जीवन बीमा मैनेजमेंट कोर्स अध्याय - 1
यदि आप एक जीवन बीमा एजेंट हैं और सफलता हासिल करना चाहते हैं, तो आपको अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के कार्यों को प्रबंधित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कार्य आपको अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में संतुलन स्थापित करने में सहायक होगा, जिससे आपको आपके पारिवारिक जीवन और आपके जीवन बीमा एजेंसी में सफलता प्राप्त होगी।
हम जीवन बीमा मैनेजमेंट कोर्स शुरू कर रहे हैं ताकि जीवन बीमा एजेंट अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सामंजस्य बनाए रखकर सफलता प्राप्त कर सकें। इस मैनेजमेंट कोर्स के विभिन्न अध्यायों के माध्यम से आप अपने व्यवसाय को सफल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रबंधन नियमों को जान सकेंगे।
जीवन बीमा बाजार के आज के इस लेख में, जीवन बीमा मैनेजमेंट कोर्स के पहले अध्याय को प्रस्तुत किया जा रहा है। इस अध्याय में बताया गया है कि एक जीवन बीमा एजेंट को अपने प्रोफेशनल जीवन एवं व्यक्तिगत जीवन में प्रबंधन के नियमों को कैसे लागू कर सकते हैं। अगर आप एक जीवन बीमा एजेंट हैं तो आपको इस लेख को ध्यान से पढ़ना चाहिए और यहाँ पर दी गई जानकारी को अपनाना चाहिए।
लेखक की ओर से-
मेरा नाम रितेश कुमार उपाध्याय हैं और मैं वर्ष 2001 से भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में एक जीवन बीमा सलाहकार के रूप में काम कर रहा हूँ। इसके अलावा, मैंने 2015 से लगातार विभिन्न प्रकार के डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए जीवन बीमा एजेंटो और विकास अधिकारीयों को ट्रेनिंग देने का कार्य कर रहा हूँ।
एक लेखक के रूप में इस एजेंट मैनेजमेंट कोर्स को शुरू करने से पहले मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि इस मैनेजमेंट कोर्स के विभिन्न अध्यायों के माध्यम से मैं जो भी जानकारी प्रस्तुत करने जा रहा हूँ वह मेरे अपने खुद के अनुभवों पर आधारित है। जो मैंने अपने कार्यो एवं ट्रेनिंग कार्यक्रमों के दौरान हासिल किया है।
तो चलिए, हम इस मैनेजमेंट कोर्स के पहले अध्याय की शुरुआत करते हैं।
काम टालने की आदत छोड़ें-
अगर कोई जीवन बीमा एजेंट सफल होना चाहता है, तो उसको सबसे पहले अपने महत्वपूर्ण कार्यो को टालने की आदत छोड़ देना चाहिए। क्योंकि अगर आप अपने महत्वपूर्ण कार्यो को टालते हैं, तो इसकी वजह से आपको जटिल समस्याओ का सामना करना पड़ता है और आप खुद के हाथो से ही अपने भविष्य में प्राप्त होने वाली सफलता की संभावनाओं का अंत कर देते हैं।
अब जब मैं कार्यो के टालने के संदर्भ में बातचीत कर रहा हूँ तो मेरे कहने का अर्थ सिर्फ आपके व्यावसायिक कार्यो से नहीं है, बल्कि मेरे कहने का अर्थ आपके व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक दोनों ही प्रकार के कार्यो से हैं। अगर आप सिर्फ अपने व्यक्तिगत कार्यो को महत्व देते हैं तो आपका व्यावसायिक कार्य प्रभावित होगा और अगर आप अपने व्यावसयिक कार्यो को महत्व देते हैं, तो आपको अपने परिवार में तनाव का सामना करना पड़ेगा।
अब अगर मैं एक जीवन बीमा अभिकर्ता के व्यक्तिगत कार्यों की व्याख्या करूँ तो मैं यह कहना चाहूंगा कि आप एक जीवन बीमा एजेंट होने के साथ अपने परिवार के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं। आपको अपने परिवार के विभिन्न प्रकार के कार्य जैसे- घर के महीने के सामानों को बाजार से खरीदना होता हैं, बुजुर्ग सदस्यों की दवाइयों की व्यवस्था करना, बच्चो के विद्यालय की फीस जमा करना, इत्यादि ऐसे कार्य होते हैं जिसे आपको ही करना होता है।
ठीक इसी प्रकार आपको अपने जीवन बीमा कारोबार को करने के लिए नए व्यवसाय के लिए कार्य करना, पुरानी पालिसी की सेवाएं एवं अन्य विभिन्न प्रकार के कार्य करने होते हैं। इसके आलावा एक जीवन बीमा एजेंट को विभिन्न प्रकार के कार्यो के लिए ऑफिस सम्बंधित कार्यो को भी करना पड़ता है।
एक बार कल्पना करके देखिये, यदि किसी जीवन बीमा एजेंट को अपने कार्यो को टालने की आदत है तो इसका क्या परिणाम हो सकता हैं। आइये कुछ सम्भावनाओ के जरिये समझते हैं।
जीवन बीमा एजेंट के व्यक्तिगत कार्य-
मान लीजिये आपकी धर्मपत्नी एक दिन सुबह आपसे कहती हैं कि जब आप सायं के समय घर लौटिएगा तो बाजार से सब्जी खरीदकर लेते आइयेगा। अब एक पल के लिए कल्पना करके देखिये, आपको घर लौटने में देर हो जाता है और आप सब्जी खरीदना भूल जाते हैं। तो इसका क्या परिणाम हो सकता है?
