एलआईसी बीमा सखी योजना
भारत सरकार का वर्तमान एजेंडा साफ और स्पष्ट दिखाई देता है- भारत को आर्थिक रूप में इतना मज़बूत बनाना की दुनिया देखती रह जाये। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं भारत की वर्तमान सरकार यह भी चाहती है कि भारत के आर्थिक लक्ष्य को हासिल करने में नारी शक्ति का योगदान ज्यादा से ज्यादा हो और शायद इसी उदेश्य की पूर्ति के लिए अधिकतम सरकारी योजनायें नारी-शक्ति की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है।
अब जरा सोचिये, अगर मैं आपसे यह कहूँ कि आप भारतीय जीवन बीमा निगम की एक शानदार योजना का हिस्सा बनकर हर महीना ₹7000 की कमाई कर सकती है, यही नहीं इसके आलावा आप जो भी काम करेंगी उसका कमीशन भी आपको मिलेगा, तो क्या आपको भरोषा होगा? तो मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि अगर आप एक महिला हैं तो अब देश को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी आपके कंधो पर भी है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), जो कि भारत की नंबर वन जीवन बीमा कंपनी है, ने खास आपके लिए एक विशेष योजना लांच की है, जिसे बीमा सखी योजना कहा जाता है। इस योजना का हिस्सा बनकर न केवल आप कमाई करके अपने परिवार को सपोर्ट कर सकती हैं, बल्कि देश को सशक्त बनाने में अपनी अहम भूमिका भी अदा कर सकती हैं।
क्या है बीमा सखी योजना
बीमा सखी योजना की शुरुआत स्वम भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिनांक 09 दिसंबर 2024 को हरियाणा के पानीपत से की है। इस योजना का मूल उदेश्य नारी-शक्ति को आर्थिक तौर पर मज़बूत बनाना और उनके योगदान से देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाना है।
"सखी" शब्द का सामान्य अर्थ है मित्र या सहेली - ऐसा मित्र जो हर परिस्थिति में सही मार्गदर्शन प्रदान करे, जीवन को सुखमय बनाए तथा भविष्य को सफल बनाने में सहायक हो। इसी आदर्श को ध्यान में रखते हुए बीमा सखी की कल्पना की गई है।
बीमा सखी एक जीवन बीमा सलाहकार है जो समाज के लोगों की वित्तीय स्थिति का गहन विश्लेषण करती है। इस आधार पर वह उनकी भविष्य की जरूरतों को समझती है और उपयुक्त जीवन बीमा योजनाओं की सिफारिश करती है। यह भूमिका न केवल समाज में महिलाओं के योगदान को बढ़ाती है बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने और अपने समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर भी प्रदान करती है।
अतः अगर मुझे बीमा सखी को परिभाषित करना हो तो मैं तो बीमा सखी के लिए यही कहूंगा- “बीमा का मतलब है: आपकी आर्थिक सुरक्षा का भरोसेमंद साथी।”
महिला कैरियर एजेंट किसे कहते है
बीमा सखी योजना के तहत आवेदन करने वाली महिला, जब अपना बीमा कारोबार शुरू कर देती हैं, तो उन्हें महिला कैरियर एजेंट के नाम से जाना जाता है। महिला कैरियर एजेंट को संक्षेप में एमसीए भी कहा जाता है।
बीमा सखी हेतु पात्रता एवं शर्ते
प्रथम शर्त: इस योजना के लिए केवल और केवल महिलायें ही आवेदन कर सकती हैं।
आयु सीमा: ऐसी महिला जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है वह इस योजना के तहत आवेदन कर सकती है। बीमा सखी बनने के लिए महिला के आयु की अधिकतम सीमा 70 वर्ष से कम होनी चाहिए।
शैक्षणिक योग्यता: ऐसी कोई भी महिला जिसने न्यूनतम कक्षा 10 की परीक्षा उत्तीर्ण कर लिया हो, वह इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए योग्य मानी जाएगी। यह शर्त आईआरडीए के बीमा एजेंट के नियुक्ति अधिनियम 2016 अनुसार है, भविष्य में यदि इस नियम में कोई संसोधन होता है तो नया नियम लागू होगा।
