैं और सफल भी हो सकते हैं। सिर्फ इन सिधान्तो को अपने जीवन में अपना लीजिये-

    • आपकी असली पूँजी आपके संभावित ग्राहकों के नाम एवं उनका सम्पर्क विवरण है। आपकी सूची जितनी बड़ी होगी, भविष्य में बिक्री के लिए आपकी नींव उतनी ही मज़बूत होगी।
    • आपको हर स्थिति में कम से कम तीन नए लोगों से मिलना ही है और उन्हें अपने उत्पादों के बारे बताना ही है। यदि किसी दिन ऐसा कर पाना बिलकुल असंभव हो तब भी आपको ऐसे लोगों को खुद के बारे में एवं खुद के कारोबार के बारे में बताना है।
    • आपको अपने मौजूदा ग्राहकों से उनके परिचितों के बारे में बातचीत करना है और उनके सहयोग से उनके परिचितों को जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करना है।
    • लोगों के मन विश्वास पैदा करने के लिए हर संभव प्रयास करना है, ताकि लोगों का भरोषा आप में हो और फिर विक्रय हेतु कोशिस करना है।

    जब आप इन चार स्तंभों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेते हैं, तो ग्राहकों के लिए आप सिर्फ एक “एजेंट” नहीं रहते, बल्कि एक भरोसेमंद मार्गदर्शक और सहयोगी बन जाते हैं।

    याद रखिये- जीवन बीमा केवल पॉलिसी नहीं, बल्कि लोगों के सपनों और भविष्य की सुरक्षा का वादा है। जब आप इस वादे को सच्चे मन से निभाते हैं, तो ग्राहक खुद आपके लिए नए दरवाज़े खोलते हैं और आपका व्यवसाय निरंतर बढ़ता जाता है।