दूसरे दिन सुबह आपको अपना जीवन बीमा कारोबार करने के लिए फील्ड में जाना होगा। आपके बच्चो को स्कूल जाना होगा। सब्जी न होने के कारण आपके धर्मपत्नी के सामने समस्या होगी। जिसका परिणाम यह हो सकता है कि तनाव के कारण आपका और आपकी पत्नी का झगड़ा हो जाये। अब अगर ऐसा होता है तो कल्पना करें दूसरे दिन जब आप अपना जीवन बीमा कारोबार करने के लिए फील्ड में जायेगे, तब ऐसी घटना का असर आपके कारोबार पर कैसा होगा?
जीवन बीमा एजेंट का प्रोफेशनल कार्य-
वैसे तो जीवन बीमा एजेंट को उसके कारोबार में कई तरह के काम करने होते हैं लेकिन मैं कुछ महत्वपूर्ण कार्यो के लिए आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। मान लीजिये कि आपको एक दिन अपने कार्य क्षेत्र में तीन लोगों से मिलते हैं और उनमे से एक व्यक्ति आपसे कहता है कि वह आपसे एक पालिसी समझना चाहता है और अगले दिन वह फ्री रहेगा, जिसके कारण वह अगले दिन आपसे मुलाकात करना चाहता है।
अब आप सोचते हैं कि शाम को जब आप घर जायेगे तो आप उस व्यक्ति का नाम प्रॉस्पेक्ट लिस्ट में लिख लेंगे। लेकिन शाम के समय आप ऐसा करते नहीं हैं तो इसका क्या परिणाम हो सकता है? हो सकता है कि अगले दिन किसी दूसरे कार्यो की वजह से आप ग्राहक को भूल जाये और आप उससे सम्पर्क न करें। अब अगर समय बीत जाने के बाद आप उस व्यक्ति से मिलने के लिए जाते भी हैं, तो हो सकता है कि वह व्यक्ति आपको समय न दे।
अगर आप अपने प्रोफेशनल कार्यो में टालमटोली की आदत रखते हैं तो निश्चित रूप से कुछ समय बाद आपको पता चलेगा कि वह व्यक्ति जो आपसे जीवन बीमा पालिसी समझना चाहता था, वह किसी दूसरे व्यक्ति से पालिसी खरीद चूका है।
जीवन बीमा एजेंट के लिए प्रथम प्रबंधन नियम-
उपरोक्त घटनाये इस बात की गवाही देती हैं कि यदि आप में कार्यो को टालने की आदत है, तो इसकी वजह से आपको आपके व्यक्तिगत एवं प्रोफेशनल दोनों ही जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। अतः आपकी सफलता के लिए हमारा सबसे पहला सुझाव होगा कि अगर आप अपने जीवन बीमा कारोबार को सफल बनाना चाहते हैं, तो आपको टालमटोली की आदत तत्काल छोड़ देना चाहिए।
व्यवस्था प्रणाली लागू करें-
अगर आप भारतीय जीवन बीमा निगम के पुराने अभिकर्ता हैं तो आपने अपनी शाखा कार्यालय के डॉकेट रूम को जरूर देखा होगा। पुराने समय में, जब तक की एलआईसी ने अपने प्रपोजल फार्मो को डिजिटलाइज नहीं किया हुआ था, तब तक विभिन्न प्रकार के कार्यो के लिए प्रपोजल फॉर्म को डॉकेट रूम से ही प्राप्त किया जाता था।
उस समय में, अगर आपको किसी पालिसी के डॉकेट की जरुरत होती थी तो आप अपना पालिसी नम्बर लिखकर देते थे। ऐसा करने के थोड़ी ही देर बाद आपको आपके पालिसी के डॉकेट प्राप्त हो जाता था। इसी तरह अन्य संस्थानों में चीज़ो को व्यवस्थित रखने का नियम होता है। ताकि जरूरत पड़ने पर सम्बंधित चीज़े आसानी से प्राप्त हो जाये।
अब अगर आप एक जीवन बीमा एजेंट हैं तो विचार कीजिये कि आप अपने सामानों को कैसे व्यवस्थित करते हैं? मान लीजिये कि आपने आज से दो महीने पहले अपने किसी ग्राहक के प्रीमियम को जमा कर दिया था और उसकी रसीद आपने अपने बैग में रखा था। लेकिन कुछ कारणों से उसकी रसीद आपने अपने बैग से निकाल कर कही रखी थी। आज वह ग्राहक आपके घर आया है और अपनी रसीद मांग रहा है, अब सवाल यह है कि क्या आप अपने ग्राहक को उसकी रसीद अगले 5 मिनट में दे पाएंगे?
