17 May 2023

जानिए चेक कोड: अधूरी जानकारी से होने वाले नुकसान से बचें

 जानिए चेक कोड: अधूरी जानकारी से होने वाले नुकसान से बचें

जानिए चेक कोड: अधूरी जानकारी से होने वाले नुकसान से बचें





जीवन बीमा बाजार में आपका स्वागत है! आज के आधुनिक भारत में लेन-देन करने के लिए, हमारे पास भुगतान करने के लिए कई तरीके उपलब्ध है। यदि आप चेक के माध्यम से भुगतान करना पसंद करते है, तो आपको पता होना चाहिए कि चेक पर मौजूद विभिन्न प्रकार के कोड के विषय में पता होना चाहिए।


प्रत्येक भारतीय बैंको के चेक पर IFSC और MICR कोड छपा हुआ होता है। इस लेख में, "जानिए चेक कोड: अधूरी जानकारी से होने वाले नुकसान से बचें" के विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।


वर्तमान समय में अधिकतम भारतीय युवा ऑनलाइन माध्यम से पैसों की लेन-देन करना पसंद करते है। चाहे भुगतान की धनराशि बड़ी हो या छोटी, भुगतान के लिए ऑनलाइन ऑप्शन का उपयोग ज्यादा प्रचलन में हो गया है। क्योंकि यह ज्यादा आसान, सुरक्षित और सबसे अधिक तेज़ माना जाता है।






ऑनलाइन पेमेंट के इस ज़माने में, चेक से भुगतान करना वास्तव में लोग भूल ही गए है। लेकिन यदि आप चेक से होने वाले लेन-देन को महत्व देते है तो आपको चेक पर छपी हुई बारीकियों को समझना जरुरी है। तो आइये इन बारीकियों के विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है।


चेक पर मुद्रित कोड क्या है?

सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि चेक पर मुद्रित कोड क्या है? वास्तव में, चेक पर मुद्रित कोड, कुछ अल्फाबेट एवं संख्याओं के संयोजन से बनी श्रृंखला होती है, जो विभिन्न प्रकार के वित्तीय सूचनाओं को प्रदर्शित करता है।


MICR कोड क्या है?

MICR कोड का पूरा नाम "मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन" होता है। यह कोड सभी चेक पर देखने को मिलता है। MICR कोड का उपयोग खास तौर से भारतीय बैंकिंग प्रणाली में चेक के क्लियरिंग प्रोसेस में होता है।


MICR कोड के तीन भाग होते है जो इस प्रकार से है:


  • शहर की जानकारी: MICR कोड के पहले तीन अंक बताते है कि चेक जिस बैंक से जारी किया गया है, वह बैंक किस शहर में कार्यरत है? MICR कोड के पहले तीन अंक वास्तव में पिन कोड के पहले तीन अंक होते हैं। जिससे शहर की जानकारी प्राप्त हो जाती है।

  • बैंक कोड: MICR कोड के अगले तीन अंक बैंक कोड का प्रतिनिधित्व करते है। यह तीन अंक बैंक की उस विशेष बैंक की पहचान करने में मदद करता है जिस बैंक में खाता पंजीकृत है।

  • शाखा कोड: MICR कोड के आखिरी के तीन अंक शाखा कोड की जानकारी प्रस्तुत करते है।

MICR कोड को चेक पर मुद्रित करने के लिए एक विशेष चुंबकीय स्याही का उपयोग किया जाता है। जिसके कारण बैंकों की कार्यप्रणाली में उपयोग होने वाली मशीने इसे आसानी से पढ़ सकती है। जब चेक के माध्यम से किसी रकम को जमा किया जाता है अथवा उसकी निकासी की जाती है, तो एमआईसीआर कोड रीडर और स्कैनर कोड से चेक से सम्बंधित जानकारी, जैसे बैंक, शाखा कार्यालय और खाता संख्या की जानकारी तुरंत निकाला जा सकता है। जिसके कारण बिना किसी अवरोध के लेनदेन प्रक्रिया को सुविधा जनक तरीके से पूर्ण करने में मदद मिलती है।


चेक पर MICR कोड होने से लेनदेन की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित हो जाती है, क्योकि यह कोड वित्तीय धोखाधड़ी और चेक प्रोसेसिंग की गलतियों को रोकने में मदद करता है। कोई भी बैंक अथवा अन्य वित्तीय संस्थान, इस MICR कोड को कैप्चर कर सकता है, ऐसा करके वह बैंक या वित्तीय संस्थान चेक की कुशलता को सत्यापित कर सकता है।


चेक के माध्यम से लेनदेन करने वाले व्यवसायों, संस्थानों और व्यक्तियों को MICR कोड और इसके महत्व को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योकि ऐसा करके आप वित्तीय लेनदेन को अधिक सुरक्षित और तेज़ बना सकते है।






IFSC कोड क्या होता है?

IFSC कोड का पूरा नाम इंडियन फाइनेंसियल सर्विस कोड होता है। जिसे अल्फाबेट्स और न्यूमेरिकल नम्बर को जोड़कर बनाया जाता है। इस कोड का उपयोग भारत में इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम में भाग लेने वाली भारतीय बैंक शाखाओं की पहचान करने के लिए किया जाता है। IFSC कोड भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है और बैंक शाखाओं को सौप दिया जाता है।


IFSC कोड का उपयोग मुख्य रूप से भारतीय बैंको द्वारा आपसी लेनदेन करने के लिए किया जाता है। भारत में रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के लिए IFSC कोड का उपयोग करके लेनदेन किया जाता है। यह कोड प्राप्तकर्ता के बैंक शाखा कार्यालय की सही जानकारी प्रदान करने में मदद करता है।


IFSC कोड 11 डिजिट का होता है, जिसे मूलरूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है। उदाहरण के लिए एक IFSC कोड SBIN0001234 मान लेते है। अब इसी IFSC कोड को आधार मान की डिटेल जानकारी समझते है:


  • IFSC कोड के पहले चार डिजिट, बैंक की जानकारी प्रदान करता है। उपरोक्त उदाहरण में SBIN बताता है कि यह IFSC कोड भारतीय स्टेट बैंक का है।

  • IFSC कोड का पाँचवा डिजिट, आमतौर पर शून्य ही होता है। जिसे भविष्य के उपयोग के लिए सुरक्षित रखा गया है।

  • IFSC कोड के आखरी छः डिजिट बैंक के शाखा कार्यालय की जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण में दिए हुए IFSC कोड में 01234 स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के शाखा कार्यालय का कोड बताता है।

ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन करते समय IFSC कोड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह सम्पूर्ण भारतीय बैंकों और शाखा कार्यालयों के बीच धन का सटीक और सुरक्षित हस्तांतरण को सुनिश्चित करने में मदद करता है।