जब किसी परिवार का सदस्य इस दुनिया से विदा लेता है, तो परिवार के लिए उसके जाने का दर्द असहनीय होता है। अब अगर उस सदस्य ने अपने जीवन पर कोई जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी हुई थी, तो ऐसे कठिन समय में परिवार को समझदारी के साथ अपना मानसिक संतुलन बनाये रखकर जरुरी दस्तावेजी प्रक्रियाओं से भी गुजरना पड़ता है। इन जरुरी प्रक्रियाओं में एक सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है- मृतक सदस्य के जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए मृत्यु दावा प्रक्रिया।
एलआईसी की पॉलिसियों में मृत्यु दावा सुचना प्रस्तुतिकरण के कुछ दिनों के बाद ही, निगम भारतीय डाक अथवा किसी दूसरे आधिकारिक माध्यमों से परिवार को कुछ जरुरी दिशानिर्देश एवं फॉर्म जारी करती है। इस दुःखद एवं कठिन समय के बावजूद परिवार के सदस्यों को निगम द्वारा जारी किये गए दिशानिर्देशों का पालन करना होता है और सभी मृत्यु दावा फॉर्म को भी पूर्ण करना जरुरी होता है।
एलआईसी द्वारा प्रस्तुत किये गए मृत्यु दावा फॉर्मो में एक बहुत अधिक महत्वपूर्ण फॉर्म होता है जिसका फॉर्म नंबर 3785 होता है। यह एक ऐसा फॉर्म है जिसका उपयोग लगभग सभी प्रकार के मृत्यु दावा हेतु उपयोग में लिया जाता है। तो जीवन बीमा बाजार के आज के इस लेख के माध्यम से हम एलआईसी के इस फॉर्म को भरने के बारे में विस्तार से जानेंगे।
एलआईसी फॉर्म संख्या 3785 क्या है
एलआईसी का फॉर्म संख्या 3785 एक बहुत ही महत्वपूर्ण फॉर्म है, जिसका उपयोग एलआईसी पॉलिसी में पॉलिसीधारक के मृत्यु के बाद दावा प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए किया जाता है।
दूसरे आसान शब्दों में कहें तो एलआईसी की पॉलिसी में पॉलिसीधारक के मृत्यु के बाद, पॉलिसी में वर्णित नॉमिनी अथवा क़ानूनी वारिस को जीवन बीमा पॉलिसी की बीमा राशि को प्राप्त करने के लिए दावा प्रस्तुत करना होता है। इस दावे को दर्ज करने के लिए एलआईसी के फॉर्म संख्या 3785 को भी भरना होता है और एलआईसी के सम्बंधित शाखा कार्यालय में जमा करना होता है।
एलआईसी फॉर्म संख्या 3785 कैसे प्राप्त करें
पॉलिसीधारक की मृत्यु के तुरंत बाद, पॉलिसी में दर्ज नॉमिनी अथवा दावेदार निगम के शाखा कार्यालय में पॉलिसीधारक के मृत्यु की लिखित सुचना आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ प्रस्तुत करता है। एलआईसी इस सुचना के प्राप्त होते ही मृत्यु दावा पंजीकृत कर लेती है और मृत्यु दावा प्रक्रिया को शुरू करने हेतु नॉमिनी अथवा दावेदार को जरूर दिशा - निर्देश एवं कई तरह के मृत्यु दावा फॉर्म भारतीय डाक अथवा किसी अन्य अधिकारी माध्यमों से पहुँचाती है।
नॉमिनी अथवा दावेदार को एलआईसी से प्राप्त सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है और सभी मृत्यु दावा फॉर्म को भरकर पुनः निगम के शाखा कार्यालय में जमा करना होता है। एलआईसी से मृत्यु दावा प्रक्रिया को पूर्ण करने हेतु कई तरह के मृत्यु दावा फॉर्म प्राप्त होते हैं। इन्ही फॉर्मो में एक फॉर्म 3785 भी होता है।