भर्ती-पूर्व परीक्षा: आवेदक महिला को आईआरडीए द्वारा जारी किये जाने वाले भर्ती पूर्व परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। आईआरडीए द्वारा समय-समय पर इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किये जाते हैं, जिसका पालन करना बाध्य होगा।
महिला कैरियर एजेंट (बीमा सखी) हेतु चयन क्राइटेरिया:
1. पात्रता:
ऐसी कोई भी महिला उम्मीदवार जो नीचे दी गई शर्तो को पूर्ण करती हो, वह ही महिला कैरियर एजेंट अथवा बीमा सखी हेतु आवेदन करने के लिए पात्र मानी जाएगी-
- वह एक व्यक्ति होनी चाहिए और समय-समय पर संशोधित भारतीय जीवन बीमा निगम (एजेंट) विनियम, 2017 के अंतर्गत एजेंट के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होनी चाहिए।
- ऊपर में दिए गए आयु की सीमा और शैक्षणिक योग्यता की शर्तो को पूर्ण करना चाहिए।
- वह इस स्थिति में हो, ताकि वह निगम के लिए जीवन बीमा एजेंट के रूप अपना ध्यान और समय दे सकती हो।
- अगर कोई महिला जो पहले से किसी भी तरह के कारोबार, पेशा अथवा अन्य किसी भी तरह के व्यवसाय से जुडी है जहां से उसको किसी भी तरह की आमदनी हो रही है, तो वह इस योजना के तहत आवदेन करने के लिए अयोग्य होगी।
- वह महिला जो भारतीय नागरिक हो, वह इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए योग्य होगी।
2. महिला कैरियर एजेंट (बीमा सखी) की नियुक्ति:
एलआईसी में बीमा सखी या यूँ कहूं कि महिला कैरियर एजेंट के रूप में काम शुरू करने के लिए, आपको एलआईसी के विकास अधिकारी/चीफ लाइफ इन्शुरेंस एजेंट/एलआईसी के एसोसिएट अथवा चीफ ऑर्गनाइज़र से सम्पर्क करना होगा। आप एलआईसी के किसी भी शाखा कार्यालय से डायरेक्ट एजेंट के तौर पर जुड़कर भी, अपना जीवन बीमा कारोबार शुरू कर सकती हैं।
अगर आप एलआईसी में बीमा सखी योजना के तहत कारोबार शुरू करना चाहती हैं, तो अपने क्षेत्र के विकास अधिकारी एवं चीफ लाइफ इन्सुरेंश एडवाइजर के बारे जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें।
विकास अधिकारी एवं सीएलआईए की सूची3. बीमा सखी (महिला कैरियर एजेंट) के चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया:
एक बार महिला कैरियर एजेंट के रूप में आवेदन करने के उपरांत, आवेदक को आईआरडीए द्वारा जारी की जाने वाली भर्ती पूर्व परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत अभ्यर्थी को सम्बंधित शाखा कार्यालय में निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा:
आवश्यक दस्तावेजों का प्रस्तुतिकरण
- आयु प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित छाया प्रति
- निवास प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित छाया प्रति
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित छाया प्रति
- विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र
साक्षात्कार: शाखा प्रबंधक के दिशा-निर्देशों के अनुसार संबंधित शाखा कार्यालय में अभ्यर्थी की योग्यता जांचने के लिए साक्षात्कार आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए यह साक्षात्कार उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
एजेंसी कोड का आवंटन: संबंधित शाखा कार्यालय, उम्मीदवार के दस्तावेजों से संतुष्ट होने और साक्षात्कार पास करने के बाद, उम्मीदवार को एजेंसी कोड आवंटित करता है। एजेंसी कोड के आवंटन के साथ, उम्मीदवार महिला कैरियर एजेंट के रूप में अपना जीवन बीमा व्यवसाय शुरू करने के लिए पात्र हो जाती है।
