एक सफल एलआईसी एजेंट बनने के लिए सिर्फ़ पॉलिसी बेचना ही काफ़ी नहीं है, बल्कि ग्राहकों को सही समय पर सही जानकारी और मार्गदर्शन देना भी उतना ही ज़रूरी है। सर्वे फॉर्म इस काम के लिए एक बेहद कारगर ज़रिया हैं। यह न सिर्फ़ आपको नए लोगों से जुड़ने का मौका देता है, बल्कि आपको अपने क्षेत्र में एक पेशेवर और विश्वसनीय बीमा सलाहकार के रूप में भी स्थापित करता है।
जीवन बीमा बाजार के इस लेख में, हम सर्वेक्षण फ़ॉर्म के दूसरे प्रश्न - "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में नॉमिनी बदलना चाहते हैं?" पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इस प्रश्न को पूछकर आप ग्राहक की मदद कैसे कर सकते हैं और अपने व्यवसाय को कैसे मज़बूत बना सकते हैं।
सर्वे फॉर्म में नॉमिनी का अर्थ और महत्व
जब आप किसी नए ग्राहक से सर्वे के दौरान पूछते हैं, "क्या आप अपनी एलआईसी पॉलिसी में नॉमिनी परिवर्तित करना चाहते हैं" तो मैं अपने अनुभव से यह कह सकता हूँ कि आपके कई नए ग्राहकों को वास्तव में नॉमिनी शब्द का अर्थ पता नहीं होता है और आपके कई ऐसे भी ग्राहक होंगे, जो इसका अर्थ तो समझते होंगे लेकिन इसके वास्तविक महत्वपूर्ण भूमिका से पूरी तरह अनजान होंगे।
ऐसे में एक जीवन बीमा एजेंट के रूप में यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने नए ग्राहक को नॉमिनी का अर्थ स्पष्ट रूप में समझाएं और ऐसा करने के लिए हमारी सलाह होगी कि आपको साधारण उदाहरण का उपयोग करना चाहिए। आप सामान्य रूप से ग्राहक को कह सकते हैं- "सर, एलआईसी की पॉलिसी में नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त होता है।"
विचार कीजिये: जीवन बीमा के शब्दों से आप भलीभांति परिचित होते हैं। मुझे यह यकीन है कि वर्तमान समय में आपके कई ग्राहक पॉलिसीधारक, नॉमिनी, नेफ्ट, बेनेफिशियरी, राइडर, सम एश्योर्ड, सरेंडर इत्यादि जैसे शब्दों को नहीं समझते होंगे। ऐसे में जब आप अपने नए ग्राहक को यह बताते हैं कि "एलआईसी की पॉलिसी में नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद मृत्यु दावे का भुगतान प्राप्त होता है।" तो क्या वह वास्तव में आपके द्वारा दी गई सुचना को समझ पाया?
अतः हमारा सुझाव होगा कि सर्वप्रथम आपको अपने ग्राहक को सरल उदाहरण की मदद से नॉमिनी का अर्थ समझाना होगा। आइये जानते हैं कैसे-
उदाहरण: सर, मान लीजिये कि मोहन नाम के एक व्यक्ति ने एलआईसी से एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदी और उन्होंने पॉलिसी खरीदते समय अपने पिता को नॉमिनी बना दिया। अब यदि पॉलिसी अवधि में मोहन जी का निधन हो जाता है तो पॉलिसी में मृत्यु दावा उनके पिता जी को प्राप्त होगा।
सिर्फ उत्तर लेकर आगे न बढ़ें