एलआईसी फॉर्म संख्या 3785 को डाउनलोड करें
वैसे तो एलआईसी खुद ही नॉमिनी अथवा दावेदार को यह फॉर्म देती है। लेकिन आपके सुविधा को ध्यान में रखते हुए हम इस फॉर्म के पीडीऍफ़ फाइल को आपके साथ साझा कर रहे हैं। आप नीचे दिए हुए बटन पर क्लिक करके इस पीडीऍफ़ फाइल को डाउनलोड कर सकते हैं और प्रिंट करवाकर मृत्यु दावा प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए इस फॉर्म को उपयोग में ले सकते हैं।
फॉर्म संख्या 3785 को किसके द्वारा भरा जाता है
एलआईसी के फॉर्म संख्या 3785 को "पहचान तथा दफ़नाने या दाह संस्कार का प्रमाण पत्र" भी कहा जाता है। यह फॉर्म किसी ऐसे व्यक्ति के द्वारा भरा जाता है जिसका मृतक पॉलिसीधारक से कोई रक्त सम्बन्ध अथवा करीबी रिश्ता न हो। इस फॉर्म को भरने वाला व्यक्ति पढ़ा लिखा होना चाहिए और मृतक पॉलिसीधारक को अच्छी तरह से जानने वाला होना चाहिए।
उपरोक्त के आलावा सबसे अहम बात यह है कि इस फॉर्म को वही व्यक्ति भर सकता है जो मृतक के अंतिम संस्कार अर्थात दाह संस्कार अथवा दफ़नाने के समय और जगह पर उपस्थित होना चाहिए।
फॉर्म भरते समय ध्यान देने योग्य बातें
एलआईसी के फॉर्म संख्या 3785 को बहुत अधिक सावधानी से ही भरना चाहिए, क्योंकि यह फॉर्म मृत्यु दावा भुगतान में अहम भूमिका निभाता है। फॉर्म को भरते समय कई मत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि दावा प्रक्रिया में कोई रूकावट अथवा देरी न हो। इस फॉर्म को भरते समय किन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए, आइये अब इसको जानते हैं।
सटीक और स्पष्ट जानकारी भरें:
एलआईसी के फॉर्म संख्या 3785 में नाम, पता, जन्मतिथि अथवा उम्र, पॉलिसी से जुडी जानकारियां देनी होती है। यह सभी जानकारी पॉलिसी दस्तावेजों और अन्य दस्तावेजों जैसे आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट में दी गई जानकारी को ध्यान में रखते हुए ही देना चाहिए।
याद रखें, आपके द्वारा की जाने वाली छोटी सी गलती या अस्पष्टता से मृत्यु दावा रिजेक्ट भी हो सकता है अथवा एलआईसी आपसे कुछ अन्य दस्तावेजों की मांग कर सकती है।
पेन का प्रयोग:
फॉर्म को भरना शुरू करने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आप फॉर्म को जिस पेन से भरने जा रहे हैं वह सही प्रकार से कार्य कर रही हो। फॉर्म भरने के लिए हमेसा ब्लू अथवा ब्लैक स्याही की पेन का ही प्रयोग करें और ध्यान रखें कि फॉर्म पर लिखते समय स्याही फैले नहीं। फॉर्म को भरते समय पेन्सिल अथवा लाल/हरे रंग की स्याही का उपयोग न करें।
अधिकृत व्यक्ति ही फॉर्म भरे:
उपरोक्त में विस्तार से बताया गया है कि एलआईसी के इस फॉर्म को कौन भर सकता है, अतः इस बात का ध्यान रखें कि उपरोक्त में बताये अनुसार ही व्यक्ति द्वारा इस फॉर्म को भरा जाना चाहिए। फॉर्म में अलग-अलग हैंड राइटिंग, आपके मृत्यु दावे को बाधित कर सकती है।