अगर आप जीवन बीमा एजेंट हैं तो आपको अपने पारिवारिक जीवन की एवं व्यावसायिक जीवन की विभिन्न प्रकार की वस्तुओं व्यवस्थित रखने की आदत का विकास करना होगा। लेकिन यह कार्य अकेले आपके द्वारा हो पाना काफी कठिन है। चीज़ो को व्यवस्थित रखने की आदत आपको अपने परिवार के सभी सदस्यों के अंदर डालनी होगी।
उदाहरण- मान लीजिये कि आप और आपके परिवार के अन्य सदस्य विभिन्न प्रकार के घरेलु सामानों को घर में इधर उधर कही भी रख देते हैं और आप यह सोचते हैं कि घर के सामानों को व्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी परिवार के किसी एक सदस्य की है। ऐसा घर, जहाँ रहने वाले लोगो की आदतें और विचारधारा ऐसी हैं, उन घरों के लोग अक्सर जरुरी सामानों के न मिलने पर आपस में झगड़ते हैं और तनाव में रहते हैं।
कल्पना कीजिये कि आपने पिछली शाम में एक लिस्ट तैयार की है जिसमे आपने लिखा है कि आज आप फील्ड में किस-किस व्यक्ति से मिलेंगे और आज आप फील्ड में क्या क्या करेंगे? लेकिन पिछली शाम को आपने उस लिस्ट के पेज को वही मेज पर छोड़ दिया था। वर्तमान में आप स्नान कर रहे हैं और ठीक उसी समय आपके घर में कुछ मेहमान आ जाते हैं। आपकी पत्नी ने बच्चो से कहती हैं कि बच्चे मेज पर रखे सामानों को हटा दें और मेहमानो को वही पर इंतज़ार करने के लिए कहें।
थोड़ी ही देर में बच्चे स्कूल चले जाते हैं और मेहमानो के जाने के बाद आप फील्ड में जाने के लिए तैयार हो जाते हैं। अब आपको आपके द्वारा बनाई गई लिस्ट की जरुरत है लेकिन वह आपको नहीं मिल रही है। कल्पना कीजिये कि घर में क्या स्थिति होगी? अब आप यह भी सोचिए कि इस पुरे प्रक्रम में गलती किसकी है और इसका परिणाम क्या-क्या हो सकता है?
दोस्तों, ऐसी ही बहुत सारी छोटी छोटी घटनाओं के कारण आपका पूरा परिवार तनाव का सामना करता है, अनावश्यक कारणों से समय का नुकसान होता है। आप स्वम विचार करके देखिये, अगर आपको आपके घर में ऐसे तनाव का सामना करने के बाद फिल्ड में जाना पड़े तो क्या आप अपना जीवन बीमा कारोबार सही तरीके से कर पाएंगे और इस तरह के माहौल की वजह से आपके जीवन साथी की स्थिति क्या हो सकती है?
जीवन बीमा एजेंट के लिए द्वितीय प्रबंधन नियम-
अगर आप एक जीवन बीमा एजेंट है तो आपको अपने पारिवारिक जीवन में विभिन्न प्रकार के दैनिक वस्तुओं को व्यवस्थित करने की रणनीति बनानी चाहिए। इसके साथ ही आपको यह भी चाहिए कि आप अपने कारोबार से सम्बंधित सभी प्रकार के सामानों को भी व्यवस्थित करें।
इस तरह की रणनीति बनाते समय आपको अपने परिवार के सभी सदस्यों को शामिल करना चाहिए। उनसे बातचीत करने के बाद सभी के सहमति से नियम बनाने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिवार के सभी सदस्य इन नियमों का पालन करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसकी वजह से आपका एवं आपके परिवार के सभी सदस्यों का बहुत अधिक समय बचेगा और व्यर्थ के पारिवारिक तनाव से आपके परिवार के सभी सदस्य मुक्त हो पाएंगे।