याद रखिये, अगर आप सिर्फ सवाल पूछकर ग्राहक से हाँ या ना में जवाब लेकर अगले प्रश्न पर बढ़ जाते हैं, तो आप अपनी प्रोफेशनल पहचान बनाने का मौका खो देते हैं। आपको अपने ग्राहक को यह एहसास दिलाना होगा कि सही नॉमिनी का होना उसके पॉलिसी के लिए बेहद जरुरी है।
अगर उसके पॉलिसी में पुराना अथवा गलत नॉमिनी दर्ज है, तो भविष्य में उसके परिवार को गंभीर दिक्क्तों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, ग्राहक को जागरूक करने के लिए एक छोटी सी कहानी का सहारा लेना बेहद कारगर सिद्ध होता है।
कहानी से नॉमिनी का महत्व समझाएं
"सर, पिछले साल मेरे मित्र मुकेश चंद्रवंशी जी के पिता जी की मृत्यु हो गई थी, उन्होंने एलआईसी की एक पॉलिसी ले रखी थी। पिता की मृत्यु के बाद, मुकेश ने एलआईसी के शाखा कार्यालय में मृत्यु दावा प्राप्त करने के लिए सभी जरुरी दस्तावेज जमा कर दिए और एलआईसी ने मृत्यु दावा स्वीकार भी कर लिया। मुकेश जी करीब 8 लाख रूपये का चेक डाक से प्राप्त हुआ, लेकिन यह चेक उनकी माता जी के नाम पर था।
अब समस्या यह थी कि उनकी माता जी का निधन पांच साल पहले ही हो चूका था। अब यह चेक मुकेश जी के लिए बेकार था। मुकेश जी दुबारा एलआईसी के शाखा कार्यालय गए, लेकिन शाखा प्रबंधक द्वारा बताया गया कि यह चेक उनके नाम पर तभी बन पायेगा जब वह कोर्ट से यह शाबित कर देंगे कि वह इस पॉलिसी के वास्तविक और योग्य दावेदार हैं।
आज मुकेश जी कोट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं।
ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ कि जब पॉलिसी खरीदी गई थी उस समय पॉलिसी में माता जी को नॉमिनी बनाया गया था, लेकिन जब माता जी का निधन हो गया तो पॉलिसी में नॉमिनी को अपडेट नहीं कराया गया। जिसके परिणाम स्वरूप आज मेरे मित्र को कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
आज भी बहुत सारे लोग ऐसी ही छोटी छोटी गलती करते हैं और बाद में जब समस्या पैदा होती है तो कहते हैं कि ‘बीमा लेना आसान है, लेकिन पैसा निकालना मुश्किल।'"
ग्राहक से पूछने का सही तरीका
जब आप उपरोक्त कहानी ग्राहक को सुनाते हैं, तो ग्राहक को समझ आता है कि वह जिस चीज़ को नज़रअंदाज कर रहा था वास्तव में वह कितना अधिक महत्वपूर्ण है। यह एक कहानी जहाँ एक ओर ग्राहक को नॉमिनी की उपयोगिता को समझाती है, वहीं पर दूसरी ओर ग्राहक के मन में आपकी प्रोफेशनल छवि को भी विकसित करती है। मैं यह दावे से कह सकता हूँ कि अब आपका ग्राहक आपके सभी प्रश्नो को गंभीरता से सुनेगा, क्योंकि अब वह यह समझ चूका होगा कि आप उसके हित की बात कर रहे हैं।
अब जब आप ग्राहक को यह कहानी सुना चुके होते हैं तो आप ग्राहक से पूछ सकते हैं- "सर, क्या आपके एलआईसी की पॉलिसी में सही नॉमिनी दर्ज है या इस सम्बन्ध में आप कोई बदलाव करने के लिए विचार कर रहे हैं?"