दस्तावेजों की जाँच करें:
एलआईसी के इस फॉर्म को भरते समय दो लोगों की जानकारी अहम होती है, पहला वह व्यक्ति जिसके द्वारा इस फॉर्म को भरा जा रहा है और दूसरा मृतक पॉलिसीधारक। हालाँकि इस फॉर्म को भरते समय अथवा भरने के बाद सामान्य रूप में फॉर्म भरने वाले दस्तावजों की मांग नहीं की जाती है, लेकिन इसके बावजूद हमारा सुझाव यही होगा कि फॉर्म भरने वाला व्यक्ति फॉर्म के प्रश्नो के उत्तर स्वम के और मृतक पॉलिसीधारक के निम्नलिखित दस्तावजों को ध्यान में रखते हुए ही फॉर्म को भरे, ताकि अगर भविष्य में दस्तावजों की मांग की जाये तो सत्यापन हो सके।
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- पॉलिसी बांड
- पहचान पत्र और पता प्रमाण
- पैन कार्ड
सही स्थान पर हस्ताक्षर करें:
यह फॉर्म जिस व्यक्ति के द्वारा भरा जाता है वही व्यक्ति फॉर्म में दिए गए जरुरी स्थानों पर हस्ताक्षर भी करता है। तो फॉर्म में दिए गए सभी जरुरी स्थानों पर हस्ताक्षर स्पष्ट और एक जैसा ही होना चाहिए।
हम सलाह देंगे कि हर संभव प्रयास करें कि यह फॉर्म किसी पढ़े लिखे व्यक्ति के द्वारा ही भरा जाये, ताकि भविष्य में क्लेम प्रक्रिया में कोई दिक्क्त न हो। लेकिन अगर ऐसा बिलकुल भी संभव न हो, तो ऐसी स्थिति में यह फॉर्म किसी अनपढ़ व्यक्ति के अंगूठा निशान के साथ भी भरवाया जा सकता है। बशर्ते कि यह फॉर्म उसके सामने किसी अन्य व्यक्ति (गवाह) के द्वारा भरा गया हो।
जब यह फॉर्म एक अनपढ़ व्यक्ति के द्वारा भरा जाता है तो सभी जरुरी स्थानों पर उसका अंगूठा निशान लिया जाता है। इसके साथ ही वह व्यक्ति जिसने इस फॉर्म को भरा है, का हस्ताक्षर गवाह के तौर पर किया जाना बेहद जरुरी हो जाता है। ध्यान रखें, जरुरत पड़ने पर एलआईसी इन दोनों ही लोगों से जाँच पड़ताल कर सकती है।
फॉर्म जमा करने से पहले दोबारा जाँच करे:
एलआईसी के सभी मृत्यु दावा फॉर्म को कम्पलीट कर लेने के बाद और एलआईसी के शाखा कार्यालय में जमा करने से पहले, हमारी सलाह होगी कि इस फॉर्म को एक बार बारीकी से जरूर जाँच कर लें। बेहतर होगा कि सभी कम्पलीट रूप से भरे हुए फॉर्म की फोटो स्टेट कॉपी अथवा स्कैन की हुई इमेज अपने पास जरूर रखें।
एक्सपर्ट की मदद लें:
हम इस लेख के जरिये एलआईसी के इस फॉर्म को भरने की सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं। लेकिन मृत्यु दावा प्रक्रिया में यह फॉर्म बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है एक छोटी सी गलती भी आपके दावे के लिए विलम्ब का कारण हो सकती है अथवा इसके कारण आपका दावा निरस्त भी हो सकता है।
अतः आपके लिए हमारी सलाह होगी कि इस फॉर्म को किसी एक्सपर्ट की मौजूदगी में ही भरें। आपकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए मैं नीचे एक लिंक बटन साझा कर रहा हूँ आप इस पर क्लिक करके अपने क्षेत्र के एक्सपर्ट एलआईसी एजेंट के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एलआईसी फॉर्म संख्या 3785 को कैसे भरें?