महिला कैरियर एजेंट (बीमा सखी) के लिए जरुरी शर्त:
भारतीय जीवन बीमा निगम के बीमा सखी योजना के तहत जीवन बीमा अभिकर्ता बनने के बाद वजीफा प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तो को पूर्ण करना अनिवार्य होगा। अगर इस योजना के तहत बीमा कारोबार शुरू करने वाली कोई महिला इन शर्तो को पूर्ण नहीं करती है तो वह वजीफा के लिए अयोग्य मानी जाएगी। आइये जानते है कि वह शर्ते क्या हैं:
- प्रत्येक बीमा सखी के लिए पहली शर्त यह है कि प्रत्येक वजीफा वर्ष में कम से कम 24 जीवन को जीवन बीमा पॉलिसी की विक्री करना अनिवार्य होगा। 24 जीवन को सरलतम शब्दों में समझना अनिवार्य है। अगर आप किसी एक ही व्यक्ति को दो जीवन बीमा पॉलिसी बेचतीं है तो वह एक जीवन के रूप में ही माना जायेगा।
- बीमा सखी के लिए दूसरी महत्वपूर्ण शर्ते यह है कि प्रत्येक वजीफा वर्ष में, उसके द्वारा बेचीं गई कुल जीवन बीमा पॉलिसी से कम से कम ₹48,000 का कमीशन प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
महिला कैरियर एजेंट (बीमा सखी) के लिए वजीफा:
प्रत्येक महिला कैरियर एजेंट अधिकतम तीन वर्षो तक वजीफा प्राप्त करने करने के लिए हक़दार रहेगी। आइये अब जानते हैं कि अगर आप इस योजना के तहत जीवन बीमा एजेंट बनती हैं तो आपको कब और कितना वजीफा मिल सकता है:
- प्रथम एजेंसी वर्ष में: अगर आप महिला कैरियर एजेंट के रूप में जीवन बीमा का एजेंसी कारोबार शुरू करती है तो आप अपनी एजेंसी के पहले वर्ष में अधिकतम ₹7000 प्रति माह वजीफा पाने के हकदार होंगी।
- दूसरे एजेंसी वर्ष में: दूसरे एजेंसी वर्ष में, आप अधिकतम ₹6000 प्रति माह वजीफा प्राप्त करने की हक़दार होंगी, बशर्ते कि पहले एजेंसी वर्ष में आपके द्वारा बेची गई कुल जीवन बीमा पॉलिसियों में से कम से कम 65% पॉलिसियां दूसरे वर्ष के संगत माह तक चालू अवस्था में होनी चाहिए।
- तीसरे एजेंसी वर्ष में: तीसरे एजेंसी वर्ष में, आप अधिकतम ₹5000 प्रति माह वजीफा प्राप्त करने की हक़दार होंगी, बशर्ते कि दूसरे एजेंसी वर्ष में आपके द्वारा बेची गई कुल जीवन बीमा पॉलिसियों में से कम से कम 65% पॉलिसियां तीसरे वर्ष के संगत माह तक चालू अवस्था में होनी चाहिए।
नोट: यदि किसी जीवन बीमा पॉलिसी की प्रीमियम फर्स्ट अनपेड प्रीमियम की तिथि से लगतार छः माह तक जमा नहीं होती है तो उस पॉलिसी लैप्स मानी जाती है। साधारण शब्दों में कहें तो ऐसी पॉलिसियां चालू अवस्था में नहीं है ऐसा माना जाता है।
एजेंसी वर्ष क्या होता है
जीवन बीमा कारोबार में एजेंसी वर्ष एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका उपयोग किसी जीवन बीमा अभिकर्ता के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए किया जाता है। यह अवधि एजेंट के बीमा कंपनी में शामिल होने की तारीख से शुरू होती है और अगले 12 महीनों तक चलती है।
यदि कोई एजेंट किसी एजेंसी वर्ष में न्यूनतम व्यवसाय लक्ष्य (Minimum Business Target) को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसकी एजेंसी समाप्ति का निर्णय उसी एजेंसी वर्ष के आधार पर किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि एजेंट लगातार अच्छा प्रदर्शन करें और ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा करें।
वित्तीय वर्ष की परिभाषा और भूमिका