ग्राहक का जवाब
अब जब आप ग्राहक से उपरोक्त सवाल पूछते हैं तो अलग-अलग ग्राहकों के अलग-अलग उत्तर हो सकते हैं। कोई ग्राहक आपसे यह कह सकता है कि उसको नहीं पता है कि उसके पॉलिसी में नॉमिनी कौन है। ऐसे में आप ग्राहक से उसका पॉलिसी बांड मांग सकते हैं और पॉलिसी में नॉमिनी समझाने में उसकी मदद कर सकते हैं।
अब हो सकता है कि ग्राहक आपसे कहे कि वह अपने पॉलिसी में नॉमिनी बदलना चाहता है या वह यह भी कह सकता है कि उसको उसके जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बदलने की जरुरत नहीं है। अब आपके लिए यह समझना बेहद जरुरी हो जाता है कि इन दोनों ही संभावनाओं पर आपको क्या करना चाहिए।
अगर नॉमिनी बदलना हो
जैसा कि आप यह अच्छी तरह जानते हैं कि पॉलिसी में नॉमिनी बदलने के लिए ग्राहक को उसका मूल पॉलिसी बांड एलआईसी के शाखा कार्यालय में जमा करना होता है और सर्वे के लिए आपको हमेसा नए और अनजान लोगों से ही मिलना होता है। ऐसे में, आपके लिए हमारा यही सुझाव होगा कि आप ग्राहक से उसके नॉमिनी को बदलवाने के लिए तत्काल मदद करने के लिए वायदा न करे।
क्योकि यदि आप तत्काल ग्राहक को मदद करने का वायदा करते हैं तो इसके लिए आपको ग्राहक से उसका मूल पॉलिसी बांड प्राप्त करना होगा। अतः आपको अपने ग्राहक को नॉमिनी बदलने का फॉर्म देना चाहिए और बताना चाहिए कि उसे उसके जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बदलने के लिए प्रोसेस को किस तरह से पूरा करना होगा।
अंत में, जब आप ग्राहक को सभी प्रोसेस को समझा चुके होते हैं तो आपको कहना चाहिए कि यदि आपका ग्राहक चाहे तो वह आपके साथ एलआईसी के शाखा कार्यालय चलकर यह कार्य पूर्ण कर सकता है।
अगर नॉमिनी नहीं बदलना हो
अगर आपका ग्राहक कहता है कि उसे उसके जीवन बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बदलने की जरुरत नहीं है, तो अब आपके पास यह एक सुनहरा अवसर है जब आप ग्राहक को प्रभावित कर सकते हैं और उसके मन में खुद के लिए जगह बना सकते हैं।
आप ग्राहक से कह सकते हैं, "सर, मैं सर्वे के माध्यम से लोगो को उनके जीवन बीमा पॉलिसी के प्रति जागरूक करने का भरसक प्रयास कर रहा हूँ, मैं सिर्फ इतना चाहता हूँ कि मेरे क्षेत्र का कोई भी ग्राहक, चाहे वह किसी अन्य एलआईसी एजेंट से भी बीमा पॉलिसी क्यों न ख़रीदा हो, उसको उसके जीवन बीमा पॉलिसी में कोई समस्या न हो।"
"लेकिन, सर मैं अकेला सभी तक नहीं पहुंच सकता हूँ, इसलिए आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि आप इस जानकारी को अपने सभी परिचितों को जरूर दें और यदि आपके किसी भी परिचित को इस समस्या के समाधान में मेरी जरुरत हो, तो आप उनको मुझसे सम्पर्क करने के लिए निःसंकोच बता सकते हैं।"
याद रखिये, आपके ऐसे शब्द आपके ग्राहक को प्रभावित करेंगे और आप अपनी प्रोफेशनल छवि बनाने में बहुत जल्दी कामयाब होंगे। इसका परिणाम यह होगा कि भविष्य में वह नया व्यक्ति और उसके परिचित आपके ग्राहक हो जायेंगे।
वीडियो में जाने सर्वे फॉर्म के सवाल संख्या 2 को
जीवन बीमा बाजार के इस लेख में हमने प्रयास किया है कि आपको एलआईसी सर्वे फॉर्म के प्रश्न संख्या 2 को विस्तार से समझा सकें। लेकिन यदि अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो इस जानकारी को अधिक विस्तार से प्राप्त करने के लिए नीचे साझा की गई वीडियो को देख सकते हैं। यदि इस प्रश्न के संदर्भ में अब भी आपके मन में कोई सवाल है तो नीचे साझा की गई वीडियो के कमेंट बॉक्स में अपने सवाल को लिखें।
निष्कर्ष
मेरे प्यारे अभिकर्ता साथियों, मैं एक बार फिर से कहूंगा, "एलआईसी का सर्वे फॉर्म सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से आप अपने क्षेत्र के लोगों की मदद कर सकते हैं, खुद को अपने क्षेत्र में एक प्रोफेशनल अभिकर्ता के रूप में स्थापित करते हुए अपने बीमा कारोबार को बहुत अधिक बेहतर बना सकते हैं।"
अब एलआईसी के सर्वे फॉर्म के अगले प्रश्न को और उसके प्रभावों को समझने के लिए निचे दिए हुए "अगला पेज" बटन पर क्लिक करें।
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