एलआईसी मृत्यु दावा प्रक्रिया में एलआईसी के फॉर्म संख्या 3785 को भरना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। इस फॉर्म को सावधानीपूर्वक और सटीक जानकारी के साथ पूर्ण करना चाहिए। ताकि मृत्यु दावा बिना किसी रूकावट के स्वीकृत हो जाये। एलआईसी के इस फॉर्म को कैसे भरा जाता है इसकी सम्पूर्ण जानकारी चरण बद्ध स्वरुप में प्रस्तुत किया जा रहा है। एलआईसी फॉर्म संख्या 3785 में सभी प्रश्न को नीचे बोल्ड अक्षरों में दिखाया गया है और विवरण आगे दिया जा रहा है।
- मृतक पॉलिसीधारक का विवरण: इस फॉर्म में सबसे पहले मृतक पॉलिसीधारक का विवरण दिया जाता है। सबसे पहले आपको इस फॉर्म में मृतक पॉलिसीधारक का नाम और उसका पॉलिसी नबंर लिखना होता है।
- मृतक का पूरा नाम: यहाँ पर आपको मृतक पॉलिसीधारक का पूरा नाम लिखना होता है। पॉलिसीधारक का नाम उसके जीवन बीमा पॉलिसी के अनुसार ही लिखें।
- मृतक के पिता का पूरा नाम: अब आपको चाहिए कि आप मृतक पॉलिसीधारक के पिता का नाम उसके आधार कार्ड, स्कूल सर्टिफिकेट अथवा ऐसे दस्तवेजो के आधार पर ही लिखें, जिसको मृत्यु दावा फॉर्म के साथ सबमिट करना हो।
- आप मृतक को कब से जानते हैं: इस उत्तर में आपको बताना होता है कि आप मृतक पॉलिसीधारक को कितने समय से जानते थे। तो वास्तव में आप मृतक पॉलिसीधारक को जितने समय से जानते हों, लिखें। यह उत्तर अनुमानित लेकिन प्रमाणित होना चाहिए। ऐसा न हो कि जाँच में पकड़ लिया जाये कि आप पिछले दिनों में उस क्षेत्र में रहते ही नहीं थे और उन दिनों को भी आपने यहाँ पर शामिल कर लिया है।
- क्या वह आपसे सम्बंधित था: इस प्रश्न का उत्तर मित्र, पडोसी अथवा नहीं शब्द हो सकता है। क्योकि इस फॉर्म की शर्त यह है कि यह फॉर्म मृतक के रक्त सम्बन्धियों और नज़दीकी रिश्तेदारों द्वारा नहीं भरा जाना चाहिए, अतः इस प्रश्न का यही उत्तर सर्वोत्तम हो सकता है।
- मृत्यु की तिथि एवं समय: इस प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले आपको आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र की जाँच करनी चाहिए और सत्यता से मिलान करना चाहिए। यदि यह दोनों ठीक है तभी फॉर्म को भरना चाहिए। यदि दोनों ही ठीक है तब इस प्रश्न का उत्तर अनुमान के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए। कहने का अर्थ है कि तारीख को स्पष्ट लिखें लेकिन समय को लगभग शब्द के साथ लिखें, जैसे लगभग सायं 5 बजे।
- मृत्यु का कारण: इस प्रश्न का उत्तर भी आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र में दिया गया होता है अतः मृत्यु प्रमाण पत्र की जाँच करें और वास्तविकता से मिलान करें। अगर दोनों ठीक है तो मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर ही मृत्यु का कारण लिखें अन्यथा फॉर्म को न भरे।
- मृत्यु का स्थान: इस प्रश्न का उत्तर भी आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र में दिया गया होता है अतः मृत्यु प्रमाण पत्र की जाँच करें और वास्तविकता से मिलान करें। अगर दोनों ठीक है तो मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर ही मृत्यु का स्थान लिखें अन्यथा फॉर्म को न भरें।
- बीमारी की अवधि: यदि मृतक पॉलिसीधारक कुछ अवधि से बीमार चल रहा था तो आपके जानकारी के अनुसार उसके बीमारी की अवधि क्या थी, आपको बताना होता है। दुर्घटना के मामले में इसका उत्तर बीमार नहीं थे अथवा तत्काल मृत्यु जैसे उत्तर लिखे जा सकते हैं। इस प्रश्न का उत्तर अलग अलग स्थिति में अलग अलग हो सकता है।