वित्तीय वर्ष 12 महीने की अवधि है जिसका उपयोग वित्तीय संचालन का आकलन करने, रिपोर्टिंग करने और कर निर्णय लेने के लिए किया जाता है। भारत में वित्तीय वर्ष 01 अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को समाप्त होता है। इसे संक्षेप में FY कहा जाता है।
जीवन बीमा एजेंट के लिए, वित्तीय वर्ष का उपयोग उनके कारोबार का आकलन करने और उनके एजेंसी से सम्बंधित कई तरह के महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने के लिए किया जाता है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में बीमा एजेंट द्वारा किये गए निम्नलिखित कार्यो का आकलन होता है
- बेचीं गई पॉलिसियों की कुल संख्या
- कुल बीमाधन कारोबार
- प्रथम प्रीमियम आय और उसके बाद के वर्षों की आय का आकलन
- लैप्स पॉलिसियों का आकलन
- क्लब सदस्यता की गणना
- इत्यादि
बीमा पॉलिसियों के लिए संगत माह का अर्थ
संगत माह से तात्पर्य जीवन बीमा पॉलिसी के एक पूर्ण वर्ष के पूरा होने से है। उदाहरण के लिए, यदि कोई पॉलिसी जनवरी 2024 में बेची जाती है, तो इस पॉलिसी के लिए संगत माह जनवरी 2025 होगा। यह वह समय है जब पॉलिसी के पहले वर्ष के लिए प्रीमियम का भुगतान किया जाता है। संगत माह का उपयोग पॉलिसी की निरंतरता और प्रीमियम भुगतान के आधार का आकलन करने के लिए किया जाता है।
वजीफा प्राप्त करने हेतु मासिक प्रदर्शन
चयनित महिला कैरियर एजेंट के कार्यो के प्रदर्शन की समीक्षा मासिक आधार पर की जाएगी ताकि निर्णय लिया जा सके कि वह वजीफा के लिए योग्य है या नहीं।
चयनित महिला कैरियर एजेंट के निगम में शामिल होने की तिथि से ही वजीफा पात्रता हेतु उसके कार्यो की समीक्षा की जाएगी। इस अवधि के दौरान, उसके द्वारा बेचीं गई पॉलिसियों की संख्या (जीवन के आधार पर) और फर्स्ट ईयर कमीशन (बोनस कमीशन को छोड़कर) की गणना की जाएगी।
वजीफा प्राप्त करने के लिए महिला कैरियर एजेंट (बीमा सखी) का न्यूनतम मासिक कारोबार निम्नलिखित प्रकार से होना अनिवार्य होगा।
माह | जीवन की संख्या | प्रतिमाह कमीशन (₹) (बोनस कमीशन को छोड़कर) |
---|---|---|
1 | 1 | 2000 |
2 | 1 | 2000 |
3 | 1 | 2000 |
4 | 1 | 2000 |
5 | 2 | 4000 |
6 | 2 | 4000 |
7 | 2 | 4000 |
8 | 2 | 4000 |
9 | 3 | 6000 |
10 | 3 | 6000 |
11 | 3 | 6000 |
12 | 3 | 6000 |
कुल योग: | 24 | 48000 |
महिला कैरियर एजेंट के लिए निर्देश
अगर आप महिला कैरियर एजेंट (MCA) के रूप में आवेदन करना चाहतीं हैं या आपने इस योजना के तहत जीवन बीमा की एजेंसी ले ली है, तो प्रति माह का वजीफा हासिल करने लिए, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की निम्नलिखित शर्तो को ध्यान से समझ लेना चाहिए।
यदि कोई महिला कैरियर एजेंट (बीमा सखी) किसी माह में न्यूनतम जीवन संख्या और प्रथम वर्ष के कमीशन मानदंड को पूरा नहीं करती है तो वह उस माह के लिए वजीफे के लिए अपात्र होगी।
यदि कोई महिला कैरियर एजेंट (MCA) किसी माह में अपना न्यूनतम व्यवसाय का टारगेट प्राप्त नहीं कर पाती है तो उसे उसी एजेंसी वर्ष के अंतिम महीने तक टारगेट को पूर्ण करने का अवसर प्राप्त होगा।
मान लीजिये कि कोई महिला कैरियर एजेंट (MCA) किसी महीने में अपना अपना न्यूनतम व्यवसाय का टारगेट प्राप्त नहीं कर पाती है और अगले महीने वह अपना न्यूनतम व्यवसाय टारगेट को पूर्ण करने के साथ ही कुछ ज्यादा कारोबार कर जाती है तो सबसे पहले तात्कालिक माह के टारगेट को पूर्ण माना जायेगा, इसके बाद उल्टे क्रम में पिछले महीनों के न्यूनतम टारगेट की कमी को समायोजित किया जायेगा।
मान लीजिये कि कोई महिला कैरियर एजेंट (MCA) अपने कार्यकाल के प्रथम माह में ही 24 अलग-अलग लोगों को जीवन बीमा पॉलिसी बेच देती है और ऐसा करने से उसे पहले माह में ही बोनस कमीशन को छोड़कर ₹48000 से अधिक का कमीशन मिल जाता है। तो ऐसे कंडीशन में उसे उसके एजेंसी के शेष बचे महीनों में भी कम से कम एक पॉलिसी की विक्री करना अनिवार्य होगा।
यदि कोई महिला कैरियर एजेंट (MCA) अपने एजेंसी वर्ष के किसी माह में कोई नया कारोबार नहीं करती है, तो वह वजीफा प्राप्त करने के लिए अयोग्य मानी जाएगी।
वजीफे की समाप्ति सम्बंधित नियम
महिला कैरियर एजेंट (बीमा सखी) उसका वजीफा पूर्व में बताये गए नियमो के अनुसार अधिकतम तीन वर्षो तक ही मिलेगा और यह तब ही मान्य होगा जब वह सभी निर्धारित मानकों को पूर्ण करेगी।
अगर किसी भी कारण से महिला कैरियर एजेंट की एजेंसी टर्मिनेट हो जाती है, या वह तीन एजेंसी वर्ष पूर्ण कर लेती है, तो उसके बाद उसको मिलने वाला वजीफा बंद हो जायेगा।
किसी भी कारण से महिला कैरियर एजेंट की एजेंसी टर्मिनेट हो जाती है और इसके बाद उसकी एजेंसी को पुनः चालू कराया जाता है। तो ऐसे महिला कैरियर एजेंट को सामान्य एजेंट के रूप में माना जायेगा और वह वजीफा प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं मानी जाएगी।
महिला कैरियर एजेंट के लिए सामान्य शर्ते
महिला कैरियर एजेंट को उसके नियुक्ति के साथ ही वजीफा देना का प्रावधान किया गया है। लेकिन ऐसी नियुक्ति को निगम के कर्मचारी के रूप में वेतनभोगी नियुक्ति नहीं माना जायेगा।
अगर आप वर्तमान में बीमा एजेंट के रूप में बीमा कारोबार कर रही हैं तो आप महिला कैरियर एजेंट के रूप में आवेदन नहीं कर सकती हैं।
अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में एजेंट, कर्मचारी अथवा चिकित्सा परीक्षक हैं, तो आप महिला कैरियर एजेंट के लिए आवेदन करने के लिए अयोग्य होंगे। यहाँ पर रिश्तेदारों का अर्थ पति, पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई-बहन और ससुराल पक्ष के निकटम सदस्य हैं।
निगम के ऐसे कर्मचारी जो रिटायर हो चुके हैं या ऐसे एजेंट जो अपनी एजेंसी का कार्य बंद कर चुके हैं, वह भी बीमा सखी योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बीमा सखी योजना भारत सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम का महिलाओं को सशक्त बनाने का एक बेहतरीन प्रयास है। अगर आप गृहिणी हैं या कोई व्यवसाय तलाश रही हैं, तो यह योजना आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। क्योंकि इस काम में समय की कोई बाध्यता नहीं है और आप अपनी मेहनत के दम पर हर महीने लाखों रुपए भी कमा सकती हैं।
याद रखिये, जीवन बीमा का एजेंसी कारोबार सिर्फ एक व्यवसाय नहीं होता है बल्कि यह सच्चे अर्थो में एक समाज सेवा है और देश को आर्थिक मज़बूती देने के लिए एक सहज साधन है। अगर आप एक महिला हैं तो एक लेखक के तौर पर मुझे यह पूरा भरोषा है कि यह योजना आपके लिए बिलकुल सही है क्योकि- "एक सशक्त महिला न केवल अपना भविष्य बदलती है, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी नई दिशा देती है।" 😊
वीडियो में विस्तार से जाने
इस लेख में दी गई जानकारी और अधिक विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई वीडियो को अंत तक ध्यान से देखिये। अगर इस संदर्भ में आपके कोई सवाल हों तो वीडियो के कमेंट बॉक्स में अपने सवाल लिखें।

No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.