- मृतक के शरीर का कोई पहचान चिन्ह अथवा शारीरिक विशेषता: यहाँ पर आपको अगर याद हो तो उनके शरीर का कोई बर्थ मार्क लिखना चाहिए अथवा इस प्रश्न के उत्तर में आपको लिखना चाहिए- "मुझे मृतक का कोई पहचान चिन्ह याद नहीं है", बेहतर होगा परिवार के सदस्यों से पहचान चिन्ह पूछकर लिख दें।
ऐसे मामलों में, जब मृतक पॉलिसीधारक का पोस्ट मॉर्डम किया गया हो तब आपको उसके इस रिपोर्ट की जाँच कर लेना चाहिए और इसी आधार पर इस प्रश्न का उत्तर नोट करना चाहिए। - क्या वह लम्बा/नाटा या साधारण कद का था: इस प्रश्न का उत्तर मृतक पॉलिसीधारक के शारीरिक बनावट के अनुसार होना उचित होता है। इस प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर "साधारण कद" होता है।
- क्या वह मोटा/दुबला या साधारण था: इस प्रश्न का उत्तर भी मृतक पॉलिसीधारक के शारीरिक बनावट के अनुसार होना उचित होता है। हालाँकि इस प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर "साधारण" होता है।
- मृत्यु के समय अनुमानित आयु: इस प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले आपको मृतक पॉलिसीधारक के पॉलिसी बांड एवं मृत्यु प्रमाण पत्र की जाँच करनी चाहिए। पॉलिसी बांड में मृतक पॉलिसीधारक की जन्मतिथि लिखी होती है। इस जन्मतिथि से गणना करते हुए मृतक पॉलिसीधारक की अनुमानित आयु लिखना चाहिए।
- मृत्यु से ठीक पहले मृतक का व्यवसाय: इस प्रश्न का उत्तर अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग हो सकता है। अगर मृतक अपना खुद का कारोबार करता हो तो वह जो भी कार्य करता रहा हो उसका विवरण लिखना चाहिए और उसके कार्यस्थल का पूरा पता नोट करना चाहिए। लेकिन अगर वह किसी कंपनी में काम करता हो तो कंपनी में उसका पद और कंपनी का पूरा पता लिखना चाहिए।
- मृतक का पिछला व्यवसाय: अगर आपकी जानकारी में मृतक पॉलिसीधारक अपने जीवन काल में उपरोक्त में वर्णित व्यवसाय के आलावा भी कुछ अन्य कार्य करता रहा हो, तो ऐसे स्थिति में उपरोक्त कार्य के ठीक पहले के कार्य का विवरण उसके पते के साथ लिखना चाहिए। अगर ऐसा न हो तो आपको इस प्रश्न के उत्तर में लिखना चाहिए- "मैंने मृतक को सिर्फ उपरोक्त कारोबार अथवा कार्य करते हुए ही देखा है।"
- आपने आखिरी बार उसे जीवित कब देखा था: इस प्रश्न का उत्तर आपको स्वम के आधार पर देना होता है। आपने मृतक पॉलिसीधारक को अंतिम बार जब भी जीवित देखा हो वह तारीख लिख देना चाहिए। यदि तारीख स्पष्ट न हो तो "लगभग या शायद" शब्द का उपयोग करते हुए तारीख लिखना चाहिए।
- क्या आपने मृत्यु के बाद शरीर देखा था: अगर आपने मृतक पॉलिसीधारक को उसके मृतक शरीर को खुले रूप में देखा हो तब इसका उत्तर हाँ में लिखें अन्यथा इसका उत्तर नहीं लिख दें।
- शव को दफनाया या दाह संस्कार किया गया: वास्तविक स्थिति के अनुसार इस प्रश्न का उत्तर लिखें।
- दफनाने या दाह संस्कार का समय और तारीख: इस प्रश्न के उत्तर में तारीख को स्पष्ट रूप में लिखना चाहिए, लेकिन समय को लगभग शब्द के साथ लिखना ज्यादा श्रेष्ठ होता है।
- दफनाने/दाह संस्कार के स्थान का नाम और पता: मृतक पॉलिसीधारक को जहाँ कहीं भी दफनाया अथवा दाह संस्कार किया गया हो, उस जगह का नाम और पूरा पता स्पष्टता के साथ लिखना चाहिए।
- क्या आप शरीर के अंतिम संस्कार में उपस्थित थे: याद रखिये, इस प्रश्न का उत्तर हमेसा हाँ में होना चाहिए। यदि प्रश्न का उत्तर नहीं लिख दिया जाता है तो दावा प्रक्रिया बाधित हो सकती है। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आप गलत तरीके से इस प्रश्न के उत्तर को हाँ में लिखते है और जाँच के दौरान गलत पाया जाता है, तो निगम आपके ऊपर क़ानूनी कार्यवाही भी कर सकता है।
- क्या आप जानते हैं कि मृतक के जीवन का बीमा निगम द्वारा किया गया था: चुकी यह प्रश्न वर्तमान स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है अतः वर्तमान स्थिति में जब आप इस फॉर्म को भर रहे हैं तो आपको यह पता हो ही जाता है कि मृतक के जीवन पर जीवन बीमा पॉलिसी है। अतः इस प्रश्न का उत्तर भी हाँ में ही लिखा जाना चाहिए।
उपरोक्त विवरण पूर्ण सावधानी से भरने के बाद आपको चाहिए कि फॉर्म में उचित स्थान पर अपना हस्ताक्षर कर देना चाहिए।
एलआईसी फॉर्म संख्या 3785 (डमी डेटा सहित सैंपल पीडीएफ) डाउनलोड करें
यदि आप भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में एक एजेंट, सीएलआईए अथवा विकास अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं तो यह आवश्यक हो जाता है कि आपको एलआईसी फॉर्म संख्या 3785 को भरने की सटीक जानकारी हो। चुकी मृत्यु दावे में यह फॉर्म बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, अतः दावेदार के सही मार्गदर्शन के लिए इसका व्यवहारिक ज्ञान होना बहुत जरुरी हो जाता है।
आपकी इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, हमने आपके लिए डमी डाटा के साथ एक सैंपल फाइल तैयार की हुआ है। मुझे यह पूरा भरोषा है कि यह सैंपल फाइल न केवल आपके प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन में सहायक होगा, बल्कि जब आप आपने पॉलिसीधारकों को मृत्यु दावा प्रक्रिया समझा रहे होंगे, तब यह फाइल आपके लिए एक रिफरेंस टूल के रूप में कार्य करेगा।
इस सैंपल पीडीऍफ़ फाइल को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए बटन पर क्लिक कीजिये।
निष्कर्ष
एलआईसी का फॉर्म संख्या 3785, मृत्यु दावे के लिए एक बहुत ही जरुरी दस्तावेज होता है। एलआईसी के इस फॉर्म को बहुत अधिक सावधानी और सटीकता के साथ भरना चाहिए। हमें यह पूर्ण विश्वास है कि इस लेख में दिए गए दिशा-निर्देश, चरण-दर-चरण दी गई प्रक्रिया और इस फॉर्म की सैंपल फाइल से आपको न केवल इस फॉर्म को भरने के बारे में व्यवहारिक जानकारी प्राप्त होगी बल्कि आप यह भी समझ पाएंगे कि दावा प्रक्रिया को कैसे अधिक सरल बनाया जा सकता है।
मुझे यह भी विश्वास है कि मेरा यह लेख एलआईसी एजेंटो, विकास अधिकारीयों और सीएलआईए के लिए प्रशिक्षण का माध्यम बनेगी, तो दूसरी ओर आपके ग्राहकों को बेहतर सर्विस प्रदान करने के लिए मददगार भी साबित होगी। हमारा सुझाव होगा कि आप इस लेख के लिए को सेव करके जरूर रख लें और अपने सहकर्मियों के साझा भी जरूर करें, ताकि आप और आपके साथी जरूरत पड़ने पर इसका लाभ प्राप्त कर सकें।
फॉर्म संख्या 3785 भरने की पूरी जानकारी (वीडियो में)
एलआईसी के फॉर्म संख्या 3785 को बहुत ही सावधानी से भरा जाना बहुत जरुरी होता है। क्योकि इस फॉर्म में की गई छोटी सी गलती भी आपके दावा प्रक्रिया को अधिक धीमा कर सकती है अथवा निरस्त भी कर सकती है। इस फॉर्म की अधिक स्पष्टता के लिए हम आपके साथ एक वीडियो साझा कर रहे हैं और बहुत अधिक जोर देकर कहना चाहते हैं कि फॉर्म को भरने की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले पूरी वीडियो को ध्यान से जरूर देखें। महत्वपूर्ण बिन्दुओ को नोट करे फिर फॉर्म भरना शुरू करें।
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